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1. {यरूशलेम की घेराबन्दी की भविष्यद्वाणी} PS “हे मनुष्य के सन्तान, तू एक ईंट ले और उसे अपने सामने रखकर उस पर एक नगर, अर्थात् यरूशलेम का चित्र खींच;
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1. Thou H859 also, son H1121 of man H120 , take H3947 thee a tile H3843 , and lay H5414 it before H6440 thee , and portray H2710 upon H5921 it the city H5892 , even H853 Jerusalem H3389 :
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2. तब उसे घेर अर्थात् उसके विरुद्ध किला बना और उसके सामने दमदमा बाँध; और छावनी डाल, और उसके चारों ओर युद्ध के यन्त्र लगा।
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2. And lay H5414 siege H4692 against H5921 it , and build H1129 a fort H1785 against H5921 it , and cast H8210 a mount H5550 against H5921 it; set H5414 the camp H4264 also against H5921 it , and set H7760 battering rams H3733 against H5921 it round about H5439 .
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3. तब तू लोहे की थाली लेकर उसको लोहे की शहरपनाह मानकर अपने और उस नगर के बीच खड़ा कर; तब अपना मुँह उसके सामने करके उसकी घेराबन्दी कर, इस रीति से तू उसे घेरे रखना। यह इस्राएल के घराने के लिये चिन्ह ठहरेगा।
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3. Moreover take H3947 thou H859 unto thee an iron H1270 pan H4227 , and set H5414 it for a wall H7023 of iron H1270 between H996 thee and the city H5892 : and set H3559 H853 thy face H6440 against H413 it , and it shall be H1961 besieged H4692 , and thou shalt lay siege H6696 against H5921 it. This H1931 shall be a sign H226 to the house H1004 of Israel H3478 .
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4. “फिर तू अपने बायीं करवट के बल लेटकर इस्राएल के घराने का अधर्म अपने ऊपर रख*; क्योंकि जितने दिन तू उस करवट के बल लेटा रहेगा, उतने दिन तक उन लोगों के अधर्म का भार सहता रहेगा।
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4. Lie H7901 thou H859 also upon H5921 thy left H8042 side H6654 , and lay H7760 H853 the iniquity H5771 of the house H1004 of Israel H3478 upon H5921 it: according to the number H4557 of the days H3117 that H834 thou shalt lie H7901 upon H5921 it thou shalt bear H5375 H853 their iniquity H5771 .
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5. मैंने उनके अधर्म के वर्षों के तुल्य तेरे लिये दिन ठहराए हैं, अर्थात् तीन सौ नब्बे दिन; उतने दिन तक तू इस्राएल के घराने के अधर्म का भार सहता रह।
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5. For I H589 have laid H5414 upon thee H853 the years H8141 of their iniquity H5771 , according to the number H4557 of the days H3117 , three H7969 hundred H3967 and ninety H8673 days H3117 : so shalt thou bear H5375 the iniquity H5771 of the house H1004 of Israel H3478 .
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6. जब इतने दिन पूरे हो जाएँ, तब अपने दाहिनी करवट के बल लेटकर यहूदा के घराने के अधर्म का भार सह लेना; मैंने उसके लिये भी और तेरे लिये एक वर्ष के बदले एक दिन अर्थात् चालीस दिन ठहराए हैं।
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6. And when thou hast accomplished H3615 H853 them H428 , lie H7901 again H8145 on H5921 thy right H3233 side H6654 , and thou shalt bear H5375 H853 the iniquity H5771 of the house H1004 of Judah H3063 forty H705 days H3117 : I have appointed H5414 thee each day for a year H3117 H8141 H3117 H8141 .
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7. तू यरूशलेम के घेरने के लिये बाँह उघाड़े हुए अपना मुँह उधर करके उसके विरुद्ध भविष्यद्वाणी करना।
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7. Therefore thou shalt set H3559 thy face H6440 toward H413 the siege H4692 of Jerusalem H3389 , and thine arm H2220 shall be uncovered H2834 , and thou shalt prophesy H5012 against H5921 it.
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8. देख, मैं तुझे रस्सियों से जकड़ूँगा, और जब तक उसके घेरने के दिन पूरे न हों, तब तक तू करवट न ले सकेगा। PS
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8. And, behold H2009 , I will lay H5414 bands H5688 upon H5921 thee , and thou shalt not H3808 turn H2015 thee from one side H4480 H6654 to H413 another H6654 , till H5704 thou hast ended H3615 the days H3117 of thy siege H4692 .
