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8
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1. फिर सेनाओं के यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुँचा,
1. Again the word H1697 of the LORD H3068 of hosts H6635 came H1961 to me , saying H559 ,
2. “सेनाओं का यहोवा यह कहता है: सिय्योन के लिये मुझे बड़ी जलन हुई वरन् बहुत ही जलजलाहट मुझ में उत्‍पन्‍न हुई है।
2. Thus H3541 saith H559 the LORD H3068 of hosts H6635 ; I was jealous H7065 for Zion H6726 with great H1419 jealousy H7068 , and I was jealous H7065 for her with great H1419 fury H2534 .
3. यहोवा यह कहता है: मैं सिय्योन में लौट आया हूँ, और यरूशलेम के बीच में वास किए रहूँगा, और यरूशलेम सच्चाई का नगर कहलाएगा, और सेनाओं के यहोवा का पर्वत, पवित्र पर्वत कहलाएगा।
3. Thus H3541 saith H559 the LORD H3068 ; I am returned H7725 unto H413 Zion H6726 , and will dwell H7931 in the midst H8432 of Jerusalem H3389 : and Jerusalem H3389 shall be called H7121 a city H5892 of truth H571 ; and the mountain H2022 of the LORD H3068 of hosts H6635 the holy H6944 mountain H2022 .
4. सेनाओं का यहोवा यह कहता है, यरूशलेम के चौकों में फिर बूढ़े और बूढ़ियाँ बहुत आयु की होने के कारण, अपने-अपने हाथ में लाठी लिए हुए बैठा करेंगी।
4. Thus H3541 saith H559 the LORD H3068 of hosts H6635 ; There shall yet H5750 old men H2205 and old women H2205 dwell H3427 in the streets H7339 of Jerusalem H3389 , and every man H376 with his staff H4938 in his hand H3027 for very H4480 H7230 age H3117 .
5. और नगर के चौक खेलनेवाले लड़कों और लड़कियों से भरे रहेंगे।
5. And the streets H7339 of the city H5892 shall be full H4390 of boys H3206 and girls H3207 playing H7832 in the streets H7339 thereof.
6. सेनाओं का यहोवा यह कहता है: चाहे उन दिनों में यह बात इन बचे हुओं की दृष्टि में अनोखी ठहरे, परन्तु क्या मेरी दृष्टि में भी यह अनोखी ठहरेगी, सेनाओं के यहोवा की यही वाणी है? (भज. 118:23)
6. Thus H3541 saith H559 the LORD H3068 of hosts H6635 ; If H3588 it be marvelous H6381 in the eyes H5869 of the remnant H7611 of this H2088 people H5971 in these H1992 days H3117 , should it also H1571 be marvelous H6381 in mine eyes H5869 ? saith H5002 the LORD H3068 of hosts H6635 .
7. सेनाओं का यहोवा यह कहता है, देखो, मैं अपनी प्रजा का उद्धार करके उसे पूरब से और पश्चिम से ले आऊँगा*;
7. Thus H3541 saith H559 the LORD H3068 of hosts H6635 ; Behold H2009 , I will save H3467 H853 my people H5971 from the east H4217 country H4480 H776 , and from the west H3996 H8121 country H4480 H776 ;
8. और मैं उन्हें ले आकर यरूशलेम के बीच में बसाऊँगा; और वे मेरी प्रजा ठहरेंगे और मैं उनका परमेश्‍वर ठहरूँगा, यह तो सच्चाई और धर्म के साथ होगा।”
8. And I will bring H935 them , and they shall dwell H7931 in the midst H8432 of Jerusalem H3389 : and they shall be H1961 my people H5971 , and I H589 will be H1961 their God H430 , in truth H571 and in righteousness H6666 .
9. सेनाओं का यहोवा यह कहता है, “तुम इन दिनों में ये वचन उन भविष्यद्वक्ताओं के मुख से सुनते हो जो सेनाओं के यहोवा के भवन की नींव डालने के समय अर्थात् मन्दिर के बनने के समय में थे।
9. Thus H3541 saith H559 the LORD H3068 of hosts H6635 ; Let your hands H3027 be strong H2388 , ye that hear H8085 in these H428 days H3117 H853 these H428 words H1697 by the mouth H4480 H6310 of the prophets H5030 , which H834 were in the day H3117 that the foundation of the house H1004 of the LORD H3068 of hosts H6635 was laid H3245 , that the temple H1964 might be built H1129 .
