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1. {शाऊल का अमालेकियों को नष्ट करना} PS शमूएल ने शाऊल से कहा, “यहोवा ने मुझे अपने इस्राएली लोगों पर राजा के रूप में तुम्हारा अभिषेक करने के लिये भेजा था। अब यहोवा का सन्देश सुनो।
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1. Samuel H8050 also said H559 unto H413 Saul H7586 , The LORD H3068 sent H7971 me to anoint H4886 thee to be king H4428 over H5921 his people H5971 , over H5921 Israel H3478 : now H6258 therefore hearken H8085 thou unto the voice H6963 of the words H1697 of the LORD H3068 .
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2. सर्वशक्तिमान यहोवा कहता है: ‘जब इस्राएली मिस्र से बाहर आये तब अमालेकियों ने उन्हें कनान पहुँचाने से रोकने का प्रयत्न किया। मैंने देखा कि अमालेकियों ने उन्हें क्या किया।
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2. Thus H3541 saith H559 the LORD H3068 of hosts H6635 , I remember H6485 that H853 which H834 Amalek H6002 did H6213 to Israel H3478 , how H834 he laid H7760 wait for him in the way H1870 , when he came up H5927 from Egypt H4480 H4714 .
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3. अब जाओ और अमालेकियों से युद्ध करो। तुम्हें अमालेकियों और उनकी सभी चीज़ों को पूरी तरह नष्ट कर देना चाहिये। कुछ भी जीवित न रहने दो, तुम्हें सभी पुरुषों और स्त्रियों को मार डालना चाहिये। तुम्हें सभी बच्चों और शिशुओं को मार डालना चाहिए। तुम्हें उनकी सभी गायों, भेड़ों, ऊँटों और गधों को मार डालना चाहिये।’ ” PEPS
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3. Now H6258 go H1980 and smite H5221 H853 Amalek H6002 , and utterly destroy H2763 H853 all H3605 that H834 they have , and spare H2550 H5921 them not H3808 ; but slay H4191 both man H4480 H376 and H5704 woman H802 , infant H4480 H5768 and suckling H3243 , ox H4480 H7794 and sheep H7716 , camel H4480 H1581 and ass H2543 .
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4. शाऊल ने तलाईम में सेना एकत्रित की। उसमें दो लाख पैदल सैनिक और दस हजार अन्य सैन्य पुरुष थे। इनमें यहूदा के लोग भी सम्मिलित थे।
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4. And Saul H7586 gathered the people together H8085 H853 H5971 , and numbered H6485 them in Telaim H2923 , two hundred H3967 thousand H505 footmen H7273 , and ten H6235 thousand H505 H853 men H376 of Judah H3063 .
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5. तब शाऊल अमालेक नगर को गया और वहाँ उसने घाटी में उनकी प्रतीक्षा की।
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5. And Saul H7586 came H935 to H5704 a city H5892 of Amalek H6002 , and laid wait H693 in the valley H5158 .
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6. शाऊल ने केनियों से कहा, “चले जाओ, अमालेकियों को छोड़ दो। तब मैं तुम लोगों को अमालेकियों के साथ नष्ट नहीं करूँगा। तुम लोगों ने इस्राएलियों के प्रति दया दिखाई थी जब वे मिस्र से आये थे।” इसलिए केनी लोगों ने अमालेकियों को छोड़ दिया। PEPS
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6. And Saul H7586 said H559 unto H413 the Kenites H7017 , Go H1980 , depart H5493 , get you down H3381 from among H4480 H8432 the Amalekites H6002 , lest H6435 I destroy H622 you with H5973 them : for ye H859 showed H6213 kindness H2617 to H5973 all H3605 the children H1121 of Israel H3478 , when they came up H5927 out of Egypt H4480 H4714 . So the Kenites H7017 departed H5493 from among H4480 H8432 the Amalekites H6003 .
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7. शाऊल ने अमालेकियों को हराया। उसने उनसे हवीला से मिस्र की सीमा शूर तक निरन्तर युद्ध किया।
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7. And Saul H7586 smote H5221 H853 the Amalekites H6002 from Havilah H4480 H2341 until thou comest H935 to Shur H7793 , that H834 is over H5921 against H6440 Egypt H4714 .
