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1. {इस्राएल गोशेन में बसता है} PS यूसुफ फ़िरौन के पास गया और उसने कहा, “मेरे पिता, मेरे भाई और उनके सब परिवार यहाँ गए हैं। वे अपने सभी जानवर तथा कनान में उनका अपना जो कुछ था, उसके साथ हैं। इस समय वे गीशोन प्रदेश में हैं।”
1. Then Joseph H3130 came H935 and told H5046 Pharaoh H6547 , and said H559 , My father H1 and my brethren H251 , and their flocks H6629 , and their herds H1241 , and all H3605 that H834 they have , are come H935 out of the land H4480 H776 of Canaan H3667 ; and, behold H2009 , they are in the land H776 of Goshen H1657 .
2. यूसुफ ने अपने भाईयों में से पाँच को फ़िरौन के सामने अपने साथ रहने के लिए चुना। PEPS
2. And he took H3947 some H4480 H7097 of his brethren H251 , even five H2568 men H376 , and presented H3322 them unto H6440 Pharaoh H6547 .
3. फ़िरौन ने भाईयों से पूछा, “तुम लोग क्या काम करते हो?” PEPS भाईयों ने फ़िरौन से कहा, “मान्यवर, हम लोग चरवाहे हैं। हम लोगों से पहले हमारे पूर्वज भी चरवाहे थे।”
3. And Pharaoh H6547 said H559 unto H413 his brethren H251 , What H4100 is your occupation H4639 ? And they said H559 unto H413 Pharaoh H6547 , Thy servants H5650 are shepherds H7462 H6629 , both H1571 we H587 , and also H1571 our fathers H1 .
4. उन्होंने फ़िरौन से कहा, “कनान में भूखमरी का यह समय बहुत बुरा है। हम लोगों के जानवरों के लिए घास वाला कोई भी खेत बचा नहीं रह गया है। इसलिए हम लोग इस देश में रहने आएं हैं। आपसे हम लोग प्रार्थना करते हैं कि आप कृपा करके हम लोगों को गीशोन प्रदेश में रहने दें।” PEPS
4. They said H559 moreover unto H413 Pharaoh H6547 , For to sojourn H1481 in the land H776 are we come H935 ; for H3588 H834 thy servants H5650 have no H369 pasture H4829 for their flocks H6629 ; for H3588 the famine H7458 is sore H3515 in the land H776 of Canaan H3667 : now H6258 therefore , we pray thee H4994 , let thy servants H5650 dwell H3427 in the land H776 of Goshen H1657 .
5. तब फ़िरौन ने यूसुफ से कहा, “तुम्हारे पिता और तुम्हारे भाई तुम्हारे पास आए हैं।
5. And Pharaoh H6547 spoke H559 unto H413 Joseph H3130 , saying H559 , Thy father H1 and thy brethren H251 are come H935 unto H413 thee:
6. तुम मिस्र में कोई भी स्थान उनके रहने के लिए चुन सकते हो। अपने पिता और अपने भाईयों को सबसे अच्छी भूमि दी। उन्हें गीशोन प्रदेश में रहने दी और यदि ये कुशल चरवाहे है, तो वे मेरे जानवरों की भी देखभाल कर सकते हैं।” PEPS
6. The land H776 of Egypt H4714 is before H6440 thee ; in the best H4315 of the land H776 make H853 thy father H1 and brethren H251 to dwell H3427 ; in the land H776 of Goshen H1657 let them dwell H3427 : and if H518 thou knowest H3045 any men H376 of activity H2428 among them , then make H7760 them rulers H8269 over my H5921 H834 cattle H4735 .
7. तब यूसुफ ने अपने पिता याकूब को अन्दर फ़िरौन के सामने बुलाया। याकूब ने फिरौन को आशीर्वाद दिया। PEPS
7. And Joseph H3130 brought in H935 H853 Jacob H3290 his father H1 , and set H5975 him before H6440 Pharaoh H6547 : and Jacob H3290 blessed H1288 H853 Pharaoh H6547 .
8. तब फ़िरौन ने याकूब से पूछा, “आपको उम्र क्या है?” PEPS
8. And Pharaoh H6547 said H559 unto H413 Jacob H3290 , How H4100 old H3117 H8141 H2416 art thou?
9. याकूब ने फ़िरौन से कहा, “बहुत से कष्टों के साथ मेरा छोटा जीवन रहा। मैं केवल एक सौ तीस वर्ष जीवन बिताया हूँ। मेरे पिता और उनके पिता मुझसे अधिक उम्र तक जीवित रहे।” PEPS
9. And Jacob H3290 said H559 unto H413 Pharaoh H6547 , The days H3117 of the years H8141 of my pilgrimage H4033 are a hundred H3967 and thirty H7970 years H8141 : few H4592 and evil H7451 have the days H3117 of the years H8141 of my life H2416 been H1961 , and have not H3808 attained unto H5381 H853 the days H3117 of the years H8141 of the life H2416 of my fathers H1 in the days H3117 of their pilgrimage H4033 .
