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1. बड़े धन से अच्छा नाम अधिक चाहने योग्य है, और सोने चान्दी से औरों की प्रसन्नता उत्तम है।
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1. A good name H8034 is rather to be chosen H977 than great H7227 riches H4480 H6239 , and loving H2896 favor H2580 rather than silver H4480 H3701 and gold H4480 H2091 .
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2. धनी और निर्धन दोनों एक दूसरे से मिलते हैं; यहोवा उन दोनों का कर्त्ता है।
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2. The rich H6223 and poor H7326 meet together H6298 : the LORD H3068 is the maker H6213 of them all H3605 .
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3. चतुर मनुष्य विपत्ति को आते देख कर छिप जाता है; परन्तु भोले लोग आगे बढ़ कर दण्ड भोगते हैं।
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3. A prudent H6175 man foreseeth H7200 the evil H7451 , and hideth himself H5641 : but the simple H6612 pass on H5674 , and are punished H6064 .
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4. नम्रता और यहोवा के भय मानने का फल धन, महिमा और जीवन होता है।
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4. By H6118 humility H6038 and the fear H3374 of the LORD H3068 are riches H6239 , and honor H3519 , and life H2416 .
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5. टेढ़े मनुष्य के मार्ग में कांटे और फन्दे रहते हैं; परन्तु जो अपने प्राणों की रक्षा करता, वह उन से दूर रहता है।
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5. Thorns H6791 and snares H6341 are in the way H1870 of the froward H6141 : he that doth keep H8104 his soul H5315 shall be far H7368 from H4480 them.
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6. लड़के को शिक्षा उसी मार्ग की दे जिस में उस को चलना चाहिये, और वह बुढ़ापे में भी उस से न हटेगा।
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6. Train up H2596 a child H5288 in H5921 the way H1870 he should go H6310 : and H1571 when H3588 he is old H2204 , he will not H3808 depart H5493 from H4480 it.
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7. धनी, निर्धन लोगों पर प्रभुता करता है, और उधार लेने वाला उधार देने वाले का दास होता है।
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7. The rich H6223 ruleth H4910 over the poor H7326 , and the borrower H3867 is servant H5650 to the lender H376 H3867 .
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8. जो कुटिलता का बीज बोता है, वह अनर्थ ही काटेगा, और उसके रोष का सोंटा टूटेगा।
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8. He that soweth H2232 iniquity H5766 shall reap H7114 vanity H205 : and the rod H7626 of his anger H5678 shall fail H3615 .
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9. दया करने वाले पर आशीष फलती है, क्योंकि वह कंगाल को अपनी रोटी में से देता है।
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9. He H1931 that hath a bountiful H2896 eye H5869 shall be blessed H1288 ; for H3588 he giveth H5414 of his bread H4480 H3899 to the poor H1800 .
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10. ठट्ठा करने वाले को निकाल दे, तब झगड़ा मिट जाएगा, और वाद-विवाद और अपमान दोनों टूट जाएंगे।
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10. Cast out H1644 the scorner H3887 , and contention H4066 shall go out H3318 ; yea, strife H1779 and reproach H7036 shall cease H7673 .
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11. जो मन की शुद्धता से प्रीति रखता है, और जिसके वचन मनोहर होते हैं, राजा उसका मित्र होता है।
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11. He that loveth H157 pureness H2890 of heart H3820 , for the grace H2580 of his lips H8193 the king H4428 shall be his friend H7453 .
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12. यहोवा ज्ञानी पर दृष्टि कर के, उसकी रक्षा करता है, परन्तु विश्वासघाती की बातें उलट देता है।
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12. The eyes H5869 of the LORD H3068 preserve H5341 knowledge H1847 , and he overthroweth H5557 the words H1697 of the transgressor H898 .
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13. आलसी कहता है, बाहर तो सिंह होगा! मैं चौक के बीच घात किया जाऊंगा।
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13. The slothful H6102 man saith H559 , There is a lion H738 without H2351 , I shall be slain H7523 in H8432 the streets H7339 .
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14. पराई स्त्रियों का मुंह गहिरा गड़हा है; जिस से यहोवा क्रोधित होता, वही उस में गिरता है।
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14. The mouth H6310 of strange women H2114 is a deep H6013 pit H7745 : he that is abhorred H2194 of the LORD H3068 shall fall H5307 therein H8033 .
