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1. तब अय्यूब ने कहा,
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1. Then Job H347 answered H6030 and said H559 ,
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2. तुम कब तक मेरे प्राण को दु:ख देते रहोगे; और बातों से मुझे चूर चूर करोगे?
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2. How long H5704 H575 will ye vex H3013 my soul H5315 , and break me in pieces H1792 with words H4405 ?
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3. इन दसों बार तुम लोग मेरी निन्दा ही करते रहे, तुम्हें लज्जा नहीं आती, कि तुम मेरे साथ कठोरता का बरताव करते हो?
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3. These H2088 ten H6235 times H6471 have ye reproached H3637 me : ye are not H3808 ashamed H954 that ye make yourselves strange H1970 to me.
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4. मान लिया कि मुझ से भूल हुई, तौभी वह भूल तो मेरे ही सिर पर रहेगी।
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4. And H637 be it indeed H551 that I have erred H7686 , mine error H4879 remaineth H3885 with H854 myself.
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5. यदि तुम सचमुच मेरे विरुद्ध अपनी बड़ाई करते हो और प्रमाण देकर मेरी निन्दा करते हो,
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5. If H518 indeed H551 ye will magnify H1431 yourselves against H5921 me , and plead H3198 against H5921 me my reproach H2781 :
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6. तो यह जान लो कि ईश्वर ने मुझे गिरा दिया है, और मुझे अपने जाल में फंसा लिया है।
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6. Know H3045 now H645 that H3588 God H433 hath overthrown H5791 me , and hath compassed H5362 H5921 me with his net H4685 .
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7. देखो, मैं उपद्रव! उपद्रव! यों चिल्लाता रहता हूँ, परन्तु कोई नहीं सुनता; मैं सहायता के लिये दोहाई देता रहता हूँ, परन्तु कोई न्याय नहीं करता।
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7. Behold H2005 , I cry out H6817 of wrong H2555 , but I am not H3808 heard H6030 : I cry aloud H7768 , but there is no H369 judgment H4941 .
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8. उसने मेरे मार्ग को ऐसा रूंधा है कि मैं आगे चल नहीं सकता, और मेरी डगरें अन्धेरी कर दी हैं।
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8. He hath fenced up H1443 my way H734 that I cannot H3808 pass H5674 , and he hath set H7760 darkness H2822 in H5921 my paths H5410 .
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9. मेरा वैभव उसने हर लिया है, और मेरे सिर पर से मुकुट उतार दिया है।
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9. He hath stripped me of H6584 H4480 H5921 my glory H3519 , and taken H5493 the crown H5850 from my head H7218 .
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10. उसने चारों ओर से मुझे तोड़ दिया, बस मैं जाता रहा, और मेरा आसरा उसने वृक्ष की नाईं उखाड़ डाला है।
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10. He hath destroyed H5422 me on every side H5439 , and I am gone H1980 : and mine hope H8615 hath he removed H5265 like a tree H6086 .
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11. उसने मुझ पर अपना क्रोध भड़काया है और अपने शत्रुओं में मुझे गिनता है।
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11. He hath also kindled H2734 his wrath H639 against H5921 me , and he counteth H2803 me unto him as one of his enemies H6862 .
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12. उसके दल इकट्ठे हो कर मेरे विरुद्ध मोर्चा बान्धते हैं, और मेरे डेरे के चारों ओर छावनी डालते हैं।
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12. His troops H1416 come H935 together H3162 , and raise up H5549 their way H1870 against H5921 me , and encamp H2583 round about H5439 my tabernacle H168 .
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13. उसने मेरे भाइयों को मुझ से दूर किया है, और जो मेरी जान पहचान के थे, वे बिलकुल अनजान हो गए हैं।
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13. He hath put my brethren far H7368 H251 from H4480 H5921 me , and mine acquaintance H3045 are verily H389 estranged H2114 from H4480 me.
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14. मेरे कुटुंबी मुझे छोड़ गए हैं, और जो मुझे जानते थे वह मुझे भूल गए हैं।
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14. My kinsfolk H7138 have failed H2308 , and my familiar friends H3045 have forgotten H7911 me.
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15. जो मेरे घर में रहा करते थे, वे, वरन मेरी दासियां भी मुझे अनजाना गिनने लगीं हैं; उनकी दृष्टि में मैं परदेशी हो गया हूँ।
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15. They that dwell H1481 in mine house H1004 , and my maids H519 , count H2803 me for a stranger H2114 : I am H1961 an alien H5237 in their sight H5869 .
