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Hindi Old BSI Version

:

HOV
1. फिर यहोवा ने मूसा से कहा, फिरोन के पास जा; क्योंकि मैं ही ने उसके और उसके कर्मचारियों के मन को इसलिये कठोर कर दिया है, कि अपने चिन्ह उनके बीच में दिखलाऊं।
1. And the LORD H3068 said H559 unto H413 Moses H4872 , Go in H935 unto H413 Pharaoh H6547 : for H3588 I H589 have hardened H3513 H853 his heart H3820 , and the heart H3820 of his servants H5650 , that H4616 I might show H7896 these H428 my signs H226 before H7130 him:
2. और तुम लोग अपने बेटों और पोतों से इसका वर्णन करो कि यहोवा ने मिस्रियों को कैसे ठट्ठों में उड़ाया और अपने क्या क्या चिन्ह उनके बीच प्रगट किए हैं; जिस से तुम यह जान लोगे कि मैं यहोवा हूं।
2. And that H4616 thou mayest tell H5608 in the ears H241 of thy son H1121 , and of thy son H1121 's son H1121 , H853 what things H834 I have wrought H5953 in Egypt H4714 , and my signs H226 which H834 I have done H7760 among them ; that ye may know H3045 how that H3588 I H589 am the LORD H3068 .
3. तब मूसा और हारून ने फिरौन के पास जा कर कहा, कि इब्रियों का परमेश्वर यहोवा तुझ से इस प्रकार कहता है, कि तू कब तक मेरे साम्हने दीन होने से संकोच करता रहेगा? मेरी प्रजा के लोगों को जाने दे, कि वे मेरी उपासना करें।
3. And Moses H4872 and Aaron H175 came in H935 unto H413 Pharaoh H6547 , and said H559 unto H413 him, Thus H3541 saith H559 the LORD H3068 God H430 of the Hebrews H5680 , How long H5704 H4970 wilt thou refuse H3985 to humble thyself H6031 before H4480 H6440 me? let my people H5971 go H7971 , that they may serve H5647 me.
4. यदि तू मेरी प्रजा को जाने दे तो सुन, कल मैं तेरे देश में टिड्डियां ले आऊंगा।
4. Else H3588 , if H518 thou H859 refuse H3986 to let H853 my people H5971 go H7971 , behold H2009 , tomorrow H4279 will I bring H935 the locusts H697 into thy coast H1366 :
5. और वे धरती को ऐसा छा लेंगी, कि वह देख पड़ेगी; और तुम्हारा जो कुछ ओलों से बच रहा है उसको वे चट कर जाएंगी, और तुम्हारे जितने वृक्ष मैदान में लगे हैं उन को भी वे चट कर जाएंगी,
5. And they shall cover H3680 H853 the face H5869 of the earth H776 , that one cannot H3808 be able H3201 to see H7200 H853 the earth H776 : and they shall eat H398 H853 the residue H3499 of that which is escaped H6413 , which remaineth H7604 unto you from H4480 the hail H1259 , and shall eat H398 H853 every H3605 tree H6086 which groweth H6779 for you out of H4480 the field H7704 :
6. और वे तेरे और तेरे सारे कर्मचारियों, निदान सारे मिस्रियों के घरों में भर जाएंगी; इतनी टिड्डियां तेरे बापदादों ने वा उनके पुरखाओं ने जब से पृथ्वी पर जन्मे तब से आज तक कभी देखीं। और वह मुंह फेरकर फिरौन के पास से बाहर गया।
6. And they shall fill H4390 thy houses H1004 , and the houses H1004 of all H3605 thy servants H5650 , and the houses H1004 of all H3605 the Egyptians H4714 ; which H834 neither H3808 thy fathers H1 , nor thy fathers H1 ' fathers H1 have seen H7200 , since the day H4480 H3117 that they were H1961 upon H5921 the earth H127 unto H5704 this H2088 day H3117 . And he turned H6437 himself , and went out H3318 from H4480 H5973 Pharaoh H6547 .
