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1. सर्वशक्तिमान ने समय क्यों नहीं ठहराया, और जो लोग उसका ज्ञान रखते हैं वे उसके दिन क्यों देखने नहीं पाते?
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1. Why H4069 , seeing times H6256 are not H3808 hidden H6845 from the Almighty H4480 H7706 , do they that know H3045 him not H3808 see H2372 his days H3117 ?
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2. कुछ लोग भूमि की सीमा को बढ़ाते, और भेड़ बकरियां छीन कर चराते हैं।
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2. Some remove H5381 the landmarks H1367 ; they violently take away H1497 flocks H5739 , and feed H7462 thereof .
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3. वे अनाथों का गदहा हांक ले जाते, और विधवा का बैल बन्धक कर रखते हैं।
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3. They drive away H5090 the ass H2543 of the fatherless H3490 , they take the widow's ox for a pledge H2254 H7794 H490 .
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4. वे दरिद्र लोगों को मार्ग से हटा देते, और देश के दीनों को इकट्ठे छिपना पड़ता है।
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4. They turn H5186 the needy H34 out of the way H4480 H1870 : the poor H6041 of the earth H776 hide H2244 themselves together H3162 .
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5. देखो, वे जंगली गदहों की नाईं अपने काम को और कुछ भोजन यत्न से ढूंढ़ने को निकल जाते हैं; उनके लड़के-बालों का भोजन उन को जंगल से मिलता है।
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5. Behold H2005 , as wild asses H6501 in the desert H4057 , go they forth H3318 to their work H6467 ; rising quickly H7836 for a prey H2964 : the wilderness H6160 yieldeth food H3899 for them and for their children H5288 .
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6. उन को खेत में चारा काटना, और दुष्टों की बची बचाई दाख बटोरना पड़ता है।
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6. They reap H7114 every one his corn H1098 in the field H7704 : and they gather H3953 the vintage H3754 of the wicked H7563 .
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7. रात को उन्हें बिना वस्त्र नंगे पड़े रहना और जाड़े के समय बिना ओढ़े पड़े रहना पड़ता है।
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7. They cause the naked H6174 to lodge H3885 without H4480 H1097 clothing H3830 , that they have no H369 covering H3682 in the cold H7135 .
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8. वे पहाड़ों पर की झडिय़ों से भीगे रहते, और शरण न पाकर चट्टान से लिपट जाते हैं।
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8. They are wet H7372 with the showers H4480 H2230 of the mountains H2022 , and embrace H2263 the rock H6697 for want H4480 H1097 of a shelter H4268 .
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9. कुछ लोग अनाथ बालक को माँ की छाती पर से छीन लेते हैं, और दीन लोगों से बन्धक लेते हैं।
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9. They pluck H1497 the fatherless H3490 from the breast H4480 H7699 , and take a pledge H2254 of H5921 the poor H6041 .
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10. जिस से वे बिना वस्त्र नंगे फिरते हैं; और भूख के मारे, पूलियां ढोते हैं।
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10. They cause him to go H1980 naked H6174 without H1097 clothing H3830 , and they take away H5375 the sheaf H6016 from the hungry H7457 ;
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11. वे उनकी भीतों के भीतर तेल पेरते और उनके कुणडों में दाख रौंदते हुए भी प्यासे रहते हैं।
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11. Which make oil H6671 within H996 their walls H7791 , and tread H1869 their winepresses H3342 , and suffer thirst H6770 .
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12. वे बड़े नगर में कराहते हैं, और घायल किए हुओं का जी दोहाई देता है; परन्तु ईश्वर मूर्खता का हिसाब नहीं लेता।
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12. Men H4962 groan H5008 from out of the city H4480 H5892 , and the soul H5315 of the wounded H2491 crieth out H7768 : yet God H433 layeth H7760 not H3808 folly H8604 to them .
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13. फिर कुछ लोग उजियाले से बैर रखते, वे उसके मार्गों को नहीं पहचानते, और न उसके मार्गों में बने रहते हैं।
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13. They H1992 are H1961 of those that rebel H4775 against the light H216 ; they know H5234 not H3808 the ways H1870 thereof, nor H3808 abide H3427 in the paths H5410 thereof.
