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1. {यहूदा का राजा उज्जिय्याह} PS तब यहूदा के लोगों ने अमस्याह के स्थान पर नया राजा होने के लिये उज्जिय्याह को चुना। अमस्याह उज्जिय्याह का पिता था। जब यह हुआ तो उज्जिय्याह सोलह वर्ष का था।
1. Then all H3605 the people H5971 of Judah H3063 took H3947 H853 Uzziah H5818 , who H1931 was sixteen H8337 H6240 years H8141 old H1121 , and made him king H4427 H853 in the room of H8478 his father H1 Amaziah H558 .
2. उज्जिय्याह ने एलोत नगर को दुबारा बनाया और इसे यहूदा को लौटा दिया। उज्जिय्याह ने यह अमस्याह के मर जाने और पूर्वजों के साथ उसके दफनाए जाने के बाद किया। PEPS
2. He H1931 built H1129 H853 Eloth H359 , and restored H7725 it to Judah H3063 , after that H310 the king H4428 slept H7901 with H5973 his fathers H1 .
3. उज्जिय्याह जब राजा हुआ तो वह सोलह वर्ष का था। उसने यरूशलेम में बावन वर्ष तक राज्य किया। उसकी माँ का नाम यकील्याह था। यकील्याह यरूशलेम की थी।
3. Sixteen H8337 H6240 years H8141 old H1121 was Uzziah H5818 when he began to reign H4427 , and he reigned H4427 fifty H2572 and two H8147 years H8141 in Jerusalem H3389 . His mother H517 's name H8034 also was Jecoliah H3203 of H4480 Jerusalem H3389 .
4. उज्जिय्याह ने वह किया जो यहोवा उससे करवाना चाहता था। उसने यहोवा का अनुसरण वैसे ही किया जैसे उसके पिता अमस्याह ने किया था।
4. And he did H6213 that which was right H3477 in the sight H5869 of the LORD H3068 , according to all H3605 that H834 his father H1 Amaziah H558 did H6213 .
5. उज्जिय्याह ने परमेश्वर का अनुसरण जकर्याह के जीवन—काल में किया। जकर्याह ने उज्जिय्याह को शिक्षा दी कि परमेश्वर का सम्मान और उसकी आज्ञा का पालन कैसे किया जाता है। जब उज्जिय्याह यहोवा की आज्ञा का पालन कर रहा था तब परमेश्वर ने उसे सफलता दिलाई। PEPS
5. And he sought H1961 H1875 God H430 in the days H3117 of Zechariah H2148 , who had understanding H995 in the visions H7200 of God H430 : and as long as H3117 he sought H1875 H853 the LORD H3068 , God H430 made him to prosper H6743 .
6. उज्जिय्याह ने पलिश्ती लोगों के विरुद्ध एक युद्ध किया। उसने गत, यब्ने, और अशदोद नगर की दीवारों को गिरा दिया। उज्जिय्याह ने अशदोद नगर के पास और पलिश्ती लोगों के बीच अन्य स्थानों में नगर बसाये।
6. And he went forth H3318 and warred H3898 against the Philistines H6430 , and broke down H6555 H853 the wall H2346 of Gath H1661 , and the wall H2346 of Jabneh H2996 , and the wall H2346 of Ashdod H795 , and built H1129 cities H5892 about Ashdod H795 , and among the Philistines H6430 .
7. परमेश्वर ने उज्जिय्याह की सहायता पलिशितयों के गूर्बाल नगर में रहने वाले अरबों और मुनियों के साथ युद्ध करने में की।
7. And God H430 helped H5826 him against H5921 the Philistines H6430 , and against H5921 the Arabians H6163 that dwelt H3427 in Gur H1485 -baal , and the Mehunims H4586 .
8. अम्मोनी उज्जिय्याह को राज्य कर देते थे। उज्जिय्याह का नाम मिस्र की सीमा तक प्रसिद्ध हो गया। वह प्रसिद्ध था क्योंकि वह बहुत शक्तिशाली था। PEPS
8. And the Ammonites H5984 gave H5414 gifts H4503 to Uzziah H5818 : and his name H8034 spread abroad H1980 even to H5704 the entering in H935 of Egypt H4714 ; for H3588 he strengthened H2388 himself exceedingly H5704 H4605 .
9. उज्जिय्याह ने यरूशलेम में कोने के फाटक, घाटी के फाटक और दीवार के मुड़ने के स्थानों पर मीनारें बनवाई। उज्जिय्याह ने उन मीनारों को दृढ़ बनाया।
9. Moreover Uzziah H5818 built H1129 towers H4026 in Jerusalem H3389 at H5921 the corner H6438 gate H8179 , and at H5921 the valley H1516 gate H8179 , and at H5921 the turning H4740 of the wall , and fortified H2388 them.