7. तब फिरौन के कर्मचारी उससे कहने लगे, वह जन कब तक हमारे लिये फन्दा बना रहेगा? उन मनुष्यों को जाने दे, कि वे अपने परमेश्वर यहोवा की उपासना करें; क्या तू अब तक नहीं जानता, कि सारा मिस्र नाश हो गया है?
7. And Pharaoh H6547 's servants H5650 said H559 unto H413 him , How long H5704 H4970 shall this man H2088 be H1961 a snare H4170 unto us? let H853 the men H376 go H7971 , that they may serve H5647 H853 the LORD H3068 their God H430 : knowest H3045 thou not yet H2962 that H3588 Egypt H4714 is destroyed H6 ?
8. तब मूसा और हारून फिरौन के पास फिर बुलवाए गए, और उसने उन से कहा, चले जाओ, अपने परमेश्वर यहोवा की उपासना करो; परन्तु वे जो जाने वाले हैं, कौन कौन हैं?
8. And H853 Moses H4872 and Aaron H175 were brought again H7725 unto H413 Pharaoh H6547 : and he said H559 unto H413 them, Go H1980 , serve H5647 H853 the LORD H3068 your God H430 : but who H4310 H4310 are they that shall go H1980 ?
9. मूसा ने कहा, हम तो बेटोंबेटियों, भेड़-बकरियों, गाय-बैलों समेत वरन बच्चों से बूढ़ों तक सब के सब जाएंगे, क्योंकि हमें यहोवा के लिये पर्ब्ब करना है।
9. And Moses H4872 said H559 , We will go H1980 with our young H5288 and with our old H2205 , with our sons H1121 and with our daughters H1323 , with our flocks H6629 and with our herds H1241 will we go H1980 ; for H3588 we must hold a feast H2282 unto the LORD H3068 .
10. उसने इस प्रकार उन से कहा, यहोवा तुम्हारे संग रहे जब कि मैं तुम्हें बच्चों समेत जाने देता हूं; देखो, तुम्हारे आगे को बुराई है।
10. And he said H559 unto H413 them , Let the LORD H3068 be H1961 so H3651 with H5973 you, as H834 I will let you go H7971 , and your little ones H2945 : look H7200 to it ; for H3588 evil H7451 is before H5048 H6440 you.
11. नहीं, ऐसा नहीं होने पाएगा; तुम पुरूष ही जा कर यहोवा की उपासना करो, तुम यही तो चाहते थे। और वे फिरौन के सम्मुख से निकाल दिए गए॥
11. Not H3808 so H3651 : go H1980 now H4994 ye that are men H1397 , and serve H5647 H853 the LORD H3068 ; for H3588 that ye H859 did desire H1245 . And they were driven out H1644 from H4480 H854 Pharaoh H6547 's presence H6440 .
12. तब यहोवा ने मूसा से कहा, मिस्र देश के ऊपर अपना हाथ बढ़ा, कि टिड्डियां मिस्र देश पर चढ़ के भूमि का जितना अन्न आदि ओलों से बचा है सब को चट कर जाएं।
12. And the LORD H3068 said H559 unto H413 Moses H4872 , Stretch out H5186 thine hand H3027 over H5921 the land H776 of Egypt H4714 for the locusts H697 , that they may come up H5927 upon H5921 the land H776 of Egypt H4714 , and eat H398 H853 every H3605 herb H6212 of the land H776 , even H853 all H3605 that H834 the hail H1259 hath left H7604 .
13. और मूसा ने अपनी लाट्ठी को मिस्र देश के ऊपर बढ़ाया, तब यहोवा ने दिन भर और रात भर देश पर पुरवाई बहाई; और जब भोर हुआ तब उस पुरवाई में टिड्डियां आईं।
13. And Moses H4872 stretched forth H5186 H853 his rod H4294 over H5921 the land H776 of Egypt H4714 , and the LORD H3068 brought H5090 an east H6921 wind H7307 upon the land H776 all H3605 that H1931 day H3117 , and all H3605 that night H3915 ; and when it was H1961 morning H1242 , the east H6921 wind H7307 brought H5375 H853 the locusts H697 .
