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1. {ज्ञान में सुरक्षा} PS हे मेरे पुत्रों, पिता की शिक्षा सुनो, और समझ प्राप्त करने में मन लगाओ।
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1. Hear H8085 , ye children H1121 , the instruction H4148 of a father H1 , and attend H7181 to know H3045 understanding H998 .
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2. क्योंकि मैंने तुम को उत्तम शिक्षा दी है; मेरी शिक्षा को न छोड़ो।
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2. For H3588 I give H5414 you good H2896 doctrine H3948 , forsake H5800 ye not H408 my law H8451 .
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3. देखो, मैं भी अपने पिता का पुत्र था, और माता का एकलौता दुलारा था,
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3. For H3588 I was H1961 my father H1 's son H1121 , tender H7390 and only H3173 beloved in the sight H6440 of my mother H517 .
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4. और मेरा पिता मुझे यह कहकर सिखाता था, “तेरा मन मेरे वचन पर लगा रहे; तू मेरी आज्ञाओं का पालन कर, तब जीवित रहेगा।”
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4. He taught H3384 me also , and said H559 unto me , Let thine heart H3820 retain H8551 my words H1697 : keep H8104 my commandments H4687 , and live H2421 .
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5. बुद्धि को प्राप्त कर, समझ को भी प्राप्त कर; उनको भूल न जाना, न मेरी बातों को छोड़ना।
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5. Get H7069 wisdom H2451 , get H7069 understanding H998 : forget H7911 it not H408 ; neither H408 decline H5186 from the words H4480 H561 of my mouth H6310 .
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6. बुद्धि को न छोड़ और वह तेरी रक्षा करेगी; उससे प्रीति रख और वह तेरा पहरा देगी।
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6. Forsake H5800 her not H408 , and she shall preserve H8104 thee: love H157 her , and she shall keep H5341 thee.
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7. बुद्धि श्रेष्ठ है इसलिए उसकी प्राप्ति के लिये यत्न कर; अपना सब कुछ खर्च कर दे ताकि समझ को प्राप्त कर सके।
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7. Wisdom H2451 is the principal thing H7225 ; therefore get H7069 wisdom H2451 : and with all H3605 thy getting H7075 get H7069 understanding H998 .
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8. उसकी बड़ाई कर, वह तुझको बढ़ाएगी; जब तू उससे लिपट जाए, तब वह तेरी महिमा करेगी।
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8. Exalt H5549 her , and she shall promote H7311 thee : she shall bring thee to honor H3513 , when H3588 thou dost embrace H2263 her.
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9. वह तेरे सिर पर शोभायमान आभूषण बांधेगी; और तुझे सुन्दर मुकुट देगी।”
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9. She shall give H5414 to thine head H7218 an ornament H3880 of grace H2580 : a crown H5850 of glory H8597 shall she deliver H4042 to thee.
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10. हे मेरे पुत्र, मेरी बातें सुनकर ग्रहण कर, तब तू बहुत वर्ष तक जीवित रहेगा।
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10. Hear H8085 , O my son H1121 , and receive H3947 my sayings H561 ; and the years H8141 of thy life H2416 shall be many H7235 .
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11. मैंने तुझे बुद्धि का मार्ग बताया है; और सिधाई के पथ पर चलाया है।
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11. I have taught H3384 thee in the way H1870 of wisdom H2451 ; I have led H1869 thee in right H3476 paths H4570 .
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12. जिसमें चलने पर तुझे रोक टोक न होगी*, और चाहे तू दौड़े, तो भी ठोकर न खाएगा।
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12. When thou goest H1980 , thy steps H6806 shall not H3808 be straitened H3334 ; and when H518 thou runnest H7323 , thou shalt not H3808 stumble H3782 .
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13. शिक्षा को पकड़े रह, उसे छोड़ न दे; उसकी रक्षा कर, क्योंकि वही तेरा जीवन है।
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13. Take fast hold H2388 of instruction H4148 ; let her not H408 go H7503 : keep H5341 her; for H3588 she H1931 is thy life H2416 .