10. उज्जिय्याह ने मीनारों को मरुभूमि में बनाया। उसने बहुत से कुँए भी खुदवाए। उसके पास पहाड़ी और मैदानी प्रदेशों में बहुत से पशु थे। उज्जिय्याह के पास पर्वतों में और जहाँ अच्छी उपज होती थी, उस भूमि में किसान थे। वह ऐसे व्यक्तियों को भी रखे हुए था जो उन खेतों की रखवाली करते थे जिनमें अँगूर होते थे। उसे कृषि से प्रेम था। PEPS
10. Also he built H1129 towers H4026 in the desert H4057 , and digged H2672 many H7227 wells H953 : for H3588 he had H1961 much H7227 cattle H4735 , both in the low country H8219 , and in the plains H4334 : husbandmen H406 also , and vinedressers H3755 in the mountains H2022 , and in Carmel H3760 : for H3588 he loved H1961 H157 husbandry H127 .
11. उज्जिय्याह के पास प्रशिक्षित सैनिकों की एक सेना थी। वे सैनिक सचिव यीएल और अधिकारी मासेयाह द्वारा वर्गो में बँटे थे। हनन्याह उनका प्रमुख था। यीएल और मासेयाह ने उन सैनिकों को गिना और उन्हें वर्गो में रखा। हनन्याय राजा के अधिकारियों में से एक था।
11. Moreover Uzziah H5818 had H1961 a host H2428 of fighting men H6213 H4421 , that went out H3318 to war H6635 by bands H1416 , according to the number H4557 of their account H6486 by the hand H3027 of Jeiel H3273 the scribe H5608 and Maaseiah H4641 the ruler H7860 , under H5921 the hand H3027 of Hananiah H2608 , one of the king H4428 's captains H4480 H8269 .
12. सैनिकों के ऊपर दो हज़ार छ: सौ प्रमुख थे।
12. The whole H3605 number H4557 of the chief H7218 of the fathers H1 of the mighty men H1368 of valor H2428 were two thousand H505 and six H8337 hundred H3967 .
13. वे परिवार प्रमुख तीन लाख सात हज़ार पाँच सौ पुरुषों की उस सेना के अधिपति थे जो बड़ी शक्ति से लड़ती थी। वे सैनिक राजा को शत्रुओं के विरुद्ध सहायता करते थे।
13. And under H5921 their hand H3027 was an army H2428 H6635 , three H7969 hundred H3967 thousand H505 and seven H7651 thousand H505 and five H2568 hundred H3967 , that made H6213 war H4421 with mighty H2428 power H3581 , to help H5826 the king H4428 against H5921 the enemy H341 .
14. उज्जिय्याह ने सेना को ढाल, भाले, टोप, कवच, धनुष और गुलेलों के लिये पत्थर दिये थे।
14. And Uzziah H5818 prepared H3559 for them throughout all H3605 the host H6635 shields H4043 , and spears H7420 , and helmets H3553 , and habergeons H8302 , and bows H7198 , and slings H7050 to cast stones H68 .
15. यरूशलेम में उज्जिय्याह ने जो यन्त्र बनाए वह बुद्धिमानों के अविष्कार थे। वे यन्त्र मीनारों तथा कोने की दीवारों पर रखे गए थे। ये यन्त्र बाण और बड़े पत्थर फेंकते थे। उज्जिय्याह प्रसिद्ध हो गया। लोग उसका नाम दूर—दूर के देशों में जानते थे। उसके पास बड़ी सहायता थी और वह शक्तिशाली राजा हो गया। PEPS
15. And he made H6213 in Jerusalem H3389 engines H2810 , invented H4284 by cunning men H2803 , to be H1961 on H5921 the towers H4026 and upon H5921 the bulwarks H6438 , to shoot H3384 arrows H2671 and great H1419 stones H68 withal . And his name H8034 spread H3318 far abroad H5704 H4480 H7350 ; for H3588 he was marvelously H6381 helped H5826 , till H5704 H3588 he was strong H2388 .
16. किन्तु जब उजिय्याह शक्तिशाली हो गया, उसके घमण्ड ने उसे नष्ट किया। वह यहोवा परमेश्वर के प्रति विश्वासयोग्य नहीं रहा। वह यहोवा के मन्दिर में सुगन्धि जलाने की वेदी पर गया।
16. But when he was strong H2394 , his heart H3820 was lifted up H1361 to H5704 his destruction H7843 : for he transgressed H4603 against the LORD H3068 his God H430 , and went H935 into H413 the temple H1964 of the LORD H3068 to burn incense H6999 upon H5921 the altar H4196 of incense H7004 .
