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1. मैंने ख़ुदावन्द को मज़बह के पास खड़े देखा, और उसने फ़रमाया: “सुतूनों के सिर पर मार, ताकि आस्ताने हिल जाएँ; और उन सबके सिरों पर उनको पारा — पारा कर दे, और उनके बक़िये को मैं तलवार से क़त्ल करूँगा; उनमें से एक भी भाग न सकेगा, उनमें से एक भी बच न निकलेगा।
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1. I saw H7200 H853 the Lord H136 standing H5324 upon H5921 the altar H4196 : and he said H559 , Smite H5221 the lintel H3730 of the door , that the posts H5592 may shake H7493 : and cut H1214 them in the head H7218 , all H3605 of them ; and I will slay H2026 the last H319 of them with the sword H2719 : he that fleeth H5127 of them shall not H3808 flee away H5127 , and he that escapeth H6412 of them shall not H3808 be delivered H4422 .
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2. अगर वह पाताल में घुस जाएँ, तो मेरा हाथ वहाँ से उनको खींच निकालेगा; और अगर आसमान पर चढ़ जाएँ, तो मैं वहाँ से उनको उतार लाऊँगा
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2. Though H518 they dig H2864 into hell H7585 , thence H4480 H8033 shall mine hand H3027 take H3947 them; though H518 they climb up H5927 to heaven H8064 , thence H4480 H8033 will I bring them down H3381 :
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3. अगर वह कोह — ए — कर्मिल की चोटी पर जा छिपें, तो मैं उनको वहाँ से ढूंड निकालूँगा; और अगर समन्दर की तह में मेरी नज़र से ग़ायब हो जाए तो मैं वहाँ साँप को हुक्म करूँगा और वह उनको काटेगा।
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3. And though H518 they hide themselves H2244 in the top H7218 of Carmel H3760 , I will search H2664 and take H3947 them out thence H4480 H8033 ; and though H518 they be hid H5641 from H4480 H5048 my sight H5869 in the bottom H7172 of the sea H3220 , thence H4480 H8033 will I command H6680 H853 the serpent H5175 , and he shall bite H5391 them:
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4. और अगर दुश्मन उनको ग़ुलाम करके ले जाएँ, तो वहाँ तलवार को हुक्म करूँगा, और वह उनको क़त्ल करेगी; और मैं उनकी भलाई के लिए नहीं, बल्कि बुराई के लिए उन पर निगाह रखूँगा।”
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4. And though H518 they go H1980 into captivity H7628 before H6440 their enemies H341 , thence H4480 H8033 will I command H6680 H853 the sword H2719 , and it shall slay H2026 them : and I will set H7760 mine eyes H5869 upon H5921 them for evil H7451 , and not H3808 for good H2896 .
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5. क्यूँकि ख़ुदावन्द रब्ब — उल — अफ़वाज वह है कि अगर ज़मीन को छू दे तो वह गुदाज़ हो जाए, और उसकी सब मा'मूरी मातम करे; वह बिल्कुल दरिया-ए-नील की तरह उठे और रोद — ए — मिस्र की तरह फिर सुकड़ जाए।
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5. And the Lord H136 GOD H3069 of hosts H6635 is he that toucheth H5060 the land H776 , and it shall melt H4127 , and all H3605 that dwell H3427 therein shall mourn H56 : and it shall rise up H5927 wholly H3605 like a flood H2975 ; and shall be drowned H8257 , as by the flood H2975 of Egypt H4714 .
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6. वही आसमान पर अपने बालाख़ाने ता'मीर करता है, उसी ने ज़मीन पर अपने गुम्बद की बुनियाद रख्खी है; वह समन्दर के पानी को बुलाकर इस ज़मीन पर फैला देता है; उसी का नाम ख़ुदावन्द है।
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6. It is he that buildeth H1129 his stories H4609 in the heaven H8064 , and hath founded H3245 his troop H92 in H5921 the earth H776 ; he that calleth H7121 for the waters H4325 of the sea H3220 , and poureth them out H8210 upon H5921 the face H6440 of the earth H776 : The LORD H3068 is his name H8034 .
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7. ख़ुदावन्द फ़रमाता है, ऐ बनी — इस्राईल, क्या तुम मेरे लिए अहल — ए — कूश की औलाद की तरह नहीं हो? क्या मैं इस्राईल को मुल्क — ए — मिस्र से, और फ़िलिस्तियों को कफ़तूर से, और अरामियों को क़ीर से नहीं निकाल लाया हूँ?
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7. Are ye H859 not H3808 as children H1121 of the Ethiopians H3569 unto me , O children H1121 of Israel H3478 ? saith H5002 the LORD H3068 . Have not H3808 I brought up H5927 H853 Israel H3478 out of the land H4480 H776 of Egypt H4714 ? and the Philistines H6430 from Caphtor H4480 H3731 , and the Syrians H758 from Kir H4480 H7024 ?
