Bible Language
Hindi Old BSI Version

:

HOV
1. तब यहोवा ने मूसा से कहा, सुन, मैं तुझे फिरौन के लिये परमेश्वर सा ठहराता हूं; और तेरा भाई हारून तेरा नबी ठहरेगा।
1. And the LORD H3068 said H559 unto H413 Moses H4872 , See H7200 , I have made H5414 thee a god H430 to Pharaoh H6547 : and Aaron H175 thy brother H251 shall be H1961 thy prophet H5030 .
2. जो जो आज्ञा मैं तुझे दूं वही तू कहना, और हारून उसे फिरौन से कहेगा जिस से वह इस्राएलियों को अपने देश से निकल जाने दे।
2. Thou H859 shalt speak H1696 H853 all H3605 that H834 I command H6680 thee : and Aaron H175 thy brother H251 shall speak H1696 unto H413 Pharaoh H6547 , that he send H7971 H853 the children H1121 of Israel H3478 out of his land H4480 H776 .
3. और मैं फिरौन के मन को कठोर कर दूंगा, और अपने चिन्ह और चमत्कार मिस्र देश में बहुत से दिखलाऊंगा।
3. And I H589 will harden H7185 H853 Pharaoh H6547 's heart H3820 , and multiply H7235 H853 my signs H226 and my wonders H4159 in the land H776 of Egypt H4714 .
4. तौभी फिरौन तुम्हारी सुनेगा; और मैं मिस्र देश पर अपना हाथ बढ़ाकर मिस्रियों को भारी दण्ड देकर अपनी सेना अर्थात अपनी इस्राएली प्रजा को मिस्र देश से निकाल लूंगा।
4. But Pharaoh H6547 shall not H3808 hearken H8085 unto H413 you , that I may lay H5414 H853 my hand H3027 upon Egypt H4714 , and bring forth H3318 H853 mine armies H6635 , and H853 my people H5971 the children H1121 of Israel H3478 , out of the land H4480 H776 of Egypt H4714 by great H1419 judgments H8201 .
5. और जब मैं मिस्र पर हाथ बढ़ा कर इस्राएलियों को उनके बीच से निकालूंगा तब मिस्री जान लेंगे, कि मैं यहोवा हूं।
5. And the Egyptians H4714 shall know H3045 that H3588 I H589 am the LORD H3068 , when I stretch forth H5186 H853 mine hand H3027 upon H5921 Egypt H4714 , and bring out H3318 H853 the children H1121 of Israel H3478 from among H4480 H8432 them.
6. तब मूसा और हारून ने यहोवा की आज्ञा के अनुसार ही किया।
6. And Moses H4872 and Aaron H175 did H6213 as H834 the LORD H3068 commanded H6680 them, so H3651 did H6213 they.
7. और जब मूसा और हारून फिरौन से बात करने लगे तब मूसा तो अस्सी वर्ष का था, और हारून तिरासी वर्ष का था॥
7. And Moses H4872 was fourscore H8084 years H8141 old H1121 , and Aaron H175 fourscore H8084 and three H7969 years H8141 old H1121 , when they spoke H1696 unto H413 Pharaoh H6547 .
8. फिर यहोवा ने, मूसा और हारून से इस प्रकार कहा,
8. And the LORD H3068 spoke H559 unto H413 Moses H4872 and unto H413 Aaron H175 , saying H559 ,
9. कि जब फिरौन तुम से कहे, कि अपने प्रमाण का कोई चमत्कार दिखाओ, तब तू हारून से कहना, कि अपनी लाठी को ले कर फिरौन के साम्हने डाल दे, कि वह अजगर बन जाए।
9. When H3588 Pharaoh H6547 shall speak H1696 unto H413 you, saying H559 , Show H5414 a miracle H4159 for you : then thou shalt say H559 unto H413 Aaron H175 , Take H3947 H853 thy rod H4294 , and cast H7993 it before H6440 Pharaoh H6547 , and it shall become H1961 a serpent H8577 .
