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Hindi Old BSI Version

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HOV
1. यदि तू अपने परमेश्वर यहोवा की सब आज्ञाएं, जो मैं आज तुझे सुनाता हूं, चौकसी से पूरी करने का चित्त लगाकर उसकी सुने, तो वह तुझे पृथ्वी की सब जातियों में श्रेष्ट करेगा।
1. And it shall come to pass H1961 , if H518 thou shalt hearken diligently H8085 H8085 unto the voice H6963 of the LORD H3068 thy God H430 , to observe H8104 and to do H6213 H853 all H3605 his commandments H4687 which H834 I H595 command H6680 thee this day H3117 , that the LORD H3068 thy God H430 will set H5414 thee on high H5945 above H5921 all H3605 nations H1471 of the earth H776 :
2. फिर अपने परमेश्वर यहोवा की सुनने के कारण ये सब आर्शीवाद तुझ पर पूरे होंगे।
2. And all H3605 these H428 blessings H1293 shall come H935 on H5921 thee , and overtake H5381 thee, if H3588 thou shalt hearken H8085 unto the voice H6963 of the LORD H3068 thy God H430 .
3. धन्य हो तू नगर में, धन्य हो तू खेत में।
3. Blessed H1288 shalt thou H859 be in the city H5892 , and blessed H1288 shalt thou H859 be in the field H7704 .
4. धन्य हो तेरी सन्तान, और तेरी भूमि की उपज, और गाय और भेड़-बकरी आदि पशुओं के बच्चे।
4. Blessed H1288 shall be the fruit H6529 of thy body H990 , and the fruit H6529 of thy ground H127 , and the fruit H6529 of thy cattle H929 , the increase H7698 of thy kine H504 , and the flocks H6251 of thy sheep H6629 .
5. धन्य हो तेरी टोकरी और तेरी कठौती।
5. Blessed H1288 shall be thy basket H2935 and thy store H4863 .
6. धन्य हो तू भीतर आते समय, और धन्य हो तू बाहर जाते समय।
6. Blessed H1288 shalt thou H859 be when thou comest in H935 , and blessed H1288 shalt thou H859 be when thou goest out H3318 .
7. यहोवा ऐसा करेगा कि तेरे शत्रु जो तुझ पर चढ़ाई करेंगे वे तुझ से हार जाएंगे; वे एक मार्ग से तुझ पर चढ़ाई करेंगे, परन्तु तेरे साम्हने से सात मार्ग से हो कर भाग जाएंगे।
7. The LORD H3068 shall cause H5414 H853 thine enemies H341 that rise up H6965 against H5921 thee to be smitten H5062 before thy face H6440 : they shall come out H3318 against H413 thee one H259 way H1870 , and flee H5127 before H6440 thee seven H7651 ways H1870 .
8. तेरे खत्तों पर और जितने कामों में तू हाथ लगाएगा उन सभों पर यहोवा आशीष देगा; इसलिये जो देश तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे देता है उस में वह तुझे आशीष देगा।
8. The LORD H3068 shall command H6680 H853 the blessing H1293 upon H854 thee in thy storehouses H618 , and in all H3605 that thou settest H4916 thine hand H3027 unto ; and he shall bless H1288 thee in the land H776 which H834 the LORD H3068 thy God H430 giveth H5414 thee.
9. यदि तू अपने परमेश्वर यहोवा की आज्ञाओं को मानते हुए उसके मार्गों पर चले, तो वह अपनी शपथ के अनुसार तुझे अपनी पवित्र प्रजा करके स्थिर रखेगा।
9. The LORD H3068 shall establish H6965 thee a holy H6918 people H5971 unto himself, as H834 he hath sworn H7650 unto thee, if H3588 thou shalt keep H8104 H853 the commandments H4687 of the LORD H3068 thy God H430 , and walk H1980 in his ways H1870 .
10. और पृथ्वी के देश देश के सब लोग यह देखकर, कि तू यहोवा का कहलाता है, तुझ से डर जाएंगे।
10. And all H3605 people H5971 of the earth H776 shall see H7200 that H3588 thou art called H7121 by H5921 the name H8034 of the LORD H3068 ; and they shall be afraid H3372 of H4480 thee.