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8. शाऊल ने अगाग को जीवित पकड़ लिया। अगाग अमालेकियों का राजा था। अगाग की सेना के सभी व्यक्तियों को शाऊल ने मार डाला।
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8. And he took H8610 H853 Agag H90 the king H4428 of the Amalekites H6002 alive H2416 , and utterly destroyed H2763 all H3605 the people H5971 with the edge H6310 of the sword H2719 .
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9. किन्तु शाऊल और इस्राएल के सैनिकों ने अगाग को जीवित रहने दिया। उन्होंने सर्वोत्तम भेड़ों, मोटी तगड़ी गायों और मेमनों को भी रख लिया। उन्होंने रखने योग्य सभी चीज़ों को रख लिया और उन्होंने उन सभी चीज़ों को नष्ट कर दिया जो किसी काम की न थी। PS
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9. But Saul H7586 and the people H5971 spared H2550 H5921 Agag H90 , and the best H4315 of the sheep H6629 , and of the oxen H1241 , and of the fatlings H4932 , and the lambs H3733 , and all H3605 that was good H2896 , and would H14 not H3808 utterly destroy H2763 them : but every H3605 thing H4399 that was vile H5240 and refuse H4549 , that they destroyed utterly H2763 .
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10. {शमूएल का शाऊल को उसके पाप के बारे में बताना} PS शमूएल को यहोवा का सन्देश आया।
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10. Then came H1961 the word H1697 of the LORD H3068 unto H413 Samuel H8050 , saying H559 ,
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11. यहोवा ने कहा, “शाऊल ने मेरा अनुसरण करना छोड़ दिया है। इसलिए मुझे इसका अफसोस है कि मैंने उसे राजा बनाया। वह उन कामों को नहीं कर रहा है जिन्हें करने का आदेश मैं उसे देता हूँ।” शमूएल भड़क उठा और फिर उसने रात भर यहोवा की प्रार्थना की। PEPS
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11. It repenteth me H5162 that H3588 I have set up H4427 H853 Saul H7586 to be king H4428 : for H3588 he is turned back H7725 from following H4480 H310 me , and hath not H3808 performed H6965 my commandments H1697 . And it grieved H2734 Samuel H8050 ; and he cried H2199 unto H413 the LORD H3068 all H3605 night H3915 .
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12. शमूएल अगले सवेरे उठा औ शाऊल से मिलने गया। किन्तु लोगों ने बताया, “शाऊल यहूदा में कर्मेल नामक नगर को गया है। शाऊल वहाँ अपने सम्मान में एक पत्थर की यादगार बनाने गया था। तब शाऊल ने कई स्थानों की यात्रा की और अन्त में गिलगाल को चला गया” PEPS इसलिये शमूएल वहाँ गया जहाँ शाऊल था। शाऊल ने अमालेकियों से ली गई चीज़ों का पहला भाग ही भेंट में चढ़ाया था। शाऊल उन्हें होम बलि के रूप में यहोवा को भेंट चढ़ा रहा था।
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12. And when Samuel H8050 rose early H7925 to meet H7125 Saul H7586 in the morning H1242 , it was told H5046 Samuel H8050 , saying H559 , Saul H7586 came H935 to Carmel H3760 , and, behold H2009 , he set him up H5324 a place H3027 , and is gone about H5437 , and passed on H5674 , and gone down H3381 to Gilgal H1537 .
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13. शमूएल शाऊल के पास पुहँचा। शाऊल ने कहा, स्वागत, “यहोवा आपको आशीर्वाद दे! मैंने यहोवा के आदेशों का पालन किया है।” PEPS
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13. And Samuel H8050 came H935 to H413 Saul H7586 : and Saul H7586 said H559 unto him, Blessed H1288 be thou H859 of the LORD H3068 : I have performed H6965 H853 the commandment H1697 of the LORD H3068 .
