|
|
1. {संकट के समय में सांत्वना} PS मैं परमेश्वर की दुहाई चिल्ला चिल्लाकर दूँगा, मैं परमेश्वर की दुहाई दूँगा, और वह मेरी ओर कान लगाएगा।
|
1. To the chief Musician H5329 , to H5921 Jeduthun H3038 , A Psalm H4210 of Asaph H623 . I cried H6817 unto H413 God H430 with my voice H6963 , even unto H413 God H430 with my voice H6963 ; and he gave ear H238 unto H413 me.
|
2. संकट के दिन मैं प्रभु की खोज में लगा रहा; रात को मेरा हाथ फैला रहा, और ढीला न हुआ, मुझ में शान्ति आई ही नहीं*।
|
2. In the day H3117 of my trouble H6869 I sought H1875 the Lord H136 : my sore H3027 ran H5064 in the night H3915 , and ceased H6313 not H3808 : my soul H5315 refused H3985 to be comforted H5162 .
|
3. मैं परमेश्वर का स्मरण कर-करके कराहता हूँ; मैं चिन्ता करते-करते मूर्च्छित हो चला हूँ। (सेला)
|
3. I remembered H2142 God H430 , and was troubled H1993 : I complained H7878 , and my spirit H7307 was overwhelmed H5848 . Selah H5542 .
|
4. तू मुझे झपकी लगने नहीं देता; मैं ऐसा घबराया हूँ कि मेरे मुँह से बात नहीं निकलती।
|
4. Thou holdest H270 mine eyes H5869 waking H8109 : I am so troubled H6470 that I cannot H3808 speak H1696 .
|
5. मैंने प्राचीनकाल के दिनों को, और युग-युग के वर्षों को सोचा है।
|
5. I have considered H2803 the days H3117 of old H4480 H6924 , the years H8141 of ancient times H5769 .
|
6. मैं रात के समय अपने गीत को स्मरण करता; और मन में ध्यान करता हूँ, और मन में भली भाँति विचार करता हूँ:
|
6. I call to remembrance H2142 my song H5058 in the night H3915 : I commune H7878 with H5973 mine own heart H3824 : and my spirit H7307 made diligent search H2664 .
|
7. “क्या प्रभु युग-युग के लिये मुझे छोड़ देगा; और फिर कभी प्रसन्न न होगा?
|
7. Will the Lord H136 cast off H2186 forever H5769 ? and will he be favorable H7521 no H3808 more H3254 H5750 ?
|
8. क्या उसकी करुणा सदा के लिये जाती रही? क्या उसका वचन पीढ़ी-पीढ़ी के लिये निष्फल हो गया है?
|
8. Is his mercy H2617 clean gone H656 forever H5331 ? doth his promise H562 fail H1584 forevermore H1755 H1755 ?
|
9. क्या परमेश्वर अनुग्रह करना भूल गया? क्या उसने क्रोध करके अपनी सब दया को रोक रखा है?” (सेला)
|
9. Hath God H410 forgotten H7911 to be gracious H2589 ? hath he in anger H639 shut up H7092 his tender mercies H7356 ? Selah H5542 .
|
10. मैंने कहा, “यह तो मेरा दुःख है, कि परमप्रधान का दाहिना हाथ बदल गया है।”
|
10. And I said H559 , This H1931 is my infirmity H2470 : but I will remember the years H8141 of the right hand H3225 of the most High H5945 .
|
11. मैं यहोवा के बड़े कामों की चर्चा करूँगा; निश्चय मैं तेरे प्राचीनकालवाले अद्भुत कामों को स्मरण करूँगा।
|
11. I will remember H2142 the works H4611 of the LORD H3050 : surely H3588 I will remember H2142 thy wonders H6382 of old H4480 H6924 .
|
12. मैं तेरे सब कामों पर ध्यान करूँगा, और तेरे बड़े कामों को सोचूँगा।
|
12. I will meditate H1897 also of all H3605 thy work H6467 , and talk H7878 of thy doings H5949 .
|
13. हे परमेश्वर तेरी गति पवित्रता की है। कौन सा देवता परमेश्वर के तुल्य बड़ा है?
|
13. Thy way H1870 , O God H430 , is in the sanctuary H6944 : who H4310 is so great H1419 a God H410 as our God H430 ?
|
14. अद्भुत काम करनेवाला परमेश्वर तू ही है, तूने देश-देश के लोगों पर अपनी शक्ति प्रगट की है।
|
14. Thou H859 art the God H410 that doest H6213 wonders H6382 : thou hast declared H3045 thy strength H5797 among the people H5971 .
|
15. तूने अपने भुजबल से अपनी प्रजा, याकूब और यूसुफ के वंश को छुड़ा लिया है। (सेला)
|
15. Thou hast with thine arm H2220 redeemed H1350 thy people H5971 , the sons H1121 of Jacob H3290 and Joseph H3130 . Selah H5542 .
|
16. हे परमेश्वर, समुद्र ने तुझे देखा*, समुद्र तुझे देखकर डर गया, गहरा सागर भी काँप उठा।
|
16. The waters H4325 saw H7200 thee , O God H430 , the waters H4325 saw H7200 thee ; they were afraid H2342 : the depths H8415 also H637 were troubled H7264 .
|
17. मेघों से बड़ी वर्षा हुई; आकाश से शब्द हुआ; फिर तेरे तीर इधर-उधर चले।
|
17. The clouds H5645 poured out H2229 water H4325 : the skies H7834 sent out H5414 a sound H6963 : thine arrows H2671 also H637 went abroad H1980 .
|
18. बवंडर में तेरे गरजने का शब्द सुन पड़ा था; जगत बिजली से प्रकाशित हुआ; पृथ्वी काँपी और हिल गई।
|
18. The voice H6963 of thy thunder H7482 was in the heaven H1534 : the lightnings H1300 lightened H215 the world H8398 : the earth H776 trembled H7264 and shook H7493 .
|
19. तेरा मार्ग समुद्र में है, और तेरा रास्ता गहरे जल में हुआ; और तेरे पाँवों के चिन्ह मालूम नहीं होते।
|
19. Thy way H1870 is in the sea H3220 , and thy path H7635 in the great H7227 waters H4325 , and thy footsteps H6119 are not H3808 known H3045 .
|
20. तूने मूसा और हारून के द्वारा, अपनी प्रजा की अगुआई भेड़ों की सी की। PE
|
20. Thou leddest H5148 thy people H5971 like a flock H6629 by the hand H3027 of Moses H4872 and Aaron H175 .
|