10. याकूब ने फ़िरौन को आशीर्वाद दिया। तब फिरौन से बिदा लेकर चल दिया। PEPS
10. And Jacob H3290 blessed H1288 H853 Pharaoh H6547 , and went out H3318 from before H4480 H6440 Pharaoh H6547 .
11. यूसुफ ने फ़िरौन का आदेश माना। उसने अपने पिता और भाईयों को मिस्र में भूमि दी। यह रामसेस नगर के निकट मिस्र में सबसे अच्छी भूमि थी।
11. And Joseph H3130 placed H3427 H853 his father H1 and his brethren H251 , and gave H5414 them a possession H272 in the land H776 of Egypt H4714 , in the best H4315 of the land H776 , in the land H776 of Rameses H7486 , as H834 Pharaoh H6547 had commanded H6680 .
12. यूसुफ ने अपने पिता, भाईयों और उनके अपने लोगों को जो भोजन उन्हें आवश्यक था, दिया।
12. And Joseph H3130 nourished H3557 H853 his father H1 , and his brethren H251 , and all H3605 his father H1 's household H1004 , with bread H3899 , according to H6310 their families H2945 .
13. {यूसुफ फ़िरौन के लिए भूमि खरीदता है} PS भूखमरी का समय और भी अधिक बुरा हो गया। देश में कहीं भी भोजन रहा। इस बुरे समय के कारण मिस्र और कनान बहुत गरीब हो गए।
13. And there was no H369 bread H3899 in all H3605 the land H776 ; for H3588 the famine H7458 was very H3966 sore H3515 , so that the land H776 of Egypt H4714 and all the land H776 of Canaan H3667 fainted H3856 by reason of H4480 H6440 the famine H7458 .
14. देश में लोग अधिक से अधिक अन्न खरीदने लगे। यूसुफ ने धन बचाया और उसे फ़िरौन के महल में लाया।
14. And Joseph H3130 gathered up H3950 H853 all H3605 the money H3701 that was found H4672 in the land H776 of Egypt H4714 , and in the land H776 of Canaan H3667 , for the corn H7668 which H834 they H1992 bought H7666 : and Joseph H3130 brought H935 H853 the money H3701 into Pharaoh H6547 's house H1004 .
15. कुछ समय बाद मिस्र और कनान में लोगों के पास पैसा नहीं रहा। उन्होंने अपना सारा धन अन्न खरीदने में खर्च कर दिया। इसलिए लोग यूसुफ के पास गए और बोले, “कृपा कर हमें भोजन दें। हम लोगों का धन समाप्त हो गया। यदि हम लोग नहीं खाएँगे तो आपके देखते—देखते हम मर जायेंगे।” PEPS
15. And when money H3701 failed H8552 in the land H4480 H776 of Egypt H4714 , and in the land H4480 H776 of Canaan H3667 , all H3605 the Egyptians H4714 came H935 unto H413 Joseph H3130 , and said H559 , Give H3051 us bread H3899 : for why H4100 should we die H4191 in thy presence H5048 ? for H3588 the money H3701 faileth H656 .
16. लेकिन यूसुफ ने उत्तर दिया, “अपने पशु मुझे दो और मैं तुम लोगों को भोजन दूँगा।”
16. And Joseph H3130 said H559 , Give H3051 your cattle H4735 ; and I will give H5414 you for your cattle H4735 , if H518 money H3701 fail H656 .
17. इसलिए लोग अपने पशु, घोड़े और अन्य सभी जानवरों को भोजन खरीदने के लिए उपयोग में लाने लगे और उस वर्ष यूसुफ ने उनके जानवरों को लिया तथा भोजन दिया। PEPS
17. And they brought H935 H853 their cattle H4735 unto H413 Joseph H3130 : and Joseph H3130 gave H5414 them bread H3899 in exchange for horses H5483 , and for the flocks H4735 H6629 , and for the cattle H4735 of the herds H1241 , and for the asses H2543 : and he fed H5095 them with bread H3899 for all H3605 their cattle H4735 for that H1931 year H8141 .
