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1. नबूकदनेस्सर राजा की ओर से देश-देश और जाति जाति के लोगों, और भिन्न-भिन्न भाषा बोलने वाले जितने सारी पृथ्वी पर रहते हैं, उन सभों को यह वचन मिला, तुम्हारा कुशल क्षेम बढ़े!
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1. Nebuchadnezzar H5020 the king H4430 , unto all H3606 people H5972 , nations H524 , and languages H3961 , that H1768 dwell H1753 in all H3606 the earth H772 ; Peace H8001 be multiplied H7680 unto you.
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2. मुझे यह अच्छा लगा, कि परमप्रधान परमेश्वर ने मुझे जो जो चिन्ह और चमत्कार दिखाए हैं, उन को प्रगट करूं।
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2. I thought it good H8232 H6925 to show H2324 the signs H852 and wonders H8540 that H1768 the high H5943 God H426 hath wrought H5648 toward H5974 me.
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3. उसके दिखाए हुए चिन्ह क्या ही बड़े, और उसके चमत्कारों में क्या ही बड़ी शक्ति प्रगट होती है! उसका राज्य तो सदा का और उसकी प्रभुता पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है॥
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3. How H4101 great H7260 are his signs H852 ! and how H4101 mighty H8624 are his wonders H8540 ! his kingdom H4437 is an everlasting H5957 kingdom H4437 , and his dominion H7985 is from H5974 generation H1859 to generation H1859 .
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4. मैं नबूकदनेस्सर अपने भवन में चैन से और प्रफुल्लित रहता था।
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4. I H576 Nebuchadnezzar H5020 was H1934 at rest H7954 in mine house H1005 , and flourishing H7487 in my palace H1965 :
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5. मैं ने ऐसा स्वप्न देखा जिसके कारण मैं डर गया; और पलंग पर पड़े पड़े जो विचार मेरे मन में आए और जो बातें मैं ने देखीं, उनके कारण मैं घबरा गया था।
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5. I saw H2370 a dream H2493 which made me afraid H1763 , and the thoughts H2031 upon H5922 my bed H4903 and the visions H2376 of my head H7217 troubled H927 me.
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6. तब मैं ने आज्ञा दी कि बाबुल के सब पण्डित मेरे स्वप्न का फल मुझे बताने के लिये मेरे साम्हने हाजिर किए जाएं।
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6. Therefore made H4481 H7761 I a decree H2942 to bring in H5924 all H3606 the wise H2445 men of Babylon H895 before H6925 me, that H1768 they might make known H3046 unto me the interpretation H6591 of the dream H2493 .
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7. तब ज्योतिषी, तन्त्री, कसदी और होनहार बताने वाले भीतर आए, और मैं ने उन को अपना स्वप्न बताया, परन्तु वे उसका फल न बता सके।
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7. Then H116 came in H5954 the magicians H2749 , the astrologers H826 , the Chaldeans H3779 , and the soothsayers H1505 : and I H576 told H560 the dream H2493 before H6925 them ; but they did not H3809 make known H3046 unto me the interpretation H6591 thereof.
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8. निदान दानिय्येल मेरे सम्मुख आया, जिसका नाम मेरे देवता के नाम के कारण बेलतशस्सर रखा गया था, और जिस में पवित्र ईश्वरों की आत्मा रहती है; और मैं ने उसको अपना स्वप्न यह कह कर बता दिया,
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8. But at H5705 the last H318 Daniel H1841 came in H5954 before H6925 me, whose H1768 name H8036 was Belteshazzar H1096 , according to the name H8036 of my god H426 , and in whom H1768 is the spirit H7308 of the holy H6922 gods H426 : and before H6925 him I told H560 the dream H2493 , saying ,
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9. कि, हे बेलेतश्स्सर तू तो सब ज्योतिषियों का प्रधान है, मैं जानता हूं कि तुझ में पवित्र ईश्वरों की आत्मा रहती है, और तू किसी भेद के कारण नहीं घबराता; इसलिये जो स्वपन मैं ने देखा है उसे फल समेत मुझे बता कर समझा दे।
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9. O Belteshazzar H1096 , master H7229 of the magicians H2749 , because H1768 I H576 know H3046 that H1768 the spirit H7308 of the holy H6922 gods H426 is in thee , and no H3809 H3606 secret H7328 troubleth H598 thee, tell H560 me the visions H2376 of my dream H2493 that H1768 I have seen H2370 , and the interpretation H6591 thereof.