10. उन दिनों के पहले, तो मनुष्य की मजदूरी मिलती थी और पशु का भाड़ा, वरन् सतानेवालों के कारण तो आनेवाले को चैन मिलता था और जानेवाले को; क्योंकि मैं सब मनुष्यों से एक दूसरे पर चढ़ाई कराता था।
10. For H3588 before H6440 these H1992 days H3117 there was H1961 no H3808 hire H7939 for man H120 , nor H369 any hire H7939 for beast H929 ; neither H369 was there any peace H7965 to him that went out H3318 or came in H935 because of H4480 the affliction H6862 : for I set H7971 H853 all H3605 men H120 every one H376 against his neighbor H7453 .
11. परन्तु अब मैं इस प्रजा के बचे हुओं से ऐसा बर्ताव करूँगा जैसा कि पिछले दिनों में करता था, सेनाओं के यहोवा की यही वाणी है।
11. But now H6258 I H589 will not H3808 be unto the residue H7611 of this H2088 people H5971 as in the former H7223 days H3117 , saith H5002 the LORD H3068 of hosts H6635 .
12. क्योंकि अब शान्ति के समय की उपज अर्थात् दाखलता फला करेगी, पृथ्वी अपनी उपज उपजाया करेगी, और आकाश से ओस गिरा करेगी; क्योंकि मैं अपनी इस प्रजा के बचे हुओं को इन सब का अधिकारी कर दूँगा।
12. For H3588 the seed H2233 shall be prosperous H7965 ; the vine H1612 shall give H5414 her fruit H6529 , and the ground H776 shall give H5414 H853 her increase H2981 , and the heavens H8064 shall give H5414 their dew H2919 ; and I will cause H853 the remnant H7611 of this H2088 people H5971 to possess H5157 H853 all H3605 these H428 things .
13. हे यहूदा के घराने, और इस्राएल के घराने, जिस प्रकार तुम अन्यजातियों के बीच श्राप के कारण थे उसी प्रकार मैं तुम्हारा उद्धार करूँगा, और तुम आशीष के कारण होंगे*। इसलिए तुम मत डरो, और तुम्हारे हाथ ढीले पड़ने पाएँ।”
13. And it shall come to pass H1961 , that as H834 ye were H1961 a curse H7045 among the heathen H1471 , O house H1004 of Judah H3063 , and house H1004 of Israel H3478 ; so H3651 will I save H3467 you , and ye shall be H1961 a blessing H1293 : fear H3372 not H408 , but let your hands H3027 be strong H2388 .
14. क्योंकि सेनाओं का यहोवा यह कहता है: “जिस प्रकार जब तुम्हारे पुरखा मुझे क्रोध दिलाते थे, तब मैंने उनकी हानि करने की ठान ली थी और फिर पछताया,
14. For H3588 thus H3541 saith H559 the LORD H3068 of hosts H6635 ; As H834 I thought H2161 to punish H7489 you , when your fathers H1 provoked me to wrath H7107 H853 , saith H559 the LORD H3068 of hosts H6635 , and I repented H5162 not H3808 :
15. उसी प्रकार मैंने इन दिनों में यरूशलेम की और यहूदा के घराने की भलाई करने की ठान ली है; इसलिए तुम मत डरो।
15. So H3651 again H7725 have I thought H2161 in these H428 days H3117 to do well H3190 unto H853 Jerusalem H3389 and to the house H1004 of Judah H3063 : fear H3372 ye not H408 .