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8. देखो, ख़ुदावन्द ख़ुदा की आँखें इस गुनाहगार मम्लुकत पर लगी हैं, ख़ुदावन्द फ़रमाता है, मैं उसे इस ज़मीन से हलाक — ओ — बर्बाद कर दूँगा, मगर या'क़ूब के घराने को बिल्कुल हलाक न करूँगा।
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8. Behold H2009 , the eyes H5869 of the Lord H136 GOD H3069 are upon the sinful H2400 kingdom H4467 , and I will destroy H8045 it from off H4480 H5921 the face H6440 of the earth H127 ; saving H657 that H3588 I will not H3808 utterly destroy H8045 H8045 H853 the house H1004 of Jacob H3290 , saith H5002 the LORD H3068 .
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9. क्यूँकि देखो, मैं हुक्म करूँगा और बनी — इस्राईल को सब क़ौमों में जैसे छलनी से छानते हैं, छानूँगा और एक दाना भी ज़मीन पर गिरने न पाएगा।
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9. For H3588 , lo H2009 , I H595 will command H6680 , and I will sift H5128 H853 the house H1004 of Israel H3478 among all H3605 nations H1471 , like as H834 corn is sifted H5128 in a sieve H3531 , yet shall not H3808 the least grain H6872 fall H5307 upon the earth H776 .
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10. मेरी उम्मत के सब गुनहगार लोग जो कहते हैं कि 'हम पर न पीछे से आफ़त आएगी न आगे से,' तलवार से मारे जाएँगे।
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10. All H3605 the sinners H2400 of my people H5971 shall die H4191 by the sword H2719 , which say H559 , The evil H7451 shall not H3808 overtake H5066 nor prevent H6923 H1157 us.
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11. मैं उस रोज़ दाऊद के गिरे हुए घर को खड़ा करके, उसके रख़नों को बंद करूँगा; और उसके खंडर की मरम्मत करके, उसे पहले की तरह ता'मीर करूँगा;
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11. In that H1931 day H3117 will I raise up H6965 H853 the tabernacle H5521 of David H1732 that is fallen H5307 , and close up H1443 H853 the breaches H6556 thereof ; and I will raise up H6965 his ruins H2034 , and I will build H1129 it as in the days H3117 of old H5769 :
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12. ताकि वह अदोम के बक़िये और उन सब क़ौमों पर जो मेरे नाम से कहलाती हैं क़ाबिज़ हो उसको वुक़ू' में लाने वाला ख़ुदावन्द फ़रमाता है।
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12. That H4616 they may possess H3423 H853 the remnant H7611 of Edom H123 , and of all H3605 the heathen H1471 , which H834 are called by H7121 H5921 my name H8034 , saith H5002 the LORD H3068 that doeth H6213 this H2063 .
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13. देखो, वह दिन आते हैं, ख़ुदावन्द फ़रमाता है, जोतने वाला काटने वाले को, और अंगूर कुचलने वाला बोने वाले को जा लेगा; और पहाड़ों से नई मय टपकेगी, और सब टीले गुदाज़ होंगे।
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13. Behold H2009 , the days H3117 come H935 , saith H5002 the LORD H3068 , that the plowman H2790 shall overtake H5066 the reaper H7114 , and the treader H1869 of grapes H6025 him that soweth H4900 seed H2233 ; and the mountains H2022 shall drop H5197 sweet wine H6071 , and all H3605 the hills H1389 shall melt H4127 .
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14. और मैं बनी — इस्राईल, अपने लोगों को ग़ुलामी से वापस लाऊँगा; वह उजड़े शहरों को ता'मीर करके उनमें क़याम करेंगे और बाग़ लगाकर उनकी मय पिएँगे। वह बाग़ लगाएँगे और उनके फल खाएँगे।
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14. And I will bring again H7725 H853 the captivity H7622 of my people H5971 of Israel H3478 , and they shall build H1129 the waste H8074 cities H5892 , and inhabit H3427 them ; and they shall plant H5193 vineyards H3754 , and drink H8354 H853 the wine H3196 thereof ; they shall also make H6213 gardens H1593 , and eat H398 H853 the fruit H6529 of them.
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15. क्यूँकि मैं उनको उनके मुल्क में क़ायम करूँगा और वह फिर कभी अपने वतन से जो मैने उनको बख़्शा है, निकाले न जाएँगे, ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा फ़रमाता है। PE
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15. And I will plant H5193 them upon H5921 their land H127 , and they shall no H3808 more H5750 be pulled up H5428 out of H4480 H5921 their land H127 which H834 I have given H5414 them, saith H559 the LORD H3068 thy God H430 .
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