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1. {यहूदियों की विजय} PS लोगों को (अदार) नाम के बारहवें महीने की तेरह तारीख को राजा की आज्ञा को पूरा करना था। यह वही दिन था जिस दिन यहूदियों के विरोधियों को उन्हें पराजित करने की आशा थी। किन्तु अब तो स्थिति बदल चुकी थी। अब तो यहूदी अपने उन शत्रुओं से अधिक प्रबल थे जो उन्हें घृणा किया करते थे।
1. Now in the twelfth H8147 H6240 month H2320 , that H1931 is , the month H2320 Adar H143 , on the thirteenth H7969 H6240 day H3117 of the same, when H834 the king H4428 's commandment H1697 and his decree H1881 drew near H5060 to be put in execution H6213 , in the day H3117 that H834 the enemies H341 of the Jews H3064 hoped H7663 to have power H7980 over them, (though it H1931 was turned to the contrary H2015 , that H834 the Jews H3064 had rule over H7980 them H1992 that hated H8130 them;)
2. महाराजा क्षयर्ष के सभी प्रांतों के नगरों में यहूदी परस्पर एकत्र हुए। यहूदी आपस में इसलिए एकजुट हो गये कि जो लोग उन्हें नष्ट करना चाहते हैं, उन पर आक्रमण करने के लिये वे पर्याप्त सशस्त्र हो जायें। इस प्रकार उनके विरोध में कोई भी अधिक शक्तिशाली नहीं रहा। लोग यहूदियों से डरने लगे।
2. The Jews H3064 gathered themselves together H6950 in their cities H5892 throughout all H3605 the provinces H4082 of the king H4428 Ahasuerus H325 , to lay H7971 hand H3027 on such as sought H1245 their hurt H7451 : and no H3808 man H376 could withstand H5975 them; for H3588 the fear H6343 of them fell H5307 upon H5921 all H3605 people H5971 .
3. प्रांतों के सभी हाकिम, मुखिया, राज्यपाल और राजा के प्रबन्ध अधिकारी यहूदियों की सहायता करने लगे। वे सभी अधिकारी यहूदियों की सहायता इसलिए किया करते थे कि वे मोर्दकै से डरते थे।
3. And all H3605 the rulers H8269 of the provinces H4082 , and the lieutenants H323 , and the deputies H6346 , and officers H6213 H4399 of H834 the king H4428 , helped H5375 H853 the Jews H3064 ; because H3588 the fear H6343 of Mordecai H4782 fell H5307 upon H5921 them.
4. राजा के महल में मोर्दकै एक अति महत्वपूर्ण व्यक्ति बन गया। सभी प्रांतों में हर कोई उसका नाम जानता था और जानता था कि वह कितना महत्वपूर्ण है। सो मोर्दकै अधिक शक्तिशाली होता चला गया। PEPS
4. For H3588 Mordecai H4782 was great H1419 in the king H4428 's house H1004 , and his fame H8089 went out H1980 throughout all H3605 the provinces H4082 : for H3588 this man H376 Mordecai H4782 waxed H1980 greater and greater H1419 .
5. यहूदियों ने अपने सभी शत्रुओं को पराजित कर दिया। अपने शत्रुओं को मारने और नष्ट करने के लिए वे तलवारों का प्रयोग किया करते थे। जो लोग यहूदियों से घृणा करते थे, उनके साथ यहूदी जैसा चाहते, वैसा व्यवहार करते।
5. Thus the Jews H3064 smote H5221 all H3605 their enemies H341 with the stroke H4347 of the sword H2719 , and slaughter H2027 , and destruction H12 , and did H6213 what they would H7522 unto those that hated H8130 them.