11. और जिस देश के विषय यहोवा ने तेरे पूर्वजों से शपथ खाकर तुझे देने को कहा, था उस में वह तेरी सन्तान की, और भूमि की उपज की, और पशुओं की बढ़ती करके तेरी भलाई करेगा।
11. And the LORD H3068 shall make thee plenteous H3498 in goods H2896 , in the fruit H6529 of thy body H990 , and in the fruit H6529 of thy cattle H929 , and in the fruit H6529 of thy ground H127 , in H5921 the land H127 which H834 the LORD H3068 swore H7650 unto thy fathers H1 to give H5414 thee.
12. यहोवा तेरे लिये अपने आकाशरूपी उत्तम भण्डार को खोल कर तेरी भूमि पर समय पर मेंह बरसाया करेगा, और तेरे सारे कामों पर आशीष देगा; और तू बहुतेरी जातियों को उधार देगा, परन्तु किसी से तुझे उधार लेना पड़ेगा।
12. The LORD H3068 shall open H6605 unto thee H853 his good H2896 treasure H214 , H853 the heaven H8064 to give H5414 the rain H4306 unto thy land H776 in his season H6256 , and to bless H1288 H853 all H3605 the work H4639 of thine hand H3027 : and thou shalt lend H3867 unto many H7227 nations H1471 , and thou H859 shalt not H3808 borrow H3867 .
13. और यहोवा तुझ को पूंछ नहीं, किन्तु सिर ही ठहराएगा, और तू नीचे नहीं, परन्तु ऊपर ही रहेगा; यदि परमेश्वर यहोवा की आज्ञाएं जो मैं आज तुझ को सुनाता हूं, तू उनके मानने में मन लगाकर चौकसी करे;
13. And the LORD H3068 shall make H5414 thee the head H7218 , and not H3808 the tail H2180 ; and thou shalt be H1961 above H4605 only H7535 , and thou shalt not H3808 be H1961 beneath H4295 ; if H3588 that thou hearken H8085 unto H413 the commandments H4687 of the LORD H3068 thy God H430 , which H834 I H595 command H6680 thee this day H3117 , to observe H8104 and to do H6213 them :
14. और जिन वचनों की मैं आज तुझे आज्ञा देता हूं उन में से किसी से दाहिने वा बाएं मुड़के पराये देवताओं के पीछे हो ले, और उनकी सेवा करे॥
14. And thou shalt not H3808 go aside H5493 from any H4480 H3605 of the words H1697 which H834 I H595 command H6680 thee this day H3117 , to the right hand H3225 , or to the left H8040 , to go H1980 after H310 other H312 gods H430 to serve H5647 them.
15. परन्तु यदि तू अपने परमेश्वर यहोवा की बात सुने, और उसकी सारी आज्ञाओं और विधियों के पालने में जो मैं आज सुनाता हूं चौकसी नहीं करेगा, तो ये सब शाप तुझ पर पड़ेंगे।
15. But it shall come to pass H1961 , if H518 thou wilt not H3808 hearken H8085 unto the voice H6963 of the LORD H3068 thy God H430 , to observe H8104 to do H6213 H853 all H3605 his commandments H4687 and his statutes H2708 which H834 I H595 command H6680 thee this day H3117 ; that all H3605 these H428 curses H7045 shall come H935 upon H5921 thee , and overtake H5381 thee:
16. अर्थात शापित हो तू नगर में, शापित हो तू खेत में।
16. Cursed H779 shalt thou H859 be in the city H5892 , and cursed H779 shalt thou H859 be in the field H7704 .
17. शापित हो तेरी टोकरी और तेरी कठौती।
17. Cursed H779 shall be thy basket H2935 and thy store H4863 .
18. शापित हो तेरी सन्तान, और भूमि की उपज, और गायों और भेड़-बकरियों के बच्चे।
18. Cursed H779 shall be the fruit H6529 of thy body H990 , and the fruit H6529 of thy land H127 , the increase H7698 of thy kine H504 , and the flocks H6251 of thy sheep H6629 .
19. शापित हो तू भीतर आते समय, और शापित हो तू बाहर जाते समय।
19. Cursed H779 shalt thou H859 be when thou comest in H935 , and cursed H779 shalt thou H859 be when thou goest out H3318 .
