Bible Versions
Bible Books

Zechariah 3 (HOV) Hindi Old BSI Version

1 फिर उस ने यहोशू महायाजक को यहोवा के दूत के साम्हने खड़ा हुआ मुझे दिखाया, और शैतान उसकी दहिनी ओर उसका विरोध करने को खड़ा था।
2 तब यहोवा ने शैतान से कहा, हे शैतान यहोवा तुझ को घुड़के! यहोवा जो यरूशलेम को अपना लेता है, वही तुझे घुड़के! क्या यह आग से निकाली हुई लुकटी सी नहीं है?
3 उस समय यहोशू तो दूत के साम्हने मैला वस्त्रा पहिने हुए खड़ा था।
4 तब दूत ने उन से जो साम्हने खड़े थे कहा, इसके ये मैले वस्त्रा उतारो। फिर उस ने उस से कहा, देख, मैं ने तेरा अधर्म दूर किया है, और मैं तुझे सुन्दर वस्त्रा पहिना देता हूं।
5 तब मैं ने कहा, इसके सिर पर एक शुद्ध पगड़ी रखी जाए। और उन्हों ने उसके सिर पर याजक के योग्य शुद्ध पगड़ी रखी, और उसको वस्त्रा पहिनाए; उस समय यहोवा का दूत पास खड़ा रहा।।
6 तब यहोवा के दूत ने यहोशू को चिताकर कहा,
7 सेनाओं का यहोवा तुझ से यों कहता है: यदि तू मेरे मार्गों पर चले, और जो कुछ मैं ने तुझे सौंप दिया है उसकी रक्षा करे, तो तू मेरे भवन का न्यायी, और मेरे आंगनों का रक्षक होगा; और मैं तुझ को इनके बीच में आने जाने दूंगा जो पास खड़े हैं।
8 हे यहेाशू महायाजक, तू सुन ले, और तेरे भाईबन्धु जो तेरे साम्हने खड़े हैं वे भी सुनें, क्योंकि वे मनुष्य शुभ शकुन हैं: सुनो, मैं अपने दास शाख को प्रगट करूंगा।
9 उस पत्थर को देख जिसे मैं ने यहोशू के आगे रखा है, उस एक ही पत्थर के ऊपर सात आंखें बनी हैं, सेनाओं के यहोवा की यह वाणी है, देख मैं उस पत्थर पर खोद देता हूं, और इस देश के अधर्म को एक ही दिन में दूर कर दूंगा।
10 उसी दिन तुम अपने अपने भाईबन्धुओं को दाखलता और अंजीर के वृक्ष के नीचे आने के लिये बुलाओगे, सेनाओं के यहोवा की यही वाणी है।।
Copy Rights © 2023: biblelanguage.in; This is the Non-Profitable Bible Word analytical Website, Mainly for the Indian Languages. :: About Us .::. Contact Us
×

Alert

×