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14. किन्तु शमूएल ने कहा, “तो मैं ये आवाजें क्या सुन रहा हूँ? मैं भेड़ और पशुओं की आवाज क्यों सुन रहा हूँ?” PEPS
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14. And Samuel H8050 said H559 , What H4100 meaneth then this H2088 bleating H6963 of the sheep H6629 in mine ears H241 , and the lowing H6963 of the oxen H1241 which H834 I H595 hear H8085 ?
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15. शाऊल ने उत्तर दिया, “सैनिकों ने उन्हें अमालेकियों से लिया। सैनिकों ने सर्वोत्तम भेड़ों और पशुओं को तुम्हारे परमेश्वर यहोवा को बलि के रूप में जलाने के लिए बचा लिया है। किन्तु हम लोगों ने अन्य सभी चीज़ों को नष्ट कर दिया है।” PEPS
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15. And Saul H7586 said H559 , They have brought H935 them from the Amalekites H4480 H6003 : for H834 the people H5971 spared H2550 H5921 the best H4315 of the sheep H6629 and of the oxen H1241 , to sacrifice H4616 H2076 unto the LORD H3068 thy God H430 ; and the rest H3498 we have utterly destroyed H2763 .
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16. शमूएल ने शाऊल से कहा, “रुको! मुझे तुमसे वही कहने दो जिसे पिछली रात यहोवा ने मुझसे कहा है।” PEPS शाऊल ने उत्तर दिया, “मुझे बताओ।” PEPS
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16. Then Samuel H8050 said H559 unto H413 Saul H7586 , Stay H7503 , and I will tell H5046 thee H853 what H834 the LORD H3068 hath said H1696 to H413 me this night H3915 . And he said H559 unto him , Say on H1696 .
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17. शमूएल ने कहा, “बीते समय में, तुमने यही सोचा था की तुम महत्वपूर्ण नहीं हो। किन्तु तब भी तुम इस्राएल के परिवार समूहों के प्रमुख बन गए। यहोवा ने तुम्हें इस्राएल का राजा चुना।
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17. And Samuel H8050 said H559 , When H518 thou H859 wast little H6996 in thine own sight H5869 , wast thou H859 not H3808 made the head H7218 of the tribes H7626 of Israel H3478 , and the LORD H3068 anointed H4886 thee king H4428 over H5921 Israel H3478 ?
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18. यहोवा ने तुम्हें एक विशेष सेवाकार्य के लिये भेजा। यहोवा ने कहा, ‘जाओ और उन सभी बुरे अमालेकियों को नष्ट करो! उनसे तब तक लड़ते रहो जब तक वे नष्ट न हो जायें!’
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18. And the LORD H3068 sent H7971 thee on a journey H1870 , and said H559 , Go H1980 and utterly destroy H2763 H853 the sinners H2400 H853 the Amalekites H6002 , and fight H3898 against them until H5704 they be consumed H3615 .
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19. किन्तु तुमने यहोवा की नहीं सुनी। तुम उन चीज़ों को रखना चाहते थे। इसलिये तुमने वह किया जिसे यहोवा ने बुरा कहा!” PEPS
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19. Wherefore H4100 then didst thou not H3808 obey H8085 the voice H6963 of the LORD H3068 , but didst fly H5860 upon H413 the spoil H7998 , and didst H6213 evil H7451 in the sight H5869 of the LORD H3068 ?
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20. शाऊल ने कहा, “किन्तु मैंने तो यहोवा की आज्ञा का पालन किया। मैं वहाँ गया जहाँ यहोवा ने मुझे भेजा। मैंने सभी अमालेकियों को नष्ट किया। मैं केवल उनके राजा अगाग को वापस लाया।
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20. And Saul H7586 said H559 unto H413 Samuel H8050 , Yea H834 , I have obeyed H8085 the voice H6963 of the LORD H3068 , and have gone H1980 the way H1870 which H834 the LORD H3068 sent H7971 me , and have brought H935 H853 Agag H90 the king H4428 of Amalek H6002 , and have utterly destroyed H2763 the Amalekites H6002 .
