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1. {दाऊद कीला में} PS लोगों ने दाऊद से कहा, “देखो, पलिश्ती कीला के विरुद्ध युद्ध कर रहे हैं। वे खलिहानों से अन्न लूट रहे हैं।” PEPS
1. Then they told H5046 David H1732 , saying H559 , Behold H2009 , the Philistines H6430 fight H3898 against Keilah H7084 , and they H1992 rob H8154 H853 the threshingfloors H1637 .
2. दाऊद ने यहोवा से पूछा, “क्या मैं जाऊँ और इन पलिश्तियों से लड़ूँ?” PEPS यहोवा ने दाऊद को उत्तर दिया, “जाओ और पलिश्तियों पर आक्रमण करो। कीला को बचाओ।” PEPS
2. Therefore David H1732 inquired H7592 of the LORD H3068 , saying H559 , Shall I go H1980 and smite H5221 these H428 Philistines H6430 ? And the LORD H3068 said H559 unto H413 David H1732 , Go H1980 , and smite H5221 the Philistines H6430 , and save H3467 H853 Keilah H7084 .
3. किन्तु दाऊद के लोगों ने उससे कहा, “देखो, हम यहाँ यहूदा में हैं और हम भयभीत हैं। तनिक सोचो तो सही कि हम तब कितने भयभीत होंगे जब वहाँ जाएंगे जहाँ पलिश्ती सेना है।” PEPS
3. And David H1732 's men H376 said H559 unto H413 him, Behold H2009 , we H587 be afraid H3372 here H6311 in Judah H3063 : how much H637 more then if H3588 we come H1980 to Keilah H7084 against H413 the armies H4634 of the Philistines H6430 ?
4. दाऊद ने फिर यहोवा से पूछा। यहोवा ने दाऊद को उत्तर दिया, “कीला को जाओ। मैं तुम्हारी सहायता पलिश्तियों को हराने में करूँगा।”
4. Then David H1732 inquired H7592 of the LORD H3068 yet H5750 again H3254 . And the LORD H3068 answered H6030 him and said H559 , Arise H6965 , go down H3381 to Keilah H7084 ; for H3588 I H589 will deliver H5414 H853 the Philistines H6430 into thine hand H3027 .
5. इसलिये दाऊद और उसके लोग कीला को गये। दाऊद के लोग पलिश्तियों से लड़े। दाऊद के लोगों ने पलिश्तियों को हराया और उनकी गायें ले लीं। इस प्रकार दाऊद ने कीला के लोगों को बचाया।
5. So David H1732 and his men H376 went H1980 to Keilah H7084 , and fought H3898 with the Philistines H6430 , and brought away H5090 H853 their cattle H4735 , and smote H5221 them with a great H1419 slaughter H4347 . So David H1732 saved H3467 H853 the inhabitants H3427 of Keilah H7084 .
6. (जब एब्यातार दाऊद के पास भाग कर गया था तब एब्यातार अपने साथ एक एपोद ले गया था।) PEPS
6. And it came to pass H1961 , when Abiathar H54 the son H1121 of Ahimelech H288 fled H1272 to H413 David H1732 to Keilah H7084 , that he came down H3381 with an ephod H646 in his hand H3027 .
7. लोगों ने शाऊल से कहा कि अब दाऊद कीला में है। शाऊल ने कहा, “परमेश्वर ने दाऊद को मुझे दे दिया है। दाऊद स्वयं जाल में फँस गया है। वह ऐसे नगर में गया है जिसके द्वार को बन्द करने के लिये दरवाजे और छड़ें हैं।”
7. And it was told H5046 Saul H7586 that H3588 David H1732 was come H935 to Keilah H7084 . And Saul H7586 said H559 , God H430 hath delivered H5234 him into mine hand H3027 ; for H3588 he is shut in H5462 , by entering H935 into a town H5892 that hath gates H1817 and bars H1280 .
