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1. राजा का मन नालियों के जल की नाईं यहोवा के हाथ में रहता है, जिधर वह चाहता उधर उस को फेर देता है।
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1. The king H4428 's heart H3820 is in the hand H3027 of the LORD H3068 , as the rivers H6388 of water H4325 : he turneth H5186 it whithersoever H5921 H3605 H834 he will H2654 .
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2. मनुष्य का सारा चाल चलन अपनी दृष्टि में तो ठीक होता है, परन्तु यहोवा मन को जांचता है,
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2. Every H3605 way H1870 of a man H376 is right H3477 in his own eyes H5869 : but the LORD H3068 pondereth H8505 the hearts H3826 .
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3. धर्म और न्याय करना, यहोवा को बलिदान से अधिक अच्छा लगता है।
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3. To do H6213 justice H6666 and judgment H4941 is more acceptable H977 to the LORD H3068 than sacrifice H4480 H2077 .
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4. चढ़ी आंखें, घमण्डी मन, और दुष्टों की खेती, तीनों पापमय हैं।
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4. A high H7312 look H5869 , and a proud H7342 heart H3820 , and the plowing H5215 of the wicked H7563 , is sin H2403 .
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5. कामकाजी की कल्पनाओं से केवल लाभ होता है, परन्तु उतावली करने वाले को केवल घटती होती है।
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5. The thoughts H4284 of the diligent H2742 tend only H389 to plenteousness H4195 ; but of every one H3605 that is hasty H213 only H389 to want H4270 .
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6. जो धन झूठ के द्वारा प्राप्त हो, वह वायु से उड़ जाने वाला कोहरा है, उसके ढूंढ़ने वाले मृत्यु ही को ढूंढ़ते हैं।
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6. The getting H6467 of treasures H214 by a lying H8267 tongue H3956 is a vanity H1892 tossed to and fro H5086 of them that seek H1245 death H4194 .
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7. जो उपद्रव दुष्ट लोग करते हैं, उस से उन्हीं का नाश होता है, क्योंकि वे न्याय का काम करने से इनकार करते हैं।
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7. The robbery H7701 of the wicked H7563 shall destroy H1641 them; because H3588 they refuse H3985 to do H6213 judgment H4941 .
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8. पाप से लदे हुए मनुष्य का मार्ग बहुत ही टेढ़ा होता है, परन्तु जो पवित्र है, उसका कर्म सीधा होता है।
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8. The way H1870 of man H376 is froward H2019 and strange H2054 : but as for the pure H2134 , his work H6467 is right H3477 .
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9. लम्बे-चौड़े घर में झगड़ालू पत्नी के संग रहने से छत के कोने पर रहना उत्तम है।
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9. It is better H2896 to dwell H3427 in H5921 a corner H6438 of the housetop H1406 , than with a brawling H4079 woman H4480 H802 in a wide H2267 house H1004 .
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10. दुष्ट जन बुराई की लालसा जी से करता है, वह अपने पड़ोसी पर अनुग्रह की दृष्टि नही करता।
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10. The soul H5315 of the wicked H7563 desireth H183 evil H7451 : his neighbor H7453 findeth no H3808 favor H2603 in his eyes H5869 .
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11. जब ठट्ठा करने वाले को दण्ड दिया जाता है, तब भोला बुद्धिमान हो जाता है; और जब बुद्धिमान को उपदेश दिया जाता है, तब वह ज्ञान प्राप्त करता है।
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11. When the scorner H3887 is punished H6064 , the simple H6612 is made wise H2449 : and when the wise H2450 is instructed H7919 , he receiveth H3947 knowledge H1847 .
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12. धर्मी जन दुष्टों के घराने पर बुद्धिमानी से विचार करता है; ईश्वर दुष्टों को बुराइयों में उलट देता है।
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12. The righteous H6662 man wisely considereth H7919 the house H1004 of the wicked H7563 : but God overthroweth H5557 the wicked H7563 for their wickedness H7451 .
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13. जो कंगाल की दोहाई पर कान न दे, वह आप पुकारेगा और उसकी सुनी न जाएगी।
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13. Whoso stoppeth H331 his ears H241 at the cry H4480 H2201 of the poor H1800 , he also H1571 shall cry H7121 himself H1931 , but shall not H3808 be heard H6030 .
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14. गुप्त में दी हुई भेंट से क्रोध ठण्डा होता है, और चुपके से दी हुई घूस से बड़ी जलजलाहट भी थमती है।
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14. A gift H4976 in secret H5643 pacifieth H3711 anger H639 : and a reward H7810 in the bosom H2436 strong H5794 wrath H2534 .
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15. न्याय का काम, करना धर्मी को तो आनन्द, परन्तु अनर्थकारियों को विनाश ही का कारण जान पड़ता है।
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15. It is joy H8057 to the just H6662 to do H6213 judgment H4941 : but destruction H4288 shall be to the workers H6466 of iniquity H205 .