20. फिर जिस जिस काम में तू हाथ लगाए, उस में यहोवा तब तक तुझ को शाप देता, और भयातुर करता, और धमकी देता रहेगा, जब तक तू मिट जाए, और शीघ्र नष्ट हो जाए; यह इस कारण होगा कि तू यहोवा को त्यागकर दुष्ट काम करेगा।
20. The LORD H3068 shall send H7971 upon thee H853 cursing H3994 , H853 vexation H4103 , and rebuke H4045 , in all H3605 that thou settest H4916 thine hand H3027 unto for H834 to do H6213 , until H5704 thou be destroyed H8045 , and until H5704 thou perish H6 quickly H4118 ; because H4480 H6440 of the wickedness H7455 of thy doings H4611 , whereby H834 thou hast forsaken H5800 me.
21. और यहोवा ऐसा करेगा कि मरी तुझ में फैलकर उस समय तक लगी रहेगी, जब तक जिस भूमि के अधिकारी होने के लिये तू जा रहा है उस से तेरा अन्त हो जाए।
21. The LORD H3068 shall make H853 the pestilence H1698 cleave H1692 unto thee, until H5704 he have consumed H3615 thee from off H4480 H5921 the land H127 , whither H834 H8033 thou H859 goest H935 to possess H3423 it.
22. यहोवा तुझ को क्षयरोग से, और ज्वर, और दाह, और बड़ी जलन से, और तलवार से, और झुलस, और गेरूई से मारेगा; और ये उस समय तक तेरा पीछा किये रहेंगे, तब तक तू सत्यानाश हो जाए।
22. The LORD H3068 shall smite H5221 thee with a consumption H7829 , and with a fever H6920 , and with an inflammation H1816 , and with an extreme burning H2746 , and with the sword H2719 , and with blasting H7711 , and with mildew H3420 ; and they shall pursue H7291 thee until H5704 thou perish H6 .
23. और तेरे सिर के ऊपर आकाश पीतल का, और तेरे पांव के तले भूमि लोहे की हो जाएगी।
23. And thy heaven H8064 that H834 is over H5921 thy head H7218 shall be H1961 brass H5178 , and the earth H776 that H834 is under H8478 thee shall be iron H1270 .
24. यहोवा तेरे देश में पानी के बदले बालू और धूलि बरसाएगा; वह आकाश से तुझ पर यहां तक बरसेगी कि तू सत्यानाश हो जाएगा।
24. The LORD H3068 shall make H5414 H853 the rain H4306 of thy land H776 powder H80 and dust H6083 : from H4480 heaven H8064 shall it come down H3381 upon H5921 thee, until H5704 thou be destroyed H8045 .
25. यहोवा तुझ को शत्रुओं से हरवाएगा; और तू एक मार्ग से उनका साम्हना करने को जाएगा, परन्तु सात मार्ग से हो कर उनके साम्हने से भाग जाएगा; और पृथ्वी के सब राज्यों में मारा मारा फिरेगा।
25. The LORD H3068 shall cause H5414 thee to be smitten H5062 before H6440 thine enemies H341 : thou shalt go out H3318 one H259 way H1870 against H413 them , and flee H5127 seven H7651 ways H1870 before H6440 them : and shalt be H1961 removed H2189 into all H3605 the kingdoms H4467 of the earth H776 .
26. और तेरी लोथ आकाश के भांति भांति के पक्षियों, और धरती के पशुओं का आहार होगी; और उनका कोई हाँकने वाला होगा।
26. And thy carcass H5038 shall be H1961 meat H3978 unto all H3605 fowls H5775 of the air H8064 , and unto the beasts H929 of the earth H776 , and no man H369 shall frighten them away H2729 .
27. यहोवा तुझ को मिस्र के से फोड़े, और बवासीर, और दाद, और खुजली से ऐसा पीड़ित करेगा, कि तू चंगा हो सकेगा।
27. The LORD H3068 will smite H5221 thee with the botch H7822 of Egypt H4714 , and with the emerods H2914 , and with the scab H1618 , and with the itch H2775 , whereof H834 thou canst H3201 not H3808 be healed H7495 .
28. यहोवा तुझे पागल और अन्धा कर देगा, और तेरे मन को अत्यन्त घबरा देगा;
28. The LORD H3068 shall smite H5221 thee with madness H7697 , and blindness H5788 , and astonishment H8541 of heart H3824 :
29. और जैसे अन्धा अन्धियारे में टटोलता है वैसे ही तू दिन दुपहरी में टटोलता फिरेगा, और तेरे काम काज सफल होंगे; और तू सदैव केवल अन्धेर सहता और लुटता ही रहेगा, और तेरा कोई छुड़ाने वाला होगा।
29. And thou shalt H1961 grope H4959 at noonday H6672 , as H834 the blind H5787 gropeth H4959 in darkness H653 , and thou shalt not H3808 prosper H6743 H853 in thy ways H1870 : and thou shalt be H1961 only H389 oppressed H6231 and spoiled H1497 evermore H3605 H3117 , and no man H369 shall save H3467 thee .
