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1. {योआश अपना शासन आरम्भ करता है} PS योआश ने इस्राएल में येहू के राज्यकाल के सातवें वर्ष में शासन करना आरम्भ किया। योआश ने चालीस वर्ष तक यरूशलेम में शासन किया। योआश की माँ सिब्या बर्शेबा की थी।
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1. In the seventh H7651 year H8141 of Jehu H3058 Jehoash H3060 began to reign H4427 ; and forty H705 years H8141 reigned H4427 he in Jerusalem H3389 . And his mother H517 's name H8034 was Zibiah H6645 of Beer H4480 H884 -sheba.
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2. योआश ने वे कार्य किये जिन्हें यहोवा ने अच्छा कहा तथा। योआश ने पूरे जीवन यहोवा की आज्ञा का पालन किया। उसने वे कार्य किये जिनकी शिक्षा याजक यहोयादा ने उसे दी थी।
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2. And Jehoash H3060 did H6213 that which was right H3477 in the sight H5869 of the LORD H3068 all H3605 his days H3117 wherein H834 Jehoiada H3077 the priest H3548 instructed H3384 him.
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3. किन्तु उसने उच्च स्थानों को नष्ट नहीं किया। लोग तब तक भी उन पूजा के स्थानों पर बलि भेंट करते तथा सुगन्धि जलाते थे। PS
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3. But H7535 the high places H1116 were not H3808 taken away H5493 : the people H5971 still H5750 sacrificed H2076 and burnt incense H6999 in the high places H1116 .
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4. {योआश ने मन्दिर की मरम्मत का आदेश दिया} PS (4-5) योआश ने याजकों से कहा, “यहोवा के मन्दिर में बहुत धन है। लोगों ने मन्दिर में चीज़ें दी हैं। लोगों ने गणना के समय मन्दिर का कर दिया है और लोगों ने धन इसलिये दिया है कि वे स्वत: ही देना चाहते थे। याजकों, आप लोग उस धन को ले लें और यहोवा के मन्दिर की मरम्मत करवा दें। हर एक याजक उस धन का इसमें उपयोग करे जो उसे उन लोगों से मिलता है जिनकी वे सेवा करते हैं। उसे उस धन का उपयोग यहोवा के मन्दिर की टूट—फूट की मरम्मत में करना चाहिये।” PEPS
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4. And Jehoash H3060 said H559 to H413 the priests H3548 , All H3605 the money H3701 of the dedicated things H6944 that H834 is brought H935 into the house H1004 of the LORD H3068 , even the money H3701 of every one that passeth H5674 the account , the money H3701 that every man H5315 is set at H6187 , and all H3605 the money H3701 that H834 cometh H5927 into H5921 any man H376 's heart H3820 to bring H935 into the house H1004 of the LORD H3068 ,
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14.
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6. किन्तु याजकों ने मरम्मत नहीं की। योआश के राज्यकाल के तेईसवें वर्ष में भी याजकों ने तब तक मन्दिर की मरम्मत नहीं की थी।
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6. But it was H1961 so, that in the three H7969 and twentieth H6242 year H8141 of king H4428 Jehoash H3060 the priests H3548 had not H3808 repaired H2388 H853 the breaches H919 of the house H1004 .
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7. इसलिये योआश ने याजक यहोयादा और अन्य याजकों को बुलाया। योआश ने यहोयादा और अन्य याजकों से पूछा, “आपने मन्दिर की मरम्मत क्यों नहीं की आप उन लोगों से धन लेना बन्द करें जिनकी आप सेवा करते हैं। उस धन को उपयोग में लाना बन्द करें। उस धन का उपयोग मन्दिर की मरम्मत में होना चाहिये।” PEPS
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7. Then king H4428 Jehoash H3060 called H7121 for Jehoiada H3077 the priest H3548 , and the other priests H3548 , and said H559 unto H413 them, Why H4069 repair H2388 ye not H369 H853 the breaches H919 of the house H1004 ? now H6258 therefore receive H3947 no H408 more money H3701 of H4480 H854 your acquaintance H4378 , but H3588 deliver H5414 it for the breaches H919 of the house H1004 .