6. शूशन की राजधानी नगरी में यहूदियों ने पाँच सौ लोगों को मार कर नष्ट कर दिया।
6. And in Shushan H7800 the palace H1002 the Jews H3064 slew H2026 and destroyed H6 five H2568 hundred H3967 men H376 .
7. यहूदियों ने जिन लोगों की हत्या की थी उनमें ये लोग भी शामिल थे: पर्शन्दाता, दल्पोन, अस्पाता,
7. And Parshandatha H6577 , and Dalphon H1813 , and Aspatha H630 ,
8. पोराता, अदल्या, अरीदाता,
8. And Poratha H6334 , and Adalia H118 , and Aridatha H743 ,
9. पर्मशता, अरीसै, अरीदै और वैजाता।
9. And Parmashta H6534 , and Arisai H747 , and Aridai H742 , and Vajezatha H2055 ,
10. ये दस लोग हामान के पुत्र थे। हम्मदाता का पुत्र हामान यहूदियों का बैरी था। यहूदियों ने उन सभी पुरुषों को मार तो दिया किन्तु उन्होंने उनकी सम्पत्ति नहीं ली। PEPS
10. The ten H6235 sons H1121 of Haman H2001 the son H1121 of Hammedatha H4099 , the enemy H6887 of the Jews H3064 , slew H2026 they ; but on the spoil H961 laid H7971 they not H3808 H853 their hand H3027 .
11. जब राजा ने शूशन की राजधानी नगरी में मारे गये पाँच सौ व्यक्तियों के बारे में सुना तो
11. On that H1931 day H3117 the number H4557 of those that were slain H2026 in Shushan H7800 the palace H1002 was brought H935 before H6440 the king H4428 .
12. उसने महारानी एस्तेर से कहा, “शूशन नगर में यहूदियों ने पाँच सौ व्यक्तियों को मार डाला है तथा उन्होंने शूशन में हामान के दस पुत्रों की भी हत्या कर दी है। कौन जाने राजा के अन्य प्रांतों में क्या हो रहा है? अब मुझे बताओ तुम और क्या कराना चाहती हो? जो कहो मैं उसे पूरा कर दूँगा।” PEPS
12. And the king H4428 said H559 unto Esther H635 the queen H4436 , The Jews H3064 have slain H2026 and destroyed H6 five H2568 hundred H3967 men H376 in Shushan H7800 the palace H1002 , and the ten H6235 sons H1121 of Haman H2001 ; what H4100 have they done H6213 in the rest H7605 of the king H4428 's provinces H4082 ? now what H4100 is thy petition H7596 ? and it shall be granted H5414 thee : or what H4100 is thy request H1246 further H5750 ? and it shall be done H6213 .
13. एस्तेर ने कहा, “यदि ऐसा करने के लिये महाराज प्रसन्न हैं तो यहूदियों को यह करने की अनुमति दी जाये: शूशन में कल भी यहूदियों को राजा की आज्ञा पूरी करने दी जाये, और हामान के दसों पुत्रों को फाँसी के खम्भे पर लटका दिया जाये।” PEPS
13. Then said H559 Esther H635 , If H518 it please H2895 H5921 the king H4428 , let it be granted H5414 to the Jews H3064 which H834 are in Shushan H7800 to do H6213 tomorrow H4279 also H1571 according unto this day H3117 's decree H1881 , and let Haman H2001 's ten H6235 sons H1121 be hanged H8518 upon H5921 the gallows H6086 .
14. सो राजा ने यह आदेश दे दिया कि शूशन में कल भी राजा का यह आदेश लागू रहे और उन्होंने हामान के दसों पुत्रों को फाँसी पर लटका दिया।
14. And the king H4428 commanded H559 it so H3651 to be done H6213 : and the decree H1881 was given H5414 at Shushan H7800 ; and they hanged H8518 Haman H2001 's ten H6235 sons H1121 .
15. आदार महीने की चौदहवीं तारीख को शूशन में यहूदी एकत्रित हुए। फिर उन्होंने वहाँ तीन सौ पुरुषों को मौत के घाट उतार दिया किन्तु उन्होंने उन तीन सौ लोगों की सम्पत्ति को नहीं लिया। PEPS
15. For the Jews H3064 that H834 were in Shushan H7800 gathered themselves together H6950 on the fourteenth H702 H6240 day H3117 also H1571 of the month H2320 Adar H143 , and slew H2026 three H7969 hundred H3967 men H376 at Shushan H7800 ; but on the prey H961 they laid H7971 not H3808 H853 their hand H3027 .