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10. जो दर्शन मैं ने पलंग पर पाया वह यह है: मैं ने देखा, कि पृथ्वी के बीचों-बीच एक वृक्ष लगा है; उसकी ऊंचाई बहुत बड़ी है।
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10. Thus were the visions H2376 of mine head H7217 in H5922 my bed H4903 ; I saw H1934 H2370 , and behold H431 a tree H363 in the midst H1459 of the earth H772 , and the height H7314 thereof was great H7690 .
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11. वह वृक्ष बड़ा हो कर दृढ़ हो गया, और उसकी ऊंचाई स्वर्ग तक पहुंची, और वह सारी पृथ्वी की छोर तक देख पड़ता था।
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11. The tree H363 grew H7236 , and was strong H8631 , and the height H7314 thereof reached H4291 unto heaven H8065 , and the sight H2379 thereof to the end H5491 of all H3606 the earth H772 :
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12. उसके पत्ते सुन्दर, और उस में बहुत फल थे, यहां तक कि उस में सभों के लिये भोजन था। उसके नीचे मैदान के सब पशुओं को छाया मिलती थी, और उसकी डालियों में आकाश की सब चिडिय़ां बसेरा करती थीं, और सब प्राणी उस से आहार पाते थे॥
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12. The leaves H6074 thereof were fair H8209 , and the fruit H4 thereof much H7690 , and in it was meat H4203 for all H3606 : the beasts H2423 of the field H1251 had shadow H2927 under H8460 it , and the fowls H6853 of the heaven H8065 dwelt H1753 in the boughs H6056 thereof , and all H3606 flesh H1321 was fed H2110 of H4481 it.
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13. मैं ने पलंग पर दर्शन पाते समय क्या देखा, कि एक पवित्र पहरूआ स्वर्ग से उतर आया।
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13. I saw H1934 H2370 in the visions H2376 of my head H7217 upon H5922 my bed H4903 , and, behold H431 , a watcher H5894 and a holy one H6922 came down H5182 from H4481 heaven H8065 ;
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14. उसने ऊंचे शब्द से पुकार कर यह कहा, वृक्ष को काट डालो, उसकी डालियों को छांट दो, उसके पत्ते झाड़ दो और उसके फल छितरा डालो; पशु उसके नीचे से हट जाएं, और चिडिय़ें उसकी डालियों पर से उड़ जाएं।
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14. He cried H7123 aloud H2429 , and said H560 thus H3652 , Hew down H1414 the tree H363 , and cut off H7113 his branches H6056 , shake off H5426 his leaves H6074 , and scatter H921 his fruit H4 : let the beasts H2423 get away H5111 from H4481 under H8479 it , and the fowls H6853 from H4481 his branches H6056 :
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15. तौभी उसके ठूंठ को जड़ समेत भूमि में छोड़ो, और उसको लोहे और पीतल के बन्धन से बान्ध कर मैदान की हरी घास के बीच रहने दो। वह आकाश की ओस से भीगा करे और भूमि की घास खाने में मैदान के पशुओं के संग भागी हो।
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15. Nevertheless H1297 leave H7662 the stump H6136 of his roots H8330 in the earth H772 , even with a band H613 of H1768 iron H6523 and brass H5174 , in the tender grass H1883 of H1768 the field H1251 ; and let it be wet H6647 with the dew H2920 of heaven H8065 , and let his portion H2508 be with H5974 the beasts H2423 in the grass H6211 of the earth H772 :
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16. उसका मन बदले और मनुष्य का न रहे, परन्तु पशु का सा बन जाए; और उस पर सात काल बीतें।
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16. Let his heart H3825 be changed H8133 from H4481 man H606 's , and let a beast H2423 's heart H3825 be given H3052 unto him ; and let seven H7655 times H5732 pass H2499 over H5922 him.
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17. यह आज्ञा पहरूओं के निर्णय से, और यह बात पवित्र लोगों के वचन से निकली, कि जो जीवित हैं वे जान लें कि परमप्रधान परमेश्वर मनुष्यों के राज्य में प्रभुता करता है, और उसको जिसे चाहे उसे दे देता है, और वह छोटे से छोटे मनुष्य को भी उस पर नियुक्त कर देता है।
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17. This matter H6600 is by the decree H1510 of the watchers H5894 , and the demand H7595 by the word H3983 of the holy ones H6922 : to H5705 the intent H1701 that H1768 the living H2417 may know H3046 that H1768 the most High H5943 ruleth H7990 in the kingdom H4437 of men H606 , and giveth H5415 it to whomsoever H4479 H1768 he will H6634 , and setteth up H6966 over H5922 it the basest H8215 of men H606 .