18. किन्तु दूसरे वर्ष लोगों के पास जानवर नहीं रह गए और भोजन खरीदने के लिए कुछ भी रहा। इसलिए लोग यूसुफ के पास गए और बोले, “आप जानते हैं कि हम लोगों के पास धन नहीं बचा है और हमारे सभी जानवर आपके हो गये हैं। इसलिए हम लोगों के पास कुछ नहीं बचा है। वह बचा है केवल, जो आप देखते हैं, हमारा शरीर और हमारी भूमि।
18. When that H1931 year H8141 was ended H8552 , they came H935 unto H413 him the second H8145 year H8141 , and said H559 unto him , We will not H3808 hide H3582 it from H4480 my lord H113 , how that H3588 H518 our money H3701 is spent H8552 ; my lord H113 also hath H413 our herds H4735 of cattle H929 ; there is not H3808 aught left H7604 in the sight H6440 of my lord H113 , but H1115 H518 our bodies H1472 , and our lands H127 :
19. आपके देखते हुए ही हम निश्चय ही मर जाएँगे। किन्तु यदि आप हमें भोजन देते हैं तो हम फ़िरौन को अपनी भूमि देंगे और उसके दास हो जाएँगे। हमें बीज दो जिन्हें हम बो सकें। तब हम लोग जीवित रहेंगे और मरेंगे नहीं और भूमि हम लोगों के लिए फिर अन्न उगाएगी।” PEPS
19. Wherefore H4100 shall we die H4191 before thine eyes H5869 , both H1571 we H587 and H1571 our land H127 ? buy H7069 us and our land H127 for bread H3899 , and we H587 and our land H127 will be H1961 servants H5650 unto Pharaoh H6547 : and give H5414 us seed H2233 , that we may live H2421 , and not H3808 die H4191 , that the land H127 be not desolate H3456 H3808 .
20. इसलिए यूसुफ ने मिस्र की सारी भूमि फ़िरौन के लिए खरीद ली। मिस्र के सभी लोगों ने अपने खेतों को यूसुफ के हाथ बेच दिया। उन्होंने यह इसलिए किया क्योंकि वे बहुत भूखे थे।
20. And Joseph H3130 bought H7069 H853 all H3605 the land H127 of Egypt H4714 for Pharaoh H6547 ; for H3588 the Egyptians H4714 sold H4376 every man H376 his field H7704 , because H3588 the famine H7458 prevailed H2388 over H5921 them : so the land H776 became H1961 Pharaoh H6547 's.
21. और सभी लोग फ़िरौन के दास हो गए। मिस्र में सर्वत्र लोग फ़िरौन के दास थे।
21. And as for the people H5971 , he removed H5674 them to cities H5892 from one end H4480 H7097 of the borders H1366 of Egypt H4714 even to H5704 the other end H7097 thereof.
22. एक मात्र वही भूमि यूसुफ ने नहीं खरीदी जो याजकों के अधिकार में थी, क्योंकि फ़िरौन उनके काम के लिए उन्हें वेतन देता था। इसलिए उन्होंने इस धन को खाने के लिए भोजन खरीदने में व्यर्थ किया। PEPS
22. Only H7535 the land H127 of the priests H3548 bought H7069 he not H3808 ; for H3588 the priests H3548 had a portion H2706 assigned them of H4480 H854 Pharaoh H6547 , and did eat H398 H853 their portion H2706 which H834 Pharaoh H6547 gave H5414 them: wherefore H5921 H3651 they sold H4376 not H3808 H853 their lands H127 .
23. यूसुफ ने लोगों से कहा, “अब मैंने तुम लोगों की और तुम्हारी भूमि को फ़िरौन के लिए खरीद लिया है। इसलिए मैं तुमको बीज दूँगा और तुम लोग अपने खेतों में पौधे लगा सकते हो।
23. Then Joseph H3130 said H559 unto H413 the people H5971 , Behold H2005 , I have bought H7069 you this day H3117 and your land H127 for Pharaoh H6547 : lo H1887 , here is seed H2233 for you , and ye shall sow H2232 H853 the land H127 .
24. फसल काटने के समय तुम लोग फसल का पाँचवाँ हिस्सा फ़िरौन को अवश्य देगा। तुम लोग अपने लिए पाँच में से चार हिस्से रख सकते हो। तुम लोग उस बीज को जिसे भोजन और बोने के लिए रखोगे उसे दूसरे वर्ष उपयोग में ला सकोगे। अब तुम अपने परिवारों और बच्चों को खिला सकते हो।” PEPS
24. And it shall come to pass H1961 in the increase H8393 , that ye shall give H5414 the fifth H2549 part unto Pharaoh H6547 , and four H702 parts H3027 shall be H1961 your own , for seed H2233 of the field H7704 , and for your food H400 , and for them H834 of your households H1004 , and for food H398 for your little ones H2945 .
