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1. {यहूदा का पाप} PS “यहूदा का पाप लोहे की टाँकी और हीरे की नोक से लिखा हुआ है; वह उनके हृदयरूपी पटिया और उनकी वेदियों के सींगों पर भी खुदा हुआ है।
1. The sin H2403 of Judah H3063 is written H3789 with a pen H5842 of iron H1270 , and with the point H6856 of a diamond H8068 : it is graven H2790 upon H5921 the table H3871 of their heart H3820 , and upon the horns H7161 of your altars H4196 ;
2. उनकी वेदियाँ और अशेरा नामक देवियाँ जो हरे पेड़ों के पास और ऊँचे टीलों के ऊपर हैं, वे उनके लड़कों को भी स्मरण रहती हैं।
2. Whilst their children H1121 remember H2142 their altars H4196 and their groves H842 by H5921 the green H7488 trees H6086 upon H5921 the high H1364 hills H1389 .
3. हे मेरे पर्वत, तू जो मैदान में है, तेरी धन-सम्पत्ति और भण्डार मैं तेरे पाप के कारण लुट जाने दूँगा, और तेरे पूजा के ऊँचे स्थान भी जो तेरे देश में पाए जाते हैं।
3. O my mountain H2042 in the field H7704 , I will give H5414 thy substance H2428 and all H3605 thy treasures H214 to the spoil H957 , and thy high places H1116 for sin H2403 , throughout all H3605 thy borders H1366 .
4. तू अपने ही दोष के कारण अपने उस भाग का अधिकारी रहने पाएगा जो मैंने तुझे दिया है, और मैं ऐसा करूँगा कि तू अनजाने देश में अपने शत्रुओं की सेवा करेगा, क्योंकि तूने मेरे क्रोध की आग ऐसी भड़काई है जो सर्वदा जलती रहेगी।” PS
4. And thou , even thyself , shalt discontinue H8058 from thine heritage H4480 H5159 that H834 I gave H5414 thee ; and I will cause thee to serve H5647 H853 thine enemies H341 in the land H776 which H834 thou knowest H3045 not H3808 : for H3588 ye have kindled H6919 a fire H784 in mine anger H639 , which shall burn H3344 forever H5704 H5769 .
5. {श्राप और आशीर्वाद} PS यहोवा यह कहता है, “श्रापित है वह पुरुष जो मनुष्य पर भरोसा रखता है, और उसका सहारा लेता है, जिसका मन यहोवा से भटक जाता है।
5. Thus H3541 saith H559 the LORD H3068 ; Cursed H779 be the man H1397 that H834 trusteth H982 in man H120 , and maketh H7760 flesh H1320 his arm H2220 , and whose heart H3820 departeth H5493 from H4480 the LORD H3068 .
6. वह निर्जल देश के अधमरे पेड़ के समान होगा और कभी भलाई देखेगा। वह निर्जल और निर्जन तथा लोनछाई भूमि पर बसेगा।
6. For he shall be H1961 like the heath H6176 in the desert H6160 , and shall not H3808 see H7200 when H3588 good H2896 cometh H935 ; but shall inhabit H7931 the parched places H2788 in the wilderness H4057 , in a salt H4420 land H776 and not H3808 inhabited H3427 .
7. “धन्य है वह पुरुष जो यहोवा पर भरोसा रखता है, जिसने परमेश्‍वर को अपना आधार माना हो।
7. Blessed H1288 is the man H1397 that H834 trusteth H982 in the LORD H3068 , and whose hope H4009 the LORD H3068 is H1961 .
8. वह उस वृक्ष के समान होगा जो नदी के किनारे पर लगा हो और उसकी जड़ जल के पास फैली हो; जब धूप होगा तब उसको लगेगा, उसके पत्ते हरे रहेंगे, और सूखे वर्ष में भी उनके विषय में कुछ चिन्ता होगी, क्योंकि वह तब भी फलता रहेगा।” PS
8. For he shall be H1961 as a tree H6086 planted H8362 by H5921 the waters H4325 , and that spreadeth out H7971 her roots H8328 by H5921 the river H3105 , and shall not H3808 see H7200 when H3588 heat H2527 cometh H935 , but her leaf H5929 shall be H1961 green H7488 ; and shall not H3808 be careful H1672 in the year H8141 of drought H1226 , neither H3808 shall cease H4185 from yielding H4480 H6213 fruit H6529 .
9. {धोखेबाज मन} PS मन तो सब वस्तुओं से अधिक धोखा देनेवाला होता है*, उसमें असाध्य रोग लगा है; उसका भेद कौन समझ सकता है?
9. The heart H3820 is deceitful H6121 above all H4480 H3605 things , and desperately wicked H605 : who H4310 can know H3045 it?
