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1. दुष्ट लोग जब कोई पीछा नहीं करता तब भी भागते हैं, परन्तु धर्मी लोग जवान सिहों के समान निडर रहते हैं।
1. The wicked H7563 flee H5127 when no H369 man pursueth H7291 : but the righteous H6662 are bold H982 as a lion H3715 .
2. देश में पाप होन के कारण उसके हाकिम बदलते जाते हैं; परन्तु समझदार और ज्ञानी मनुष्य के द्वारा सुप्रबन्ध बहुत दिन के लिये बना रहेगा।
2. For the transgression H6588 of a land H776 many H7227 are the princes H8269 thereof : but by a man H120 of understanding H995 and knowledge H3045 the state H3651 thereof shall be prolonged H748 .
3. जो निर्धन पुरूष कंगालों पर अन्धेर करता है, वह ऐसी भारी वर्षा के समान है। जो कुछ भोजन वस्तु नहीं छोड़ती।
3. A poor H7326 man H1397 that oppresseth H6231 the poor H1800 is like a sweeping H5502 rain H4306 which leaveth no H369 food H3899 .
4. जो लोग व्यवस्था को छोड़ देते हैं, वे दुष्ट की प्रशंसा करते हैं, परन्तु व्यवस्था पर चलने वाले उन से लड़ते हैं।
4. They that forsake H5800 the law H8451 praise H1984 the wicked H7563 : but such as keep H8104 the law H8451 contend H1624 with them.
5. बुरे लोग न्याय को नहीं समझ सकते, परन्तु यहोवा को ढूंढने वाले सब कुछ समझते हैं।
5. Evil H7451 men H376 understand H995 not H3808 judgment H4941 : but they that seek H1245 the LORD H3068 understand H995 all H3605 things .
6. टेढ़ी चाल चलने वाले धनी मनुष्य से खराई से चलने वाला निर्धन पुरूष ही उत्तम है।
6. Better H2896 is the poor H7326 that walketh H1980 in his uprightness H8537 , than he that is perverse H4480 H6141 in his ways H1870 , though he H1931 be rich H6223 .
7. जो व्यवस्था का पालन करता वह समझदार सुपूत होता है, परन्तु उड़ाऊ का संगी अपने पिता का मुंह काला करता है।
7. Whoso keepeth H5341 the law H8451 is a wise H995 son H1121 : but he that is a companion H7462 of riotous H2151 men shameth H3637 his father H1 .
8. जो अपना धन ब्याज आदि बढ़ती से बढ़ाता है, वह उसके लिये बटोरता है जो कंगालों पर अनुग्रह करता है।
8. He that by usury H5392 and unjust gain H8636 increaseth H7235 his substance H1952 , he shall gather H6908 it for him that will pity H2603 the poor H1800 .
9. जो अपना कान व्यवस्था सुनने से फेर लेता है, उसकी प्रार्थना घृणित ठहरती है।
9. He that turneth away H5493 his ear H241 from hearing H4480 H8085 the law H8451 , even H1571 his prayer H8605 shall be abomination H8441 .
10. जो सीधे लोगों को भटका कर कुमार्ग में ले जाता है वह अपने खोदे हुए गड़हे में आप ही गिरता है; परन्तु खरे लोग कल्याण के भागी होते हैं।
10. Whoso causeth the righteous H3477 to go astray H7686 in an evil H7451 way H1870 , he shall fall H5307 himself H1931 into his own pit H7816 : but the upright H8549 shall have good H2896 things in possession H5157 .
11. धनी पुरूष अपनी दृष्टि में बुद्धिमान होता है, परन्तु समझदार कंगाल उसका मर्म बूझ लेता है।
11. The rich H6223 man H376 is wise H2450 in his own conceit H5869 ; but the poor H1800 that hath understanding H995 searcheth him out H2713 .
12. जब धर्मी लोग जयवन्त होते हैं, तब बड़ी शोभा होती है; परन्तु जब दुष्ट लोग प्रबल होते हैं, तब मनुष्य अपने आप को छिपाता है।
12. When righteous H6662 men do rejoice H5970 , there is great H7227 glory H8597 : but when the wicked H7563 rise H6965 , a man H120 is hidden H2664 .
13. जो अपने अपराध छिपा रखता है, उसका कार्य सुफल नहीं होता, परन्तु जो उन को मान लेता और छोड़ भी देता है, उस पर दया की जायेगी।
13. He that covereth H3680 his sins H6588 shall not H3808 prosper H6743 : but whoso confesseth H3034 and forsaketh H5800 them shall have mercy H7355 .
14. जो मनुष्य निरन्तर प्रभु का भय मानता रहता है वह धन्य है; परन्तु जो अपना मन कठोर कर लेता है वह विपत्ति में पड़ता है।
14. Happy H835 is the man H120 that feareth H6342 always H8548 : but he that hardeneth H7185 his heart H3820 shall fall H5307 into mischief H7451 .
