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1. बुद्धिमान स्त्री अपना घर बनाती है किन्तु मूर्ख स्त्री अपने ही हाथों से अपना घर उजाड़ देती है। PEPS
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1. Every wise H2454 woman H802 buildeth H1129 her house H1004 : but the foolish H200 plucketh it down H2040 with her hands H3027 .
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2. जिसकी राह सीधी—सच्ची हो, आदर के साथ वह यहोवा से डरता है, किन्तु वह जिसकी राह कुटिल है, यहोवा से घृणा करता है। PEPS
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2. He that walketh H1980 in his uprightness H3476 feareth H3372 the LORD H3068 : but he that is perverse H3868 in his ways H1870 despiseth H959 him.
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3. मूर्ख की बातें उसकी पीठ पर डँडे पड़वाती है। किन्तु बुद्धिमान की वाणी रक्षा करती है। PEPS
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3. In the mouth H6310 of the foolish H191 is a rod H2415 of pride H1346 : but the lips H8193 of the wise H2450 shall preserve H8104 them.
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4. जहाँ बैल नहीं होते, खलिहान खाली रहते हैं, बैल के बल पर ही भरपूर फसल होती है। PEPS
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4. Where no H369 oxen H504 are , the crib H18 is clean H1249 : but much H7230 increase H8393 is by the strength H3581 of the ox H7794 .
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5. एक सच्चा साक्षी कभी नहीं छलता है किन्तु झूठा गवाह, झूठ उगलता रहता है। PEPS
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5. A faithful H529 witness H5707 will not H3808 lie H3576 : but a false H8267 witness H5707 will utter H6315 lies H3577 .
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6. उच्छृंखल बुद्धि को खोजता रहता है फिर भी नहीं पाता है; किन्तु भले—बुरे का बोध जिसको रहता है, उसके पास ज्ञान सहज में ही आता है। PEPS
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6. A scorner H3887 seeketh H1245 wisdom H2451 , and findeth it not H369 : but knowledge H1847 is easy H7043 unto him that understandeth H995 .
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7. मूर्ख की संगत से दूरी बनाये रख, क्योंकि उसकी वाणी में तू ज्ञान नहीं पायेगा। PEPS
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7. Go H1980 from the presence H4480 H5048 of a foolish H3684 man H376 , when thou perceivest H3045 not H1077 in him the lips H8193 of knowledge H1847 .
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8. ज्ञानी जनों का ज्ञान इसी में है, कि वे अपनी राहों का चिंतन करें, मूर्खता मूर्ख की छल में बसती है। PEPS
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8. The wisdom H2451 of the prudent H6175 is to understand H995 his way H1870 : but the folly H200 of fools H3684 is deceit H4820 .
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9. पाप के विचारों पर मूर्ख लोग हँसते हैं, किन्तु सज्जनों में सद्भाव बना रहता है। PEPS
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9. Fools H191 make a mock H3887 at sin H817 : but among H996 the righteous H3477 there is favor H7522 .
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10. हर मन अपनी निजी पीड़ा को जानता है, और उसका दुःख कोई नहीं बाँट पाता है। PEPS
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10. The heart H3820 knoweth H3045 his own H5315 bitterness H4787 ; and a stranger H2114 doth not H3808 intermeddle H6148 with his joy H8057 .
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11. दुष्ट के भवन को ढहा दिया जायेगा, किन्तु सज्जन का डेरा फूलेगा फलेगा। PEPS
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11. The house H1004 of the wicked H7563 shall be overthrown H8045 : but the tabernacle H168 of the upright H3477 shall flourish H6524 .
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12. ऐसी भी राह होती है जो मनुष्य को उचित जान पड़ती है; किन्तु परिणाम में वह मृत्यु को ले जाती। PEPS
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12. There is H3426 a way H1870 which seemeth right H3477 unto H6440 a man H376 , but the end H319 thereof are the ways H1870 of death H4194 .
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13. हँसते हुए भी मन रोता रह सकता है, और आनन्द दुःख में बदल सकता है। PEPS
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13. Even H1571 in laughter H7814 the heart H3820 is sorrowful H3510 ; and the end H319 of that mirth H8057 is heaviness H8424 .
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14. विश्वासहीन को, अपने कुमार्गो का फल भुगतना पड़ेगा; और सज्जन सुमार्गो का प्रतिफल पायेगा। PEPS
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14. The backslider H5472 in heart H3820 shall be filled H7646 with his own ways H4480 H1870 : and a good H2896 man H376 shall be satisfied from H4480 H5921 himself.
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15. सरल जन सब कुछ का विश्वास कर लेता है। किन्तु विवेकी जन सोच—समझकर पैर रखता है। PEPS
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15. The simple H6612 believeth H539 every H3605 word H1697 : but the prudent H6175 man looketh well H995 to his going H838 .
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16. बुद्धिमान मनुष्य यहोवा से डरता है और पाप से दूर रहता है। किन्तु मूर्ख मनुष्य बिना विचार किये उतावला होता है— वह सावधान नहीं रहता। PEPS
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16. A wise H2450 man feareth H3373 , and departeth H5493 from evil H4480 H7451 : but the fool H3684 rageth H5674 , and is confident H982 .
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17. ऐसा मनुष्य जिसे शीघ्र क्रोध आता है, वह मूर्खतापूर्ण काम कर जाता है और वह मनुष्य जो छल—छंदी होता है वह तो घृणा सब ही की पाता है। PEPS
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17. He that is soon H7116 angry H639 dealeth H6213 foolishly H200 : and a man H376 of wicked devices H4209 is hated H8130 .
