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1. “यक़ीनन चाँदी की कान होती है, और सोने के लिए जगह होती है, जहाँ ताया जाता है।
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1. Surely H3588 there is H3426 a vein H4161 for the silver H3701 , and a place H4725 for gold H2091 where they fine H2212 it .
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2. लोहा ज़मीन से निकाला जाता है, और पीतल पत्थर में से गलाया जाता है।
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2. Iron H1270 is taken H3947 out of the earth H4480 H6083 , and brass H5154 is molten H6694 out of the stone H68 .
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3. इंसान तारीकी की तह तक पहुँचता है, और ज़ुल्मात और मौत के साए की इन्तिहा तक पत्थरों की तलाश करता है।
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3. He setteth H7760 an end H7093 to darkness H2822 , and searcheth out H2713 H1931 all H3605 perfection H8503 : the stones H68 of darkness H652 , and the shadow of death H6757 .
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4. आबादी से दूर वह सुरंग लगाता है, आने जाने वालों के पाँव से बे ख़बर और लोगों से दूर वह लटकते और झूलते हैं।
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4. The flood H5158 breaketh out H6555 from H4480 H5973 the inhabitant H1481 ; even the waters forgotten H7911 of H4480 the foot H7272 : they are dried up H1809 , they are gone away H5128 from men H4480 H582 .
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5. और ज़मीन उस से ख़ूराक पैदा होती है, और उसके अन्दर गोया आग से इन्क़लाब होता रहता है।
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5. As for the earth H776 , out of H4480 it cometh H3318 bread H3899 : and under H8478 it is turned up H2015 as it were H3644 fire H784 .
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6. उसके पत्थरों में नीलम है, और उसमें सोने के ज़र्रे हैं
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6. The stones H68 of it are the place H4725 of sapphires H5601 : and it hath dust H6083 of gold H2091 .
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7. उस राह को कोई शिकारी परिन्दा नहीं जानता न कुछ की आँख ने उसे देखा है।
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7. There is a path H5410 which no H3808 fowl H5861 knoweth H3045 , and which the vulture H344 's eye H5869 hath not H3808 seen H7805 :
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8. न मुतक़ब्बिर जानवर उस पर चले हैं, न खू़नख़्वार बबर उधर से गुज़रा है।
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8. The lion H7830 's whelps H1121 have not H3808 trodden H1869 it, nor H3808 the fierce lion H7826 passed H5710 by H5921 it.
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9. वह चकमक की चट्टान पर हाथ लगाता है, वह पहाड़ों को जड़ ही से उखाड़ देता है।
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9. He putteth forth H7971 his hand H3027 upon the rock H2496 ; he overturneth H2015 the mountains H2022 by the roots H4480 H8328 .
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10. वह चट्टानों में से नालियाँ काटता है, उसकी आँख हर एक बेशक़ीमत चीज़ को देख लेती है।
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10. He cutteth out H1234 rivers H2975 among the rocks H6697 ; and his eye H5869 seeth H7200 every H3605 precious thing H3366 .
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11. वह नदियों को मसदूद करता है, कि वह टपकती भी नहीं और छिपी चीज़ को वह रोशनी में निकाल लाता है।
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11. He bindeth H2280 the floods H5104 from overflowing H4480 H1065 ; and the thing that is hid H8587 bringeth he forth H3318 to light H216 .
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12. लेकिन हिकमत कहाँ मिलेगी? और 'अक़्लमन्दी की जगह कहाँ है
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12. But where H4480 H370 shall wisdom H2451 be found H4672 ? and where H335 H2088 is the place H4725 of understanding H998 ?
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13. न इंसान उसकी क़द्र जानता है, न वह ज़िन्दों की सर ज़मीन में मिलती है।
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13. Man H582 knoweth H3045 not H3808 the price H6187 thereof; neither H3808 is it found H4672 in the land H776 of the living H2416 .
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14. गहराव कहता है, वह मुझ में नहीं है, और समन्दर भी कहता है वह मेरे पास नहीं है।
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14. The depth H8415 saith H559 , It H1931 is not H3808 in me : and the sea H3220 saith H559 , It is not H369 with H5978 me.
