Bible Books

:

1. {यहोआहाज अपना शासन आरम्भ करता है} PS येहू का पुत्र यहोआहाज शोमरोन में इस्राएल का राजा बना। यह अहज्याह के पुत्र योआश के यहूदा में राज्यकाल के तेईसवें वर्ष में हुआ। यहोआहाज ने सत्रह वर्ष तक राज्य किया। PEPS
1. In the three H7969 and twentieth H6242 year H8141 of Joash H3101 the son H1121 of Ahaziah H274 king H4428 of Judah H3063 Jehoahaz H3059 the son H1121 of Jehu H3058 began to reign H4427 over H5921 Israel H3478 in Samaria H8111 , and reigned seventeen H7651 H6240 years H8141 .
2. यहोआहाज ने वे कार्य किये जिन्हें यहोवा ने बुरा बताया था। यहोआहाज ने नबात के पुत्र यारोबाम के पापों का अनुसरण किया जिसने इस्राएल से पाप कराया। यहोआहाज ने उन कामों को करना बन्द नहीं किया।
2. And he did H6213 that which was evil H7451 in the sight H5869 of the LORD H3068 , and followed H1980 H310 the sins H2403 of Jeroboam H3379 the son H1121 of Nebat H5028 , which H834 made H853 Israel H3478 to sin H2398 ; he departed H5493 not H3808 therefrom H4480 .
3. तब यहोवा इस्राएल पर बहुत क्रोधित हुआ। यहोवा ने इस्राएल को अराम के राजा हजाएल और हजाएल के पुत्र बेन्हदद के अधीन कर दिया। PS
3. And the anger H639 of the LORD H3068 was kindled H2734 against Israel H3478 , and he delivered H5414 them into the hand H3027 of Hazael H2371 king H4428 of Syria H758 , and into the hand H3027 of Ben H1130 -hadad the son H1121 of Hazael H2371 , all H3605 their days H3117 .
4. {यहोवा ने इस्राएल के लोगों पर कृपा की} PS तब यहोआहाज ने यहोवा से सहायता के लिये प्रार्थना की और यहोवा ने उसकी प्रार्थना सुनी। यहोवा ने इस्राएल के लोगों के कष्टों और अराम के राजा के उत्पीड़न को देखा था। PEPS
4. And Jehoahaz H3059 besought H2470 H853 the LORD H6440 H3068 , and the LORD H3068 hearkened H8085 unto H413 him: for H3588 he saw H7200 H853 the oppression H3906 of Israel H3478 , because H3588 the king H4428 of Syria H758 oppressed H3905 them.
5. इसलिए यहोवा ने एक व्यक्ति को इस्राएल की रक्षा के लिये भेजा। इस्राएली अरामियों से स्वतन्त्र हो गए। अतः इस्राएली, पहले की तरह अपने घर लौट गए। PEPS
5. (And the LORD H3068 gave H5414 Israel H3478 a savior H3467 , so that they went out H3318 from under H4480 H8478 the hand H3027 of the Syrians H758 : and the children H1121 of Israel H3478 dwelt H3427 in their tents H168 , as formerly H8543 H8032 .
6. किन्तु इस्राएलियों ने फिर भी, उस यारोबाम के परिवार के पापों को करना बन्द नहीं किया। यारोबाम ने इस्राएल से पाप करवाया, और इस्राएली निरन्तर पाप कर्म करते रहे। उन्होंने अशेरा के स्तम्भों को भी शोमरोन में रखा। PEPS
6. Nevertheless H389 they departed H5493 not H3808 from the sins H4480 H2403 of the house H1004 of Jeroboam H3379 , who H834 made H853 Israel H3478 sin H2398 , but walked H1980 therein : and there remained H5975 the grove H842 also H1571 in Samaria H8111 .)