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16. जब मैं अपने दास को बुलाता हूँ, तब वह नहीं बोलता; मुझे उस से गिड़गिड़ाना पड़ता है।
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16. I called H7121 my servant H5650 , and he gave me no H3808 answer H6030 ; I entreated H2603 him with H1119 my mouth H6310 .
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17. मेरी सांस मेरी स्त्री को और मेरी गन्ध मेरे भाइयों की दृष्टि में घिनौनी लगती है।
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17. My breath H7307 is strange H2114 to my wife H802 , though I entreated H2603 for the children H1121 's sake of mine own body H990 .
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18. लड़के भी मुझे तुच्छ जानते हैं; और जब मैं उठने लगता, तब वे मेरे विरुद्ध बोलते हैं।
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18. Yea H1571 , young children H5759 despised H3988 me ; I arose H6965 , and they spoke H1696 against me.
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19. मेरे सब परम मित्र मुझ से द्वेष रखते हैं, और जिन से मैं ने प्रेम किया सो पलटकर मेरे विरोधी हो गए हैं।
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19. All H3605 my inward H5475 friends H4962 abhorred H8581 me : and they whom H2088 I loved H157 are turned H2015 against me.
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20. मेरी खाल और मांस मेरी हड्डियों से सट गए हैं, और मैं बाल बाल बच गया हूं।
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20. My bone H6106 cleaveth H1692 to my skin H5785 and to my flesh H1320 , and I am escaped H4422 with the skin H5785 of my teeth H8127 .
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21. हे मेरे मित्रो! मुझ पर दया करो, दया, क्योंकि ईश्वर ने मुझे मारा है।
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21. Have pity upon H2603 me , have pity upon H2603 me , O ye H859 my friends H7453 ; for H3588 the hand H3027 of God H433 hath touched H5060 me.
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22. तुम ईश्वर की नाईं क्यों मेरे पीछे पड़े हो? और मेरे मांस से क्यों तृप्त नहीं हुए?
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22. Why H4100 do ye persecute H7291 me as H3644 God H410 , and are not H3808 satisfied H7646 with my flesh H4480 H1320 ?
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23. भला होता, कि मेरी बातें लिखी जातीं; भला होता, कि वे पुस्तक में लिखी जातीं,
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23. Oh that H4310 my words H4405 were H5414 now H645 written H3789 ! oh that H4310 they were H5414 printed H2710 in a book H5612 !
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24. और लोहे की टांकी और शीशे से वे सदा के लिये चट्टान पर खोदी जातीं।
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24. That they were graven H2672 with an iron H1270 pen H5842 and lead H5777 in the rock H6697 forever H5703 !
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25. मुझे तो निश्चय है, कि मेरा छुड़ाने वाला जीवित है, और वह अन्त में पृथ्वी पर खड़ा होगा।
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25. For I H589 know H3045 that my redeemer H1350 liveth H2416 , and that he shall stand H6965 at the latter H314 day upon H5921 the earth H6083 :
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26. और अपनी खाल के इस प्रकार नाश हो जाने के बाद भी, मैं शरीर में हो कर ईश्वर का दर्शन पाऊंगा।
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26. And though after H310 my skin H5785 worms destroy H5362 this H2063 body , yet in my flesh H4480 H1320 shall I see H2372 God H433 :
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27. उसका दर्शन मैं आप अपनी आंखों से अपने लिये करूंगा, और न कोई दूसरा। यद्यपि मेरा हृदय अन्दर ही अन्दर चूर चूर भी हो जाए, तौभी मुझ में तो धर्म का मूल पाया जाता है!
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27. Whom H834 I H589 shall see H2372 for myself , and mine eyes H5869 shall behold H7200 , and not H3808 another H2114 ; though my reins H3629 be consumed H3615 within H2436 me.
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28. और तुम जो कहते हो हम इस को क्योंकर सताएं!
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28. But H3588 ye should say H559 , Why H4100 persecute H7291 we him , seeing the root H8328 of the matter H1697 is found H4672 in me?
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29. तो तुम तलवार से डरो, क्योंकि जलजलाहट से तलवार का दण्ड मिलता है, जिस से तुम जान लो कि न्याय होता है।
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29. Be ye afraid H1481 of H4480 H6440 the sword H2719 : for H3588 wrath H2534 bringeth the punishments H5771 of the sword H2719 , that H4616 ye may know H3045 there is a judgment H7945 H1779 .
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