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18. मुझ नबूकदनेस्सर राजा ने यही स्वपन देखा। सो हे बेलतशस्सर, तू इसका फल बता, क्योंकि मेरे राज्य में और कोई पण्डित इसका फल मुझे समझा नहीं सकता, परन्तु तुझ में तो पवित्र ईश्वरों की आत्मा रहती है, इस कारण तू उसे समझा सकता है॥
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18. This H1836 dream H2493 I H576 king H4430 Nebuchadnezzar H5020 have seen H2370 . Now thou H607 , O Belteshazzar H1096 , declare H560 the interpretation H6591 thereof , forasmuch as H3606 H6903 H1768 all H3606 the wise H2445 men of my kingdom H4437 are not able H3202 H3809 to make known H3046 unto me the interpretation H6591 : but thou H607 art able H3546 ; for H1768 the spirit H7308 of the holy H6922 gods H426 is in thee.
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19. तब दानिय्येल जिसका नाम बेलतशस्सर भी था, घड़ी भर घबराता रहा, और सोचते सोचते व्याकुल हो गया। तब राजा कहने लगा, हे बेलतशस्सर इस स्वप्न से, वा इसके फल से तू व्याकुल मत हो। बेलतशस्सर ने कहा, हे मेरे प्रभु, यह स्वप्न तेरे बैरियों पर, और इसका अर्थ तेरे द्रोहियों पर फले!
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19. Then H116 Daniel H1841 , whose H1768 name H8036 was Belteshazzar H1096 , was astonished H8075 for one H2298 hour H8160 , and his thoughts H7476 troubled H927 him . The king H4430 spoke H6032 , and said H560 , Belteshazzar H1096 , let not H409 the dream H2493 , or the interpretation H6591 thereof, trouble H927 thee. Belteshazzar H1096 answered H6032 and said H560 , My lord H4756 , the dream H2493 be to them that hate H8131 thee , and the interpretation H6591 thereof to thine enemies H6146 .
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20. जिस वृक्ष हो तू ने देखा, जो बड़ा और दृढ़ हो गया, और जिसकी ऊंचाई स्वर्ग तक पहुंची और जो पृथ्वी के सिरे तक दिखाई देता था;
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20. The tree H363 that H1768 thou sawest H2370 , which H1768 grew H7236 , and was strong H8631 , whose height H7314 reached H4291 unto the heaven H8065 , and the sight H2379 thereof to all H3606 the earth H772 ;
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21. जिसके पत्ते सुन्दर और फल बहुत थे, और जिस में सभों के लिये भोजन था; जिसके नीचे मैदान के सब पशु रहते थे, और जिसकी डालियों में आकाश की चिडिय़ां बसेरा करती थीं,
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21. Whose leaves H6074 were fair H8209 , and the fruit H4 thereof much H7690 , and in it was meat H4203 for all H3606 ; under H8460 which the beasts H2423 of the field H1251 dwelt H1753 , and upon whose branches H6056 the fowls H6853 of the heaven H8065 had their habitation H7932 :
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22. हे राजा, वह तू ही है। तू महान और सामर्थी हो गया, तेरी महिमा बढ़ी और स्वर्ग तक पहुंच गई, और तेरी प्रभुता पृथ्वी की छोर तक फैली है।
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22. It H1932 is thou H607 , O king H4430 , that H1768 art grown H7236 and become strong H8631 : for thy greatness H7238 is grown H7236 , and reacheth H4291 unto heaven H8065 , and thy dominion H7985 to the end H5491 of the earth H772 .