10. तब मूसा और हारून ने फिरौन के पास जा कर यहोवा की आज्ञा के अनुसार किया; और जब हारून ने अपनी लाठी को फिरौन और उसके कर्मचारियों के साम्हने डाल दिया, तब वह अजगर बन गया।
10. And Moses H4872 and Aaron H175 went in H935 unto H413 Pharaoh H6547 , and they did H6213 so H3651 as H834 the LORD H3068 had commanded H6680 : and Aaron H175 cast down H7993 H853 his rod H4294 before H6440 Pharaoh H6547 , and before H6440 his servants H5650 , and it became H1961 a serpent H8577 .
11. तब फिरौन ने पण्डितों और टोनहा करने वालों को बुलवाया; और मिस्र के जादूगरों ने आकर अपने अपने तंत्र मंत्र से वैसा ही किया।
11. Then Pharaoh H6547 also H1571 called H7121 the wise men H2450 and the sorcerers H3784 : now the magicians H2748 of Egypt H4714 , they H1992 also H1571 did H6213 in like manner H3651 with their enchantments H3858 .
12. उन्होंने भी अपनी अपनी लाठी को डाल दिया, और वे भी अजगर बन गए। पर हारून की लाठी उनकी लाठियों को निगल गई।
12. For they cast down H7993 every man H376 his rod H4294 , and they became H1961 serpents H8577 : but Aaron H175 's rod H4294 swallowed up H1104 H853 their rods H4294 .
13. परन्तु फिरौन का मन और हठीला हो गया, और यहोवा के वचन के अनुसार उसने मूसा और हारून की बातों को नहीं माना॥
13. And he hardened H2388 Pharaoh H6547 's heart H3820 , that he hearkened H8085 not H3808 unto H413 them; as H834 the LORD H3068 had said H1696 .
14. तब यहोवा ने मूसा से कहा, फिरोन का मन कठोर हो गया है और वह इस प्रजा को जाने नहीं देता।
14. And the LORD H3068 said H559 unto H413 Moses H4872 , Pharaoh H6547 's heart H3820 is hardened H3515 , he refuseth H3985 to let the people H5971 go H7971 .
15. इसलिये बिहान को फिरौन के पास जा, वह तो जल की ओर बाहर आएगा; और जो लाठी सर्प बन गई थी, उसको हाथ में लिए हुए नील नदी के तट पर उससे भेंट करने के लिये खड़ा रहना।
15. Get H1980 thee unto H413 Pharaoh H6547 in the morning H1242 ; lo H2009 , he goeth out H3318 unto the water H4325 ; and thou shalt stand H5324 by H5921 the river H2975 's brink H8193 against he come H7125 ; and the rod H4294 which H834 was turned H2015 to a serpent H5175 shalt thou take H3947 in thine hand H3027 .
16. और उससे इस प्रकार कहना, कि इब्रियों के परमेश्वर यहोवा ने मुझे यह कहने के लिये तेरे पास भेजा है, कि मेरी प्रजा के लोगों को जाने दे कि जिस से वे जंगल में मेरी उपासना करें; और अब तक तू ने मेरा कहना नहीं माना।
16. And thou shalt say H559 unto H413 him , The LORD H3068 God H430 of the Hebrews H5680 hath sent H7971 me unto H413 thee, saying H559 , Let H853 my people H5971 go H7971 , that they may serve H5647 me in the wilderness H4057 : and, behold H2009 , hitherto H5704 H3541 thou wouldest not H3808 hear H8085 .
17. यहोवा यों कहता है, इस से तू जान लेगा कि मैं ही परमेश्वर हूं; देख, मैं अपने हाथ की लाठी को नील नदी के जल पर मारूंगा, और जल लोहू बन जाएगा,
17. Thus H3541 saith H559 the LORD H3068 , In this H2063 thou shalt know H3045 that H3588 I H589 am the LORD H3068 : behold H2009 , I H595 will smite H5221 with the rod H4294 that H834 is in mine hand H3027 upon H5921 the waters H4325 which H834 are in the river H2975 , and they shall be turned H2015 to blood H1818 .
