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10

1. इन बातों के बाद जो मैं ने दृष्टि की, तो क्या देखता हूं कि स्वर्ग में एक द्वार खुला हुआ है; और जिस को मैं ने पहिले तुरही के से शब्द से अपने साथ बातें करते सुना था, वही कहता है, कि यहां ऊपर जा: और मैं वे बातें तुझे दिखाऊंगा, जिन का इन बातों के बाद पूरा होना अवश्य है।
1. After G3326 this G5023 I looked G1492 , and G2532 , behold G2400 , a door G2374 was opened G455 in G1722 heaven G3772 : and G2532 the G3588 first G4413 voice G5456 which G3739 I heard G191 was as it were G5613 of a trumpet G4536 talking G2980 with G3326 me G1700 ; which said G3004 , Come up G305 hither G5602 , and G2532 I will show G1166 thee G4671 things which G3739 must G1163 be G1096 hereafter G3326 G5023 .
2. और तुरन्त मैं आत्मा में गया; और क्या देखता हूं, कि एक सिंहासन स्वर्ग में धरा है, और उस सिंहासन पर कोई बैठा है।
2. And G2532 immediately G2112 I was G1096 in G1722 the spirit G4151 : and G2532 , behold G2400 , a throne G2362 was set G2749 in G1722 heaven G3772 , and G2532 one sat G2521 on G1909 the G3588 throne G2362 .
3. और जो उस पर बैठा है, वह यशब और मानिक सा दिखाई पड़ता है, और उस सिंहासन के चारों ओर मरकत सा एक मेघधनुष दिखाई देता है।
3. And G2532 he that sat G2521 was G2258 to look upon G3706 like G3664 a jasper G2393 and G2532 a sardine G4555 stone G3037 : and G2532 there was a rainbow G2463 round about G2943 the G3588 throne G2362 , in sight G3706 like unto G3664 an emerald G4664 .
4. और उस सिंहासन के चारों ओर चौबीस सिंहासन है; और इन सिंहासनों पर चौबीस प्राचीन श्वेत वस्त्र पहिने हुए बैठें हैं, और उन के सिरों पर सोने के मुकुट हैं।
4. And G2532 round about G2943 the G3588 throne G2362 were four and twenty G5064 G2532 G1501 seats G2362 : and G2532 upon G1909 the G3588 seats G2362 I saw G1492 four and twenty G5064 G2532 G1501 elders G4245 sitting G2521 , clothed G4016 in G1722 white G3022 raiment G2440 ; and G2532 they had G2192 on G1909 their G848 heads G2776 crowns G4735 of gold G5552 .
5. और उस सिंहासन में से बिजलियां और गर्जन निकलते हैं और सिंहासन के साम्हने आग के सात दीपक जल रहे हैं, ये परमेश्वर की सात आत्माएं हैं।
5. And G2532 out G1537 of the G3588 throne G2362 proceeded G1607 lightnings G796 and G2532 thunderings G1027 and G2532 voices G5456 : and G2532 there were seven G2033 lamps G2985 of fire G4442 burning G2545 before G1799 the G3588 throne G2362 , which G3739 are G1526 the G3588 seven G2033 Spirits G4151 of God G2316 .
6. और उस सिंहासन के साम्हने मानो बिल्लौर के समान कांच का सा समुद्र है, और सिंहासन के बीच में और सिंहासन के चारों ओर चार प्राणी हैं, जिन के आगे पीछे आंखे ही आंखे हैं।
6. And G2532 before G1799 the G3588 throne G2362 there was a sea G2281 of glass G5193 like unto G3664 crystal G2930 : and G2532 in G1722 the midst G3319 of the G3588 throne G2362 , and G2532 round about G2945 the G3588 throne G2362 , were four G5064 beasts G2226 full G1073 of eyes G3778 before G1715 and G2532 behind G3693 .
7. पहिला प्राणी सिंह के समान है, और दूसरा प्राणी का मुंह बछड़े के समान है, तीसरे प्राणी का मुंह मनुष्य का सा है, और चौथा प्राणी उड़ते हुए उकाब के समान है।
7. And G2532 the G3588 first G4413 beast G2226 was like G3664 a lion G3023 , and G2532 the G3588 second G1208 beast G2226 like G3664 a calf G3448 , and G2532 the G3588 third G5154 beast G2226 had G2192 a face G4383 as G5613 a man G444 , and G2532 the G3588 fourth G5067 beast G2226 was like G3664 a flying G4072 eagle G105 .
8. और चारों प्राणियों के छ: छ: पंख हैं, और चारों ओर, और भीतर आंखे ही आंखे हैं; और वे रात दिन बिना विश्राम लिए यह कहते रहते हैं, कि पवित्र, पवित्र, पवित्र प्रभु परमेश्वर, सर्वशक्तिमान, जो था, और जो है, और जो आने वाला है।
8. And G2532 the four G5064 beasts G2226 had G2192 each of them G303 G1520 G2596 G1438 six G1803 wings G4420 about G2943 him ; and G2532 they were full G1073 of eyes G3788 within G2081 : and G2532 they rest G2192 G372 not G3756 day G2250 and G2532 night G3571 , saying G3004 , Holy G40 , holy G40 , holy G40 , Lord G2962 God G2316 Almighty G3841 , which was , and is , and is to come G3801 .
9. और जब वे प्राणी उस की जो सिंहासन पर बैठा है, और जो युगानुयुग जीवता है, महिमा और आदर और धन्यवाद करेंगे।
9. And G2532 when G3752 those beasts G2226 give G1325 glory G1391 and G2532 honor G5092 and G2532 thanks G2169 to him that sat G2521 on G1909 the G3588 throne G2362 , who liveth G2198 forever and ever G1519 G165 G165 ,
10. तब चौबीसों प्राचीन सिंहासन पर बैठने वाले के साम्हने गिर पड़ेंगे, और उसे जो युगानुयुग जीवता है प्रणाम करेंगे; और अपने अपने मुकुट सिंहासन के साम्हने यह कहते हुए डाल देंगे।
10. The G3588 four and twenty G5064 G2532 G1501 elders G4245 fall down G4098 before G1799 him that sat G2521 on G1909 the G3588 throne G2362 , and G2532 worship G4352 him that liveth G2198 forever and ever G1519 G165 G165 , and G2532 cast G906 their G848 crowns G4735 before G1799 the G3588 throne G2362 , saying G3004 ,
11. कि हे हमारे प्रभु, और परमेश्वर, तू ही महिमा, और आदर, और सामर्थ के योग्य है; क्योंकि तू ही ने सब वस्तुएं सृजीं और वे तेरी ही इच्छा से थीं, और सृजी गईं॥
11. Thou art G1488 worthy G514 , O Lord G2962 , to receive G2983 glory G1391 and G2532 honor G5092 and G2532 power G1411 : for G3754 thou G4771 hast created G2936 all things G3956 , and G2532 for G1223 thy G4675 pleasure G2307 they are G1526 and G2532 were created G2936 .
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