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1. तब शूही बिल्दद ने कहा,
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1. Then answered H6030 Bildad H1085 the Shuhite H7747 , and said H559 ,
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2. तुम कब तक फन्दे लगा लगाकर वचन पकड़ते रहोगे? चित्त लगाओ, तब हम बोलेंगे।
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2. How long H5704 H575 will it be ere ye make H7760 an end H7078 of words H4405 ? mark H995 , and afterwards H310 we will speak H1696 .
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3. हम लोग तुम्हारी दृष्टि में क्यों पशु के तुल्य समझे जाते, और अशुद्ध ठहरे हैं।
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3. Wherefore H4069 are we counted H2803 as beasts H929 , and reputed vile H2933 in your sight H5869 ?
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4. हे अपने को क्रोध में फाड़ने वाले क्या तेरे निमित्त पृथ्वी उजड़ जाएगी, और चट्टान अपने स्थान से हट जाएगी?
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4. He teareth H2963 himself H5315 in his anger H639 : shall the earth H776 be forsaken H5800 for H4616 thee? and shall the rock H6697 be removed H6275 out of his place H4480 H4725 ?
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5. तौभी दुष्टों का दीपक बुझ जाएगा, और उसकी आग की लौ न चमकेगी।
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5. Yea H1571 , the light H216 of the wicked H7563 shall be put out H1846 , and the spark H7632 of his fire H784 shall not H3808 shine H5050 .
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6. उसके डेरे में का उजियाला अन्धेरा हो जाएगा, और उसके ऊपर का दिया बुझ जाएगा।
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6. The light H216 shall be dark H2821 in his tabernacle H168 , and his candle H5216 shall be put out H1846 with H5921 him.
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7. उसके बड़े बड़े फाल छोटे हो जाएंगे और वह अपनी ही युक्ति के द्वारा गिरेगा।
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7. The steps H6806 of his strength H202 shall be straitened H3334 , and his own counsel H6098 shall cast him down H7993 .
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8. वह अपना ही पांव जाल में फंसाएगा, वह फन्दों पर चलता है।
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8. For H3588 he is cast H7971 into a net H7568 by his own feet H7272 , and he walketh H1980 upon H5921 a snare H7639 .
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9. उसकी एड़ी फन्दे में फंस जाएगी, और वह जाल में पकड़ा जाएगा।
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9. The gin H6341 shall take H270 him by the heel H6119 , and the robber H6782 shall prevail H2388 against H5921 him.
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10. फन्दे की रस्सियां उसके लिये भूमि में, और जाल रास्ते में छिपा दिया गया है।
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10. The snare H2256 is laid H2934 for him in the ground H776 , and a trap H4434 for him in H5921 the way H5410 .
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11. चारों ओर से डरावनी वस्तुएं उसे डराएंगी और उसके पीछे पड़कर उसको भगाएंगी।
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11. Terrors H1091 shall make him afraid H1204 on every side H5439 , and shall drive H6327 him to his feet H7272 .
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12. उसका बल दु:ख से घट जाएगा, और विपत्ति उसके पास ही तैयार रहेगी।
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12. His strength H202 shall be H1961 hunger H7457 -bitten , and destruction H343 shall be ready H3559 at his side H6763 .
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13. वह उसके अंग को खा जाएगी, वरन काल का पहिलौठा उसके अंगों को खा लेगा।
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13. It shall devour H398 the strength H905 of his skin H5785 : even the firstborn H1060 of death H4194 shall devour H398 his strength H905 .
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14. अपने जिस डेरे का भरोसा वह करता है, उस से वह छीन लिया जाएगा; और वह भयंकरता के राजा के पास पहुंचाया जाएगा।
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14. His confidence H4009 shall be rooted out H5423 of his tabernacle H4480 H168 , and it shall bring H6805 him to the king H4428 of terrors H1091 .
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15. जो उसके यहां का नहीं है वह उसके डेरे में वास करेगा, और उसके घर पर गन्धक छितराई जाएगी।
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15. It shall dwell H7931 in his tabernacle H168 , because it is none H4480 H1097 of his: brimstone H1614 shall be scattered H2219 upon H5921 his habitation H5116 .
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16. उसकी जड़ तो सूख जाएगी, और डालियां कट जाएंगी।
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16. His roots H8328 shall be dried up H3001 beneath H4480 H8478 , and above H4480 H4605 shall his branch H7105 be cut off H5243 .
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17. पृथ्वी पर से उसका स्मरण मिट जाएगा, और बाज़ार में उसका नाम कभी न सुन पड़ेगा।
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17. His remembrance H2143 shall perish H6 from H4480 the earth H776 , and he shall have no H3808 name H8034 in H5921 the street H6440 H2351 .
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18. वह उजियाले से अन्धियारे में ढकेल दिया जाएगा, और जगत में से भी भगाया जाएगा।
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18. He shall be driven H1920 from light H4480 H216 into H413 darkness H2822 , and chased H5074 out of the world H4480 H8398 .
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19. उसके कुटुम्बियों में उसके कोई पुत्र-पौत्र न रहेगा, और जहां वह रहता था, वहां कोई बचा न रहेगा।
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19. He shall neither H3808 have son H5209 nor H3808 nephew H5220 among his people H5971 , nor H369 any remaining H8300 in his dwellings H4033 .
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20. उसका दिन देखकर पूरबी लोग चकित होंगे, और पश्चिम के निवासियों के रोएं खड़े हो जाएंगे।
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20. They that come after H314 him shall be astonished H8074 at H5921 his day H3117 , as they that went before H6931 were frightened H8178 .
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21. नि:सन्देह कुटिल लोगों के निवास ऐसे हो जाते हैं, और जिस को ईश्वर का ज्ञान नहीं रहता उसका स्थान ऐसा ही हो जाता है।
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21. Surely H389 such H428 are the dwellings H4908 of the wicked H5767 , and this H2088 is the place H4725 of him that knoweth H3045 not H3808 God H410 .
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