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1. सुलैमान के नीतिवचन ये भी हैं; जिन्हें यहूदा के राजा हिजकिय्याह के जनों ने नकल की थी॥
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1. These H428 are also H1571 proverbs H4912 of Solomon H8010 , which H834 the men H376 of Hezekiah H2396 king H4428 of Judah H3063 copied out H6275 .
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2. परमेश्वर की महिमा, गुप्त रखने में है परन्तु राजाओं की महिमा गुप्त बात के पता लगाने से होती है।
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2. It is the glory H3519 of God H430 to conceal H5641 a thing H1697 : but the honor H3519 of kings H4428 is to search out H2713 a matter H1697 .
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3. स्वर्ग की ऊंचाई और पृथ्वी की गहराई और राजाओं का मन, इन तीनों का अन्त नहीं मिलता।
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3. The heaven H8064 for height H7312 , and the earth H776 for depth H6011 , and the heart H3820 of kings H4428 is unsearchable H369 H2714 .
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4. चान्दी में से मैल दूर करने पर सुनार के लिये एक पात्र हो जाता है।
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4. Take away H1898 the dross H5509 from the silver H4480 H3701 , and there shall come forth H3318 a vessel H3627 for the refiner H6884 .
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5. राजा के साम्हने से दुष्ट को निकाल देने पर उसकी गद्दी धर्म के कारण स्थिर होगी।
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5. Take away H1898 the wicked H7563 from before H6440 the king H4428 , and his throne H3678 shall be established H3559 in righteousness H6664 .
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6. राजा के साम्हने अपनी बड़ाई न करना और बड़े लोगों के स्थान में खड़ा न होना;
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6. Put not forth thyself H408 H1921 in the presence H6440 of the king H4428 , and stand H5975 not H408 in the place H4725 of great H1419 men :
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7. क्योंकि जिस प्रधान का तू ने दर्शन किया हो उसके साम्हने तेरा अपमान न हो, वरन तुझ से यह कहा जाए, आगे बढ़ कर विराज॥
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7. For H3588 better H2896 it is that it be said H559 unto thee , Come up H5927 hither H2008 ; than that thou shouldest be put lower H4480 H8213 in the presence H6440 of the prince H5081 whom H834 thine eyes H5869 have seen H7200 .
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8. झगड़ा करने में जल्दी न करना नहीं तो अन्त में जब तेरा पड़ोसी तेरा मुंह काला करे तब तू क्या कर सकेगा?
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8. Go not forth H3318 H408 hastily H4118 to strive H7378 , lest H6435 thou know not what H4100 to do H6213 in the end H319 thereof , when thy neighbor H7453 hath put thee to shame H3637 H853 .
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9. अपने पडोसी के साथ वाद विवाद एकान्त में करना और पराये का भेद न खोलना;
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9. Debate H7378 thy cause H7379 with H854 thy neighbor H7453 himself ; and discover H1540 not H408 a secret H5475 to another H312 :
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10. ऐसा न हो कि सुनने वाला तेरी भी निन्दा करे, और तेरा अपवाद बना रहे॥
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10. Lest H6435 he that heareth H8085 it put thee to shame H2616 , and thine infamy H1681 turn not away H3808 H7725 .
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11. जैसे चान्दी की टोकरियों में सोनहले सेब हों वैसे ही ठीक समय पर कहा हुआ वचन होता है।
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11. A word H1697 fitly H5921 H655 spoken H1696 is like apples H8598 of gold H2091 in pictures H4906 of silver H3701 .
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12. जैसे सोने का नथ और कुन्दन का जेवर अच्छा लगता है, वैसे ही मानने वाले के कान में बुद्धिमान की डांट भी अच्छी लगती है।
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12. As an earring H5141 of gold H2091 , and an ornament H2481 of fine gold H3800 , so is a wise H2450 reprover H3198 upon H5921 an obedient H8085 ear H241 .
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13. जैसे कटनी के समय बर्फ की ठण्ड से, वैसे ही विश्वासयोग्य दूत से भी, भेजने वालों का जी ठण्डा होता है।
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13. As the cold H6793 of snow H7950 in the time H3117 of harvest H7105 , so is a faithful H539 messenger H6735 to them that send H7971 him : for he refresheth H7725 the soul H5315 of his masters H113 .
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14. जैसे बादल और पवन बिना दृष्टि निर्लाभ होते हैं, वैसे ही झूठ-मूठ दान देने वाले का बड़ाई मारना होता है॥
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14. Whoso H376 boasteth himself H1984 of a false H8267 gift H4991 is like clouds H5387 and wind H7307 without H369 rain H1653 .
