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1. “हे बाशान की गायों, यह वचन सुनो, तुम जो सामरिया पर्वत पर हो, जो कंगालों पर अंधेर करतीं, और दरिद्रों को कुचल डालती हो, और अपने-अपने पति से कहती हो, 'ला, दे हम पीएँ!'
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1. Hear H8085 this H2088 word H1697 , ye kine H6510 of Bashan H1316 , that H834 are in the mountain H2022 of Samaria H8111 , which oppress H6231 the poor H1800 , which crush H7533 the needy H34 , which say H559 to their masters H113 , Bring H935 , and let us drink H8354 .
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2. परमेश्वर यहोवा अपनी पवित्रता की शपथ खाकर कहता है, देखो, तुम पर ऐसे दिन आनेवाले हैं, कि तुम काँटों से, और तुम्हारी सन्तान मछली की बंसियों से खींच ली जाएँगी।
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2. The Lord H136 GOD H3069 hath sworn H7650 by his holiness H6944 , that H3588 , lo H2009 , the days H3117 shall come H935 upon H5921 you , that he will take you away H5375 H853 with hooks H6793 , and your posterity H319 with fishhooks H5518 H1729 .
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3. और तुम बाड़े के नाकों से होकर सीधी निकल जाओगी और हेर्मोन में डाली जाओगी,” यहोवा की यही वाणी है। PS
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3. And ye shall go out H3318 at the breaches H6556 , every H802 cow at that which is before H5048 her ; and ye shall cast H7993 them into the palace H2038 , saith H5002 the LORD H3068 .
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4. {इस्राएल सुधरने में असफल} PS “बेतेल में आकर अपराध करो, और गिलगाल में आकर बहुत से अपराध करो; अपने चढ़ावे भोर को, और अपने दशमांश हर तीसरे दिन ले आया करो;
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4. Come H935 to Bethel H1008 , and transgress H6586 ; at Gilgal H1537 multiply H7235 transgression H6586 ; and bring H935 your sacrifices H2077 every morning H1242 , and your tithes H4643 after three H7969 years H3117 :
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5. धन्यवाद-बलि ख़मीर मिलाकर चढ़ाओ, और अपने स्वेच्छाबलियों की चर्चा चलाकर उनका प्रचार करो; क्योंकि हे इस्राएलियों, ऐसा करना तुमको भाता है,” परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है।
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5. And offer a sacrifice H6999 of thanksgiving H8426 with H4480 leaven H2557 , and proclaim H7121 and publish H8085 the free offerings H5071 : for H3588 this H3651 liketh H157 you , O ye children H1121 of Israel H3478 , saith H5002 the Lord H136 GOD H3069 .
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6. “मैंने तुम्हारे सब नगरों में दाँत की सफाई करा दी, और तुम्हारे सब स्थानों में रोटी की घटी की है, तो भी तुम मेरी ओर फिरकर न आए,” यहोवा की यही वाणी है।
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6. And I H589 also H1571 have given H5414 you cleanness H5356 of teeth H8127 in all H3605 your cities H5892 , and want H2640 of bread H3899 in all H3605 your places H4725 : yet have ye not H3808 returned H7725 unto H5704 me, saith H5002 the LORD H3068 .
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7. “और जब कटनी के तीन महीने रह गए, तब मैंने तुम्हारे लिये वर्षा न की; मैंने एक नगर में जल बरसाकर दूसरे में न बरसाया; एक खेत में जल बरसा, और दूसरा खेत जिसमें न बरसा; वह सूख गया।
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7. And also H1571 I H595 have withheld H4513 H853 the rain H1653 from H4480 you , when there were yet H5750 three H7969 months H2320 to the harvest H7105 : and I caused it to rain H4305 upon H5921 one H259 city H5892 , and caused it not to rain H4305 H3808 upon H5921 another H259 city H5892 : one H259 piece H2513 was rained upon H4305 , and the piece H2513 whereupon H834 H5921 it rained H4305 not H3808 withered H3001 .