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23. और हे राजा, तू ने जो एक पवित्र पहरूए को स्वर्ग से उतरते और यह कहते देखा कि वृक्ष को काट डालो और उसका नाश करो, तौभी उसके ठूंठ को जड़ समेत भूमि में छोड़ो, और उसको लोहे और पीतल के बन्धन से बान्ध कर मैदान की हरी घास के बीच में रहने दो; वह आकाश की ओस से भीगा करे, और उसको मैदान के पशुओं के संग ही भाग मिले; और जब तक सात युग उस पर बीत न चुकें, तब तक उसकी ऐसी ही दशा रहे।
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23. And whereas H1768 the king H4430 saw H2370 a watcher H5894 and a holy one H6922 coming down H5182 from H4481 heaven H8065 , and saying H560 , Hew the tree down H1414 H363 , and destroy H2255 it; yet H1297 leave H7662 the stump H6136 of the roots H8330 thereof in the earth H772 , even with a band H613 of H1768 iron H6523 and brass H5174 , in the tender grass H1883 of H1768 the field H1251 ; and let it be wet H6647 with the dew H2920 of heaven H8065 , and let his portion H2508 be with H5974 the beasts H2423 of the field H1251 , till H5705 H1768 seven H7655 times H5732 pass H2499 over H5922 him;
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24. हे राजा, इसका फल जो परमप्रधान ने ठाना है कि राजा पर घटे, वह यह है,
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24. This H1836 is the interpretation H6591 , O king H4430 , and this H1932 is the decree H1510 of the most High H5943 , which H1768 is come H4291 upon H5922 my lord H4756 the king H4430 :
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25. कि तू मनुष्यों के बीच से निकाला जाएगा, और मैदान के पशुओं के संग रहेगा; तू बैलों की नाईं घास चरेगा और आकाश की ओस से भीगा करेगा; और सात युग तुझ पर बीतेंगे, जब तक कि तू न जान ले कि मनुष्यों के राज्य में परमप्रधान ही प्रभुता करता है, और जिसे चाहे वह उसे दे देता है।
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25. That they shall drive H2957 thee from H4481 men H606 , and thy dwelling H4070 shall be H1934 with H5974 the beasts H2423 of the field H1251 , and they shall make thee to eat H2939 grass H6211 as oxen H8450 , and they shall wet H6647 thee with the dew H4481 H2920 of heaven H8065 , and seven H7655 times H5732 shall pass H2499 over H5922 thee, till H5705 H1768 thou know H3046 that H1768 the most High H5943 ruleth H7990 in the kingdom H4437 of men H606 , and giveth H5415 it to whomsoever H4479 H1768 he will H6634 .
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26. और उस वृक्ष के ठूंठ को जड़ समेत छोड़ने की आज्ञा जो हुई है, इसका अर्थ यह है कि तेरा राज्य तेरे लिये बना रहेगा; और जब तू जान लेगा कि जगत का प्रभु स्वर्ग ही में है, तब तू फिर से राज्य करने पाएगा।
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26. And whereas H1768 they commanded H560 to leave H7662 the stump H6136 of H1768 the tree H363 roots H8330 ; thy kingdom H4437 shall be sure H7011 unto thee , after that H4481 H1768 thou shalt have known H3046 that H1768 the heavens H8065 do rule H7990 .
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27. इस कारण, हे राजा, मेरी यह सम्मति स्वीकार कर, कि यदि तू पाप छोड़ कर धर्म करने लगे, और अधर्म छोड़ कर दीन-हीनों पर दया करने लगे, तो सम्भव है कि ऐसा करने से तेरा चैन बना रहे॥
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27. Wherefore H3861 , O king H4430 , let my counsel H4431 be acceptable H8232 unto H5922 thee , and break H6562 off thy sins H2408 by righteousness H6665 , and thine iniquities H5758 by showing mercy H2604 to the poor H6033 ; if H2006 it may be H1934 a lengthening H754 of thy tranquillity H7963 .
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28. यह सब कुछ नबूकदनेस्सर राजा पर घट गया।
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28. All this H3606 came H4291 upon H5922 the king H4430 Nebuchadnezzar H5020 .
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29. बारह महीने बीतने पर जब वह बाबुल के राजभवन की छत पर टहल रहा था, तब वह कहने लगा,
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29. At the end H7118 of twelve H8648 H6236 months H3393 he walked H1934 H1981 in H5922 the palace H1965 of the kingdom H4437 of H1768 Babylon H895 .
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30. क्या यह बड़ा बाबुल नहीं है, जिसे मैं ही ने अपने बल और सामर्थ से राजनिवास होने को और अपने प्रताप की बड़ाई के लिये बसाया है?
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30. The king H4430 spoke H6032 , and said H560 , Is not H3809 this H1668 great H7229 Babylon H895 , that H1768 I H576 have built H1124 for the house H1005 of the kingdom H4437 by the might H8632 of my power H2632 , and for the honor H3367 of my majesty H1923 ?
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31. यह वचन राजा के मुंह से निकलने भी न पाया था कि आकाशवाणी हुई, हे राजा नबूकदनेस्सर तेरे विषय में यह आज्ञा निकलती है कि राज्य तेरे हाथ से निकल गया,
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31. While H5751 the word H4406 was in the king H4430 's mouth H6433 , there fell H5308 a voice H7032 from H4481 heaven H8065 , saying , O king H4430 Nebuchadnezzar H5020 , to thee it is spoken H560 ; The kingdom H4437 is departed H5709 from H4481 thee.