8. शाऊल ने युद्ध के लिये अपनी सारी सेना को एक साथ बुलाया। उन्होंने अपनी तैयारी कीला जाने और दाऊद तथा उसके लोगों पर आक्रमण के लिये की। PEPS
8. And Saul H7586 called H8085 H853 all H3605 the people H5971 together to war H4421 , to go down H3381 to Keilah H7084 , to besiege H6696 H413 David H1732 and his men H376 .
9. दाऊद को पता लगा कि शाऊल उसके विरुद्ध योजना बना रहा है। दाऊद ने तब याजक एब्यातार से कहा, “एपोद लाओ।” PEPS
9. And David H1732 knew H3045 that H3588 Saul H7586 secretly practiced H2790 mischief H7451 against H5921 him ; and he said H559 to H413 Abiathar H54 the priest H3548 , Bring hither H5066 the ephod H646 .
10. दाऊद ने प्रार्थना की, “यहोवा इस्राएल के परमेश्वर, मैंने सुना है कि शाऊल कीला में आने और मेरे कारण इसे नष्ट करने की योजना बना रहा है।
10. Then said H559 David H1732 , O LORD H3068 God H430 of Israel H3478 , thy servant H5650 hath certainly heard H8085 H8085 that H3588 Saul H7586 seeketh H1245 to come H935 to H413 Keilah H7084 , to destroy H7843 the city H5892 for my sake H5668 .
11. क्या शाऊल कीला में आएगा? क्या कीला के लोग मुझे शाऊल को दे देंगे? यहोवा इस्राएल के परमेश्वर, मैं तेरा सेवक हूँ! कृपया मुझे बता!” PEPS यहोवा ने उत्तर दिया, “शाऊल आएगा।” PEPS
11. Will the men H1167 of Keilah H7084 deliver me up H5462 into his hand H3027 ? will Saul H7586 come down H3381 , as H834 thy servant H5650 hath heard H8085 ? O LORD H3068 God H430 of Israel H3478 , I beseech thee H4994 , tell H5046 thy servant H5650 . And the LORD H3068 said H559 , He will come down H3381 .
12. दाऊद ने फिर पूछा, “क्या कीला के लोग मुझे और मेरे लोगों को शाऊल को दे देंगे।” PEPS यहोवा ने उत्तर दिया, “वे ऐसा करेंगे।” PEPS
12. Then said H559 David H1732 , Will the men H1167 of Keilah H7084 deliver H5462 me and my men H376 into the hand H3027 of Saul H7586 ? And the LORD H3068 said H559 , They will deliver thee up H5462 .
13. इसलिए दाऊद और उसके लोगों ने कीला को छोड़ दीया। वहाँ लगभग छः सौ पुरुष थे जो दाऊद के साथ गए। दाऊद और उसके लोग एक स्थान से दूसरे स्थान घूमते रहे। शाऊल को पता लग गया कि दाऊद कीला से बच निकला। इसलिए शाऊल उस नगर को नही गाय। PS
13. Then David H1732 and his men H376 , which were about six H8337 hundred H3967 H376 , arose H6965 and departed H3318 out of Keilah H4480 H7084 , and went H1980 whithersoever H834 they could go H1980 . And it was told H5046 Saul H7586 that H3588 David H1732 was escaped H4422 from Keilah H4480 H7084 ; and he forbore H2308 to go forth H3318 .
14. {शाऊल दाऊद का पीछा करता है} PS दाऊद मरूभूमि मे चला गया और वहाँ किलों *किलों कोई भवन या नगर जिसकी दीवारें सुरक्षा के लिये ऊँची और मजबूत हों। में ठहर गया। दाऊद जीप की मरूभूमि के पहाड़ी देश में भी गया। शाऊल प्रतिदिन दाऊद की खोज करता था, किन्तु यहोवा शाऊल को दाऊद को पकड़ने नहीं देता था। PEPS
14. And David H1732 abode H3427 in the wilderness H4057 in strongholds H4679 , and remained H3427 in a mountain H2022 in the wilderness H4057 of Ziph H2128 . And Saul H7586 sought H1245 him every H3605 day H3117 , but God H430 delivered H5414 him not H3808 into his hand H3027 .