7. अराम के राजा ने यहोआहाज की सेना को पराजित किया। अराम के राजा ने सेना के अधिकांश लोगों को नष्ट कर दिया। उसने केवल पचास घुड़सवार, दस रथ, और दस हज़ार पैदल सैनिक छोड़े। यहोआहाज के सैनिक दायं चलाते समय हवा से उड़ाये गए भूसे की तरह थे। PEPS
7. Neither H3588 H3808 did he leave H7604 of the people H5971 to Jehoahaz H3059 but H3588 H518 fifty H2572 horsemen H6571 , and ten H6235 chariots H7393 , and ten H6235 thousand H505 footmen H7273 ; for H3588 the king H4428 of Syria H758 had destroyed H6 them , and had made H7760 them like the dust H6083 by threshing H1758 .
8. सभी बड़े कार्य जो यहोआहज ने किये इस्राएल के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में लिखे हैं।
8. Now the rest H3499 of the acts H1697 of Jehoahaz H3059 , and all H3605 that H834 he did H6213 , and his might H1369 , are they H1992 not H3808 written H3789 in H5921 the book H5612 of the chronicles H1697 H3117 of the kings H4428 of Israel H3478 ?
9. यहोआहाज मरा और अपने पूर्वजों के साथ दफनाया गया। लोगों ने यहोआहाज को शोमरोन में दफनाया। यहोआहाज का पुत्र यहोआश उसके बाद नया राजा हुआ। PS
9. And Jehoahaz H3059 slept H7901 with H5973 his fathers H1 ; and they buried H6912 him in Samaria H8111 : and Joash H3101 his son H1121 reigned H4427 in his stead H8478 .
10. {इस्राएल पर यहोआश का शासन} PS यहोआहाज का पुत्र यहोआश शोमरोन में इस्राएल का राजा हुआ। यह योआश के यहूदा में राज्यकाल के सैंतीसवे वर्ष में हुआ। यहोआश ने इस्राएल पर सोलह वर्ष तक राज्य किया।
10. In the thirty H7970 and seventh H7651 year H8141 of Joash H3101 king H4428 of Judah H3063 began Jehoash H3060 the son H1121 of Jehoahaz H3059 to reign H4427 over H5921 Israel H3478 in Samaria H8111 , and reigned sixteen H8337 H6240 years H8141 .
11. इस्राएल के राजा यहोआश ने वे कार्य किये जिन्हें यहोवा ने बुरा बताया था। उसने नबात के पुत्र यारोबाम के पापों को बन्द नहीं किया जिसने इस्राएल से पाप कराये। यहोआश उन पापों को करता रहा।
11. And he did H6213 that which was evil H7451 in the sight H5869 of the LORD H3068 ; he departed H5493 not H3808 from all H4480 H3605 the sins H2403 of Jeroboam H3379 the son H1121 of Nebat H5028 , who H834 made H853 Israel H3478 sin H2398 : but he walked H1980 therein.
12. सभी बड़े कार्य जो यहोआश ने किये और यहूदा के राजा अहज्याह के विरुद्ध उसने जो युद्ध किया वे इस्राएल के राजाओं के इतिहास के पुस्तक में लिखे हैं।
12. And the rest H3499 of the acts H1697 of Joash H3101 , and all H3605 that H834 he did H6213 , and his might H1369 wherewith H834 he fought H3898 against H5973 Amaziah H558 king H4428 of Judah H3063 , are they H1992 not H3808 written H3789 in H5921 the book H5612 of the chronicles H1697 H3117 of the kings H4428 of Israel H3478 ?
13. यहोआश मरा और अपने पूर्वजों के साथ दफनाया गया। यारोबाम नया राजा बना और यहोआश के राज सिंहासन पर बैठा। यहोआश शोमरोन में इस्राएल के राजाओं के साथ दफनाया गया। PS
13. And Joash H3101 slept H7901 with H5973 his fathers H1 ; and Jeroboam H3379 sat H3427 upon H5921 his throne H3678 : and Joash H3101 was buried H6912 in Samaria H8111 with H5973 the kings H4428 of Israel H3478 .