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8. याजकों ने लोगों से धन न लेना स्वीकार किया। किन्तु उन्होंने मन्दिर की मरम्मत न करने का भी निश्चय किया।
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8. And the priests H3548 consented H225 to receive H3947 no H1115 more money H3701 of H4480 H854 the people H5971 , neither H1115 to repair H2388 H853 the breaches H919 of the house H1004 .
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9. इसलिये याजक यहोयादा ने एक सन्दूक लिया और उसके ऊपरी भाग में एक छेद कर दिया। तब यहोयादा ने सन्दूक को वेदी के दक्षिण की ओर रख दिया। यह सन्दूक उस दरवाजे के पास था जिससे लोग यहोवा के मन्दिर में आते थे। कुछ याजक मन्दिर के द्वार—पथ की रक्षा करते थे। वे याजक उस धन को, जिसे लोग यहोवा को देते थे, ले लेते थे और उस सन्दूक में डाल देते थे। PEPS
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9. But Jehoiada H3077 the priest H3548 took H3947 a H259 chest H727 , and bored H5344 a hole H2356 in the lid H1817 of it , and set H5414 it beside H681 the altar H4196 , on the right side H3225 as one H376 cometh H935 into the house H1004 of the LORD H3068 : and the priests H3548 that kept H8104 the door H5592 put H5414 therein H8033 H853 all H3605 the money H3701 that was brought H935 into the house H1004 of the LORD H3068 .
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10. जब लोग मन्दिर को जाते थे तब वे उस सन्दूक में सिक्के डालते थे। जब भी राजा का सचिव और महायाजक यह जानते कि सन्दूक में बहुत धन है तो वे आते और सन्दूक से धन को निकाल लेते। वे धन को थैलों में रखते और उसे गिन लेते थे।
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10. And it was H1961 so , when they saw H7200 that H3588 there was much H7227 money H3701 in the chest H727 , that the king H4428 's scribe H5608 and the high H1419 priest H3548 came up H5927 , and they put up in bags H6696 , and told H4487 H853 the money H3701 that was found H4672 in the house H1004 of the LORD H3068 .
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11. तब वे उन मजदूरों का भुगतान करते जो यहोवा के मन्दिर में काम करते थे। वे यहोवा के मन्दिर में काम करने वाले बढ़ईयों और अन्य कारीगरों का भुगतान करते थे।
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11. And they gave H5414 H853 the money H3701 , being told H8505 , into H5921 the hands H3027 of them that did H6213 the work H4399 , that had the oversight H6485 of the house H1004 of the LORD H3068 : and they laid it out H3318 to the carpenters H2796 H6086 and builders H1129 , that wrought H6213 upon the house H1004 of the LORD H3068 ,
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12. वे धन का उपयोग पत्थर के कामगारों और पत्थर तराशों का भुगतान करने में करते थे और वे उस धन का उपयोग लकड़ी, कटे पत्थर, और यहोवा के मन्दिर की मरम्मत के लिये अन्य चीज़ों को खरीदने में करते थे। PEPS
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12. And to masons H1443 , and hewers H2672 of stone H68 , and to buy H7069 timber H6086 and hewed H4274 stone H68 to repair H2388 H853 the breaches H919 of the house H1004 of the LORD H3068 , and for all H3605 that H834 was laid out H3318 for H5921 the house H1004 to repair H2394 it .
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13. (13-14) लोगों ने यहोवा के मन्दिर के लिये धन दिया। किन्तु याजक उस धन का उपयोग चाँदी के बर्तन, बत्ती—झाड़नी, चिलमची, तुरही या कोई भी सोने—चाँदी के तश्तरियों को बनाने में नहीं कर सके। वह धन मजदूरों का भुगतान करने में लगा और उन मजदूरों ने यहोवा के मन्दिर की मरम्मत की।
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13. Howbeit H389 there were not H3808 made H6213 for the house H1004 of the LORD H3068 bowls H5592 of silver H3701 , snuffers H4212 , basins H4219 , trumpets H2689 , any H3605 vessels H3627 of gold H2091 , or vessels H3627 of silver H3701 , of H4480 the money H3701 that was brought H935 into the house H1004 of the LORD H3068 :
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15. किसी ने सारे धन का हिसाब नहीं किया या किसी कार्यकर्ता को यह बताने के लिये विवश नहीं किया गया कि धन क्या हुआ क्यों क्योंकि उन कार्यकर्ताओं पर विश्वास किया जा सकता था। PEPS
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15. Moreover they reckoned H2803 not H3808 with H854 the men H376 , into H5921 whose H834 hand H3027 they delivered H5414 H853 the money H3701 to be bestowed H5414 on workmen H6213 H4399 : for H3588 they H1992 dealt H6213 faithfully H530 .