30. तू स्त्री से ब्याह की बात लगाएगा, परन्तु दूसरा पुरूष उसको भ्रष्ट करेगा; घर तू बनाएगा, परन्तु उस में बसने पाएगा; दाख की बारी तू लगाएगा, परन्तु उसके फल खाने पाएगा।
30. Thou shalt betroth H781 a wife H802 , and another H312 man H376 shall lie with H7901 her : thou shalt build H1129 a house H1004 , and thou shalt not H3808 dwell H3427 therein : thou shalt plant H5193 a vineyard H3754 , and shalt not H3808 gather the grapes H2490 thereof.
31. तेरा बैल तेरी आंखों के साम्हने मारा जाएगा, और तू उसका मांस खाने पाएगा; तेरा गदहा तेरी आंख के साम्हने लूट में चला जाएगा, और तुझे फिर मिलेगा; तेरी भेड़-बकरियां तेरे शत्रुओं के हाथ लग जाएंगी, और तेरी ओर से उनका कोई छुड़ाने वाला होगा।
31. Thine ox H7794 shall be slain H2873 before thine eyes H5869 , and thou shalt not H3808 eat H398 thereof H4480 : thine ass H2543 shall be violently taken away H1497 from before thy face H4480 H6440 , and shall not H3808 be restored H7725 to thee : thy sheep H6629 shall be given H5414 unto thine enemies H341 , and thou shalt have none H369 to rescue H3467 them .
32. तेरे बेटे-बेटियां दूसरे देश के लोगों के हाथ लग जाएंगे, और उनके लिये चाव से देखते देखते तेरी आंखे रह जाएंगी; और तेरा कुछ बस चलेगा।
32. Thy sons H1121 and thy daughters H1323 shall be given H5414 unto another H312 people H5971 , and thine eyes H5869 shall look H7200 , and fail H3616 with longing for H413 them all H3605 the day H3117 long : and there shall be no H369 might H410 in thine hand H3027 .
33. तेरी भूमि की उपज और तेरी सारी कमाई एक अनजाने देश के लोगे खा जाएंगे; और सर्वदा तू केवल अन्धेर सहता और पीसा जाता रहेगा;
33. The fruit H6529 of thy land H127 , and all H3605 thy labors H3018 , shall a nation H5971 which H834 thou knowest H3045 not H3808 eat up H398 ; and thou shalt be H1961 only H7535 oppressed H6231 and crushed H7533 always H3605 H3117 :
34. यहां तक कि तू उन बातों के कारण जो अपनी आंखों से देखेगा पागल हो जाएगा।
34. So that thou shalt be H1961 mad H7696 for the sight H4480 H4758 of thine eyes H5869 which H834 thou shalt see H7200 .
35. यहोवा तेरे घुटनों और टांगों में, वरन नख से शिख तक भी असाध्य फोड़े निकाल कर तुझ को पीड़ित करेगा।
35. The LORD H3068 shall smite H5221 thee in H5921 the knees H1290 , and in H5921 the legs H7785 , with a sore H7451 botch H7822 that H834 cannot H3201 H3808 be healed H7495 , from the sole H4480 H3709 of thy foot H7272 unto H5704 the top of thy head H6936 .
36. यहोवा तुझ को उस राजा समेत, जिस को तू अपने ऊपर ठहराएगा, तेरी और तेरे पूर्वजों से अनजानी एक जाति के बीच पहुंचाएगा; और उसके मध्य में रहकर तू काठ और पत्थर के दूसरे देवताओं की उपासना और पूजा करेगा।
36. The LORD H3068 shall bring H1980 thee , and thy king H4428 which H834 thou shalt set H6965 over H5921 thee, unto H413 a nation H1471 which H834 neither H3808 thou H859 nor thy fathers H1 have known H3045 ; and there H8033 shalt thou serve H5647 other H312 gods H430 , wood H6086 and stone H68 .