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21. सैनिकों ने सर्वोतम भेड़ें और पशु गिलगाल में तुम्हारे परमेश्वर यहोवा को बलि देने के लिये चुने।” PEPS
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21. But the people H5971 took H3947 of the spoil H4480 H7998 , sheep H6629 and oxen H1241 , the chief H7225 of the things which should have been utterly destroyed H2764 , to sacrifice H2076 unto the LORD H3068 thy God H430 in Gilgal H1537 .
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22. किन्तु शमूएल ने उत्तर दिया, “यहोवा को इन दो में से कौन अधिक प्रसन्न करता है: होमबलियाँ और बलियाँ या यहोवा की आज्ञा का पालन करना? यह अधिक अच्छा है कि परमेश्वर की आज्ञा का पालन किया जाये इसकी अपेक्षा कि उसे बलि भेंट की जाये। यह अधिक अच्छा है कि परमेश्वर की बाते सुनी जाये इसकी अपेक्षा कि मेढ़ों से चर्बी—भेंट की जाये।
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22. And Samuel H8050 said H559 , Hath the LORD H3068 as great delight H2656 in burnt offerings H5930 and sacrifices H2077 , as in obeying H8085 the voice H6963 of the LORD H3068 ? Behold H2009 , to obey H8085 is better H2896 than sacrifice H4480 H2077 , and to hearken H7181 than the fat H4480 H2459 of rams H352 .
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23. आज्ञा के पालन से इनकार करना जादूगरी करने के पाप जैसा है। हठी होना और मनमानी करना मूर्तियों की पूजा करने जैसा पाप है। तुमने यहोवा की आज्ञा मानने से इन्कार किया। इसी करण यहोवा अब तुम्हें राजा के रूप में स्वीकार करने से इन्कार करता है।” PEPS
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23. For H3588 rebellion H4805 is as the sin H2403 of witchcraft H7081 , and stubbornness H6484 is as iniquity H205 and idolatry H8655 . Because H3282 thou hast rejected H3988 H853 the word H1697 of the LORD H3068 , he hath also rejected H3988 thee from being king H4480 H4428 .
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24. तब शाऊल ने शमूएल से कहा, “मैंने पाप किया है। मैंने यहोवा के आदेशों को नहीं माना है और मैंने वह नहीं किया है जो तुमने करने को कहा। मैं लोगों से डरता था इसलिए मैंने वह किया जो उन्होंने कहा।
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24. And Saul H7586 said H559 unto H413 Samuel H8050 , I have sinned H2398 : for H3588 I have transgressed H5674 H853 the commandment H6310 of the LORD H3068 , and thy words H1697 : because H3588 I feared H3372 H853 the people H5971 , and obeyed H8085 their voice H6963 .
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25. अब मैं प्रार्थना करता हूँ कि मेरे पाप को क्षमा करो। मेरे साथ लौटो जिससे मैं यहोवा की उपासना कर सकूँ।” PEPS
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25. Now H6258 therefore , I pray thee H4994 , pardon H5375 H853 my sin H2403 , and turn again H7725 with H5973 me , that I may worship H7812 the LORD H3068 .
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26. किन्तु शमूएल ने शाऊल से कहा, “मैं तुम्हारे साथ नहीं लौटूँगा। तुमने यहोवा के आदेश को नकारा है और अब यहोवा तुम्हें इस्राएल के राजा के रूप में नकार रहा है।” PEPS
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26. And Samuel H8050 said H559 unto H413 Saul H7586 , I will not H3808 return H7725 with H5973 thee: for H3588 thou hast rejected H3988 H853 the word H1697 of the LORD H3068 , and the LORD H3068 hath rejected H3988 thee from being H4480 H1961 king H4428 over H5921 Israel H3478 .
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27. जब शमूएल उसे छोड़ने के लिये मुड़ा, शाऊल ने शमूएल के लबादे को पकड़ लिया। लबादा फट गया।
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27. And as Samuel H8050 turned about H5437 to go away H1980 , he laid hold H2388 upon the skirt H3671 of his mantle H4598 , and it rent H7167 .