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14. खूनी, पह फटते ही उठ कर दीन दरिद्र मनुष्य को घात करता, और रात को चोर बन जाता है।
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14. The murderer H7523 rising H6965 with the light H216 killeth H6991 the poor H6041 and needy H34 , and in the night H3915 is H1961 as a thief H1590 .
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15. व्यभिचारी यह सोच कर कि कोई मुझ को देखने न पाए, दिन डूबने की राह देखता रहता है, और वह अपना मुंह छिपाए भी रखता है।
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15. The eye H5869 also of the adulterer H5003 waiteth H8104 for the twilight H5399 , saying H559 , No H3808 eye H5869 shall see H7789 me : and disguiseth H5643 H7760 his face H6440 .
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16. वे अन्धियारे के समय घरों में सेंध मारते और दिन को छिपे रहते हैं; वे उजियाले को जानते भी नहीं।
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16. In the dark H2822 they dig through H2864 houses H1004 , which they had marked H2856 for themselves in the daytime H3119 : they know H3045 not H3808 the light H216 .
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17. इसलिये उन सभों को भोर का प्रकाश घोर अन्धकार सा जान पड़ता है, क्योंकि घोर अन्धकार का भय वे जानते हैं।
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17. For H3588 the morning H1242 is to them even as H3162 the shadow of death H6757 : if H3588 one know H5234 them, they are in the terrors H1091 of the shadow of death H6757 .
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18. वे जल के ऊपर हलकी वस्तु के सरीखे हैं, उनके भाग को पृथ्वी के रहने वाले कोसते हैं, और वे अपनी दाख की बारियों में लौटने नहीं पाते।
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18. He H1931 is swift H7031 as H5921 H6440 the waters H4325 ; their portion H2513 is cursed H7043 in the earth H776 : he beholdeth H6437 not H3808 the way H1870 of the vineyards H3754 .
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19. जैसे सूखे और घाम से हिम का जल सूख जाता है वैसे ही पापी लोग अधोलोक में सूख जाते हैं।
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19. Drought H6723 and H1571 heat H2527 consume H1497 the snow H7950 waters H4325 : so doth the grave H7585 those which have sinned H2398 .
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20. माता भी उसको भूल जाती, और कीड़े उसे चूसते हें, भवीष्य में उसका स्मरण न रहेगा; इस रीति टेढ़ा काम करने वाला वृक्ष की नाईं कट जाता है।
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20. The womb H7358 shall forget H7911 him ; the worm H7415 shall feed sweetly H4988 on him ; he shall be no H3808 more H5750 remembered H2142 ; and wickedness H5766 shall be broken H7665 as a tree H6086 .
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21. वह बांज स्त्री को जो कभी नहीं जनी लूटता, और विधवा से भलाई करना नहीं चाहता है।
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21. He evil entreateth H7462 the barren H6135 that beareth H3205 not H3808 : and doeth not H3808 good H3190 to the widow H490 .
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22. बलात्कारियों को भी ईश्वर अपनी शक्ति से खींच लेता है, जो जीवित रहने की आशा नहीं रखता, वह भी फिर उठ बैठता है।
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22. He draweth H4900 also the mighty H47 with his power H3581 : he riseth up H6965 , and no H3808 man is sure H539 of life H2416 .
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23. उन्हें ऐसे बेखटके कर देता है, कि वे सम्भले रहते हैं; उौर उसकी कृपादृष्टि उनकी चाल पर लगी रहती है।
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23. Though it be given H5414 him to be in safety H983 , whereon he resteth H8172 ; yet his eyes H5869 are upon H5921 their ways H1870 .
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24. वे बढ़ते हैं, तब थोड़ी बेर में जाते रहते हैं, वे दबाए जाते और सभोंनकी नाईं रख लिये जाते हैं, और अनाज की बाल की नाईं काटे जाते हैं।
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24. They are exalted H7426 for a little while H4592 , but are gone H369 and brought low H4355 ; they are taken out of the way H7092 as all H3605 other , and cut off H5243 as the tops H7218 of the ears of corn H7641 .
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25. क्या यह सब सच नहीं! कौन मुझे झुठलाएगा? कौन मेरी बातें निकम्मी ठहराएगा?
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25. And if H518 it be not H3808 so now H645 , who H4310 will make me a liar H3576 , and make H7760 my speech H4405 nothing H408 worth?
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