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15. न वह सोने के बदले मिल सकती है, न चाँदी उसकी क़ीमत के लिए तुलेगी।
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15. It cannot H3808 be gotten H5414 for gold H2091 H5462 H8478 , neither H3808 shall silver H3701 be weighed H8254 for the price H4242 thereof.
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16. न ओफ़ीर का सोना उसका मोल हो सकता है और न क़ीमती सुलैमानी पत्थर या नीलम।
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16. It cannot H3808 be valued H5541 with the gold H3800 of Ophir H211 , with the precious H3368 onyx H7718 , or the sapphire H5601 .
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17. न सोना और काँच उसकी बराबरी कर सकते हैं, न चोखे सोने के ज़ेवर उसका बदल ठहरेंगे।
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17. The gold H2091 and the crystal H2137 cannot H3808 equal H6186 it : and the exchange H8545 of it shall not be for jewels H3627 of fine gold H6337 .
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18. मोंगे और बिल्लौर का नाम भी नहीं लिया जाएगा, बल्कि हिकमत की क़ीमत मरजान से बढ़कर है।
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18. No H3808 mention shall be made H2142 of coral H7215 , or of pearls H1378 : for the price H4901 of wisdom H2451 is above rubies H4480 H6443 .
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19. न कूश का पुखराज उसके बराबर ठहरेगा न चोखा सोना उसका मोल होगा।
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19. The topaz H6357 of Ethiopia H3568 shall not H3808 equal H6186 it, neither H3808 shall it be valued H5541 with pure H2889 gold H3800 .
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20. फिर हिकमत कहाँ से आती है, और 'अक़्लमन्दी की जगह कहाँ है।
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20. Whence H4480 H370 then cometh H935 wisdom H2451 ? and where H335 H2088 is the place H4725 of understanding H998 ?
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21. जिस हाल कि वह सब ज़िन्दों की आँखों से छिपी है, और हवा के परिंदों से पोशीदा रख्खी गई है
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21. Seeing it is hid H5956 from the eyes H4480 H5869 of all H3605 living H2416 , and kept close H5641 from the fowls H4480 H5775 of the air H8064 .
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22. हलाकत और मौत कहती है, 'हम ने अपने कानों से उसकी अफ़वाह तो सुनी है।”
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22. Destruction H11 and death H4194 say H559 , We have heard H8085 the fame H8088 thereof with our ears H241 .
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23. “ख़ुदा उसकी राह को जानता है, और उसकी जगह से वाक़िफ़ है।
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23. God H430 understandeth H995 the way H1870 thereof , and he H1931 knoweth H3045 H853 the place H4725 thereof.
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24. क्यूँकि वह ज़मीन की इन्तिहा तक नज़र करता है, और सारे आसमान के नीचे देखता है;
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24. For H3588 he H1931 looketh H5027 to the ends H7098 of the earth H776 , and seeth H7200 under H8478 the whole H3605 heaven H8064 ;
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25. ताकि वह हवा का वज़न ठहराए, बल्कि वह पानी को पैमाने से नापता है।
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25. To make H6213 the weight H4948 for the winds H7307 ; and he weigheth H8505 the waters H4325 by measure H4060 .
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26. जब उसने बारिश के लिए क़ानून, और रा'द की बर्क़ के लिए रास्ता ठहराया,
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26. When he made H6213 a decree H2706 for the rain H4306 , and a way H1870 for the lightning H2385 of the thunder H6963 :
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27. तब ही उसने उसे देखा और उसका बयान किया, उसने उसे क़ाईम और ढूँड निकाला।
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27. Then H227 did he see H7200 it , and declare H5608 it ; he prepared H3559 it, yea H1571 , and searched it out H2713 .
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28. और उसने इंसान से कहा, देख, ख़ुदावन्द का ख़ौफ़ ही हिकमत है; और बदी से दूर रहना यही 'अक़्लमन्दी है।” PE
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28. And unto man H120 he said H559 , Behold H2005 , the fear H3374 of the Lord H136 , that H1931 is wisdom H2451 ; and to depart H5493 from evil H4480 H7451 is understanding H998 .
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