14. {यहोआश एलीशा से भेंट करता है} PS एलीशा बीमार पड़ा। बाद में एलीशा बीमारी से मर गया। इस्राएल का राजा यहोआश एलीशा से मिलने गया। यहोआश एलीशा के लिये रोया। यहोआश ने कहा, “मेरे पिता! मेरे पिता! क्या यह इस्राएल के रथों और घोड़ों के लिये समय है?” *रथों समय है इसकी तात्पर्य यह है कि यह समय परमेश्वर के आने और तुमको ले जाने का है (मृत्यु)। देखें 1 राजा 2:12 PEPS
14. Now Elisha H477 was fallen sick H2470 of H854 his sickness H2483 whereof H834 he died H4191 . And Joash H3101 the king H4428 of Israel H3478 came down H3381 unto H413 him , and wept H1058 over H5921 his face H6440 , and said H559 , O my father H1 , my father H1 , the chariot H7393 of Israel H3478 , and the horsemen H6571 thereof.
15. एलीशा ने यहोआश से कहा, “एक धनुष और कुछ बाण लो।” PEPS यहोआश ने एक धनुष और कुछ बाण लिये।
15. And Elisha H477 said H559 unto him, Take H3947 bow H7198 and arrows H2671 . And he took H3947 unto H413 him bow H7198 and arrows H2671 .
16. तब एलीशा ने इस्राएल के राजा से कहा, “अपना हाथ धनुष पर रखो।” यहोआश ने अपना हाथ धनुष पर रखा। तब एलीशा ने अपने हाथ राजा के हाथ पर रखे।
16. And he said H559 to the king H4428 of Israel H3478 , Put H7392 thine hand H3027 upon H5921 the bow H7198 . And he put H7392 his hand H3027 upon it : and Elisha H477 put H7760 his hands H3027 upon H5921 the king H4428 's hands H3027 .
17. एलीशा ने कहा, “पूर्व की खिड़की खोलो।” यहोआश ने खिड़की खोली। तब एलीशा ने कहा, “बाण चलाओ।” PEPS यहोआश ने बाण चला दिया। तब एलीशा ने कहा, “वह यहोवा के विजय का बाण है! यह अराम पर विजय का बाण है। तुम अरामियों को अपेक में हराओगे और तुम उनको नष्ट कर दोगे।” PEPS
17. And he said H559 , Open H6605 the window H2474 eastward H6924 . And he opened H6605 it . Then Elisha H477 said H559 , Shoot H3384 . And he shot H3384 . And he said H559 , The arrow H2671 of the LORD H3068 's deliverance H8668 , and the arrow H2671 of deliverance H8668 from Syria H758 : for thou shalt smite H5221 H853 the Syrians H758 in Aphek H663 , till H5704 thou have consumed H3615 them .
18. एलीशा ने कहा, “बाण लो।” योआश ने बाण लिये। तब एलीशा ने इस्राएल के राजा से कहा, “भूमि पर प्रहार करो।” PEPS योआश ने भूमि पर तीन बार प्रहार किया। तब वह रुक गाय।
18. And he said H559 , Take H3947 the arrows H2671 . And he took H3947 them . And he said H559 unto the king H4428 of Israel H3478 , Smite H5221 upon the ground H776 . And he smote H5221 thrice H7969 H6471 , and stayed H5975 .
19. परमेश्वर का जन(एलीशा) योआश पर क्रोधित हुआ। एलीशा ने कहा, “तुम्हें पाँच या छः बार धरती पर प्रहार करना चाहिए था। तब तुम अराम को उसे नष्ट करने तक हराते! किन्तु अब तुम अराम को केवल तीन बार हराओगे!” PS
19. And the man H376 of God H430 was wroth H7107 with H5921 him , and said H559 , Thou shouldest have smitten H5221 five H2568 or H176 six H8337 times H6471 ; then H227 hadst thou smitten H5221 H853 Syria H758 till H5704 thou hadst consumed H3615 it : whereas now H6258 thou shalt smite H5221 H853 Syria H758 but thrice H7969 H6471 .