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15. धीरज धरने से न्यायी मनाया जाता है, और कोमल वचन हड्डी को भी तोड़ डालता है।
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15. By long H753 forbearing H639 is a prince H7101 persuaded H6601 , and a soft H7390 tongue H3956 breaketh H7665 the bone H1634 .
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16. क्या तू ने मधु पाया? तो जितना तेरे लिये ठीक हो उतना ही खाना, ऐसा न हो कि अधिक खा कर उसे उगल दे।
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16. Hast thou found H4672 honey H1706 ? eat H398 so much as is sufficient H1767 for thee, lest H6435 thou be filled H7646 therewith , and vomit H6958 it.
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17. अपने पड़ोसी के घर में बारम्बार जाने से अपने पांव को रोक ऐसा न हो कि वह खिन्न हो कर घृणा करने लगे।
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17. Withdraw H3365 thy foot H7272 from thy neighbor H7453 's house H4480 H1004 ; lest H6435 he be weary H7646 of thee , and so hate H8130 thee.
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18. जो किसी के विरूद्ध झूठी साक्षी देता है, वह मानो हथौड़ा और तलवार और पैना तीर है।
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18. A man H376 that beareth H6030 false H8267 witness H5707 against his neighbor H7453 is a maul H4650 , and a sword H2719 , and a sharp H8150 arrow H2671 .
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19. विपत्ति के समय विश्वासघाती का भरोसा टूटे हुए दांत वा उखड़े पांव के समान है।
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19. Confidence H4009 in an unfaithful man H898 in time H3117 of trouble H6869 is like a broken H7465 tooth H8127 , and a foot H7272 out of joint H4154 .
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20. जैसा जाड़े के दिनों में किसी का वस्त्र उतारना वा सज्जी पर सिरका डालना होता है, वैसा ही उदास मन वाले के साम्हने गीत गाना होता है।
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20. As he that taketh away H5710 a garment H899 in cold H7135 weather H3117 , and as vinegar H2558 upon H5921 niter H5427 , so is he that singeth H7891 songs H7892 to H5921 a heavy H7451 heart H3820 .
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21. यदि तेरा बैरी भूखा हो तो उस को रोटी खिलाना; और यदि वह प्यासा हो तो उसे पानी पिलाना;
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21. If H518 thine enemy H8130 be hungry H7457 , give him bread H3899 to eat H398 ; and if H518 he be thirsty H6771 , give him water H4325 to drink H8248 :
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22. क्योंकि इस रीति तू उसके सिर पर अंगारे डालेगा, और यहोवा तुझे इसका फल देगा।
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22. For H3588 thou H859 shalt heap H2846 coals of fire H1513 upon H5921 his head H7218 , and the LORD H3068 shall reward H7999 thee.
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23. जैसे उत्तरीय वायु वर्षा को लाती है, वैसे ही चुगली करने से मुख पर क्रोध छा जाता है।
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23. The north H6828 wind H7307 driveth away H2342 rain H1653 : so doth an angry H2194 countenance H6440 a backbiting H5643 tongue H3956 .
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24. लम्बे चौड़े घर में झगड़ालू पत्नी के संग रहने से छत के कोने पर रहना उत्तम है।
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24. It is better H2896 to dwell H3427 in H5921 the corner H6438 of the housetop H1406 , than with a brawling woman H4480 H802 H4079 and in a wide H2267 house H1004 .
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25. जैसा थके मान्दे के प्राणों के लिये ठण्डा पानी होता है, वैसा ही दूर देश से आया हुआ शुभ समाचार भी होता है।
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25. As cold H7119 waters H4325 to H5921 a thirsty H5889 soul H5315 , so is good H2896 news H8052 from a far country H4480 H776 H4801 .
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26. जो धर्मी दुष्ट के कहने में आता है, वह गंदले सोते और बिगड़े हुए कुण्ड के समान है।
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26. A righteous H6662 man falling down H4131 before H6440 the wicked H7563 is as a troubled H7515 fountain H4599 , and a corrupt H7843 spring H4726 .
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27. बहुत मधु खाना अच्छा नहीं, परन्तु कठिन बातों की पूछताछ महिमा का कारण होता है।
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27. It is not H3808 good H2896 to eat H398 much H7235 honey H1706 : so for men to search H2714 their own glory H3519 is not glory H3519 .
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28. जिसकी आत्मा वश में नहीं वह ऐसे नगर के समान है जिसकी शहरपनाह नाका कर के तोड़ दी गई हो॥
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28. He H376 that H834 hath no H369 rule over H4623 his own spirit H7307 is like a city H5892 that is broken down H6555 , and without H369 walls H2346 .
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