16. उसी अक्सर पर राजा के अन्य प्रांतों में रहने वाले यहूदी भी परस्पर एकत्र हुए। वे इसलिए एकत्र हुए कि अपना बचाव करने के लिये वे पर्याप्त बलशाली हो जायें और इस तरह उन्होंने अपने शत्रुओं से छुटकारा पा लिया। यहूदियों ने अपने पचहत्तर हजार शत्रुओं को मौत के घाट उतार दिया। किन्तु उन्होंने जिन शत्रुओं की हत्या की थी, उनकी किसी भी वस्तु को ग्रहण नहीं किया।
16. But the other H7605 Jews H3064 that H834 were in the king H4428 's provinces H4082 gathered themselves together H6950 , and stood H5975 for H5921 their lives H5315 , and had rest H5117 from their enemies H4480 H341 , and slew H2026 of their foes H8130 seventy H7657 and five H2568 thousand H505 , but they laid H7971 not H3808 H853 their hands H3027 on the prey H961 ,
17. यह अदार नाम के महीने की तेरहवीं तारीख को हुआ और फिर चौतहवीं तारीख को यहूदियों ने विश्राम किया। यहूदियों ने उस दिन को एक खुशी भरे छुट्टी के दिन के रूप में बना दिया। PS
17. On the thirteenth H7969 H6240 day H3117 of the month H2320 Adar H143 ; and on the fourteenth H702 H6240 day of the same rested H5117 they , and made H6213 it a day H3117 of feasting H4960 and gladness H8057 .
18. {पूरीम का त्यौहार} PS आदार महीने की तेरहवीं तारीख को शूशन में यहूदी परस्पर एकत्र हुए। फिर पन्द्रहवीं तारीख को उन्होंने विश्राम किया। उन्होंने पन्द्रहवीं तारीख को फिर एक खुशी भरी छुट्टी का दिन बना दिया।
18. But the Jews H3064 that H834 were at Shushan H7800 assembled together H6950 on the thirteenth H7969 H6240 day thereof , and on the fourteenth H702 H6240 thereof ; and on the fifteenth H2568 H6240 day of the same they rested H5117 , and made H6213 it a day H3117 of feasting H4960 and gladness H8057 .
19. इसी कारण उस ग्राम्य प्रदेश के छोटे छोटे गाँवों में रहने वाले यहूदियों ने चौदहवीं तारीख को खुशियों भरी छुट्टी के रूप में रखा। उस दिन उन्होंने आपस में एक दूसरे को भोज दिये। PEPS
19. Therefore H5921 H3651 the Jews H3064 of the villages H6521 , that dwelt H3427 in the unwalled H6519 towns H5892 , made H6213 H853 the fourteenth H702 H6240 day H3117 of the month H2320 Adar H143 a day of gladness H8057 and feasting H4960 , and a good H2896 day H3117 , and of sending H4916 portions H4490 one H376 to another H7453 .