10. “मैं यहोवा मन को खोजता और हृदय को जाँचता हूँ ताकि प्रत्येक जन को उसकी चाल-चलन के अनुसार अर्थात् उसके कामों का फल दूँ।” (1 पत. 1:17, प्रका. 2:23, प्रका. 20:12,13, प्रका. 22:12)
10. I H589 the LORD H3068 search H2713 the heart H3820 , I try H974 the reins H3629 , even to give H5414 every man H376 according to his ways H1870 , and according to the fruit H6529 of his doings H4611 .
11. जो अन्याय से धन बटोरता है वह उस तीतर के समान होता है जो दूसरी चिड़िया के दिए हुए अण्डों को सेती है, उसकी आधी आयु में ही वह उस धन को छोड़ जाता है, और अन्त में वह मूर्ख ही ठहरता है।
11. As the partridge H7124 sitteth H1716 on eggs , and hatcheth H3205 them not H3808 ; so he that getteth H6213 riches H6239 , and not H3808 by right H4941 , shall leave H5800 them in the midst H2677 of his days H3117 , and at his end H319 shall be H1961 a fool H5036 .
12. हमारा पवित्र आराधनालय आदि से ऊँचे स्थान पर रखे हुए एक तेजोमय सिंहासन के समान है।
12. A glorious H3519 high H4791 throne H3678 from the beginning H4480 H7223 is the place H4725 of our sanctuary H4720 .
13. हे यहोवा, हे इस्राएल के आधार, जितने तुझे छोड़ देते हैं वे सब लज्जित होंगे; जो तुझसे भटक जाते हैं उनके नाम भूमि ही पर लिखे जाएँगे, क्योंकि उन्होंने जीवन के जल के सोते यहोवा को त्याग दिया है। PS
13. O LORD H3068 , the hope H4723 of Israel H3478 , all H3605 that forsake H5800 thee shall be ashamed H954 , and they that depart from H3249 me shall be written H3789 in the earth H776 , because H3588 they have forsaken H5800 H853 the LORD H3068 , the fountain H4726 of living H2416 waters H4325 .
14. {यिर्मयाह की याचिका} PS हे यहोवा मुझे चंगा कर, तब मैं चंगा हो जाऊँगा; मुझे बचा, तब मैं बच जाऊँगा; क्योंकि मैं तेरी ही स्तुति करता हूँ।
14. Heal H7495 me , O LORD H3068 , and I shall be healed H7495 ; save H3467 me , and I shall be saved H3467 : for H3588 thou H859 art my praise H8416 .
15. सुन, वे मुझसे कहते हैं, “यहोवा का वचन कहाँ रहा? वह अभी पूरा हो जाए!”
15. Behold H2009 , they H1992 say H559 unto H413 me, Where H346 is the word H1697 of the LORD H3068 ? let it come H935 now H4994 .
16. परन्तु तू मेरा हाल जानता है, मैंने तेरे पीछे चलते हुए उतावली करके चरवाहे का काम नहीं छोड़ा; मैंने उस आनेवाली विपत्ति के दिन की लालसा की है; जो कुछ मैं बोला वह तुझ पर प्रगट था।
16. As for me, I H589 have not H3808 hastened H213 from being a pastor H4480 H7462 to follow H310 thee: neither H3808 have I desired H183 the woeful H605 day H3117 ; thou H859 knowest H3045 : that which came H4161 out of H6440 my lips H8193 was H1961 right before H5227 H6440 thee.
17. मुझे घबरा; संकट के दिन तू ही मेरा शरणस्थान है।
17. Be H1961 not H408 a terror H4288 unto me: thou H859 art my hope H4268 in the day H3117 of evil H7451 .
18. हे यहोवा, मेरी आशा टूटने दे, मेरे सतानेवालों ही की आशा टूटे; उन्हीं को विस्मित कर; परन्तु मुझे निराशा से बचा; उन पर विपत्ति डाल और उनको चकनाचूर कर दे! PS
18. Let them be confounded H954 that persecute H7291 me , but let not H408 me H589 be confounded H954 : let them H1992 be dismayed H2865 , but let not H408 me H589 be dismayed H2865 : bring H935 upon H5921 them the day H3117 of evil H7451 , and destroy H7665 them with double H4932 destruction H7670 .