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15. लड़के के मन में मूढ़ता की गाँठ बन्धी रहती है, परन्तु छड़ी की ताड़ना के द्वारा वह उस से दूर की जाती है।
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15. Foolishness H200 is bound H7194 in the heart H3820 of a child H5288 ; but the rod H7626 of correction H4148 shall drive it far H7368 from H4480 him.
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16. जो अपने लाभ के निमित्त कंगाल पर अन्धेर करता है, और जो धनी को भेंट देता, वे दोनो केवल हानि ही उठाते हैं॥
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16. He that oppresseth H6231 the poor H1800 to increase H7235 his riches, and he that giveth H5414 to the rich H6223 , shall surely H389 come to want H4270 .
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17. कान लगा कर बुद्धिमानों के वचन सुन, और मेरी ज्ञान की बातों की ओर मन लगा;
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17. Bow down H5186 thine ear H241 , and hear H8085 the words H1697 of the wise H2450 , and apply H7896 thine heart H3820 unto my knowledge H1847 .
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18. यदि तू उस को अपने मन में रखे, और वे सब तेरे मुंह से निकला भी करें, तो यह मन भावनी बात होगी।
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18. For H3588 it is a pleasant H5273 thing if H3588 thou keep H8104 them within H990 thee ; they shall withal H3162 be fitted H3559 in H5921 thy lips H8193 .
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19. मैं आज इसलिये ये बातें तुझ को जता देता हूं, कि तेरा भरोसा यहोवा पर हो।
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19. That thy trust H4009 may be H1961 in the LORD H3068 , I have made known H3045 to thee this day H3117 , even H637 to thee H859 .
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20. मैं बहुत दिनों से तेरे हित के उपदेश और ज्ञान की बातें लिखता आया हूं,
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20. Have not H3808 I written H3789 to thee excellent things H7991 in counsels H4156 and knowledge H1847 ,
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21. कि मैं तुझे सत्य वचनों का निश्चय करा दूं, जिस से जो तुझे काम में लगाएं, उन को सच्चा उत्तर दे सके॥
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21. That I might make thee know H3045 the certainty H7189 of the words H561 of truth H571 ; that thou mightest answer H7725 the words H561 of truth H571 to them that send H7971 unto thee?
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22. कंगाल पर इस कारण अन्धेर न करना कि वह कंगाल है, और न दीन जन को कचहरी में पीसना;
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22. Rob H1497 not H408 the poor H1800 , because H3588 he H1931 is poor H1800 : neither H408 oppress H1792 the afflicted H6041 in the gate H8179 :
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23. क्योंकि यहोवा उनका मुकद्दमा लड़ेगा, और जो लोग उनका धन हर लेते हैं, उनका प्राण भी वह हर लेगा।
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23. For H3588 the LORD H3068 will plead H7378 their cause H7379 , and spoil H6906 the soul H5315 of H853 those that spoiled H6906 them.
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24. क्रोधी मनुष्य का मित्र न होना, और झट क्रोध करने वाले के संग न चलना,
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24. Make no H408 friendship H7462 with H854 an angry H639 man H1167 ; and with H854 a furious H2534 man H376 thou shalt not H3808 go H935 :
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25. कहीं ऐसा न हो कि तू उसकी चाल सीखे, और तेरा प्राण फन्दे में फंस जाए।
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25. Lest H6435 thou learn H502 his ways H734 , and get H3947 a snare H4170 to thy soul H5315 .
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26. जो लोग हाथ पर हाथ मारते, और ऋणियों के उत्तरदायी होते हैं, उन में तू न होना।
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26. Be H1961 not H408 thou one of them that strike H8628 hands H3709 , or of them that are sureties H6148 for debts H4859 .
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27. यदि भर देने के लिये तेरे पास कुछ न हो, तो वह क्यों तेरे नीचे से खाट खींच ले जाए?
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27. If H518 thou hast nothing H369 to pay H7999 , why H4100 should he take away H3947 thy bed H4904 from under H4480 H8478 thee?
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28. जो सिवाना तेरे पुरखाओं ने बान्धा हो, उस पुराने सिवाने को न बढ़ाना।
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28. Remove H5253 not H408 the ancient H5769 landmark H1366 , which H834 thy fathers H1 have set H6213 .
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29. यदि तू ऐसा पुरूष देखे जो कामकाज में निपुण हो, तो वह राजाओं के सम्मुख खड़ा होगा; छोटे लोगों के सम्मुख नहीं॥
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29. Seest H2372 thou a man H376 diligent H4106 in his business H4399 ? he shall stand H3320 before H6440 kings H4428 ; he shall not H1077 stand H3320 before H6440 mean H2823 men .
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