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18. सीधे जनों को बस मूढ़ता मिल पाती किन्तु बुद्धिमान के सिर ज्ञान का मुकुट होता है। PEPS
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18. The simple H6612 inherit H5157 folly H200 : but the prudent H6175 are crowned H3803 with knowledge H1847 .
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19. दुर्जन सज्जनों के सामने सिर झुकायेंगे, और दुष्ट सज्जन के द्वार माथा नवायेंगे। PEPS
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19. The evil H7451 bow H7817 before H6440 the good H2896 ; and the wicked H7563 at H5921 the gates H8179 of the righteous H6662 .
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20. गरीब को उसके पड़ेसी भी दूर रखते हैं; किन्तु धनी जन के मित्र बहुत होते हैं। PEPS
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20. The poor H7326 is hated H8130 even H1571 of his own neighbor H7453 : but the rich H6223 hath many H7227 friends H157 .
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21. जो अपने पड़ोसी को तुच्छ मानता है वह पाप करता है किन्तु जो गरीबों पर दया करता है वह जन धन्य है। PEPS
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21. He that despiseth H936 his neighbor H7453 sinneth H2398 : but he that hath mercy on H2603 the poor H6035 , happy H835 is he.
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22. ऐसे मनुष्य जो षड्यन्त्र रचते हैं क्या भटक नहीं जाते किन्तु जो भली योजनाएँ रचते हैं, वे जन तो प्रेम और विश्वास पाते हैं। PEPS
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22. Do they not H3808 err H8582 that devise H2790 evil H7451 ? but mercy H2617 and truth H571 shall be to them that devise H2790 good H2896 .
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23. परिश्रम के सभी काम लाभ देते हैं, किन्तु कोरी बकवास बस हानि पहुँचाती है। PEPS
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23. In all H3605 labor H6089 there is H1961 profit H4195 : but the talk H1697 of the lips H8193 tendeth only H389 to penury H4270 .
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24. विवेकी को प्रतिफल में धन मिलता है पर मूर्खो की मूर्खता मूढ़ता देती है। PEPS
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24. The crown H5850 of the wise H2450 is their riches H6239 : but the foolishness H200 of fools H3684 is folly H200 .
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25. एक सच्चा साक्षी अनेक जीवन बचाता है पर झूठा गवाह, कपट पूर्ण होता है। PEPS
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25. A true H571 witness H5707 delivereth H5337 souls H5315 : but a deceitful H4820 witness speaketh H6315 lies H3577 .
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26. ऐसा मनुष्य जो यहोवा से डरता है, उसके पास एक संरक्षित गढ़ी होती है। और वहीं उसके बच्चों को शरण मिलती है। PEPS
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26. In the fear H3374 of the LORD H3068 is strong H5797 confidence H4009 : and his children H1121 shall have H1961 a place of refuge H4268 .
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27. यहोवा का भय जीवन स्रोत होता है, वह व्यक्ति को मौत के फंदे से बचाता है। PEPS
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27. The fear H3374 of the LORD H3068 is a fountain H4726 of life H2416 , to depart H5493 from the snares H4480 H4170 of death H4194 .
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28. विस्तृत विशाल प्रजा राजा की महीमा हैं, किन्तु प्रजा बिना राजा नष्ट हो जाती है। PEPS
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28. In the multitude H7230 of people H5971 is the king H4428 's honor H1927 : but in the want H657 of people H3816 is the destruction H4288 of the prince H7333 .
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29. धैर्यपूर्ण व्यक्ति बहुत समझ बूझ रखता है, किन्तु ऐसा व्यक्ति जिसे जल्दी से क्रोध आये वह तो अपनी ही मूर्खता दिखाता है। PEPS
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29. He that is slow H750 to wrath H639 is of great H7227 understanding H8394 : but he that is hasty H7116 of spirit H7307 exalteth H7311 folly H200 .
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30. शान्त मन शरीर को जीवन देता है किन्तु ईर्ष्या हड्डियों तक को सड़ा देती है। PEPS
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30. A sound H4832 heart H3820 is the life H2416 of the flesh H1320 : but envy H7068 the rottenness H7538 of the bones H6106 .
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31. जो गरीब को सताती है, वह तो सबके सृजनहार का अपमान करता है। किन्तु वह जो भी कोई गरीब पर दयालु रहता है, वह परमेश्वर का आदर करता है। PEPS
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31. He that oppresseth H6231 the poor H1800 reproacheth H2778 his Maker H6213 : but he that honoreth H3513 him hath mercy H2603 on the poor H34 .
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32. जब दुष्ट जन पर विपदा पड़ती है तब वह हार जाते हैं किन्तु धर्मी जन तो मृत्यु में भी विजय हासिल करते हैं। PEPS
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32. The wicked H7563 is driven away H1760 in his wickedness H7451 : but the righteous H6662 hath hope H2620 in his death H4194 .
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33. बुद्धिमान के मन में बुद्धि का निवास होता है, और मूर्खो के बीच भी वह निज को जानती है। PEPS
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33. Wisdom H2451 resteth H5117 in the heart H3820 of him that hath understanding H995 : but that which is in the midst H7130 of fools H3684 is made known H3045 .
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34. नेकी से राष्ट्र का उत्थान होता है; किन्तु पाप हर जाति का कलंक होता है। PEPS
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34. Righteousness H6666 exalteth H7311 a nation H1471 : but sin H2403 is a reproach H2617 to any people H3816 .
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35. विवेकी सेवक, राजा की प्रसन्नता है, किन्तु वह सेवक जो मूर्ख होता है वह उसका क्रोध जगाता है। PE
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35. The king H4428 's favor H7522 is toward a wise H7919 servant H5650 : but his wrath H5678 is H1961 against him that causeth shame H954 .
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