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32. और तू मनुष्यों के बीच में से निकाला जाएगा, और मैदान के पशुओं के संग रहेगा; और बैलों की नाईं घास चरेगा और सात काल तुझ पर बीतेंगे, जब तक कि तू न जान ले कि परमप्रधान, मनुष्यों के राज्य में प्रभुता करता है और जिसे चाहे वह उसे दे देता है।
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32. And they shall drive H2957 thee from H4481 men H606 , and thy dwelling H4070 shall be with H5974 the beasts H2423 of the field H1251 : they shall make thee to eat H2939 grass H6211 as oxen H8450 , and seven H7655 times H5732 shall pass H2499 over H5922 thee, until H5705 H1768 thou know H3046 that H1768 the most High H5943 ruleth H7990 in the kingdom H4437 of men H606 , and giveth H5415 it to whomsoever H4479 H1768 he will H6634 .
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33. उसी घड़ी यह वचन नबूकदनेस्सर के विषय में पूरा हुआ। वह मनुष्यों में से निकाला गया, और बैलों की नाईं घास चरने लगा, और उसकी देह आकाश की ओस से भीगती थी, यहां तक कि उसके बाल उकाब पक्षियों के परों से और उसके नाखून चिडिय़ोंके चंगुलों के समान बढ़ गए॥
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33. The same hour H8160 was the thing H4406 fulfilled H5487 upon H5922 Nebuchadnezzar H5020 : and he was driven H2957 from H4481 men H606 , and did eat H399 grass H6211 as oxen H8450 , and his body H1655 was wet H6647 with the dew H4481 H2920 of heaven H8065 , till H5705 H1768 his hairs H8177 were grown H7236 like eagles H5403 ' feathers , and his nails H2953 like birds H6853 ' claws .
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34. उन दिनों के बीतने पर, मुझ नबूकदनेस्सर ने अपनी आंखें स्वर्ग की ओर उठाईं, और मेरी बुद्धि फिर ज्यों की त्यों हो गई; तब मैं ने परमप्रधान को धन्य कहा, और जो सदा जीवित है उसकी स्तुति और महिमा यह कह कर करने लगा: उसकी प्रभुता सदा की है और उसका राज्य पीढ़ी से पीढ़ी तब बना रहने वाला है।
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34. And at the end H7118 of the days H3118 I H576 Nebuchadnezzar H5020 lifted up H5191 mine eyes H5870 unto heaven H8065 , and mine understanding H4486 returned H8421 unto H5922 me , and I blessed H1289 the most High H5943 , and I praised H7624 and honored H1922 him that liveth H2417 forever H5957 , whose H1768 dominion H7985 is an everlasting H5957 dominion H7985 , and his kingdom H4437 is from H5974 generation H1859 to generation H1859 :
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35. पृथ्वी के सब रहने वाले उसके साम्हने तुच्छ गिने जाते हैं, और वह स्वर्ग की सेना और पृथ्वी के रहने वालों के बीच अपनी इच्छा के अनुसार काम करता है; और कोई उसको रोक कर उस से नहीं कह सकता है, तू ने यह क्या किया है?
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35. And all H3606 the inhabitants H1753 of the earth H772 are reputed H2804 as nothing H3809 : and he doeth H5648 according to his will H6634 in the army H2429 of heaven H8065 , and among the inhabitants H1753 of the earth H772 : and none H3809 can H383 stay H4223 his hand H3028 , or say H560 unto him, What H4101 doest H5648 thou?
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36. उसी समय, मेरी बुद्धि फिर ज्यों की त्यों हो गई; और मेरे राज्य की महिमा के लिये मेरा प्रताप और मुकुट मुझ पर फिर आ गया। और मेरे मन्त्री और प्रधान लोग मुझ से भेंट करने के लिये आने लगे, और मैं राज्य में स्थिर हो गया; और मेरी और अधिक प्रशंसा होने लगी।
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36. At the same time H2166 my reason H4486 returned H8421 unto H5922 me ; and for the glory H3367 of my kingdom H4437 , mine honor H1923 and brightness H2122 returned H8421 unto H5922 me ; and my counselors H1907 and my lords H7261 sought H1156 unto me ; and I was established H8627 in H5922 my kingdom H4437 , and excellent H3493 majesty H7238 was added H3255 unto me.
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37. अब मैं नबूकदनेस्सर स्वर्ग के राजा को सराहता हूं, और उसकी स्तुति और महिमा करता हूं क्योंकि उसके सब काम सच्चे, और उसके सब व्यवहार न्याय के हैं; और जो लोग घमण्ड से चलते हैं, उन्हें वह नीचा कर सकता है॥
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37. Now H3705 I H576 Nebuchadnezzar H5020 praise H7624 and extol H7313 and honor H1922 the King H4430 of heaven H8065 , all H3606 whose H1768 works H4567 are truth H7187 , and his ways H735 judgment H1780 : and those H1768 that walk H1981 in pride H1467 he is able H3202 to abase H8214 .
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