37. और उन सब जातियों में जिनके मध्य में यहोवा तुझ को पहुंचाएगा, वहां के लोगों के लिये तू चकित होने का, और दृष्टान्त और शाप का कारण समझा जाएगा।
37. And thou shalt become H1961 an astonishment H8047 , a proverb H4912 , and a byword H8148 , among all H3605 nations H5971 whither H834 H8033 the LORD H3068 shall lead H5090 thee.
38. तू खेत में बीज तो बहुत सा ले जाएगा, परन्तु उपज थोड़ी ही बटोरेगा; क्योंकि टिड्डियां उसे खा जाएंगी।
38. Thou shalt carry much seed out H3318 H7227 H2233 into the field H7704 , and shalt gather but little in H622 H4592 ; for H3588 the locust H697 shall consume H2628 it.
39. तू दाख की बारियां लगाकर उन मे काम तो करेगा, परन्तु उनकी दाख का मधु पीने पाएगा, वरन फल भी तोड़ने पाएगा; क्योंकि कीड़े उन को खा जाएंगे।
39. Thou shalt plant H5193 vineyards H3754 , and dress H5647 them , but shalt neither H3808 drink H8354 of the wine H3196 , nor H3808 gather H103 the grapes ; for H3588 the worms H8438 shall eat H398 them.
40. तेरे सारे देश में जलपाई के वृक्ष तो होंगे, परन्तु उनका तेल तू अपने शरीर में लगाने पाएगा; क्योंकि वे झड़ जाएंगे।
40. Thou shalt have H1961 olive trees H2132 throughout all H3605 thy coasts H1366 , but thou shalt not H3808 anoint H5480 thyself with the oil H8081 ; for H3588 thine olive H2132 shall cast H5394 his fruit .
41. तेरे बेटे-बेटियां तो उत्पन्न होंगे, परन्तु तेरे रहेंगे नहीं; क्योंकि वे बन्धुवाई में चले जाएंगे।
41. Thou shalt beget H3205 sons H1121 and daughters H1323 , but thou shalt not H3808 enjoy H1961 them; for H3588 they shall go H1980 into captivity H7628 .
42. तेरे सब वृक्ष और तेरी भूमि की उपज टिड्डियां खा जाएंगी।
42. All H3605 thy trees H6086 and fruit H6529 of thy land H127 shall the locust H6767 consume H3423 .
43. जो परदेशी तेरे मध्य में रहेगा वह तुझ से बढ़ता जाएगा; और तू आप घटता चला जाएगा।
43. The stranger H1616 that H834 is within H7130 thee shall get up H5927 above H5921 thee very high H4605 H4605 ; and thou H859 shalt come down H3381 very low H4295 H4295 .
44. वह तुझ को उधार देगा, परन्तु तू उसको उधार दे सकेगा; वह तो सिर और तू पूंछ ठहरेगा।
44. He H1931 shall lend H3867 to thee , and thou H859 shalt not H3808 lend H3867 to him: he H1931 shall be H1961 the head H7218 , and thou H859 shalt be H1961 the tail H2180 .
45. तू जो अपने परमेश्वर यहोवा की दी हुई आज्ञाओं और विधियों के मानने को उसकी सुनेगा, इस कारण ये सब शाप तुझ पर पड़ेंगे, और तेरे पीछे पड़े रहेंगे, और तुझ को पकड़ेंगे, और अन्त में तू नष्ट हो जाएगा।
45. Moreover all H3605 these H428 curses H7045 shall come H935 upon H5921 thee , and shall pursue H7291 thee , and overtake H5381 thee, till H5704 thou be destroyed H8045 ; because H3588 thou hearkenedst H8085 not H3808 unto the voice H6963 of the LORD H3068 thy God H430 , to keep H8104 his commandments H4687 and his statutes H2708 which H834 he commanded H6680 thee:
46. और वे तुझ पर और तेरे वंश पर सदा के लिये बने रहकर चिन्ह और चमत्कार ठहरेंगे;
46. And they shall be H1961 upon thee for a sign H226 and for a wonder H4159 , and upon thy seed H2233 forever H5704 H5769 .
