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1. इस तरह पृथ्वी, आकाश और उसकी प्रत्येक वस्तु की रचना पूरी हुई।
1. Thus the heavens H8064 and the earth H776 were finished H3615 , and all H3605 the host H6635 of them.
2. परमेश्वर ने अपने किए जा रहे काम को पूरा कर लिया। अतः सातवें दिन परमेश्वर ने अपने काम से विश्राम किया।
2. And on the seventh H7637 day H3117 God H430 ended H3615 his work H4399 which H834 he had made H6213 ; and he rested H7673 on the seventh H7637 day H3117 from all H4480 H3605 his work H4399 which H834 he had made H6213 .
3. परमेश्वर ने सातवें दिन को आशीषित किया और उसे पवित्र दिन बना दिया। परमेश्वर ने उस दिन को पवित्र दिन इसलिए बनाया कि संसार को बनाते समय जो काम वह कर रहा था उन सभी कार्यों से उसने उस दिन विश्राम किया। PS
3. And God H430 blessed H1288 H853 the seventh H7637 day H3117 , and sanctified H6942 it: because H3588 that in it he had rested H7673 from all H4480 H3605 his work H4399 which H834 God H430 created H1254 and made H6213 .
4. {मानव जाति का आरम्भ} PS यह पृथ्वी और आकाश का इतिहास है। यह कथा उन चीज़ों की है, जो परमेश्वर द्वारा पृथ्वी और आकाश बनाते समय, घटित हुई।
4. These H428 are the generations H8435 of the heavens H8064 and of the earth H776 when they were created H1254 , in the day H3117 that the LORD H3068 God H430 made H6213 the earth H776 and the heavens H8064 ,
5. तब पृथ्वी पर कोई पेड़ पौधा नहीं था और खेतों में कुछ भी नहीं उग रहा था, क्योंकि यहोवा ने तब तक पृथ्वी पर वर्षा नहीं भेजी थी तथा पेड़ पौधों की देख—भाल करने वाला कोई व्यक्ति भी नहीं था। PEPS
5. And every H3605 plant H7880 of the field H7704 before H2962 it was H1961 in the earth H776 , and every H3605 herb H6212 of the field H7704 before H2962 it grew H6779 : for H3588 the LORD H3068 God H430 had not H3808 caused it to rain H4305 upon H5921 the earth H776 , and there was not H369 a man H120 to till H5647 H853 the ground H127 .
6. परन्तु कोहरा पृथ्वी से उठता था और जल सारी पृथ्वी को सींचता था।
6. But there went up H5927 a mist H108 from H4480 the earth H776 , and watered H8248 H853 the whole H3605 face H6440 of the ground H127 .
7. तब यहोवा परमेश्वर ने पृथ्वी से धूल उठाई और मनुष्य को बनाया। यहोवा ने मनुष्य की नाक में जीवन की साँस फूँकी और मनुष्य एक जीवित प्राणी बन गया।
7. And the LORD H3068 God H430 formed H3335 H853 man H120 of the dust H6083 of H4480 the ground H127 , and breathed H5301 into his nostrils H639 the breath H5397 of life H2416 ; and man H120 became H1961 a living H2416 soul H5315 .
8. तब यहोवा परमेश्वर ने पूर्व में अदन नामक जगह में एक बाग लगाया। यहोवा परमेश्वर ने अपने बनाए मनुष्य को इसी बाग में रखा।
8. And the LORD H3068 God H430 planted H5193 a garden H1588 eastward H4480 H6924 in Eden H5731 ; and there H8033 he put H7760 H853 the man H120 whom H834 he had formed H3335 .
9. यहोवा परमेश्वर ने हर एक सुन्दर पेड़ और भोजन के लिए सभी अच्छे पेड़ों को उस बाग में उगाया। बाग के बीच में परमेश्वर ने जीवन के पेड़ को रखा और उस पेड़ को भी रखा जो अच्छे और बुरे की जानकारी देता है। PEPS
9. And out of H4480 the ground H127 made the LORD H3068 God H430 to grow H6779 every H3605 tree H6086 that is pleasant H2530 to the sight H4758 , and good H2896 for food H3978 ; the tree H6086 of life H2416 also in the midst H8432 of the garden H1588 , and the tree H6086 of knowledge H1847 of good H2896 and evil H7451 .
10. अदन से होकर एक नदी बहती थी और वह बाग़ को पानी देती थी। वह नदी आगे जाकर चार छोटी नदियाँ बन गई।
10. And a river H5104 went out H3318 of Eden H4480 H5731 to water H8248 H853 the garden H1588 ; and from thence H4480 H8033 it was parted H6504 , and became H1961 into four H702 heads H7218 .
11. पहली नदी का नाम पीशोन है। यह नदी हवीला प्रदेश के चारों ओर बहती है।
11. The name H8034 of the first H259 is Pison H6376 : that is it H1931 which compasseth H5437 H853 the whole H3605 land H776 of Havilah H2341 , where H834 H8033 there is gold H2091 ;
12. (उस प्रदेश में सोना है और वह सोना अच्छा है। मोती और गोमेदक रत्न उस प्रदेश में हैं।)
12. And the gold H2091 of that H1931 land H776 is good H2896 : there H8033 is bdellium H916 and the onyx H7718 stone H68 .
13. दूसरी नदी का नाम गीहोन है जो सारे कूश प्रदेश के चारों ओर बहती है।
13. And the name H8034 of the second H8145 river H5104 is Gihon H1521 : the same H1931 is it that compasseth H5437 H853 the whole H3605 land H776 of Ethiopia H3568 .