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16. जो मनुष्य बुद्धि के मार्ग से भटक जाए, उसका ठिकाना मरे हुओं के बीच में होगा।
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16. The man H120 that wandereth H8582 out of the way H4480 H1870 of understanding H7919 shall remain H5117 in the congregation H6951 of the dead H7496 .
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17. जो रागरंग से प्रीति रखता है, वह कंगाल होता है; और जो दाखमधु पीने और तेल लगाने से प्रीति रखता है, वह धनी नहीं होता।
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17. He that loveth H157 pleasure H8057 shall be a poor H4270 man H376 : he that loveth H157 wine H3196 and oil H8081 shall not H3808 be rich H6238 .
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18. दुष्ट जन धर्मी की छुडौती ठहरता है, और विश्वासघाती सीधे लोगों की सन्ती दण्ड भोगते हैं।
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18. The wicked H7563 shall be a ransom H3724 for the righteous H6662 , and the transgressor H898 for H8478 the upright H3477 .
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19. झगड़ालू और चिढ़ने वाली पत्नी के संग रहने से जंगल में रहना उत्तम है।
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19. It is better H2896 to dwell H3427 in the wilderness H776 H4057 , than with a contentious H4079 and an angry H3708 woman H4480 H802 .
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20. बुद्धिमान के घर में उत्तम धन और तेल पाए जाते हैं, परन्तु मूर्ख उन को उड़ा डालता है।
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20. There is treasure H214 to be desired H2530 and oil H8081 in the dwelling H5116 of the wise H2450 ; but a foolish H3684 man H120 spendeth it up H1104 .
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21. जो धर्म और कृपा का पीछा पकड़ता है, वह जीवन, धर्म और महिमा भी पाता है।
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21. He that followeth H7291 after righteousness H6666 and mercy H2617 findeth H4672 life H2416 , righteousness H6666 , and honor H3519 .
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22. बुद्धिमान शूरवीरों के नगर पर चढ़ कर, उनके बल को जिस पर वे भरोसा करते हैं, नाश करता है।
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22. A wise H2450 man scaleth H5927 the city H5892 of the mighty H1368 , and casteth down H3381 the strength H5797 of the confidence H4009 thereof.
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23. जो अपने मुंह को वश में रखता है वह अपने प्राण को विपत्तियों से बचाता है।
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23. Whoso keepeth H8104 his mouth H6310 and his tongue H3956 keepeth H8104 his soul H5315 from troubles H4480 H6869 .
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24. जो अभिमन से रोष में आकर काम करता है, उसका नाम अभिमानी, और अंहकारी ठट्ठा करने वाला पड़ता है।
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24. Proud H2086 and haughty H3093 scorner H3887 is his name H8034 , who dealeth H6213 in proud H2087 wrath H5678 .
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25. आलसी अपनी लालसा ही में मर जाता है, क्योंकि उसके हाथ काम करने से इन्कार करते हैं।
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25. The desire H8378 of the slothful H6102 killeth H4191 him; for H3588 his hands H3027 refuse H3985 to labor H6213 .
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26. कोई ऐसा है, जो दिन भर लालसा ही किया करता है, परन्तु धर्मी लगातार दान करता रहता है।
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26. He coveteth H183 greedily H8378 all H3605 the day H3117 long : but the righteous H6662 giveth H5414 and spareth H2820 not H3808 .
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27. दुष्टों का बलिदान घृणित लगता है; विशेष कर के जब वह महापाप के निमित्त चढ़ाता है।
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27. The sacrifice H2077 of the wicked H7563 is abomination H8441 : how much more H637 H3588 , when he bringeth H935 it with a wicked mind H2154 ?
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28. झूठा साक्षी नाश होता है, जिस ने जो सुना है, वही कहता हुआ स्थिर रहेगा।
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28. A false H3577 witness H5707 shall perish H6 : but the man H376 that heareth H8085 speaketh H1696 constantly H5331 .
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29. दुष्ट मनुष्य कठोर मुख का होता है, और जो सीधा है, वह अपनी चाल सीधी करता है।
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29. A wicked H7563 man H376 hardeneth H5810 his face H6440 : but as for the upright H3477 , he H1931 directeth H995 his way H1870 .
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30. यहोवा के विरूद्ध न तो कुछ बुद्धि, और न कुछ समझ, न कोई युक्ति चलती है।
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30. There is no H369 wisdom H2451 nor H369 understanding H8394 nor H369 counsel H6098 against H5048 the LORD H3068 .
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31. युद्ध के दिन के लिये घोड़ा तैयार तो होता है, परन्तु जय यहोवा ही से मिलती है॥
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31. The horse H5483 is prepared H3559 against the day H3117 of battle H4421 : but safety H8668 is of the LORD H3068 .
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