20. जो कुछ घटा था, उसकी हर बात को मोर्दकै ने लिख लिया और फिर उसे महाराजा क्षयर्ष के सभी प्रांतों में बसे यहूदियों को एक पत्र के रूप में भेज दिया। दूर पास सब कहीं उसने पत्र भेजें।
20. And Mordecai H4782 wrote H3789 H853 these H428 things H1697 , and sent H7971 letters H5612 unto H413 all H3605 the Jews H3064 that H834 were in all H3605 the provinces H4082 of the king H4428 Ahasuerus H325 , both nigh H7138 and far H7350 ,
21. मोर्दकै ने यहूदियों को यह बताने के लिए ऐसा किया कि वे हर साल अदार महीने की चौदहवीं और पन्द्रहवीं तारीख को पूरीम का उत्सव मनाया करें।
21. To establish H6965 this among H5921 them , that they should H1961 keep H6213 H853 the fourteenth H702 H6240 day H3117 of the month H2320 Adar H143 , and the fifteenth H2568 H6240 day H3117 of the same, yearly H3605 H8141 H8141 ,
22. यहूदियों को इन दिनों को पर्व के रूप में इसलिए मनाना था कि उन्हीं दिनों यहूदियों ने अपने शत्रुओं से छुटकारा पाया था। उन्हें उस महीने को इसलिए भी मनाना था कि यही वह महीना था जब उनका दु:ख उनके आनन्द में बदल गया था। वही यह महीना था जब उनका रोना—धोना एक उत्सव के दिन के रूप में बदल गया था। मोर्दकै ने सभी यहूदियों को पत्र लिखा। उसने उन लोगों से कहा कि वे उन दिनों को उत्सव के रूप में मनाएँ। यह समय एक ऐसा समय हो जब लोग आपस में एक दूसरे को उत्तम भोजन अर्पित करें तथा गरीब लोगों को उपहार दें। PEPS
22. As the days H3117 wherein H834 the Jews H3064 rested H5117 from their enemies H4480 H341 , and the month H2320 which H834 was turned H2015 unto them from sorrow H4480 H3015 to joy H8057 , and from mourning H4480 H60 into a good H2896 day H3117 : that they should make H6213 them days H3117 of feasting H4960 and joy H8057 , and of sending H4916 portions H4490 one H376 to another H7453 , and gifts H4979 to the poor H34 .
23. इस प्रकार मोर्दकै ने यहूदियों को जो लिखा था, वे उसे मानने को तैयार हो गये। वे इस बात पर सहमत हो गये कि उन्होंने जिस उत्सव का आरम्भ किया है, वे उसे मनाते रहेंगे। PEPS
23. And the Jews H3064 undertook H6901 to do H6213 H853 as H834 they had begun H2490 , and as H834 Mordecai H4782 had written H3789 unto H413 them;
24. हम्मदाता अगागी का पुत्र हामान यहूदियों का शत्रु था। उसने यहूदियों के विनाश के लिए एक षड़यन्त्र रचा था। हामान ने यहूदियों को नष्ट और बर्बाद कर डालने के लिए कोई एक दिन निश्चित करने के वास्ते पासा भी फेंका था। उन दिनों इस पासे को “पुर” कहा जाता था। इसीलिए इस उत्सव का नाम “पूरीम” रखा गया।
24. Because H3588 Haman H2001 the son H1121 of Hammedatha H4099 , the Agagite H91 , the enemy H6887 of all H3605 the Jews H3064 , had devised H2803 against H5921 the Jews H3064 to destroy H6 them , and had cast H5307 Pur H6332 , that H1931 is , the lot H1486 , to consume H2000 them , and to destroy H6 them;
25. किन्तु एस्तेर राजा के पास गयी और उसने उससे बातचीत की। इसीलिये राजा ने नये आदेश जारी कर दिये। यहूदियों के विरुद्ध हामान ने जो षड़यन्त्र रचा था, उसे रोकने के लिये राजा ने अपने आदेश पत्र जारी किये। राजा ने उन ही बुरी बातों को हामान और उसके परिवार का साथ घटा दिया। उन आदेशों में कहा गया था कि हामान और उसके पुत्रों को फाँसी पर लटका दिया जाये। PEPS
25. But when Esther came H935 before H6440 the king H4428 , he commanded H559 by H5973 letters H5612 that his wicked H7451 device H4284 , which H834 he devised H2803 against H5921 the Jews H3064 , should return H7725 upon H5921 his own head H7218 , and that he and his sons H1121 should be hanged H8518 on H5921 the gallows H6086 .