47. तू जो सब पदार्थ की बहुतायत होने पर भी आनन्द और प्रसन्नता के साथ अपने परमेश्वर यहोवा की सेवा नहीं करेगा,
47. Because H8478 H834 thou servedst H5647 not H3808 H853 the LORD H3068 thy God H430 with joyfulness H8057 , and with gladness H2898 of heart H3824 , for the abundance H4480 H7230 of all H3605 things ;
48. इस कारण तुझ को भूखा, प्यासा, नंगा, और सब पदार्थों से रहित हो कर अपने उन शत्रुओं की सेवा करनी पड़ेगी जिन्हें यहोवा तेरे विरुद्ध भेजेगा; और जब तक तू नष्ट हो जाए तब तक वह तेरी गर्दन पर लोहे का जूआ डाल रखेगा।
48. Therefore shalt thou serve H5647 H853 thine enemies H341 which H834 the LORD H3068 shall send H7971 against thee , in hunger H7458 , and in thirst H6772 , and in nakedness H5903 , and in want H2640 of all H3605 things : and he shall put H5414 a yoke H5923 of iron H1270 upon H5921 thy neck H6677 , until H5704 he have destroyed H8045 thee.
49. यहोवा तेरे विरुद्ध दूर से, वरन पृथ्वी के छोर से वेग उड़ने वाले उकाब सी एक जाति को चढ़ा लाएगा जिसकी भाषा को तू समझेगा;
49. The LORD H3068 shall bring H5375 a nation H1471 against H5921 thee from far H4480 H7350 , from the end H4480 H7097 of the earth H776 , as swift as H834 the eagle H5404 flieth H1675 ; a nation H1471 whose H834 tongue H3956 thou shalt not H3808 understand H8085 ;
50. उस जाति के लोगों का व्यवहार क्रूर होगा, वे तो बूढ़ों का मुंह देखकर आदर करेंगे, और बालकों पर दया करेंगे;
50. A nation H1471 of fierce H5794 countenance H6440 , which H834 shall not H3808 regard H5375 the person H6440 of the old H2205 , nor H3808 show favor H2603 to the young H5288 :
51. और वे तेरे पशुओं के बच्चे और भूमि की उपज यहां तक खा जांएगे कि तू नष्ट हो जाएगा; और वे तेरे लिये अन्न, और नया दाखमधु, और टटका तेल, और बछड़े, मेम्ने छोड़ेंगे, यहां तक कि तू नाश हो जाएगा।
51. And he shall eat H398 the fruit H6529 of thy cattle H929 , and the fruit H6529 of thy land H127 , until H5704 thou be destroyed H8045 : which H834 also shall not H3808 leave H7604 thee either corn H1715 , wine H8492 , or oil H3323 , or the increase H7698 of thy kine H504 , or flocks H6251 of thy sheep H6629 , until H5704 he have destroyed H6 thee.
52. और वे तेरे परमेश्वर यहोवा के दिये हुए सारे देश के सब फाटकों के भीतर तुझे घेर रखेंगे; वे तेरे सब फाटकों के भीतर तुझे उस समय तक घेरेंगे, जब तक तेरे सारे देश में तेरी ऊंची ऊंची और दृढ़ शहरपनाहें जिन पर तू भरोसा करेगा गिर जाएं।
52. And he shall besiege H6887 thee in all H3605 thy gates H8179 , until H5704 thy high H1364 and fenced H1219 walls H2346 come down H3381 , wherein H834 thou H859 trustedst H982 , throughout all H3605 thy land H776 : and he shall besiege H6887 thee in all H3605 thy gates H8179 throughout all H3605 thy land H776 , which H834 the LORD H3068 thy God H430 hath given H5414 thee.
53. तब घिर जाने और उस सकेती के समय जिस में तेरे शत्रु तुझ को डालेंगे, तू अपने निज जन्माए बेटे-बेटियों का मांस जिन्हें तेरा परमेश्वर यहोवा तुझ को देगा खाएगा।
53. And thou shalt eat H398 the fruit H6529 of thine own body H990 , the flesh H1320 of thy sons H1121 and of thy daughters H1323 , which H834 the LORD H3068 thy God H430 hath given H5414 thee , in the siege H4692 , and in the straitness H4689 , wherewith H834 thine enemies H341 shall distress H6693 thee:
54. और तुझ में जो पुरूष कोमल और अति सुकुमार हो वह भी अपने भाई, और अपनी प्राणप्यारी, और अपने बचे हुए बालकों को क्रूर दृष्टि से देखेगा;
54. So that the man H376 that is tender H7390 among you , and very H3966 delicate H6028 , his eye H5869 shall be evil H7489 toward his brother H251 , and toward the wife H802 of his bosom H2436 , and toward the remnant H3499 of his children H1121 which H834 he shall leave H3498 :
55. और वह उन में से किसी को भी अपने बालकों के मांस में से जो वह आप खाएगा कुछ देगा, क्योंकि घिर जाने और उस सकेती में, जिस में तेरे शत्रु तेरे सारे फाटकों के भीतर तुझे घेर डालेंगे, उसके पास कुछ रहेगा।
55. So that he will not give H4480 H5414 to any H259 of H4480 them of the flesh H4480 H1320 of his children H1121 whom H834 he shall eat H398 : because H4480 H1097 he hath nothing H3605 left H7604 him in the siege H4692 , and in the straitness H4689 , wherewith H834 thine enemies H341 shall distress H6693 thee in all H3605 thy gates H8179 .