20. {एलीशा की कब्र पर एक अद्भुत बात होती है} PS एलीशा मरा और लोगों ने उसे दफनाया। PEPS एक बार बसन्त में मोआबी सैनिकों का एक दल इस्राएल आया।वे युद्ध में सामग्री लेने आए।
20. And Elisha H477 died H4191 , and they buried H6912 him . And the bands H1416 of the Moabites H4124 invaded H935 the land H776 at the coming in H935 of the year H8141 .
21. कुछ इस्राएली एक मरे व्यक्ति को दफना रहे थे और उन्होंने सैनिकों के उस दल को देखा। इस्राएलियों ने जल्दी में शव को एलीशा की कब्र में फेंका और वे भाग खड़े हुए। ज्योंही उस मरे व्यक्ति ने एलीशा की हड्डियों का स्पर्श किया, मरा व्यक्ति जीवित हो उठा और अपने पैरों पर खड़ा हो गया। PS
21. And it came to pass H1961 , as they H1992 were burying H6912 a man H376 , that, behold H2009 , they spied H7200 H853 a band H1416 of men ; and they cast H7993 H853 the man H376 into the sepulcher H6913 of Elisha H477 : and when the man H376 was let down H1980 , and touched H5060 the bones H6106 of Elisha H477 , he revived H2421 , and stood up H6965 on H5921 his feet H7272 .
22. {योआश इस्राएल के नगर वापस जीतता है} PS यहोआहाज के पूरे शासन काल में अराम के राजा हजाएल ने इस्राएल को परेशान किया।
22. But Hazael H2371 king H4428 of Syria H758 oppressed H3905 H853 Israel H3478 all H3605 the days H3117 of Jehoahaz H3059 .
23. किन्तु यहोवा इस्राएलियों पर दयालु था। यहोवा को दया आई और वह इस्रालियों की ओर हुआ। क्यों क्योंकि इब्राहीम, इसहाक और याकूब के साथ अपनी वाचा के कारण, यहोवा इस्राएलियों को अभी नष्ट करने के लिये तैयार नहीं था। उसने अभी तक उन्हें अपने से दूर नहीं फेंका था। PEPS
23. And the LORD H3068 was gracious H2603 unto them , and had compassion on H7355 them , and had respect H6437 unto H413 them, because H4616 of his covenant H1285 with H854 Abraham H85 , Isaac H3327 , and Jacob H3290 , and would H14 not H3808 destroy H7843 them, neither H3808 cast H7993 he them from H4480 H5921 his presence H6440 as H5704 yet H6258 .
24. अराम का राजा हजाएल मरा और उसके बाद बेन्हदद नया राजा बना।
24. So Hazael H2371 king H4428 of Syria H758 died H4191 ; and Ben H1130 -hadad his son H1121 reigned H4427 in his stead H8478 .
25. मरने के पहले हजाएल ने योआश के पिता यहोआहाज से युद्ध में कुछ नगर लिये थे। किन्तु अब यहोआहाज ने हजाएल के पुत्र बेन्हदद से वे नगर वापस ले लिये। योआश ने बेन्हदद को तीन बार हराया और इस्राएल के नगरों को वापस लिया। PE
25. And Jehoash H3060 the son H1121 of Jehoahaz H3059 took H3947 again H7725 out of the hand H4480 H3027 of Ben H1130 -hadad the son H1121 of Hazael H2371 H853 the cities H5892 , which H834 he had taken H3947 out of the hand H4480 H3027 of Jehoahaz H3059 his father H1 by war H4421 . Three H7969 times H6471 did Joash H3101 beat H5221 him , and recovered H7725 H853 the cities H5892 of Israel H3478 .
Copy Rights © 2023: biblelanguage.in; This is the Non-Profitable Bible Word analytical Website, Mainly for the Indian Languages. :: About Us .::. Contact Us
×

Alert

×