26. (26-27) इसलिये ये दिन कहलाये। “पूरीम” नाम “पूर” शब्द से बना है (जिसका अर्थ है लाटरी) और इसलिए यहूदियों ने हर वर्ष इन दो दिनों को उत्सव के रूप में मनाने की शुरुआत करने का निश्चय किया। उन्होंने यह इसलिए किया ताकि अपने साथ होते हुए जो बातें उन्होंने देखी थी, उन्हें याद रखने में उनको मदद मिले। यहूदियों और उन दूसरे सभी लोगों को, जो यहूदियों में मिले थे, हर साल इन दो दिनों को ठीक उसी रीति और उसी समय मनाना था जिसका निर्देश मोर्दकै ने अपने आदेशपत्र में किया था।
26. Wherefore H5921 H3651 they called H7121 these H428 days H3117 Purim H6332 after H5921 the name H8034 of Pur H6332 . Therefore H5921 H3651 for H5921 all H3605 the words H1697 of this H2063 letter H107 , and of that which H4100 they had seen H7200 concerning H5921 this matter H3602 , and which H4100 had come H5060 unto H413 them,
27. ये दो दिन हर पीढ़ी को और हर परिवार को याद रखने चाहिए और मनाये जाना चाहिए। इन्हें हर प्रांत और हर नगर में निश्चयपूर्वक मनाया जाना चाहिए। यहूदियों को इन्हें मनाना कभी नहीं छोड़ना चाहिए। यहूदियों के वंशजों को चाहिए कि वे पूरीम के इन दो दिनों को मनाना सदा याद रखें। PEPS
27. The Jews H3064 ordained H6965 , and took H6901 upon H5921 them , and upon H5921 their seed H2233 , and upon H5921 all H3605 such as joined themselves H3867 unto H5921 them , so as it should not H3808 fail H5674 , that they would keep H6213 H853 these H428 two H8147 days H3117 according to their writing H3791 , and according to their appointed H2165 every H3605 year H8141 H8141 ;
28. पूरीम के बारे में सुनिश्चित करने के लिये महारानी एस्तेर और यहूदी मोर्दकै ने यह दूसरा पत्र लिखा। एस्तेर अबीहैल की पुत्री थी। वह पत्र सच्चा था, इसे प्रमाणित करने के लिये उन्होंने इसे राजा के सम्पूर्ण अधिकार के साथ लिखा।
28. And that these H428 days H3117 should be remembered H2142 and kept H6213 throughout every H3605 generation H1755 H1755 , every family H4940 H4940 , every province H4082 H4082 , and every city H5892 H5892 ; and that these H428 days H3117 of Purim H6332 should not H3808 fail H5674 from among H4480 H8432 the Jews H3064 , nor H3808 the memorial H2143 of them perish H5486 from their seed H4480 H2233 .
29. सो महाराजा क्षयर्ष के राज्य के एक सौ सत्ताईस प्रांतों में सभी यहूदियों के पास मोर्दकै ने पत्र भिजवाये। मोर्दकै ने शांति और सत्य का एक सन्देश लिखा।
29. Then Esther H635 the queen H4436 , the daughter H1323 of Abihail H32 , and Mordecai H4782 the Jew H3064 , wrote H3789 with H854 all H3605 authority H8633 , to confirm H6965 H853 this H2063 second H8145 letter H107 of Purim H6332 .
30. मोर्दकै ने पूरीम के उत्सव को शुरु करने के बारे में लिखा। इन दिनों को उनके निश्चित समय पर ही मनाया जाना था। यहूदी मोर्दकै और महारानी एस्तेर ने इन दो दिन के उत्सव को अपने लिये और अपनी संतानों के लिए निर्धारित किया। उन्होंने ये दो दिन निश्चित किये ताकि यहूदी उपवास और विलाप करें।
30. And he sent H7971 the letters H5612 unto H413 all H3605 the Jews H3064 , to H413 the hundred H3967 twenty H6242 and seven H7651 provinces H4082 of the kingdom H4438 of Ahasuerus H325 , with words H1697 of peace H7965 and truth H571 ,
31. एस्तेर के पत्र ने पूरीम के विषय में इन नियमों की स्थापना की और पूरीम के इन नियमों को पुस्तकों में लिख दिया गया। PE
31. To confirm H6965 H853 these H428 days H3117 of Purim H6332 in their times H2165 appointed , according as H834 Mordecai H4782 the Jew H3064 and Esther H635 the queen H4436 had enjoined H6965 H5921 them , and as H834 they had decreed H6965 for H5921 themselves H5315 and for H5921 their seed H2233 , the matters H1697 of the fastings H6685 and their cry H2201 .
32.
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