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14. दुष्टों की डगर में पाँव न रखना, और न बुरे लोगों के मार्ग पर चलना।
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14. Enter H935 not H408 into the path H734 of the wicked H7563 , and go H833 not H408 in the way H1870 of evil H7451 men .
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15. उसे छोड़ दे, उसके पास से भी न चल, उसके निकट से मुड़कर आगे बढ़ जा।
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15. Avoid H6544 it, pass H5674 not H408 by it, turn H7847 from H4480 H5921 it , and pass away H5674 .
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16. क्योंकि दुष्ट लोग यदि बुराई न करें, तो उनको नींद नहीं आती; और जब तक वे किसी को ठोकर न खिलाएँ, तब तक उन्हें नींद नहीं मिलती।
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16. For H3588 they sleep H3462 not H3808 , except H518 H3808 they have done mischief H7489 ; and their sleep H8142 is taken away H1497 , unless H518 H3808 they cause some to fall H3782 .
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17. क्योंकि वे दुष्टता की रोटी खाते, और हिंसा का दाखमधु पीते हैं।
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17. For H3588 they eat H3898 the bread H3899 of wickedness H7562 , and drink H8354 the wine H3196 of violence H2555 .
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18. परन्तु धर्मियों की चाल, भोर-प्रकाश के समान है, जिसकी चमक दोपहर तक बढ़ती जाती है।
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18. But the path H734 of the just H6662 is as the shining H5051 light H216 , that shineth H215 more and more H1980 unto H5704 the perfect H3559 day H3117 .
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19. दुष्टों का मार्ग घोर अंधकारमय है; वे नहीं जानते कि वे किस से ठोकर खाते हैं।
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19. The way H1870 of the wicked H7563 is as darkness H653 : they know H3045 not H3808 at what H4100 they stumble H3782 .
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20. हे मेरे पुत्र मेरे वचन ध्यान धरके सुन, और अपना कान मेरी बातों पर लगा।
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20. My son H1121 , attend H7181 to my words H1697 ; incline H5186 thine ear H241 unto my sayings H561 .
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21. इनको अपनी आँखों से ओझल न होने दे; वरन् अपने मन में धारण कर।
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21. Let them not H408 depart H3868 from thine eyes H4480 H5869 ; keep H8104 them in the midst H8432 of thine heart H3824 .
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22. क्योंकि जिनको वे प्राप्त होती हैं, वे उनके जीवित रहने का, और उनके सारे शरीर के चंगे रहने का कारण होती हैं।
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22. For H3588 they H1992 are life H2416 unto those that find H4672 them , and health H4832 to all H3605 their flesh H1320 .
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23. सबसे अधिक अपने मन की रक्षा कर; क्योंकि जीवन का मूल स्रोत वही है।
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23. Keep H5341 thy heart H3820 with all H4480 H3605 diligence H4929 ; for H3588 out of H4480 it are the issues H8444 of life H2416 .
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24. टेढ़ी बात अपने मुँह से मत बोल, और चालबाजी की बातें कहना तुझ से दूर रहे।
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24. Put away H5493 from H4480 thee a froward H6143 mouth H6310 , and perverse H3891 lips H8193 put far H7368 from H4480 thee.
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25. तेरी आँखें सामने ही की ओर लगी रहें, और तेरी पलकें आगे की ओर खुली रहें।
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25. Let thine eyes H5869 look H5027 right on H5227 , and let thine eyelids H6079 look straight H3474 before H5048 thee.
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26. अपने पाँव रखने के लिये मार्ग को समतल कर, तब तेरे सब मार्ग ठीक रहेंगे। (इब्रानियों. 12:13)
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26. Ponder H6424 the path H4570 of thy feet H7272 , and let all H3605 thy ways H1870 be established H3559 .
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27. न तो दाहिनी ओर मुड़ना, और न बाईं ओर; अपने पाँव को बुराई के मार्ग पर चलने से हटा ले। PE
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27. Turn H5186 not H408 to the right hand H3225 nor to the left H8040 : remove H5493 thy foot H7272 from evil H4480 H7451 .
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