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1. आमोस के पुत्र यशायाह ने यहूदा और यरूशलेम के बारे में यह सन्देश देखा।
2. यहोवा का मन्दिर पर्वत पर है।
भविष्य में, उस पर्वत को अन्य सभी पर्वतों में सबसे ऊँचा बनाया जायेगा।
उस पर्वत को सभी पहाड़ियों से ऊँचा बनाया जायेगा।
सभी देशों के लोग वहाँ जाया करेंगे।
3. बहुत से लोग वहाँ जाया करेंगे।
वे कहा करेंगे, “हमे यहोवा के पर्वत पर जाना चाहिये।
हमें याकूब के परमेश्वर के मन्दिर में जाना चाहिये।
तभी परमेश्वर हमें अपनी जीवन विधि की शिक्षा देगा
और हम उसका अनुसरण करेंगे।” सिय्योन पर्वत पर यरूशलेम में, परमेश्वर यहोवा के उपदेशों का सन्देश का आरम्भ होगा
और वहाँ से वह समूचे संसार में फैलेगा।
4. तब परमेश्वर सभी देशों का न्यायी होगा।
परमेश्वर बहुत से लोगों के लिये विवादों का निपटारा कर देगा
और वे लोग लड़ाई के लिए अपने हथियारों का प्रयोग करना बन्द कर देंगे।
अपनी तलवारों से वे हल के फाले बनायेंगे
तथा वे अपने भालों को पौधों को काटने की दँराती के रुप में काम में लायेंगे।
लोग दूसरे लोगों के विरुद्ध लड़ना बन्द कर देंगे।
लोग युद्ध के लिये फिर कभी प्रशिक्षित नहीं होंगे। PS
5. हे याकूब के परिवार, तू यहोवा का अनुसरण कर। PEPS
6. हे यहोवा! तूने अपने लोगों का त्याग कर दिया है। तेरे लोग पूर्व के बुरे विचारों से भर गये हैं। तेरे लोग पलिश्तियों के समान भविष्य बताने का यत्न करने लगे हैं। तेरे लोगों ने पूरी तरह से उन विचित्र विचारों को स्वीकार कर लिया है।
7. तेरे लोगों की धरती दूसरे देशों के सोने चाँदी से भर गयी है। वहाँ अनगिनत खजाने हैं। तेरे लोगों की धरती घोड़ों से भरपूर हैं। वहाँ बहुत सारे रथ भी हैं।
8. उनकी धरती पर मूर्तियाँ भरी पड़ी हैं, लोग जिनकी पूजा करते हैं। लोगों ने ही इन मूर्तियों को बनाया है और वे ही उन की पूजा करते हैं।
9. लोग बुरे से बुरे हो गये हैं। लोग बहुत नीच हो गये हैं। हे परमेश्वर, निश्चय ही तू उन्हें क्षमा नहीं करेगा, क्या तू ऐसा करेगा परमेश्वर के शत्रु भयभीत होंगे PEPS
10. जा, कहीं किसी गक़े में या किसी चट्टान के पीछे छुप जा! तू परमेश्वर से डर और उसकी महान शक्ति के सामने से ओझल हो जा! PEPS
11. अहंकारी लोग अहंकार करना छोड़ देंगे। अहंकारी लोग धरती पर लाज से सिर नीचे झुका लेंगे। उस समय केवल यहोवा ही ऊँचे स्थान पर विराजमान होगा। PEPS
12. यहोवा ने एक विशेष दिन की योजना बनायी है। उस दिन, यहोवा अहंकारियों और बड़े बोलने वाले लोगों को दण्ड देगा। तब उन अहंकारी लोगों को साधारण बना दिया जायेगा।
13. वे अहंकारी लोग लबानोन के लम्बे देवदार वृक्षों के समान हैं। वे बासान के बांजवृक्षों जैसे हैं किन्तु परमेश्वर उन लोगों को दण्ड देगा।
14. वे अहंकारी लोग ऊँची पहाड़ियों जैसे लम्बे और पहाड़ों जैसे ऊँचे हैं।
15. वे अहंकारी लोग ऐसे हैं जैसे लम्बी मीनारें और ऊँचा तथा मजबूत नगर परकोटा हो। किन्तु परमेश्वर उन लोगों को दण्ड देगा।
16. वे अहंकारी लोग तर्शीश के विशाल जहाजों के समान हैं। इन जहाज़ों में महत्वपूर्ण वस्तुएँ भरी हैं। किन्तु परमेश्वर उन अहंकारी लोगों को दण्ड देगा। PEPS
17. उस समय, लोग अहंकार करना छोड़ देंगे। वे लोग जो अब अहंकारी हैं, धरती पर नीचे झुका दिए जायेंगे। फिर उस समय केवल यहोवा ही ऊँचे विराजमान होगा।
18. सभी मूर्तियाँ झूठे देवता समाप्त हो जायेंगी।
19. लोग चट्टानों, गुफाओं और धरती के भीतर जा छिपेंगे। वे यहोवा और उसकी महान शक्ति से डर जायेंगे। ऐसा उस समय होगा जब यहोवा धरती को हिलाने के लिए खड़ा होगा। PEPS
20. उस समय, लोग अपनी सोने चाँदी की मूर्तियों को दूर फेंक देंगे। (इन मूर्तियों को लोगों ने इसलिये बनाया था कि लोग उनको पूज सकें।) लोग उन मूर्तियों को धरती के उन बिलों में फेंक देंगे जहाँ चमगादड़ और छछूंदर रहते हैं।
21. फिर लोग चट्टानों की गुफाओं में छुप जायेंगे। वे यहोवा और उसकी महान शक्ति से डरकर ऐसा करेंगे। ऐसा उस समय घटित होगा जब यहोवा धरती को हिलाने के लिये खड़ा होगा। इस्राएल को परमेश्वर का विश्वास करना चाहिये PEPS
22. इस्राएल के लोगों तुम्हें अपनी रक्षा के लिये अन्य लोगों पर निर्भर रहना छोड़ देना चाहिये। वे तो मनुष्य़ मात्र है और मनुष्य मर जाता है। इसलिये, तुझे यह नहीं सोचना चाहिये कि वे परमेश्वर के समान शक्तिशाली है। PE
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