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1. {धर्मीजन की पीड़ा और आशीर्वाद} PS क्या ही धन्य है वह, जो कंगाल की सुधि रखता है! विपत्ति के दिन यहोवा उसको बचाएगा।
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1. To the chief Musician H5329 , A Psalm H4210 of David H1732 . Blessed H835 is he that considereth H7919 H413 the poor H1800 : the LORD H3068 will deliver H4422 him in time H3117 of trouble H7451 .
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2. यहोवा उसकी रक्षा करके उसको जीवित रखेगा, और वह पृथ्वी पर भाग्यवान होगा। तू उसको शत्रुओं की इच्छा पर न छोड़।
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2. The LORD H3068 will preserve H8104 him , and keep him alive H2421 ; and he shall be blessed H833 upon the earth H776 : and thou wilt not H408 deliver H5414 him unto the will H5315 of his enemies H341 .
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3. जब वह व्याधि के मारे शय्या पर पड़ा हो*, तब यहोवा उसे सम्भालेगा; तू रोग में उसके पूरे बिछौने को उलटकर ठीक करेगा।
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3. The LORD H3068 will strengthen H5582 him upon H5921 the bed H6210 of languishing H1741 : thou wilt make H2015 all H3605 his bed H4904 in his sickness H2483 .
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4. मैंने कहा, “हे यहोवा, मुझ पर दया कर; मुझ को चंगा कर, क्योंकि मैंने तो तेरे विरुद्ध पाप किया है!”
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4. I H589 said H559 , LORD H3068 , be merciful H2603 unto me: heal H7495 my soul H5315 ; for H3588 I have sinned H2398 against thee.
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5. मेरे शत्रु यह कहकर मेरी बुराई करते हैं “वह कब मरेगा, और उसका नाम कब मिटेगा?”
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5. Mine enemies H341 speak H559 evil H7451 of me, When H4970 shall he die H4191 , and his name H8034 perish H6 ?
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6. और जब वह मुझसे मिलने को आता है, तब वह व्यर्थ बातें बकता है, जब कि उसका मन अपने अन्दर अधर्म की बातें संचय करता है; और बाहर जाकर उनकी चर्चा करता है।
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6. And if H518 he come H935 to see H7200 me , he speaketh H1696 vanity H7723 : his heart H3820 gathereth H6908 iniquity H205 to itself; when he goeth H3318 abroad H2351 , he telleth H1696 it .
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7. मेरे सब बैरी मिलकर मेरे विरुद्ध कानाफूसी करते हैं; वे मेरे विरुद्ध होकर मेरी हानि की कल्पना करते हैं।
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7. All H3605 that hate H8130 me whisper H3907 together H3162 against H5921 me: against H5921 me do they devise H2803 my hurt H7451 .
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8. वे कहते हैं कि इसे तो कोई बुरा रोग लग गया है; अब जो यह पड़ा है, तो फिर कभी उठने का नहीं*।
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8. An evil H1100 disease H1697 , say they , cleaveth fast H3332 unto him : and now that H834 he lieth H7901 he shall rise up H6965 no H3808 more H3254 .
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9. मेरा परम मित्र जिस पर मैं भरोसा रखता था, जो मेरी रोटी खाता था, उसने भी मेरे विरुद्ध लात उठाई है। (2 शमू. 15:12, यूह. 13:18, प्रेरि. 1:16)
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9. Yea H1571 , mine own familiar friend H7965 H376 , in whom H834 I trusted H982 , which did eat H398 of my bread H3899 , hath lifted up H1431 his heel H6119 against H5921 me.
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10. परन्तु हे यहोवा, तू मुझ पर दया करके मुझ को उठा ले कि मैं उनको बदला दूँ।
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10. But thou H859 , O LORD H3068 , be merciful H2603 unto me , and raise me up H6965 , that I may requite H7999 them.
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11. मेरा शत्रु जो मुझ पर जयवन्त नहीं हो पाता, इससे मैंने जान लिया है कि तू मुझसे प्रसन्न है।
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11. By this H2063 I know H3045 that H3588 thou favorest H2654 me, because H3588 mine enemy H341 doth not H3808 triumph H7321 over H5921 me.
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12. और मुझे तो तू खराई से सम्भालता, और सर्वदा के लिये अपने सम्मुख स्थिर करता है।
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12. And as for me H589 , thou upholdest H8551 me in mine integrity H8537 , and settest H5324 me before thy face H6440 forever H5769 .
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13. इस्राएल का परमेश्वर यहोवा आदि से अनन्तकाल तक धन्य है आमीन, फिर आमीन। (लूका 1:68, भजन 106:48) PE
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13. Blessed H1288 be the LORD H3068 God H430 of Israel H3478 from everlasting H4480 H5769 , and to H5704 everlasting H5769 . Amen H543 , and Amen H543 .
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