15. दाऊद जीप की मरुभूमि में होरेश में था। वह भयभीत था क्योंकि शाऊल उसे मारने रहा था।
15. And David H1732 saw H7200 that H3588 Saul H7586 was come out H3318 to seek H1245 H853 his life H5315 : and David H1732 was in the wilderness H4057 of Ziph H2128 in a wood H2793 .
16. किन्तु शाऊल का पुत्र योनातान होरेश में दाऊद से मिलने गया। योनातान ने परमेश्वर पर दृढ़ विश्वास रखने में दाऊद की सहायता की।
16. And Jonathan H3083 Saul H7586 's son H1121 arose H6965 , and went H1980 to H413 David H1732 into the wood H2793 , and strengthened H2388 H853 his hand H3027 in God H430 .
17. योनातान ने दाऊद से कहा, “डरो नहीं। मेरे पिता शाऊल तुम्हें चोट नहीं पहुँचा सकते। तुम इस्राएल के राजा बनोगे। मैं तुम्हारे बाद दूसरे स्थान पर रहूँगा। मेरे पिता भी यह जानते हैं।” PEPS
17. And he said H559 unto H413 him, Fear H3372 not H408 : for H3588 the hand H3027 of Saul H7586 my father H1 shall not H3808 find H4672 thee ; and thou H859 shalt be king H4427 over H5921 Israel H3478 , and I H595 shall be H1961 next H4932 unto thee ; and that H3651 also H1571 Saul H7586 my father H1 knoweth H3045 .
18. योनातान और दाऊद दोनों ने यहोवा के सामने सन्धि की। तब योनातान घर चला गया और दाऊद होरेश में टिका रहा। PS
18. And they two H8147 made H3772 a covenant H1285 before H6440 the LORD H3068 : and David H1732 abode H3427 in the wood H2793 , and Jonathan H3083 went H1980 to his house H1004 .
19. {जीप के लोग शाऊल को दाऊद के बारे में बताते हैं} PS जीप के लोग गिबा में शाऊल के पास आए। उन्होंने शाऊल से कहा, “दाऊद हम लोगों के क्षेत्र में छिपा है। वह होरेश के किले में है। वह हकीला पहाड़ी पर यशीमोन के दक्षिण में है।
19. Then came up H5927 the Ziphites H2130 to H413 Saul H7586 to Gibeah H1390 , saying H559 , Doth not H3808 David H1732 hide himself H5641 with H5973 us in strongholds H4679 in the wood H2793 , in the hill H1389 of Hachilah H2444 , which H834 is on the south H4480 H3225 of Jeshimon H3452 ?
20. महाराज आप जब चाहें आएँ। यह हम लोगों का कर्तव्य है कि हम आपको दाऊद को दें।” PEPS
20. Now H6258 therefore , O king H4428 , come down H3381 according to all H3605 the desire H185 of thy soul H5315 to come down H3381 ; and our part shall be to deliver H5462 him into the king H4428 's hand H3027 .
21. शाऊल ने उत्तर दिया, “यहोवा आप लोगों को मेरी सहायता के लिये आशीर्वाद दे।
21. And Saul H7586 said H559 , Blessed H1288 be ye H859 of the LORD H3068 ; for H3588 ye have compassion H2550 on H5921 me.
22. जाओ और उसके बारे में और अधिक पता लगाओ। पता लगाओ कि दाऊद कहाँ ठहरा है। पता लगाओ कि दाऊद को वहाँ किसने देखा है। शाऊल ने सोचा, ‘दाऊद चतुर है। वह मुझे धोखा देने की कोशिश कर रहा है।’
22. Go H1980 , I pray you H4994 , prepare H3559 yet H5750 , and know H3045 and see H7200 H853 his place H4725 where H834 his haunt H7272 is H1961 , and who H4310 hath seen H7200 him there H8033 : for H3588 it is told H559 H413 me that he H1931 dealeth very subtlely H6191 H6191 .
