|
|
1. {संकट के समय प्रार्थना} PS हे परमेश्वर, मेरा न्याय चुका* और विधर्मी जाति से मेरा मुकद्दमा लड़; मुझ को छली और कुटिल पुरुष से बचा।
|
1. Judge H8199 me , O God H430 , and plead H7378 my cause H7379 against an ungodly H3808 H2623 nation H4480 H1471 : O deliver H6403 me from the deceitful H4820 and unjust H5766 man H4480 H376 .
|
2. क्योंकि तू मेरा सामर्थी परमेश्वर है, तूने क्यों मुझे त्याग दिया है? मैं शत्रु के अत्याचार के मारे शोक का पहरावा पहने हुए क्यों फिरता रहूँ?
|
2. For H3588 thou H859 art the God H430 of my strength H4581 : why H4100 dost thou cast me off H2186 ? why H4100 go H1980 I mourning H6937 because of the oppression H3906 of the enemy H341 ?
|
3. अपने प्रकाश और अपनी सच्चाई को भेज; वे मेरी अगुआई करें, वे ही मुझ को तेरे पवित्र पर्वत* पर और तेरे निवास स्थान में पहुँचाए!
|
3. O send out H7971 thy light H216 and thy truth H571 : let them H1992 lead H5148 me ; let them bring H935 me unto H413 thy holy H6944 hill H2022 , and to H413 thy tabernacles H4908 .
|
4. तब मैं परमेश्वर की वेदी के पास जाऊँगा, उस परमेश्वर के पास जो मेरे अति आनन्द का कुण्ड है; और हे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, मैं वीणा बजा-बजाकर तेरा धन्यवाद करूँगा।
|
4. Then will I go H935 unto H413 the altar H4196 of God H430 , unto H413 God H410 my exceeding H8057 joy H1524 : yea , upon the harp H3658 will I praise H3034 thee , O God H430 my God H430 .
|
5. हे मेरे प्राण तू क्यों गिरा जाता है? तू अन्दर ही अन्दर क्यों व्याकुल है? परमेश्वर पर आशा रख, क्योंकि वह मेरे मुख की चमक और मेरा परमेश्वर है; मैं फिर उसका धन्यवाद करूँगा। PE
|
5. Why H4100 art thou cast down H7817 , O my soul H5315 ? and why H4100 art thou disquieted H1993 within H5921 me? hope H3176 in God H430 : for H3588 I shall yet H5750 praise H3034 him, who is the health H3444 of my countenance H6440 , and my God H430 .
|