19. {सब्त का दिन पवित्र मानना} PS यहोवा ने मुझसे यह कहा, “जाकर सदर फाटक में खड़ा हो जिससे यहूदा के राजा वरन् यरूशलेम के सब रहनेवाले भीतर-बाहर आया-जाया करते हैं;
19. Thus H3541 said H559 the LORD H3068 unto H413 me; Go H1980 and stand H5975 in the gate H8179 of the children H1121 of the people H5971 , whereby H834 the kings H4428 of Judah H3063 come in H935 , and by the which H834 they go out H3318 , and in all H3605 the gates H8179 of Jerusalem H3389 ;
20. और उनसे कह, 'हे यहूदा के राजाओं और सब यहूदियों, हे यरूशलेम के सब निवासियों, और सब लोगों जो इन फाटकों में से होकर भीतर जाते हो, यहोवा का वचन सुनो।
20. And say H559 unto H413 them, Hear H8085 ye the word H1697 of the LORD H3068 , ye kings H4428 of Judah H3063 , and all H3605 Judah H3063 , and all H3605 the inhabitants H3427 of Jerusalem H3389 , that enter in H935 by these H428 gates H8179 :
21. यहोवा यह कहता है, सावधान रहो, विश्राम के दिन कोई बोझ मत उठाओ; और कोई बोझ यरूशलेम के फाटकों के भीतर ले आओ। (यूह. 5:10)
21. Thus H3541 saith H559 the LORD H3068 ; Take heed H8104 to yourselves H5315 , and bear H5375 no H408 burden H4853 on the sabbath H7676 day H3117 , nor bring it in H935 by the gates H8179 of Jerusalem H3389 ;
22. विश्राम के दिन अपने-अपने घर से भी कोई बोझ बाहर मत लेजाओ और किसी रीति का काम-काज करो, वरन् उस आज्ञा के अनुसार जो मैंने तुम्हारे पुरखाओं को दी थी, विश्राम के दिन को पवित्र माना करो*।
22. Neither H3808 carry forth H3318 a burden H4853 out of your houses H4480 H1004 on the sabbath H7676 day H3117 , neither H3808 do H6213 ye any H3605 work H4399 , but hallow H6942 ye H853 the sabbath H7676 day H3117 , as H834 I commanded H6680 your fathers H1 .
23. परन्तु उन्होंने सुना और कान लगाया, परन्तु इसके विपरीत हठ किया कि सुनें और ताड़ना से भी मानें।
23. But they obeyed H8085 not H3808 , neither H3808 inclined H5186 H853 their ear H241 , but made H853 their neck H6203 stiff H7185 , that they might not H1115 hear H8085 , nor H1115 receive H3947 instruction H4148 .
24. '“परन्तु यदि तुम सचमुच मेरी सुनो, यहोवा की यह वाणी है, और विश्राम के दिन इस नगर के फाटकों के भीतर कोई बोझ ले आओ और विश्रामदिन को पवित्र मानो, और उसमें किसी रीति का काम-काज करो,
24. And it shall come to pass H1961 , if H518 ye diligently hearken H8085 H8085 unto H413 me, saith H5002 the LORD H3068 , to bring in H935 no H1115 burden H4853 through the gates H8179 of this H2063 city H5892 on the sabbath H7676 day H3117 , but hallow H6942 H853 the sabbath H7676 day H3117 , to do H6213 no H1115 H3605 work H4399 therein;
25. तब तो दाऊद की गद्दी पर विराजमान राजा, रथों और घोड़ों पर चढ़े हुए हाकिम और यहूदा के लोग और यरूशलेम के निवासी इस नगर के फाटकों से होकर प्रवेश किया करेंगे और यह नगर सर्वदा बसा रहेगा।
25. Then shall there enter H935 into the gates H8179 of this H2063 city H5892 kings H4428 and princes H8269 sitting H3427 upon H5921 the throne H3678 of David H1732 , riding H7392 in chariots H7393 and on horses H5483 , they H1992 , and their princes H8269 , the men H376 of Judah H3063 , and the inhabitants H3427 of Jerusalem H3389 : and this H2063 city H5892 shall remain H3427 forever H5769 .
26. लोग होमबलि, मेलबलि अन्नबलि, लोबान और धन्यवाद-बलि लिए हुए यहूदा के नगरों से और यरूशलेम के आस-पास से, बिन्यामीन के देश और नीचे के देश से, पहाड़ी देश और दक्षिण देश से, यहोवा के भवन में आया करेंगे।
26. And they shall come H935 from the cities H4480 H5892 of Judah H3063 , and from the places about H4480 H5439 Jerusalem H3389 , and from the land H4480 H776 of Benjamin H1144 , and from H4480 the plain H8219 , and from H4480 the mountains H2022 , and from H4480 the south H5045 , bringing H935 burnt offerings H5930 , and sacrifices H2077 , and meat offerings H4503 , and incense H3828 , and bringing H935 sacrifices of praise H8426 , unto the house H1004 of the LORD H3068 .
27. परन्तु यदि तुम मेरी सुनकर विश्राम के दिन को पवित्र मानो, और उस दिन यरूशलेम के फाटकों से बोझ लिए हुए प्रवेश करते रहो, तो मैं यरूशलेम के फाटकों में आग लगाऊँगा; और उससे यरूशलेम के महल भी भस्म हो जाएँगे और वह आग फिर बुझेगी।'” PE
27. But if H518 ye will not H3808 hearken H8085 unto H413 me to hallow H6942 H853 the sabbath H7676 day H3117 , and not H1115 to bear H5375 a burden H4853 , even entering H935 in at the gates H8179 of Jerusalem H3389 on the sabbath H7676 day H3117 ; then will I kindle H3341 a fire H784 in the gates H8179 thereof , and it shall devour H398 the palaces H759 of Jerusalem H3389 , and it shall not H3808 be quenched H3518 .
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