14. और टिडि्डयों ने चढ़ के मिस्र देश के सारे स्थानों मे बसेरा किया, उनका दल बहुत भारी था, वरन तो उनसे पहले ऐसी टिड्डियां आई थी, और उनके पीछे ऐसी फिर आएंगी।
14. And the locusts H697 went up H5927 over H5921 all H3605 the land H776 of Egypt H4714 , and rested H5117 in all H3605 the coasts H1366 of Egypt H4714 : very H3966 grievous H3515 were they ; before H6440 them there were H1961 no H3808 such H3651 locusts H697 as they, neither H3808 after H310 them shall be H1961 such H3651 .
15. वे तो सारी धरती पर छा गई, यहां तक कि देश अन्धेरा हो गया, और उसका सारा अन्न आदि और वृक्षों के सब फल, निदान जो कुछ ओलों से बचा था, सब को उन्होंने चट कर लिया; यहां तक कि मिस्र देश भर में तो किसी वृक्ष पर कुछ हरियाली रह गई और खेत में अनाज रह गया।
15. For they covered H3680 H853 the face H5869 of the whole H3605 earth H776 , so that the land H776 was darkened H2821 ; and they did eat H398 H853 every H3605 herb H6212 of the land H776 , and all H3605 the fruit H6529 of the trees H6086 which H834 the hail H1259 had left H3498 : and there remained H3498 not H3808 any H3605 green thing H3418 in the trees H6086 , or in the herbs H6212 of the field H7704 , through all H3605 the land H776 of Egypt H4714 .
16. तब फिरौन ने फुर्ती से मूसा और हारून को बुलवा के कहा, मैं ने तो तुम्हारे परमेश्वर यहोवा का और तुम्हारा भी अपराध किया है।
16. Then Pharaoh H6547 called H7121 for Moses H4872 and Aaron H175 in haste H4116 ; and he said H559 , I have sinned H2398 against the LORD H3068 your God H430 , and against you.
17. इसलिये अब की बार मेरा अपराध क्षमा करो, और अपने परमेश्वर यहोवा से बिनती करो, कि वह केवल मेरे ऊपर से इस मृत्यु को दूर करे।
17. Now H6258 therefore forgive H5375 , I pray thee H4994 , my sin H2403 only H389 this once H6471 , and entreat H6279 the LORD H3068 your God H430 , that he may take away H5493 from H4480 H5921 me this H2088 H853 death H4194 only H7535 .
18. तब मूसा ने फिरोन के पास से निकल कर यहोवा से बिनती की।
18. And he went out H3318 from H4480 H5973 Pharaoh H6547 , and entreated H6279 H413 the LORD H3068 .
19. तब यहोवा ने बहुत प्रचण्ड पछुवा बहाकर टिड्डियों को उड़ाकर लाल समुन्द्र में डाल दिया, और मिस्र के किसी स्थान में एक भी टिड्डी रह गई।
19. And the LORD H3068 turned H2015 a mighty H3966 strong H2389 west H3220 wind H7307 , which took away H5375 H853 the locusts H697 , and cast H8628 them into the Red H5488 sea H3220 ; there remained H7604 not H3808 one H259 locust H697 in all H3605 the coasts H1366 of Egypt H4714 .
20. तौभी यहोवा ने फिरौन के मन को कठोर कर दिया, जिस से उसने इस्राएलियों को जाने दिया।
20. But the LORD H3068 hardened H2388 H853 Pharaoh H6547 's heart H3820 , so that he would not H3808 let H853 the children H1121 of Israel H3478 go H7971 .
21. फिर यहोवा ने मूसा से कहा, अपना हाथ आकाश की ओर बढ़ा कि मिस्र देश के ऊपर अन्धकार छा जाए, ऐसा अन्धकार कि टटोला जा सके।
21. And the LORD H3068 said H559 unto H413 Moses H4872 , Stretch out H5186 thine hand H3027 toward H5921 heaven H8064 , that there may be H1961 darkness H2822 over H5921 the land H776 of Egypt H4714 , even darkness H2822 which may be felt H4959 .