23. छिपने के जिन स्थानों का उपयोग दाऊद कर रहा है, उन सभी का पता लगाओ और मेरे पास वापस लौटो तथा मुझे सब कुछ बताओ। तब मैं तुम्हारे साथ चलूँगा। यदि दाऊद उस क्षेत्र में होगा तो मैं उसका पता लगाऊँगा। मैं उसका पता तब लगा लूँगा यदि मुझे यहूदा के सभी परिवारों की तलाशी लेनी पड़े।” PEPS
23. See H7200 therefore , and take knowledge H3045 of all H4480 H3605 the lurking places H4224 where H834 he hideth himself H2244 , and come ye again H7725 to H413 me with H413 the certainty H3559 , and I will go H1980 with H854 you : and it shall come to pass H1961 , if H518 he be H1961 H3426 in the land H776 , that I will search him out H2664 H853 throughout all H3605 the thousands H505 of Judah H3063 .
24. तब जीपी निवासी जीप को लौट गए। शाऊल वहाँ बाद में गया। PEPS दाऊद और उसके लोग माओन की मरुभूमि में थे। वे यशीमोन के दक्षिण में मरुभूमि क्षेत्र में थे।
24. And they arose H6965 , and went H1980 to Ziph H2128 before H6440 Saul H7586 : but David H1732 and his men H376 were in the wilderness H4057 of Maon H4584 , in the plain H6160 on H413 the south H3225 of Jeshimon H3452 .
25. शाऊल और उसके लोग दाऊद की खोज करने गये। किन्तु लोगों ने दाऊद को सावधान कर दिया। उन्होंने बताया कि शाऊल उसकी तलाश कर रहा है। दाऊद तब माओन की मरुभूमि में नीचे की ओर चट्टान पर गया। शाऊल ने सुना कि दाऊद माओन की मरुभूमि में गया है। इसलिये शाऊल उस स्थान पर दाऊद को पकड़ने गया। PEPS
25. Saul H7586 also and his men H376 went H1980 to seek H1245 him . And they told H5046 David H1732 : wherefore he came down H3381 into a rock H5553 , and abode H3427 in the wilderness H4057 of Maon H4584 . And when Saul H7586 heard H8085 that , he pursued H7291 after H310 David H1732 in the wilderness H4057 of Maon H4584 .
26. शाऊल पर्वत की एक ओर था। दाऊद और उसके लोग उसी पर्वत की दूसरी ओर थे। दाऊद शाऊल से दूर निकल जाने के लिये शीघ्रता कर रहा था। शाऊल और उसके सैनिक पर्वत के चारों ओर दाऊद और उसके लोगों को पकड़ने जा रहे थे। PEPS
26. And Saul H7586 went H1980 on this side H4480 H2088 H4480 H6654 of the mountain H2022 , and David H1732 and his men H376 on that side H4480 H2088 H4480 H6654 of the mountain H2022 : and David H1732 made haste H1961 H2648 to get away H1980 for fear of H4480 H6440 Saul H7586 ; for Saul H7586 and his men H376 compassed H5849 H413 David H1732 and his men H376 round about to take H8610 them.
27. तभी शाऊल के पास एक दूत आया। दूत ने कहा, “शीघ्रता करो! पलिश्ती हम पर आक्रमण कर रहें है!” PEPS
27. But there came H935 a messenger H4397 unto H413 Saul H7586 , saying H559 , Haste H4116 thee , and come H1980 ; for H3588 the Philistines H6430 have invaded H6584 H5921 the land H776 .
28. इसलिये शाऊल ने दाऊद का पीछा करना छोड़ दिया और पलिश्तियों से लड़ने निकल गया। यही कारण है कि लोग उस स्थान को “फिसलनी चट्टान” †फिसलनी चट्टान या “सेला–हम्महलकोत।” कहते हैं।
28. Wherefore Saul H7586 returned H7725 from pursuing H4480 H7291 after H310 David, H1732 and went H1980 against H7125 the Philistines: H6430 therefore H5921 H3651 they called H7121 that H1931 place H4725 Sela-hammahlekoth. G5555.
29. दाऊद ने माओन की मरूभूमि को छोड़ा और एनगदी के समीप के किले में गया। PE
29. And David H1732 went up H5927 from thence H4480 H8033 , and dwelt H3427 in strongholds H4679 at En H5872 -gedi.
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