56. और तुझ में जो स्त्री यहां तक कोमल और सुकुमार हो कि सुकुमारपन के और कोमलता के मारे भूमि पर पांव धरते भी डरती हो, वह भी अपने प्राणप्रिय पति, और बेटे, और बेटी को,
56. The tender H7390 and delicate woman H6028 among you, which H834 would not H3808 adventure H5254 to set H3322 the sole H3709 of her foot H7272 upon H5921 the ground H776 for delicateness H4480 H6026 and tenderness H4480 H7391 , her eye H5869 shall be evil H7489 toward the husband H376 of her bosom H2436 , and toward her son H1121 , and toward her daughter H1323 ,
57. अपनी खेरी, वरन अपने जने हुए बच्चों को क्रूर दृष्टि से देखेगी, क्योंकि घिर जाने और सकेती के समय जिस में तेरे शत्रु तुझे तेरे फाटकों के भीतर घेरकर रखेंगे, वह सब वस्तुओं की घटी के मारे उन्हें छिप के खाएगी।
57. And toward her young one H7988 that cometh out H3318 from between H4480 H996 her feet H7272 , and toward her children H1121 which H834 she shall bear H3205 : for H3588 she shall eat H398 them for want H2640 of all H3605 things secretly H5643 in the siege H4692 and straitness H4689 , wherewith H834 thine enemy H341 shall distress H6693 thee in thy gates H8179 .
58. यदि तू इन व्यवस्था के सारे वचनों के पालने में, जो इस पुस्तक में लिखें है, चौकसी करके उस आदरनीय और भययोग्य नाम का, जो यहोवा तेरे परमेश्वर का है भय माने,
58. If H518 thou wilt not H3808 observe H8104 to do H6213 H853 all H3605 the words H1697 of this H2063 law H8451 that are written H3789 in this H2088 book H5612 , that thou mayest fear H3372 H853 this H2088 glorious H3513 and fearful H3372 name H8034 , H853 THE LORD H3068 THY GOD H430 ;
59. तो यहोवा तुझ को और तेरे वंश को अनोखे अनोखे दण्ड देगा, वे दुष्ट और बहुत दिन रहने वाले रोग और भारी भारी दण्ड होंगे।
59. Then the LORD H3068 will make H853 thy plagues H4347 wonderful H6381 , and the plagues H4347 of thy seed H2233 , even great H1419 plagues H4347 , and of long continuance H539 , and sore H7451 sicknesses H2483 , and of long continuance H539 .
60. और वह मिस्र के उन सब रोगों को फिर तेरे ऊपर लगा देगा, जिन से तू भय खाता था; और वे तुझ में लगे रहेंगे।
60. Moreover he will bring H7725 upon thee H853 all H3605 the diseases H4064 of Egypt H4714 , which H834 thou wast afraid H3025 of H4480 H6440 ; and they shall cleave H1692 unto thee.
61. और जितने रोग आदि दण्ड इस व्यवस्था की पुस्तक में नहीं लिखे हैं, उन सभों को भी यहोवा तुझ को यहां तक लगा देगा, कि तू सत्यानाश हो जाएगा।
61. Also H1571 every H3605 sickness H2483 , and every H3605 plague H4347 , which H834 is not H3808 written H3789 in the book H5612 of this H2063 law H8451 , them will the LORD H3068 bring H5927 upon H5921 thee, until H5704 thou be destroyed H8045 .
