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1. {बिलाम और मोआब का राजा} PS तब इस्राएल के लोगों ने मोआब के मैदान की यात्रा की। उन्होंने यरीहो के उस पार यरदन नदी के निकट डेरा डाला। PEPS
2. (2-3) सिप्पोर के पुत्र बालाक ने एमोरी लोगों के साथ इस्राएल के लोगों ने जो कुछ किया था, उसे देखा था मोआब बहुत अधिक भयभीत था क्योंकि वहाँ इस्राएल के बहुत लोग थे। मोआब इस्राएल के लोगों से बहुत आतंकित था। PEPS
3. मोआब के नेताओं ने मिद्यान के अग्रजों से कहा, “लोगों का यह विशाल समूह हमारे चारों ओर की सभी चीज़ों को वैसे ही नष्ट कर देगा जैसे कोई गाय मैदान की घास चर जाती है।” PEPS इस समय सिप्पोर का पुत्र बालाक मोआब का राजा था।
4. उसने कुछ व्यक्तियों को बोर के पुत्र बिलाम को बुलाने के लिए भेजा। बिलाम नदी के निकट पतोर नाम के क्षेत्र में था। बालाक ने कहा, “लोगों का एक नया राष्ट्र मिस्र से आया है। वे इतने अधिक हैं कि पूरे प्रदेश में फैल सकते हैं। उन्होंने ठीक हमारे पास डेरा डाला है।
5. आओ और इन लोगों के साथ निपटने में मेरी सहायता करो। वे मेरी शक्ति से बहुत अधिक शक्तिशाली हैं। संभव है कि तब इनको मैं हरा सकूँ। तब मैं उन्हें अपना देश छोड़ने को विवश कर सकता हूँ। मैं जानता हूँ कि तुम बड़ी शक्ति रखते हो। यदि तुम किसी व्यक्ति को आशीर्वाद देते हो तो उसका भला हो जाता है। यदि तुम किसी व्यक्ति के विरुद्ध कहते हो तो उसका बुरा हो जाता है। इसलिए आओ और इन लोगों के विरुद्ध कुछ कहो।” PS
6. मोआब और मिद्यान के अग्रज चले। वे बिलाम से बातचीत करने गए। वे उसकी सेवाओं के लिए धन देने को ले गए। तब उन्होंने, बालाक ने जो कुछ कहा था, उससे कहा। PEPS
7. बिलाम ने उनसे कहा, “यहाँ रात में रुको। मैं यहोवा से बातें करुँगा और जो उत्तर, वह मुझे देगा, वह तुमसे कहूँगा।” इसलिए उस रात मोआबी लोगों के नेता उसके साथ ठहरे। PEPS
8. परमेश्वर बिलाम के पास आया और उसने पूछा, “तुम्हारे साथ ये कौन लोग हैं?” PEPS
9. बिलाम ने परमेश्वर से कहा, “मोआब के राजा सिप्पोर के पुत्र बालाक ने उन्हें मुझको एक संदेश देने को भेजा है।
10. सन्देश यह हैः लोगों का एक नया राद्र मिस्र से आया है। वे इतने अधिक हैं कि सारे देश में फैल सकते हैं। इसलिए आओ और इन लोगों के विरुद्ध कुछ कहो। तब सम्भ्व है कि उनसे लड़ने में मैं समर्थ हो सकूँ ओर अपने देश को छोड़ने के लिए उन्हे विवश कर सकूँ।” PEPS
11. किन्तु परमेश्वर ने बिलाम से कहा, “उनके साथ मत जाओ। तुम्हें उन लोगों के विरुद्ध कुछ नहीं कहना चाहिए। उन्हें यहोवा से वरदान प्राप्त है।” PEPS
12. दूसरे दिन सवेरे बिलाम उठा और बालाक के नेताओं से कहा, “अपने देश को लौट जाओ। यहोवा मुझे तुम्हारे साथ जाने नहीं देगा।” PEPS
13. इसलिए मोआबी नेता बालाक के पास लौटे और उससे उन्होंने ये बातें कहीं। उन्होंने कह, “बिलाम ने हम लोगों के साथ आने से इन्कार कर दिया।” PEPS
