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1. झंझट झमेलों भरे घर की दावत से चैन और शान्ति का सूखा रोटी का टुकड़ा उत्तम है। PEPS
1. Better H2896 is a dry H2720 morsel H6595 , and quietness H7962 therewith , than a house H4480 H1004 full H4392 of sacrifices H2077 with strife H7379 .
2. बुद्धिमान दास एक ऐसे पुत्र पर शासन करेगा जो घर के लिए लज्जाजनक होता है। बुद्धिमान दास वह पुत्र के जैसा ही उत्तराधिकार पानें में सहभागी होगा। PEPS
2. A wise H7919 servant H5650 shall have rule H4910 over a son H1121 that causeth shame H954 , and shall have part H2505 of the inheritance H5159 among H8432 the brethren H251 .
3. जैसे चाँदी और सोने को परखने शोधने कुठाली और आग की भट्टी होती है वैसे ही यहोवा हृदय को परखता शोधता है। PEPS
3. The refining pot H4715 is for silver H3701 , and the furnace H3564 for gold H2091 : but the LORD H3068 trieth H974 the hearts H3826 .
4. दुष्ट जन, दुष्ट की वाणी को सुनता है, मिथ्यावादी बैर भरी वाणी पर ध्यान देता। PEPS
4. A wicked doer H7489 giveth heed H7181 to H5921 false H205 lips H8193 ; and a liar H8267 giveth ear H238 to H5921 a naughty H1942 tongue H3956 .
5. ऐसा मनुष्य जो गरीब की हंसी उड़ाता, उसके सृजनहार से वह घृणा दिखाता है। वह दुःख में खुश होता है। PEPS
5. Whoso mocketh H3932 the poor H7326 reproacheth H2778 his Maker H6213 : and he that is glad H8056 at calamities H343 shall not H3808 be unpunished H5352 .
6. नाती—पोते वृद्ध जन का मुकुट होते हैं, और माता—पिता उनके बच्चों का मान हैं। PEPS
6. Children H1121 's children H1121 are the crown H5850 of old men H2205 ; and the glory H8597 of children H1121 are their fathers H1 .
7. मूर्ख को जैसे अधिक बोलना नहीं सजता है वैसे ही गरिमापूर्ण व्यक्ति को झूठ बोलना नहीं सजता। PEPS
7. Excellent H3499 speech H8193 becometh H5000 not H3808 a fool H5036 : much less H637 H3588 do lying H8267 lips H8193 a prince H5081 .
8. घूँस देने वाले की घूँस महामंत्र जैसे लगती है, जिससे वह जहाँ भी जायेगा, सफल ही हो जायेगा। PEPS
8. A gift H7810 is as a precious H2580 stone H68 in the eyes H5869 of him that hath H1167 it: whithersoever H413 H3605 H834 it turneth H6437 , it prospereth H7919 .
9. वह जो बुरी बात पर पर्दा डाल देता है, उघाड़ता नहीं है, प्रेम को बढ़ाता है। किन्तु जो बात को उघाड़ता ही रहता है, गहरे दोस्तों में फूट डाल देता है। PEPS
9. He that covereth H3680 a transgression H6588 seeketh H1245 love H160 ; but he that repeateth H8138 a matter H1697 separateth H6504 very friends H441 .
10. विवेकी को धमकाना उतना ही प्रभावित करता है जितना मूर्ख को सौ—सौ कोड़े भी नहीं करते। PEPS
10. A reproof H1606 entereth more H5181 into a wise H995 man than a hundred H3967 stripes H4480 H5221 into a fool H3684 .
11. दुष्ट जन तो बस सदा विद्रोह करता रहता, उसके लिये दया हीन अधिकारी भेजा जायेगा। PEPS
11. An evil H7451 man seeketh H1245 only H389 rebellion H4805 : therefore a cruel H394 messenger H4397 shall be sent H7971 against him.
12. अपनी मूर्खता में चूर किसी मूर्ख से मिलने से अच्छा है, उस रीछनी से मिलना जिससे उसके बच्चों को छीन लिया गया हो। PEPS
12. Let a bear H1677 robbed H7909 of her whelps meet H6298 a man H376 , rather H408 than a fool H3684 in his folly H200 .
13. भलाई के बदले में यदि कोई बुराई करे तो उसके घर को बुराई नहीं छोड़ेगी। PEPS
13. Whoso rewardeth H7725 evil H7451 for H8478 good H2896 , evil H7451 shall not H3808 depart H4185 from his house H4480 H1004 .
14. झगड़ा शुरू करना ऐसा है जैसे बाँध का टूटना है, इसलिये इसके पहले कि तकरार शुरू हो जाये बात खत्म करो। PEPS
14. The beginning H7225 of strife H4066 is as when one letteth out H6362 water H4325 : therefore leave off H5203 contention H7379 , before H6440 it be meddled with H1566 .