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28. शमूएल ने शाऊल से कहा, “तुमने मेरे लबादे को फाड़ दिया। इसी प्रकार यहोवा ने आज इस्राएल के राज्य को तुमसे फाड़ दिया है। यहोवा ने राज्य तुम्हारे मित्रों में से एक को दे दिया है। वह व्यक्ति तुमसे अच्छा है।
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28. And Samuel H8050 said H559 unto H413 him , The LORD H3068 hath rent H7167 H853 the kingdom H4468 of Israel H3478 from H4480 H5921 thee this day H3117 , and hath given H5414 it to a neighbor H7453 of thine, that is better H2896 than H4480 thou.
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29. यहोवा इस्राएल का परमेश्वर है। यहोवा शाश्वत है। योहवा न तो झूठ बोलता है, नही अपना मन बदलता है। यहोवा मनुष्य की तरह नहीं है जो अपने इरादे बदलते हैं।” PEPS
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29. And also H1571 the Strength H5331 of Israel H3478 will not H3808 lie H8266 nor H3808 repent H5162 : for H3588 he is not H3808 a man H120 , that he H1931 should repent H5162 .
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30. शाऊल ने उत्तर दिया, “ठीक है, मैंने पाप किया! किन्तु कृपया मेरे साथ लौटो। इस्राएल के लोगों और प्रमुखों के सामने मुझे कुछ सम्मान दो। मेरे साथ लौटो जिससे मैं तुम्हारे परमेश्वर यहोवा की उपासना कर सकूँ।”
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30. Then he said H559 , I have sinned H2398 : yet honor H3513 me now H6258 , I pray thee H4994 , before H5048 the elders H2205 of my people H5971 , and before H5048 Israel H3478 , and turn again H7725 with H5973 me , that I may worship H7812 the LORD H3068 thy God H430 .
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31. शमूएल शाऊल के साथ लौट गया और शाऊल ने यहोवा की उपासना की। PEPS
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31. So Samuel H8050 turned again H7725 after H310 Saul H7586 ; and Saul H7586 worshiped H7812 the LORD H3068 .
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32. शमूएल ने कहा, “अमालेकियों के राजा अगाग, को मेरे पास लाओ।” PEPS अगाग शमूएल के सामने आया। अगाग जंजीरों में बंधा था। अगाग ने सोचा, “निश्चय ही यह मुझे मारेगा नहीं।” PEPS
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32. Then said H559 Samuel H8050 , Bring ye hither H5066 to H413 me H853 Agag H90 the king H4428 of the Amalekites H6002 . And Agag H90 came H1980 unto H413 him delicately H4574 . And Agag H90 said H559 , Surely H403 the bitterness H4751 of death H4194 is past H5493 .
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33. किन्तु शमूएल ने अगाग से कहा, “तुम्हारी तलवारों ने बच्चों को उनकी माताओं से छीना। अतः अब तुम्हारी माँ का कोई बच्चा नहीं रहेगा।” और शमूएल ने गिलगाल में यहोवा के सामने अगाग के टुकड़े टुकड़े कर डाले। PEPS
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33. And Samuel H8050 said H559 , As H834 thy sword H2719 hath made women H802 childless H7921 , so H3651 shall thy mother H517 be childless H7921 among women H4480 H802 . And Samuel H8050 hewed Agag in pieces H8158 H853 H90 before H6440 the LORD H3068 in Gilgal H1537 .
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34. तब शमूएल वहाँ से चला और रामा पहुँचा और शाऊल अपने घर गिबा को गया।
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34. Then Samuel H8050 went H1980 to Ramah H7414 ; and Saul H7586 went up H5927 to H413 his house H1004 to Gibeah H1390 of Saul H7586 .
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35. उसके बाद शमूएल ने अपने पूरे जीवन में शाऊल को नहीं देखा। शमूएल शाऊल के लिये बहुत दुःखी रहा और यहोवा को बड़ा दुःख था कि उसने शाऊल को इस्राएल का राजा बनाया। PE
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35. And Samuel H8050 came no H3808 more H3254 to see H7200 H853 Saul H7586 until H5704 the day H3117 of his death H4194 : nevertheless H3588 Samuel H8050 mourned H56 for H413 Saul H7586 : and the LORD H3068 repented H5162 that H3588 he had made Saul king H4427 H853 H7586 over H5921 Israel H3478 .
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