14. तीसरी नदी का नाम दजला है। यह नदी अश्शूर के पूर्व में बहती है। चौथी नदी फरात है। PEPS
14. And the name H8034 of the third H7992 river H5104 is Hiddekel H2313 : that is it H1931 which goeth H1980 toward the east H6926 of Assyria H804 . And the fourth H7243 river H5104 is Euphrates H6578 .
15. यहोवा ने मनुष्य को अदन के बाग में रखा। मनुष्य का काम पेड़—पौधे लगाना और बाग की देख—भाल करना था।
15. And the LORD H3068 God H430 took H3947 H853 the man H120 , and put H5117 him into the garden H1588 of Eden H5731 to dress H5647 it and to keep H8104 it.
16. यहोवा परमेश्वर ने मनुष्य को आज्ञा दी, “तुम बग़ीचे के किसी भी पेड़ से फल खा सकते हो।
16. And the LORD H3068 God H430 commanded H6680 H5921 the man H120 , saying H559 , Of every H4480 H3605 tree H6086 of the garden H1588 thou mayest freely eat H398 H398 :
17. लेकिन तुम अच्छे और बुरे की जानकारी देने वाले पेड़ का फल नहीं खा सकते। यदि तुमने उस पेड़ का फल खा लिया तो तुम मर जाओगे।” PS
17. But of the tree H4480 H6086 of the knowledge H1847 of good H2896 and evil H7451 , thou shalt not H3808 eat H398 of H4480 it: for H3588 in the day H3117 that thou eatest H398 thereof H4480 thou shalt surely die H4191 H4191 .
18. {पहली स्त्री} PS तब यहोवा परमेश्वर ने कहा, “मैं समझता हूँ कि मनुष्य का अकेला रहना ठीक नहीं है। मैं उसके लिए एक सहायक बनाऊँगा जो उसके लिए उपयुक्त होगा।” PEPS
18. And the LORD H3068 God H430 said H559 , It is not H3808 good H2896 that the man H120 should be H1961 alone H905 ; I will make H6213 him a help H5828 meet for him H5048 .
19. यहोवा ने पृथ्वी के हर एक जानवर और आकाश के हर एक पक्षी को भूमि की मिट्टी से बनाया। यहोवा इन सभी जीवों को मनुष्य के सामने लाया और मनुष्य ने हर एक का नाम रखा।
19. And out of H4480 the ground H127 the LORD H3068 God H430 formed H3335 every H3605 beast H2416 of the field H7704 , and every H3605 fowl H5775 of the air H8064 ; and brought H935 them unto H413 Adam H121 to see H7200 what H4100 he would call H7121 them : and whatsoever H3605 H834 Adam H121 called H7121 every living H2416 creature H5315 , that H1931 was the name H8034 thereof.
20. मनुष्य ने पालतू जानवरों, आकाश के सभी पक्षियों और जंगल के सभी जानवरों का नाम रखा। मनुष्य ने अनेक जानवर और पक्षी देखे लेकिन मनुष्य कोई ऐसा सहायक नहीं पा सका जो उसके योग्य हो।
20. And Adam H121 gave H7121 names H8034 to all H3605 cattle H929 , and to the fowl H5775 of the air H8064 , and to every H3605 beast H2416 of the field H7704 ; but for Adam H121 there was not H3808 found H4672 a help H5828 meet for him H5048 .
21. अतः यहोवा परमेश्वर ने मनुष्य को गहरी नींद में सुला दिया और जब वह सो रहा था, यहोवा परमेश्वर ने मनुष्य के शरीर से एक प्सली निकाल ली। तब यहोवा ने मनुष्य की उस त्वचा को बन्द कर दिया जहाँ से उसने पसली निकाली थी।
21. And the LORD H3068 God H430 caused a deep sleep H8639 to fall H5307 upon H5921 Adam H121 , and he slept H3462 : and he took H3947 one H259 of his ribs H4480 H6763 , and closed up H5462 the flesh H1320 instead H8478 thereof;
22. यहोवा परमेश्वर ने मनुष्य की पसली से स्त्री की रचना की। तब यहोवा परमेश्वर स्त्री को मनुष्य के पास लाए।
22. And H853 the rib H6763 , which H834 the LORD H3068 God H430 had taken H3947 from H4480 man H120 , made H1129 he a woman H802 , and brought H935 her unto H413 the man H120 .
23. और मनुष्य से कहा, “अन्तत! हमारे समाने एक व्यक्ति।
इसकी हड्डियाँ मेरी हड्डियों से आई
इसका शरीर मेरे शरीर से आया।
क्योंकि यह मनुष्य से निकाली गई,
इसलिए मैं इसे स्त्री कहूँगा।” PS
23. And Adam H121 said H559 , This H2063 is now H6471 bone H6106 of my bones H4480 H6106 , and flesh H1320 of my flesh H4480 H1320 : she H2063 shall be called H7121 Woman H802 , because H3588 she H2063 was taken H3947 out of Man H4480 H376 .
24. इसलिए पुरुष अपने माता—पिता को छोड़कर अपनी पत्नी के साथ रहेगा और वे दोनों एक तन हो जाएगे। PEPS
24. Therefore H5921 H3651 shall a man H376 leave H5800 H853 his father H1 and his mother H517 , and shall cleave H1692 unto his wife H802 : and they shall be H1961 one H259 flesh H1320 .
25. मनुष्य और उसकी पत्नी बाग में नंगे थे, परन्तु वे लजाते नहीं थे। PE
25. And they were H1961 both H8147 naked H6174 , the man H120 and his wife H802 , and were not H3808 ashamed H954 .
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