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9. {अशुद्ध रोटी} PS “तू गेहूँ, जौ, सेम, मसूर, बाजरा, और कठिया गेहूँ, लेकर एक बर्तन में रखकर* उनसे रोटी बनाया करना। जितने दिन तू अपने करवट के बल लेटा रहेगा, उतने अर्थात् तीन सौ नब्बे दिन तक उसे खाया करना।
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9. Take H3947 thou H859 also unto thee wheat H2406 , and barley H8184 , and beans H6321 , and lentils H5742 , and millet H1764 , and fitches H3698 , and put H5414 them in one H259 vessel H3627 , and make H6213 thee bread H3899 thereof, according to the number H4557 of the days H3117 that H834 thou H859 shalt lie H7901 upon H5921 thy side H6654 , three H7969 hundred H3967 and ninety H8673 days H3117 shalt thou eat H398 thereof.
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10. जो भोजन तू खाए, उसे तौल-तौलकर खाना, अर्थात् प्रतिदिन बीस-बीस शेकेल भर खाया करना, और उसे समय-समय पर खाना।
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10. And thy meat H3978 which H834 thou shalt eat H398 shall be by weight H4946 , twenty H6242 shekels H8255 a day H3117 : from time H4480 H6256 to H5704 time H6256 shalt thou eat H398 it.
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11. पानी भी तू मापकर पिया करना, अर्थात् प्रतिदिन हीन का छठवाँ अंश पीना; और उसको समय-समय पर पीना।
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11. Thou shalt drink H8354 also water H4325 by measure H4884 , the sixth part H8345 of a hin H1969 : from time H4480 H6256 to H5704 time H6256 shalt thou drink H8354 .
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12. अपना भोजन जौ की रोटियों के समान बनाकर खाया करना, और उसको मनुष्य की विष्ठा से उनके देखते बनाया करना।”
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12. And thou shalt eat H398 it as barley H8184 cakes H5692 , and thou shalt bake H5746 it H1931 with dung H1561 that cometh out H6627 of man H120 , in their sight H5869 .
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13. फिर यहोवा ने कहा, “इसी प्रकार से इस्राएल उन जातियों के बीच अपनी-अपनी रोटी अशुद्धता से खाया करेंगे, जहाँ में उन्हें जबरन पहुँचाऊँगा।”
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13. And the LORD H3068 said H559 , Even thus H3602 shall the children H1121 of Israel H3478 eat H398 their defiled H2931 H853 bread H3899 among the Gentiles H1471 , whither H834 H8033 I will drive H5080 them.
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14. तब मैंने कहा, “हाय, यहोवा परमेश्वर देख, मेरा मन कभी अशुद्ध नहीं हुआ, और न मैंने बचपन से लेकर अब तक अपनी मृत्यु से मरे हुए व फाड़े हुए पशु का माँस खाया, और न किसी प्रकार का घिनौना माँस* मेरे मुँह में कभी गया है।” (प्रेरि. 10:14)
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14. Then said H559 I, Ah H162 Lord H136 GOD H3069 ! behold H2009 , my soul H5315 hath not H3808 been polluted H2930 : for from my youth H4480 H5271 up even till H5704 now H6258 have I not H3808 eaten H398 of that which dieth of itself H5038 , or is torn in pieces H2966 ; neither H3808 came H935 there abominable H6292 flesh H1320 into my mouth H6310 .
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15. तब उसने मुझसे कहा, “देख, मैंने तेरे लिये मनुष्य की विष्ठा के बदले गोबर ठहराया है, और उसी से तू अपनी रोटी बनाना।”
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15. Then he said H559 unto H413 me, Lo H7200 , I have given H5414 thee H853 cow H1241 's dung H6832 for H8478 man H120 's dung H1561 , and thou shalt prepare H6213 H853 thy bread H3899 therewith H5921 .
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16. फिर उसने मुझसे कहा, “हे मनुष्य के सन्तान, देख, मैं यरूशलेम में अन्नरूपी आधार को दूर करूँगा; इसलिए वहाँ के लोग तौल-तौलकर और चिन्ता कर करके रोटी खाया करेंगे; और माप-मापकर और विस्मित हो होकर पानी पिया करेंगे।
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16. Moreover he said H559 unto H413 me, Son H1121 of man H120 , behold H2009 , I will break H7665 the staff H4294 of bread H3899 in Jerusalem H3389 : and they shall eat H398 bread H3899 by weight H4948 , and with care H1674 ; and they shall drink H8354 water H4325 by measure H4884 , and with astonishment H8078 :
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17. और इससे उन्हें रोटी और पानी की घटी होगी; और वे सबके सब घबराएँगे, और अपने अधर्म में फँसे हुए सूख जाएँगे PE
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17. That H4616 they may want H2637 bread H3899 and water H4325 , and be astonished H8074 one H376 with another H251 , and consume away H4743 for their iniquity H5771 .
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