18. और जो मछलियां नील नदी में हैं वे मर जाएंगी, और नील नदी बसाने लगेगी, और नदी का पानी पीने के लिये मिस्रियों का जी चाहेगा।
18. And the fish H1710 that H834 is in the river H2975 shall die H4191 , and the river H2975 shall stink H887 ; and the Egyptians H4714 shall loathe H3811 to drink H8354 of the water H4325 of H4480 the river H2975 .
19. फिर यहोवा ने मूसा से कहा, हारून से कह, कि अपनी लाठी ले कर मिस्र देश में जितना जल है, अर्थात उसकी नदियां, नहरें, झीलें, और पोखरे, सब के ऊपर अपना हाथ बढ़ा कि उनका जल लोहू बन जाए; और सारे मिस्र देश में काठ और पत्थर दोनों भांति के जलपात्रों में लोहू ही लोहू हो जाएगा।
19. And the LORD H3068 spoke H559 unto H413 Moses H4872 , Say H559 unto H413 Aaron H175 , Take H3947 thy rod H4294 , and stretch out H5186 thine hand H3027 upon H5921 the waters H4325 of Egypt H4714 , upon H5921 their streams H5104 , upon H5921 their rivers H2975 , and upon H5921 their ponds H98 , and upon H5921 all H3605 their pools H4723 of water H4325 , that they may become H1961 blood H1818 ; and that there may be H1961 blood H1818 throughout all H3605 the land H776 of Egypt H4714 , both in vessels of wood H6086 , and in vessels of stone H68 .
20. तब मूसा और हारून ने यहोवा की आज्ञा ही के अनुसार किया, अर्थात उसने लाठी को उठा कर फिरौन और उसके कर्मचारियों के देखते नील नदी के जल पर मारा, और नदी का सब जल लोहू बन गया।
20. And Moses H4872 and Aaron H175 did H6213 so H3651 , as H834 the LORD H3068 commanded H6680 ; and he lifted up H7311 the rod H4294 , and smote H5221 H853 the waters H4325 that H834 were in the river H2975 , in the sight H5869 of Pharaoh H6547 , and in the sight H5869 of his servants H5650 ; and all H3605 the waters H4325 that H834 were in the river H2975 were turned H2015 to blood H1818 .
21. और नील नदी में जो मछलियां थीं वे मर गई; और नदी से दुर्गन्ध आने लगी, और मिस्री लोग नदी का पानी पी सके; और सारे मिस्र देश में लोहू हो गया।
21. And the fish H1710 that H834 was in the river H2975 died H4191 ; and the river H2975 stank H887 , and the Egyptians H4714 could H3201 not H3808 drink H8354 of the water H4325 of H4480 the river H2975 ; and there was H1961 blood H1818 throughout all H3605 the land H776 of Egypt H4714 .
22. तब मिस्र के जादूगरों ने भी अपने तंत्र-मंत्रो से वैसा ही किया; तौभी फिरौन का मन हठीला हो गया, और यहोवा के कहने के अनुसार उसने मूसा और हारून की मानी।
22. And the magicians H2748 of Egypt H4714 did H6213 so H3651 with their enchantments H3909 : and Pharaoh H6547 's heart H3820 was hardened H2388 , neither H3808 did he hearken H8085 unto H413 them; as H834 the LORD H3068 had said H1696 .
23. फिरौन ने इस पर भी ध्यान नहीं दिया, और मुंह फेर के अपने घर में चला गया।
23. And Pharaoh H6547 turned H6437 and went H935 into H413 his house H1004 , neither H3808 did he set H7896 his heart H3820 to this H2063 also H1571 .
24. और सब मिस्री लोग पीने के जल के लिये नील नदी के आस पास खोदने लगे, क्योंकि वे नदी का जल नहीं पी सकते थे।
24. And all H3605 the Egyptians H4714 digged H2658 round about H5439 the river H2975 for water H4325 to drink H8354 ; for H3588 they could H3201 not H3808 drink H8354 of the water H4480 H4325 of the river H2975 .
25. और जब यहोवा ने नील नदी को मारा था तब से सात दिन हो चुके थे॥
25. And seven H7651 days H3117 were fulfilled H4390 , after H310 that the LORD H3068 had smitten H5221 H853 the river H2975 .