17. याजक अजर्याह और यहोवा के अस्सी साहसी याजक सेवक उजिय्याह के पीछे मन्दिर में गए।
17. And Azariah H5838 the priest H3548 went in H935 after H310 him , and with H5973 him fourscore H8084 priests H3548 of the LORD H3068 , that were valiant men H1121 H2428 :
18. उन्होंने उजिय्याह से कहा कि तुम गलती कर रहे हो। उन्होंने उससे कहा, “उजिय्याह, यहोवा के लिये सुगन्धि जलाना तुम्हारा काम नहीं है। यह करना तुम्हारे लिये ठीक नहीं है। याजक और हारून के वंशज ही केवल यहोवा के लिये सुगन्धि जलाते हैं। इन याजकों को सुगन्धि जलाने की पवित्र सेवा के लिये प्रशिक्षण दिया गया है। सर्वाधिक पवित्र स्थान से बाहर निकल जाओ। तुम विश्वासयोग्य नहीं रहे हो। यहोवा परमेश्वर तुमको इसके लिये सम्मान नहीं देगा!” PEPS
18. And they withstood H5975 H5921 Uzziah H5818 the king H4428 , and said H559 unto him, It appertaineth not H3808 unto thee, Uzziah H5818 , to burn incense H6999 unto the LORD H3068 , but H3588 to the priests H3548 the sons H1121 of Aaron H175 , that are consecrated H6942 to burn incense H6999 : go out H3318 of H4480 the sanctuary H4720 ; for H3588 thou hast trespassed H4603 ; neither H3808 shall it be for thine honor H3519 from the LORD H4480 H3068 God H430 .
19. किन्तु उज्जिय्याह क्रोधित हुआ। उसके हाथ में सुगन्धि जलाने के लिये एक कटोरा था। जिस समय उज्जिय्याह याजकों पर बहुत क्रोधित था, उसी समय उसके माथे पर कुष्ठ हो गया। यह याजकों के सामने यहोवा के मन्दिर में सुगन्धि जलाने के वेदी के पास हुआ।
19. Then Uzziah H5818 was wroth H2196 , and had a censer H4730 in his hand H3027 to burn incense H6999 : and while he was wroth H2196 with H5973 the priests H3548 , the leprosy H6883 even rose up H2224 in his forehead H4696 before H6440 the priests H3548 in the house H1004 of the LORD H3068 , from beside H4480 H5921 the incense H7004 altar H4196 .
20. प्रमुख याजक अजर्याह औऱ सभी याजकों ने उज्जिय्याह को देखा। वे उसके ललाट पर कुष्ठ देख सकते थे। याजकों ने शीघ्रता से उज्जिय्याह को मन्दिर से बाहर जाने को विवश किया। उज्जिय्याह ने स्वयं शीघ्रता की, क्योंकि यहोवा ने उसे दण्ड दे दिया था।
20. And Azariah H5838 the chief H7218 priest H3548 , and all H3605 the priests H3548 , looked H6437 upon H413 him, and, behold H2009 , he H1931 was leprous H6879 in his forehead H4696 , and they thrust him out H926 from thence H4480 H8033 ; yea, himself H1931 hasted H1765 also H1571 to go out H3318 , because H3588 the LORD H3068 had smitten H5060 him.
21. राजा उज्जिय्याह मृत्यु पर्यन्त कोढ़ी था। वह यहोवा के मन्दिर में प्रवेश नहीं कर सकता था। उज्जिय्याह के पुत्र योताम ने राजमहल को व्यवस्थित रखा औऱ लोगों का प्रशासक बना। PEPS
21. And Uzziah H5818 the king H4428 was H1961 a leper H6879 unto H5704 the day H3117 of his death H4194 , and dwelt H3427 in a several H2669 house H1004 , being a leper H6879 ; for H3588 he was cut off H1504 from the house H4480 H1004 of the LORD H3068 : and Jotham H3147 his son H1121 was over H5921 the king H4428 's house H1004 , judging H8199 H853 the people H5971 of the land H776 .
22. उज्जिय्याह ने आरम्भ से लेकर अन्त तक जो कुछ किया वह यशायाह नबी द्वारा लिखा गया। यशायाह का पिता आमोस था।
22. Now the rest H3499 of the acts H1697 of Uzziah H5818 , first H7223 and last H314 , did Isaiah H3470 the prophet H5030 , the son H1121 of Amoz H531 , write H3789 .
23. उज्जिय्याह मरा और अपने पूर्वजों के पास दफनाया गया। उज्जिय्याह को राजाओं के कब्रिस्तान के पास मैदान में दफनाया गया। क्यों? क्योंकि लोगों ने कहा, “उज्जिय्याह को कोढ़ है।” योताम उज्जिय्याह के स्थान पर नया राजा हुआ। योताम उज्जिय्याह का पुत्र था। PE
23. So Uzziah H5818 slept H7901 with H5973 his fathers H1 , and they buried H6912 him with H5973 his fathers H1 in the field H7704 of the burial H6900 which H834 belonged to the kings H4428 ; for H3588 they said H559 , He H1931 is a leper H6879 : and Jotham H3147 his son H1121 reigned H4427 in his stead H8478 .
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