15. कंगाल प्रजा पर प्रभुता करने वाला दुष्ट गरजने वाले सिंह और घूमने वाले रीछ के समान है।
15. As a roaring H5098 lion H738 , and a ranging H8264 bear H1677 ; so is a wicked H7563 ruler H4910 over H5921 the poor H1800 people H5971 .
16. जो प्रधान मन्दबुद्धि का होता है, वही बहुत अन्धेर करता है; और जो लालच का बैरी होता है वह दीर्घायु होता है।
16. The prince H5057 that wanteth H2638 understanding H8394 is also a great H7227 oppressor H4642 : but he that hateth H8130 covetousness H1215 shall prolong H748 his days H3117 .
17. जो किसी प्राणी की हत्या का अपराधी हो, वह भाग कर गड़हे में गिरेगा; कोई उस को रोकेगा।
17. A man H120 that doeth violence H6231 to the blood H1818 of any person H5315 shall flee H5127 to H5704 the pit H953 ; let no H408 man stay H8551 him.
18. जो सीधाई से चलता है वह बचाया जाता है, परन्तु जो टेढ़ी चाल चलता है वह अचानक गिर पड़ता है।
18. Whoso walketh H1980 uprightly H8549 shall be saved H3467 : but he that is perverse H6140 in his ways H1870 shall fall H5307 at once H259 .
19. जो अपनी भूमि को जोता-बोया करता है, उसका तो पेट भरता है, परन्तु जो निकम्मे लोगों की संगति करता है वह कंगालपन से घिरा रहता है।
19. He that tilleth H5647 his land H127 shall have plenty H7646 of bread H3899 : but he that followeth H7291 after vain H7386 persons shall have poverty H7389 enough H7646 .
20. सच्चे मनुष्य पर बहुत आशीर्वाद होते रहते हैं, परन्तु जो धनी होने में उतावली करता है, वह निर्दोष नहीं ठहरता।
20. A faithful H530 man H376 shall abound H7227 with blessings H1293 : but he that maketh haste H213 to be rich H6238 shall not H3808 be innocent H5352 .
21. पक्षपात करना अच्छा नहीं; और यह भी अच्छा नहीं कि पुरूष एक टुकड़े रोटी के लिये अपराध करे।
21. To have respect H5234 of persons H6440 is not H3808 good H2896 : for for H5921 a piece H6595 of bread H3899 that man H1397 will transgress H6586 .
22. लोभी जन धन प्राप्त करने में उतावली करता है, और नहीं जानता कि वह घटी में पड़ेगा।
22. He H376 that hasteth H926 to be rich H1952 hath an evil H7451 eye H5869 , and considereth H3045 not H3808 that H3588 poverty H2639 shall come upon H935 him.
23. जो किसी मनुष्य को डांटता है वह अन्त में चापलूसी करने वाले से अधिक प्यारा हो जाता है।
23. He that rebuketh H3198 a man H120 afterwards H310 shall find H4672 more favor H2580 than he that flattereth H4480 H2505 with the tongue H3956 .
24. जो अपने मां-बाप को लूट कर कहता है कि कुछ अपराध नहीं, वह नाश करने वाले का संगी ठहरता है।
24. Whoso robbeth H1497 his father H1 or his mother H517 , and saith H559 , It is no H369 transgression H6588 ; the same H1931 is the companion H2270 of a destroyer H376 H7843 .
25. लालची मनुष्य झगड़ा मचाता है, और जो यहोवा पर भरोसा रखता है वह हृष्ट पुष्ट हो जाता है।
25. He that is of a proud H7342 heart H5315 stirreth up H1624 strife H4066 : but he that putteth his trust H982 in H5921 the LORD H3068 shall be made fat H1878 .
26. जो अपने ऊपर भरोसा रखता है, वह मूर्ख है; और जो बुद्धि से चलता है, वह बचता है।
26. He H1931 that trusteth H982 in his own heart H3820 is a fool H3684 : but whoso walketh H1980 wisely H2451 , he H1931 shall be delivered H4422 .
27. जो निर्धन को दान देता है उसे घटी नहीं होती, परन्तु जो उस से दृष्टि फेर लेता है वह शाप पर शाप पाता है।
27. He that giveth H5414 unto the poor H7326 shall not H369 lack H4270 : but he that hideth H5956 his eyes H5869 shall have many H7227 a curse H3994 .
28. जब दुष्ट लोग प्रबल होते हैं तब तो मनुष्य ढूंढ़े नहीं मिलते, परन्तु जब वे नाश हो जाते हैं, तब धर्मी उन्नति करते हैं॥
28. When the wicked H7563 rise H6965 , men H120 hide themselves H5641 : but when they perish H6 , the righteous H6662 increase H7235 .