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8. इसलिए दो तीन नगरों के लोग पानी पीने को मारे-मारे फिरते हुए एक ही नगर में आए, परन्तु तृप्त न हुए; तो भी तुम मेरी ओर न फिरे,” यहोवा की यही वाणी है।
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8. So two H8147 or three H7969 cities H5892 wandered H5128 unto H413 one H259 city H5892 , to drink H8354 water H4325 ; but they were not H3808 satisfied H7646 : yet have ye not H3808 returned H7725 unto H5704 me, saith H5002 the LORD H3068 .
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9. “मैंने तुमको लूह और गेरूई से मारा है; और जब तुम्हारी वाटिकाएँ और दाख की बारियाँ, और अंजीर और जैतून के वृक्ष बहुत हो गए, तब टिड्डियाँ उन्हें खा गईं; तो भी तुम मेरी ओर फिरकर न आए,” यहोवा की यही वाणी है।
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9. I have smitten H5221 you with blasting H7711 and mildew H3420 : when your gardens H1593 and your vineyards H3754 and your fig trees H8384 and your olive trees H2132 increased H7235 , the palmerworm H1501 devoured H398 them : yet have ye not H3808 returned H7725 unto H5704 me, saith H5002 the LORD H3068 .
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10. “मैंने तुम्हारे बीच में मिस्र देश की सी मरी फैलाई*; मैंने तुम्हारे घोड़ों को छिनवा कर तुम्हारे जवानों को तलवार से घात करा दिया; और तुम्हारी छावनी की दुर्गन्ध तुम्हारे पास पहुँचाई; तो भी तुम मेरी ओर फिरकर न आए,” यहोवा की यही वाणी है।
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10. I have sent H7971 among you the pestilence H1698 after the manner H1870 of Egypt H4714 : your young men H970 have I slain H2026 with the sword H2719 , and have taken away H5973 H7628 your horses H5483 ; and I have made the stink H889 of your camps H4264 to come up H5927 unto your nostrils H639 : yet have ye not H3808 returned H7725 unto H5704 me, saith H5002 the LORD H3068 .
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11. “मैंने तुम में से कई एक को ऐसा उलट दिया, जैसे परमेश्वर ने सदोम और गमोरा को उलट दिया था, और तुम आग से निकाली हुई लकड़ी के समान ठहरे; तो भी तुम मेरी ओर फिरकर न आए,” यहोवा की यही वाणी है।
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11. I have overthrown H2015 some of you , as God H430 overthrew H4114 H853 Sodom H5467 and Gomorrah H6017 , and ye were H1961 as a firebrand H181 plucked H5337 out of the burning H4480 H8316 : yet have ye not H3808 returned H7725 unto H5704 me, saith H5002 the LORD H3068 .
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12. “इस कारण, हे इस्राएल, मैं तुझ से ऐसा ही करूँगा, और इसलिए कि मैं तुझ में यह काम करने पर हूँ, हे इस्राएल, अपने परमेश्वर के सामने आने के लिये तैयार* हो जा!”
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12. Therefore H3651 thus H3541 will I do H6213 unto thee , O Israel H3478 : and because H6118 H3588 I will do H6213 this H2063 unto thee, prepare H3559 to meet H7125 thy God H430 , O Israel H3478 .
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13. देख, पहाड़ों का बनानेवाला और पवन का सिरजनेवाला, और मनुष्य को उसके मन का विचार बतानेवाला और भोर को अंधकार करनेवाला*, और जो पृथ्वी के ऊँचे स्थानों पर चलनेवाला है, उसी का नाम सेनाओं का परमेश्वर यहोवा है! (2 कुरि. 6:18,) PE
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13. For H3588 , lo H2009 , he that formeth H3335 the mountains H2022 , and createth H1254 the wind H7307 , and declareth H5046 unto man H120 what H4100 is his thought H7808 , that maketh H6213 the morning H7837 darkness H5890 , and treadeth H1869 upon H5921 the high places H1116 of the earth H776 , The LORD H3068 , The God H430 of hosts H6635 , is his name H8034 .
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