62. और तू जो अपने परमेश्वर यहोवा की मानेगा, इस कारण आकाश के तारों के समान अनगिनित होने की सन्ती तुझ में से थोड़े ही मनुष्य रह जाएंगे।
62. And ye shall be left H7604 few H4592 in number H4962 , whereas H8478 H834 ye were H1961 as the stars H3556 of heaven H8064 for multitude H7230 ; because H3588 thou wouldest not H3808 obey H8085 the voice H6963 of the LORD H3068 thy God H430 .
63. और जैसे अब यहोवा की तुम्हारी भलाई और बढ़ती करने से हर्ष होता है, वैसे ही तब उसको तुम्हें नाश वरन सत्यानाश करने से हर्ष होगा; और जिस भूमि के अधिकारी होने को तुम जा रहे हो उस पर से तुम उखाड़े जाओगे।
63. And it shall come to pass H1961 , that as H834 the LORD H3068 rejoiced H7797 over H5921 you to do you good H3190 H853 , and to multiply H7235 you; so H3651 the LORD H3068 will rejoice H7797 over H5921 you to destroy H6 you , and to bring you to naught H8045 H853 ; and ye shall be plucked H5255 from off H4480 H5921 the land H127 whither H834 H8033 thou H859 goest H935 to possess H3423 it.
64. और यहोवा तुझ को पृथ्वी के इस छोर से ले कर उस छोर तक के सब देशों के लोगों में तित्तर बित्तर करेगा; और वहां रहकर तू अपने और अपने पुरखाओं के अनजाने काठ और पत्थर के दूसरे देवताओं की उपासना करेगा।
64. And the LORD H3068 shall scatter H6327 thee among all H3605 people H5971 , from the one end H4480 H7097 of the earth H776 even unto H5704 the other H7097 H776 ; and there H8033 thou shalt serve H5647 other H312 gods H430 , which H834 neither H3808 thou H859 nor thy fathers H1 have known H3045 , even wood H6086 and stone H68 .
65. और उन जातियों में तू कभी चैन पाएगा, और तेरे पांव को ठिकाना मिलेगा; क्योंकि वहां यहोवा ऐसा करेगा कि तेरा हृदय कांपता रहेगा, और तेरी आंखे धुंधली पड़ जाएगीं, और तेरा मन कलपता रहेगा;
65. And among these H1992 nations H1471 shalt thou find no ease H7280 H3808 , neither H3808 shall the sole H3709 of thy foot H7272 have H1961 rest H4494 : but the LORD H3068 shall give H5414 thee there H8033 a trembling H7268 heart H3820 , and failing H3631 of eyes H5869 , and sorrow H1671 of mind H5315 :
66. और तुझ को जीवन का नित्य सन्देह रहेगा; और तू दिन रात थरथराता रहेगा, और तेरे जीवन का कुछ भरोसा रहेगा।
66. And thy life H2416 shall hang H1961 in doubt H8511 before H4480 H5048 thee ; and thou shalt fear H6342 day H3119 and night H3915 , and shalt have none assurance H539 H3808 of thy life H2416 :
67. तेरे मन में जो भय बना रहेगा, उसके कारण तू भोर को आह मार के कहेगा, कि सांझ कब होगी! और सांझ को आह मार के कहेगा, कि भोर कब होगा।
67. In the morning H1242 thou shalt say H559 , Would God H4130 H5414 it were even H6153 ! and at even H6153 thou shalt say H559 , Would God H4130 H5414 it were morning H1242 ! for the fear H4480 H6343 of thine heart H3824 wherewith H834 thou shalt fear H6342 , and for the sight H4480 H4758 of thine eyes H5869 which H834 thou shalt see H7200 .
68. और यहोवा तुझ को नावों पर चढ़ाकर मिस्र में उस मार्ग से लौटा देगा, जिसके विषय में मैं ने तुझ से कहा था, कि वह फिर तेरे देखने में आएगा; और वहाँ तुम अपने शत्रुओं के हाथ दास-दासी होने के लिये बिकाऊ तो रहोगे, परन्तु तुम्हारा कोई ग्राहक होगा॥
68. And the LORD H3068 shall bring H7725 thee into Egypt H4714 again with ships H591 , by the way H1870 whereof H834 I spoke H559 unto thee , Thou shalt see H7200 it no H3808 more H3254 again H5750 : and there H8033 ye shall be sold H4376 unto your enemies H341 for bondmen H5650 and bondwomen H8198 , and no man H369 shall buy H7069 you .