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16. लोगों ने उस समय धन दिया जब उन्होंने दोषबलि या पापबलि चढ़ाई। किन्तु उस धन का उपयोग मजदूर के भुगतान के लिये नहीं किया गया। वह धन याजकों का था। PS
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16. The trespass H817 money H3701 and sin H2403 money H3701 was not H3808 brought H935 into the house H1004 of the LORD H3068 : it was H1961 the priests H3548 .
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17. {योआश हजाएल से यरूशलेम की रक्षा करता है} PS हजाएल अराम का राजा था। हजाएल गत नगर के विरुद्ध युद्ध करने गया। हजाएल ने गत को हराया। तब उसने यरूशलेम के विरुद्ध युद्ध करने जाने की योजना बनाई। PEPS
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17. Then H227 Hazael H2371 king H4428 of Syria H758 went up H5927 , and fought H3898 against H5921 Gath H1661 , and took H3920 it : and Hazael H2371 set H7760 his face H6440 to go up H5927 to H5921 Jerusalem H3389 .
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18. यहोशापात, यहोराम और अहज्याह यहूदाक के राजा रह चुके थे। वे योआश के पूर्वज थे। उन्होंने यहोवा को बहुत सी चीज़ें भेंट की थीं। वे चीज़ें मन्दिर में रखी थी। योआश ने भी बहुत सी चीज़ें यहोवा को भेंट की थी। योआश ने उन सभी विशेष चीज़ों और मन्दिर और अपने महल में रखे हुए सारे सोने को लिया। तब योआश ने उन सभी कीमती चीज़ों को अराम के राजा हजाएल के पास भेजा। इसी से हजाएल ने अपनी सेना को यरूशलेम से हटा लिया। PS
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18. And Jehoash H3060 king H4428 of Judah H3063 took H3947 H853 all H3605 the hallowed things H6944 that H834 Jehoshaphat H3092 , and Jehoram H3088 , and Ahaziah H274 , his fathers H1 , kings H4428 of Judah H3063 , had dedicated H6942 , and his own hallowed things H6944 , and all H3605 the gold H2091 that was found H4672 in the treasures H214 of the house H1004 of the LORD H3068 , and in the king H4428 's house H1004 , and sent H7971 it to Hazael H2371 king H4428 of Syria H758 : and he went away H5927 from H4480 H5921 Jerusalem H3389 .
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19. {योआश की मृत्यु} PS योआश ने जो बड़े कार्य किये वे सभी यहूदा के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में लिखे गए हैं। PEPS
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19. And the rest H3499 of the acts H1697 of Joash H3101 , and all H3605 that H834 he did H6213 , are they H1992 not H3808 written H3789 in H5921 the book H5612 of the chronicles H1697 H3117 of the kings H4428 of Judah H3063 ?
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20. योआश के अधिकारियों ने उसके विरुद्ध योजना बनाई। उन्होंने योआश को सिल्ला तक जाने वाली सड़क पर स्थित मिल्लो के घर पर मार डाला।
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20. And his servants H5650 arose H6965 , and made H7194 a conspiracy H7195 , and slew H5221 H853 Joash H3101 in the house H1004 of Millo H4407 , which goeth down H3381 to Silla H5538 .
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21. शिमात का पुत्र योजाकार और शोमर का पुत्र यहोजाबाद योआश के अधिकारी थे। उन व्यक्तियों ने योआश को मार डाला। PEPS लोगों ने दाऊद नगर में योआश को उसके पूर्वजों के साथ दफनाया। योआश का पुत्र अमस्याह उसके बाद नया राजा बना। PE
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21. For Jozachar H3108 the son H1121 of Shimeath H8100 , and Jehozabad H3075 the son H1121 of Shomer H7763 , his servants H5650 , smote H5221 him , and he died H4191 ; and they buried H6912 him with H5973 his fathers H1 in the city H5892 of David H1732 : and Amaziah H558 his son H1121 reigned H4427 in his stead H8478 .
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