16. जो-जो काम तुम्हें करना चाहिये, वे ये हैं: एक दूसरे के साथ सत्य बोला करना, अपनी कचहरियों में सच्चाई का और मेलमिलाप की नीति का न्याय करना, (इफि. 4:25)
16. These H428 are the things H1697 that H834 ye shall do H6213 ; Speak H1696 ye every man H376 the truth H571 to H854 his neighbor H7453 ; execute H8199 the judgment H4941 of truth H571 and peace H7965 in your gates H8179 :
17. और अपने-अपने मन में एक दूसरे की हानि की कल्पना करना, और झूठी शपथ से प्रीति रखना, क्योंकि इन सब कामों से मैं घृणा करता हूँ, यहोवा की यही वाणी है।” (इफि. 4:25)
17. And let none H408 H376 of you imagine H2803 H853 evil H7451 in your hearts H3824 against his neighbor H7453 ; and love H157 no H408 false H8267 oath H7621 : for H3588 H853 all H3605 these H428 are things that H834 I hate H8130 , saith H5002 the LORD H3068 .
18. फिर सेनाओं के यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुँचा,
18. And the word H1697 of the LORD H3068 of hosts H6635 came H1961 unto H413 me, saying H559 ,
19. “सेनाओं का यहोवा यह कहता है: चौथे, पाँचवें, सातवें और दसवें महीने में जो-जो उपवास के दिन होते हैं, वे यहूदा के घराने के लिये हर्ष और आनन्द और उत्सव के पर्वों के दिन हो जाएँगे; इसलिए अब तुम सच्चाई और मेलमिलाप से प्रीति रखो।
19. Thus H3541 saith H559 the LORD H3068 of hosts H6635 ; The fast H6685 of the fourth H7243 month , and the fast H6685 of the fifth H2549 , and the fast H6685 of the seventh H7637 , and the fast H6685 of the tenth H6224 , shall be H1961 to the house H1004 of Judah H3063 joy H8342 and gladness H8057 , and cheerful H2896 feasts H4150 ; therefore love H157 the truth H571 and peace H7965 .
20. “सेनाओं का यहोवा यह कहता है: ऐसा समय आनेवाला है कि देश-देश के लोग और बहुत नगरों के रहनेवाले आएँगे।
20. Thus H3541 saith H559 the LORD H3068 of hosts H6635 ; It shall yet H5750 come to pass , that H834 there shall come H935 people H5971 , and the inhabitants H3427 of many H7227 cities H5892 :
21. और एक नगर के रहनेवाले दूसरे नगर के रहनेवालों के पास जाकर कहेंगे, 'यहोवा से विनती करने और सेनाओं के यहोवा को ढूँढ़ने के लिये चलो; मैं भी चलूँगा।'
21. And the inhabitants H3427 of one H259 city shall go H1980 to H413 another H259 , saying H559 , Let us go speedily H1980 H1980 to pray H2470 H853 before H6440 the LORD H3068 , and to seek H1245 H853 the LORD H3068 of hosts H6635 : I H589 will go H1980 also H1571 .
22. बहुत से देशों के वरन् सामर्थी जातियों के लोग यरूशलेम में सेनाओं के यहोवा को ढूँढ़ने और यहोवा से विनती करने के लिये आएँगे।
22. Yea, many H7227 people H5971 and strong H6099 nations H1471 shall come H935 to seek H1245 H853 the LORD H3068 of hosts H6635 in Jerusalem H3389 , and to pray H2470 H853 before H6440 the LORD H3068 .
23. सेनाओं का यहोवा यह कहता है: उस दिनों में भाँति-भाँति की भाषा बोलनेवाली सब जातियों में से दस मनुष्य, एक यहूदी पुरुष के वस्त्र की छोर को यह कहकर पकड़ लेंगे, 'हम तुम्हारे संग चलेंगे, क्योंकि हमने सुना है कि परमेश्‍वर तुम्हारे साथ है'।” PE
23. Thus H3541 saith H559 the LORD H3068 of hosts H6635 ; In those H1992 days H3117 it shall come to pass , that H834 ten H6235 men H376 shall take hold H2388 out of all H4480 H3605 languages H3956 of the nations H1471 , even shall take hold H2388 of the skirt H3671 of him H376 that is a Jew H3064 , saying H559 , We will go H1980 with H5973 you: for H3588 we have heard H8085 that God H430 is with H5973 you.
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