14. इसलिए बालाक ने दूसरे नेताओं को बिलाम के पास भेजा। इस बार उसने पहली बार की अपेक्षा बहुत अधिक आदमी भेजे और ये नेता पहली बार के नेताओं की अपेक्षा अधिक महत्वपूर्ण थे।
15. वे बिलाम के पास गए और उन्होंने उससे कहा, “सिप्पोर का पुत्र बालाक तुमसे कहता हैः कृपया अपने को यहाँ आने से किसी को रोकने दें।
16. जो मैं तुमसे माँगता हूँ यदि तुम वह करोगे तो मैं तुम्हें बहुत अधिक भुगतान करूँगा। आओ और इन लोगों के विरुद्ध मेरे लिए कुछ कहो।” PEPS
17. किन्तु बिलाम ने उन लोगों को उत्तर दिया। उसने कहा, “मुझे यहोवा मेरे परमेश्वर की आज्ञा माननी चाहिए। मैं उसके आदेश के विरुद्ध कुछ नहीं कर सकता। मैं बड़ा छोटा कुछ भी तब तक नहीं कर सकता जब तक यहोवा नहीं कहता कि मैं उसे कर सकता हूँ। यदि राजा बालाक अपने सोने चाँदी भरे सुन्दर घर को दे तो भी मैं अपने परमेश्वर यहोवा के आदेश के विरुद्ध कुछ नहीं करूँगा।
18. किन्तु तुम भी उन दूसरे लोगों की तरह आज की रात यहाँ ठहर सकते हो और रात में मैं जान जाऊँगा कि यहोवा मुझसे क्या कहलवाना चाहता है।” PEPS
19. उस रात परमेश्वर बिलाम के पास आया। परमेश्वर ने कहा, “ये लोग अपने साथ ले जाने के लिए को फिर गए हैं। इस्राएल तुम उनके साथ जा सकते हो। किन्तु केवल वही करो जो मैं तुमसे करने को कहूँ।” PS
20. {बिलाम और उसका गधा} PS अगली सुबह, बिलाम उठा और अपने गधे पर काठी रखी। तब वह मोआबी नेताओं के साथ गया।
21. बिलाम अपने गधे पर सवार था। उसके सेवकों में से दो उसके साथ थे। जब बिलाम यात्रा कर रहा था, परमेश्वर उस पर क्रोधित हो गया। इसलिए यहोवा का दूत बिलाम के सामने सड़क पर खड़ा हो गया। दूत बिलाम को रोकने जा रहा था। *रोकने रहा था शाब्दिक, “उसका विरोध करने।”
22. बिलाम के गधे ने यहोवा के दूत को सड़क पर खड़ा देखा। दूत के हाथ में एक तलवार थी। इसलिए गधा सड़क से मुड़ा और खेत में चला गया। बिलाम दूत को नहीं देख सकता था। इसलिए वह गधे पर बहुत क्रोधित हुआ। उसने गधे को मारा और उसे सड़क पर लौटने को विवश किया। PEPS
23. बाद में, यहोवा का दूत ऐसी जगह पर खड़ा हुआ जहाँ सड़क सँकरी हो गई थी। यह दो अंगूर के बागों के बीच का स्थान था। वहाँ सड़क के दोनों ओर दीवारें थीं।
24. गधे ने यहोवा के दूत को फिर देखा। इसलिए गधा एक दीवार से सटकर निकला। इससे बिलाम का पैर दीवार से छिल गया। इसलिए बिलाम ने अपने गधे को फिर मारा। PEPS
25. इसके बाद, यहोवा का दूत दूसरे स्थान पर खड़ा हुआ। यह दूसरी जगह थी जहाँ सड़क सँकरी हो गई थी। वहाँ कोई ऐसी जगह नहीं थी जहाँ गधा मुड़ सके। गधा दायें या बायें नहीं मुड़ सकता था।
26. गधे ने यहोवा के दूत को देखा इसलिए गधा बिलाम को अपनी पीठ पर लिए हुए जमीन पर बैठ गया। बिलाम गधे पर बहुत क्रोधित था। इसलिए उसने उसे अपने डंडे से पीटा। PEPS