15. यहोवा इन दोनों ही बातों से घृणा करता है, दोषी को छोड़ना, और निर्दोष को दण्ड देना। PEPS
15. He that justifieth H6663 the wicked H7563 , and he that condemneth H7561 the just H6662 , even H1571 they both H8147 are abomination H8441 to the LORD H3068 .
16. मूर्ख के हाथों में धन का क्या प्रयोजन! क्योंकि, उसको चाह नहीं कि बुद्धि को मोल ले। PEPS
16. Wherefore H4100 H2088 is there a price H4242 in the hand H3027 of a fool H3684 to get H7069 wisdom H2451 , seeing he hath no H369 heart H3820 to it ?
17. मित्र तो सदा—सर्वदा प्रेम करता है बुरे दिनों को काम आने का बंधु बन जाता है। PEPS
17. A friend H7453 loveth H157 at all H3605 times H6256 , and a brother H251 is born H3205 for adversity H6869 .
18. विवेक हीन जन ही शपथ से हाथ बंधा लेता और अपने पड़ोसी का ऋण ओढ़ लेता है। PEPS
18. A man H120 void H2638 of understanding H3820 striketh H8628 hands H3709 , and becometh H6148 surety H6161 in the presence H6440 of his friend H7453 .
19. जिसको लड़ाई—झगड़ा भाता है, वह तो केवल पाप से प्रेम करता है और जो डींग हांकता रहता है वह तो अपना ही नाश बुलाता है। PEPS
19. He loveth H157 transgression H6588 that loveth H157 strife H4683 : and he that exalteth H1361 his gate H6607 seeketh H1245 destruction H7667 .
20. कुटिल हृदय जन कभी फूलता फलता नहीं है और जिस की वाणी छल से भरी हुई है, विपदा में गिरता है। PEPS
20. He that hath a froward H6141 heart H3820 findeth H4672 no H3808 good H2896 : and he that hath a perverse H2015 tongue H3956 falleth H5307 into mischief H7451 .
21. मूर्ख पुत्र पिता के लिये पीड़ा लाता है, मूर्ख के पिता को कभी आनन्द नहीं होता। PEPS
21. He that begetteth H3205 a fool H3684 doeth it to his sorrow H8424 : and the father H1 of a fool H5036 hath no H3808 joy H8055 .
22. प्रसन्न चित रहना सबसे बड़ी दवा है, किन्तु बुझा मन हड्डियों को सुखा देता है। PEPS
22. A merry H8056 heart H3820 doeth good H3190 like a medicine H1456 : but a broken H5218 spirit H7307 drieth H3001 the bones H1634 .
23. दुष्ट जन, उसके मार्ग से न्याय को डिगाने एकांत में घूंस लेता है। PEPS
23. A wicked H7563 man taketh H3947 a gift H7810 out of the bosom H4480 H2436 to pervert H5186 the ways H734 of judgment H4941 .
24. बुद्धिमान जन बुद्धि को सामने रखता है, किन्तु मूर्ख की आँखें धरती के छोरों तक PEPS भटकती हैं। PEPS
24. Wisdom H2451 is before H854 H6440 him that hath understanding H995 ; but the eyes H5869 of a fool H3684 are in the ends H7097 of the earth H776 .
25. मूर्ख पुत्र पिता को तीव्र व्यथा देता है, और माँ के प्रति जिसने उसको जन्म दिया, कड़ुवाहट भर देता। PEPS
25. A foolish H3684 son H1121 is a grief H3708 to his father H1 , and bitterness H4470 to her that bore H3205 him.
26. किसी निर्दोष को दण्ड देना उचित नहीं, ईमानदार नेता को पीटना उचित नहीं है। PEPS
26. Also H1571 to punish H6064 the just H6662 is not H3808 good H2896 , nor to strike H5221 princes H5081 for H5921 equity H3476 .
27. ज्ञानी जन शब्दों को तोल कर बोलता है, समझ—बूझ वाला जन स्थित प्रज्ञ होता है। PEPS
27. He that hath knowledge H3045 H1847 spareth H2820 his words H561 : and a man H376 of understanding H8394 is of an excellent H3368 spirit H7307 .
28. मूर्ख भी जब तक नहीं बोलता शोभता है। और यदि निज वाणी रोके रखे तो ज्ञानी जाना जाता है। PE
28. Even H1571 a fool H191 , when he holdeth his peace H2790 , is counted H2803 wise H2450 : and he that shutteth H331 his lips H8193 is esteemed a man of understanding H995 .
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