25. लोगों ने कहा, “आपने हम लोगों का जीवन बचा लिया है। हम लोग आपके और फ़िरौन के दास होने में प्रसन्न हैं।” PEPS
25. And they said H559 , Thou hast saved our lives H2421 : let us find H4672 grace H2580 in the sight H5869 of my lord H113 , and we will be H1961 Pharaoh H6547 's servants H5650 .
26. इसलिए यूसुफ ने उस समय देश में एक नियम बनाया और वह नियम अब तक चला रहा है। नियम के अनुसार भूमि से हर एक उपज का पाँचवाँ हिस्सा फ़िरौन का है। फ़िरौन सारी भूमि का स्वामी हैं। केवल वही भूमि उसकी नहीं है जो याजकों की है। “मुझे मिस्र में मत दफनाना” PS
26. And Joseph H3130 made H7760 it a law H2706 over H5921 the land H127 of Egypt H4714 unto H5704 this H2088 day H3117 , that Pharaoh H6547 should have the fifth H2569 part ; except H7535 the land H127 of the priests H3548 only H905 , which became H1961 not H3808 Pharaoh H6547 's.
27. इस्राएल (याकूब) मिस्र में रहा। वह गीशेन प्रदेश में रहा। उसका परिवार बढ़ा और बहुत हो गया। उन्होंने मिस्र में उस भूमि को पाया और अच्छा जीवन बिताया। PEPS
27. And Israel H3478 dwelt H3427 in the land H776 of Egypt H4714 , in the country H776 of Goshen H1657 ; and they had possessions H270 therein , and grew H6509 , and multiplied H7235 exceedingly H3966 .
28. याकूब मिस्र में सत्रह वर्ष रहा। इस प्रकार याकूब एक सौ सैंतालीस वर्ष का हो गया।
28. And Jacob H3290 lived H2421 in the land H776 of Egypt H4714 seventeen H7651 H6240 years H8141 : so the whole age H3117 H8141 H2416 of Jacob H3290 was H1961 a hundred H3967 forty H705 and seven H7651 years H8141 .
29. वह समय गया जब इस्राएल (याकूब) समझ गया कि वह जल्दी ही मरेगा, इसलिए उसने अपने पुत्र यूसुफ को अपने पास बुलाया। उसने कहा, “यदि तुम मुझसे प्रेम करते हो तो तुम अपने हाथ मेरी जांघ के नीचे रख कर मुझे वचन दो। *तुम वचन दो यह संकेत करता है कि यह बहुत महत्वपूर्ण शपथ था और याकूब विश्वास करता था कि यूसुफ अपना वचन पूरा करेगा। वचन दो कि तुम, जो मैं कहूँगा करोगे और तुम मेरे प्रति सच्चे रहोगे। जब मैं मरूँ तो मुझे मिस्र में मत दफनाना।
29. And the time H3117 drew nigh H7126 that Israel H3478 must die H4191 : and he called H7121 his son H1121 Joseph H3130 , and said H559 unto him, If H518 now H4994 I have found H4672 grace H2580 in thy sight H5869 , put H7760 , I pray thee H4994 , thy hand H3027 under H8478 my thigh H3409 , and deal H6213 kindly H2617 and truly H571 with H5973 me; bury H6912 me not H408 , I pray thee H4994 , in Egypt H4714 :
30. उसी जगह मुझे दफना ना जिस जगह मेरे पूर्वज दफनाए गए हैं। मुझे मिस्र से बाहर ले जाना और मेरे परिवार के कब्रिस्तान में दफनाना।” PEPS यूसुफ ने उत्तर दिया, “मैं वचन देता हूँ कि वही करूँगा जो आप कहते हैं।” PEPS
30. But I will lie H7901 with H5973 my fathers H1 , and thou shalt carry H5375 me out of Egypt H4480 H4714 , and bury H6912 me in their burial place H6900 . And he said H559 , I H595 will do H6213 as thou hast said H1697 .
31. तब याकूब ने कहा, “मुझसे एक प्रतिज्ञा करो” और यूसुफ ने उससे प्रतिज्ञा की कि वह इसे पूरा करेगा। तब इस्राएल (याकूब) ने अपना सिर पलंग पर पीछे को रखा। †तब इस्राएल रखा या तब इस्राएल ने अपने डंडे का सहारा लेकर उपासना में अपना सिर झुकाया। डंडे के लिए हिब्रू शब्द “बिछौने” शब्द की तरह है और उपासना के लिए प्रयुक्त शब्द का अर्थ “प्रणाम करना” “लेटना” होता है। PE
31. And he said H559 , Swear H7650 unto me . And he swore H7650 unto him . And Israel H3478 bowed himself H7812 upon H5921 the bed H4296 's head H7218 .
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