27. तब यहोवा ने गधे को बोलने वाला बनाया। गधे ने बिलाम से कहा, “तुम मुझ पर क्यों क्रोधित हो मैंने तुम्हारे साथ क्या किया है तुमने मुझे तीन बार मारा है!” PEPS
28. बिलाम ने गधे को उत्तर दिया, “तुमने दूसरों की नजर में मुझे मूर्ख बनाया है यदि मेरे हाथ में तलवार होती तो मैं अभी तुम्हें मार डालता।” PEPS
29. किन्तु गधे ने बिलाम से कहा, “मैं तुम्हारा अपना गधा हूँ जिस पर तुम अनेक वर्ष से सवार हुए हो और तुम जानते हो कि मैंने ऐसा इसके पहले कभी नहीं किया है।” PEPS “यह सही है।” बिलाम ने कहा। PEPS
30. तब यहोवा ने बिलाम को सड़क पर खड़े दूत को देखने दिया। बिलाम ने दूत और उसकी तलवार को देखा। तब बिलाम ने झुक कर प्रणाम किया। PEPS
31. यहोवा के दूत ने बिलाम से पूछा, “तुमने अपने गधे को तीन बार क्यों मारा तुम्हें मुझ पर क्रोध से पागल होना चाहिए। मैं तुमको रोकने के लिए यहाँ आया हूँ। तुम्हें कुछ अधिक सावधान रहना चाहिए। †सावधान रहना चाहिए शाब्दिक, “जैसे कि मेरे सामने से मार्ग हट गया है” या “क्योंकि तुम उचित नहीं कर रहे हो।” यहाँ हिब्रू पाठ समझना कठिन है।
32. गधे ने मुझे देखा और वह तीन बार मुझसे मुड़ा। यदि गधा मुड़ा होता तो मैंने तुमको मार डाला होता। किन्तु मुझे तुम्हारे गधे को नहीं मारना था।” PEPS
33. तब बिलाम ने यहोवा के दूत से कहा, “मैंने पाप किया है। मैं यह नहीं जानता था कि तुम सड़क पर खड़े हो। यदि मैं बुरा कर रहा हूँ तो मैं घर लौट जाऊँगा।” PEPS
34. यहोवा के दूत ने बिलाम से कहा, “नहीं, तुम इन लोगों के साथ जा सकते हो। किन्तु सावधान रहो। वही बातें कहोव जो मैं तुमसे कहने के लिए कहूँगा।” इसलिए बिलाम बालाक द्वारा भेजे गए नेताओं के साथ गया। PEPS
35. बालाक ने सुना कि बिलाम रहा है। इसलिए बालाक उससे मिलने के लिए अर्नोन सीमा पर मोआबी नगर को गया। यह उसके देश की छोर थी।
36. जब बालाक ने बिलाम को देखा तो उसने बिलाम से कहा, “मैंने इसके पहले तुमसे आने के लिए कहा था और यह भी बताया था कि यह अत्यन्त महत्वपूर्ण है। तुम हमारे पास क्यों नहीं आए क्या यह सच है कि तुम मुझसे कोई भी पुरस्कार या भुगतान नहीं पाना चाहते” PEPS
37. किन्तु बिलाम ने उत्तर दिया, “मैं अब तुम्हारे पास आया हूँ। लेकिन मैं, जो तुमने करने को कहा था उनमें से, शायद कुछ भी कर सकूँ। मैं केवल वही बातें तुमसे कह सकता हूँ जो परमश्वर मुझसे कहने को कहता है।” PEPS
38. तब बिलाम बालाक के साथ किर्यथूसोत गया।
39. बालाक ने कुछ मवेशी तथा कुछ भेड़ें उसकी भेंट के रूप मे मारीं।उसके कुछ माँस बिलाम तथा कुछ उसके साथ के नेताओं को दिया। PEPS
40. अगली सुबह बालाक को बमोथ बाल नगर को ले गया। उस नगर से वे इस्राएली लोगों के कुछ डेरों को देख सकते थे। PE
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