22. तब मूसा ने अपना हाथ आकाश की ओर बढ़ाया, और सारे मिस्र देश में तीन दिन तक घोर अन्धकार छाया रहा।
22. And Moses H4872 stretched forth H5186 H853 his hand H3027 toward H5921 heaven H8064 ; and there was H1961 a thick H653 darkness H2822 in all H3605 the land H776 of Egypt H4714 three H7969 days H3117 :
23. तीन दिन तक तो किसी ने किसी को देखा, और कोई अपने स्थान से उठा; परन्तु सारे इस्राएलियों के घरों में उजियाला रहा।
23. They saw H7200 not H3808 one H376 H853 another H251 , neither H3808 rose H6965 any H376 from his place H4480 H8478 for three H7969 days H3117 : but all H3605 the children H1121 of Israel H3478 had H1961 light H216 in their dwellings H4186 .
24. तब फिरौन ने मूसा को बुलवाकर कहा, तुम लोग जाओ, यहोवा की उपासना करो; अपने बालकों को भी संग ले जाओ; केवल अपनी भेड़-बकरी और गाय-बैल को छोड़ जाओ।
24. And Pharaoh H6547 called H7121 unto H413 Moses H4872 , and said H559 , Go H1980 ye, serve H5647 H853 the LORD H3068 ; only H7535 let your flocks H6629 and your herds H1241 be stayed H3322 : let your little ones H2945 also H1571 go H1980 with H5973 you.
25. मूसा ने कहा, तुझ को हमारे हाथ मेलबलि और होमबलि के पशु भी देने पड़ेंगे, जिन्हें हम अपने परमेश्वर यहोवा के लिये चढ़ाएं।
25. And Moses H4872 said H559 , Thou H859 must give H5414 us H3027 also H1571 sacrifices H2077 and burnt offerings H5930 , that we may sacrifice H6213 unto the LORD H3068 our God H430 .
26. इसलिये हमारे पशु भी हमारे संग जाएंगे, उनका एक खुर तक रह जाएगा, क्योंकि उन्हीं में से हम को अपने परमेश्वर यहोवा की उपासना का सामान लेना होगा, और हम जब तक वहां पहुंचें तब तक नहीं जानते कि क्या क्या ले कर यहोवा की उपासना करनी होगी।
26. Our cattle H4735 also H1571 shall go H1980 with H5973 us ; there shall not H3808 a hoof H6541 be left behind H7604 ; for H3588 thereof H4480 must we take H3947 to serve H5647 H853 the LORD H3068 our God H430 ; and we H587 know H3045 not H3808 with what H4100 we must serve H5647 H853 the LORD H3068 , until H5704 we come H935 thither H8033 .
27. पर यहोवा ने फिरौन का मन हठीला कर दिया, जिस से उसने उन्हें जाने दिया।
27. But the LORD H3068 hardened H2388 H853 Pharaoh H6547 's heart H3820 , and he would H14 not H3808 let them go H7971 .
28. तब फिरौन ने उससे कहा, मेरे साम्हने से चला जा; और सचेत रह; मुझे अपना मुख फिर दिखाना; क्योंकि जिस दिन तू मुझे मुंह दिखलाए उसी दिन तू मारा जाएगा।
28. And Pharaoh H6547 said H559 unto him, Get H1980 thee from H4480 H5921 me , take heed H8104 to thyself, see H7200 my face H6440 no H408 more H3254 ; for H3588 in that day H3117 thou seest H7200 my face H6440 thou shalt die H4191 .
29. मूसा ने कहा, कि तू ने ठीक कहा है; मैं तेरे मुंह को फिर कभी देखूंगा॥
29. And Moses H4872 said H559 , Thou hast spoken H1696 well H3651 , I will see H7200 thy face H6440 again H3254 no H3808 more H5750 .