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1. {बुढ़ापे की समस्याएँ} PS बचपन से ही अपने बनाने वाले का स्मरण करो। इससे पहले कि बुढ़ापे के बुरे दिन तुम्हें आ घेरें। पहले इसके कि तुम्हें यह कहना पड़े कि “हाय, में जीवन का रस नहीं ले सका।” PEPS
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1. Remember H2142 now H853 thy Creator H1254 in the days H3117 of thy youth H979 , while H5704 H834 the evil H7451 days H3117 come H935 not H3808 , nor the years H8141 draw nigh H5060 , when H834 thou shalt say H559 , I have no H369 pleasure H2656 in them;
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2. बचपन से ही अपने बनाने वाले का स्मरण कर। जब तुम बुढ़े होगे तो सूर्य चन्द्रमा और सितारों की रोशनी तुम्हें अंधेरी लगेगीं। तुम्हारा जीवन विपत्तयों से भर जाएगा। ये विपत्तियाँ उन बादलों की तरह ही होंगीं जो आकाश में वर्षा करते हैं और फिर कभी नहीं छँटते। PEPS
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2. While H5704 H834 the sun H8121 , or the light H216 , or the moon H3394 , or the stars H3556 , be not H3808 darkened H2821 , nor the clouds H5645 return H7725 after H310 the rain H1653 :
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3. उस समय तुम्हारी बलशाली भुजाएँ निर्बल हो जायेंगी। तुम्हारे सुदृढ़ पैर कमजोर हो जाएँगे और तुम अपना खाना तक चबा नहीं सकोगे। आँखों से साफ दिखाई तक नहीं देगा।
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3. In the day H3117 when the keepers H8104 of the house H1004 shall tremble H7945 H2111 , and the strong H2428 men H376 shall bow themselves H5791 , and the grinders H2912 cease H988 because H3588 they are few H4591 , and those that look H7200 out of the windows H699 be darkened H2821 ,
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4. तुम बहरे हो जाओगे। बाजार का शोर भी तुम सुन नहीं पाओगे। चलती चक्की भी तुम्हें बहुत शांत दिखाई देगी। तुम बड़ी मुश्किल से लोगों को गाते सुन पाओगे। तुम्हें अच्छी नींद तो आएगी ही नहीं। जिससे चिड़ियाँ की चहचहाहट भोर के तड़के तुम्हें जगा देगी। PEPS
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4. And the doors H1817 shall be shut H5462 in the streets H7784 , when the sound H6963 of the grinding H2913 is low H8213 , and he shall rise up H6965 at the voice H6963 of the bird H6833 , and all H3605 the daughters H1323 of music H7892 shall be brought low H7817 ;
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5. चढ़ाई वाले स्थानों से तुम डरने लगोगे। रास्ते की हर छोटी से छोटी वस्तु से तुम डरने लगोगे कि तुम कहीं उस पर लड़खड़ा न जाओ। तुम्हारे बाल बादाम के फूलों के जैसे सफेद हो जायेंगे। तुम जब चलोगे तो उस प्रकार घिसटते चलोगे जैसे कोई टिड्डा हो। तुम इतने बूढ़े हो जाओगे कि तुम्हारी भूख जाती रहेगी। फिर तुम्हें अपने नए घर यानि कब्र में नित्य निवास के लिये जाना होगा और तुम्हारी मुर्दनी में शामिल लोगों की भीड़ से गलियाँ भर जायेंगी।
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5. Also H1571 when they shall be afraid H3372 of that which is high H4480 H1364 , and fears H2849 shall be in the way H1870 , and the almond tree H8247 shall flourish H5006 , and the grasshopper H2284 shall be a burden H5445 , and desire H35 shall fail H6565 : because H3588 man H120 goeth H1980 to H413 his long H5769 home H1004 , and the mourners H5594 go about H5437 the streets H7784 :
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6. {मृत्यु} PS अभी जब तू युवा है, अपने बनानेवाले को याद रख। इसके पहले कि चाँदी की जीवन डोर टूट जाये और सोने का पात्र टूटकर बिखर जाये। इसके पहले कि तेरा जीवन बेकार हो जाये जैसे किसी कुएँ पर पात्र टूट पड़ा हो। इसके पहले कि तेरा जीवन बेकार हो जाये ऐसे, जैसे टूटा पत्थर जो किसी को ढकता है और उसी में टूटकर गिर जाता है।
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6. Or H5704 ever H834 H3808 the silver H3701 cord H2256 be loosed H7368 , or the golden H2091 bowl H1543 be broken H7533 , or the pitcher H3537 be broken H7665 at H5921 the fountain H4002 , or the wheel H1534 broken H7533 at H413 the cistern H953 .
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7. तेरी देह मिट्टी से उपजी है जब मृत्यु होगी तो तेरी वह देह वापस मिट्टी हो जायेगी। किन्तु तेरा यह प्राण तेरे प्राण परमेश्वर से आया है और जब तू मरेगा, तेरा यह प्राण तेरा वापस परमेश्वर के पास जायेगा। PS
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7. Then shall the dust H6083 return H7725 to H5921 the earth H776 as it was H7945 H1961 : and the spirit H7307 shall return H7725 unto H413 God H430 who H834 gave H5414 it.
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8. सब कुछ बेकार है, उपदेशक कहता है कि सब कुछ व्यर्थ है! PS
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8. Vanity H1892 of vanities H1892 , saith H559 the preacher H6953 ; all H3605 is vanity H1892 .
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9. {निष्कर्ष} PS उपदेशक बहुत बुद्धिमान था। वह लोगों को शिक्षा देने में अपनी बुद्धि का प्रयोग किया करता था। उपदेशक ने बड़ी सावधानी के साथ अध्ययन किया और अनेक सूक्तियों को व्यवस्थित किया।
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9. And moreover H3148 , because the preacher H6953 was H7945 H1961 wise H2450 , he still H5750 taught H3925 H853 the people H5971 knowledge H1847 ; yea , he gave good heed H238 , and sought out H2713 , and set in order H8626 many H7235 proverbs H4912 .
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10. उपदेशक ने उचित शब्दों के वचन के लिये कठिन परिश्रम किया और उसने उन शिक्षाओं को लिखा जो सच्ची है और जिन पर भरोसा किया जा सकता है। PEPS
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10. The preacher H6953 sought H1245 to find out H4672 acceptable H2656 words H1697 : and that which was written H3789 was upright H3476 , even words H1697 of truth H571 .
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11. विवेकी पुरुषों के वचन उन नुकीली छड़ियों के जैसे होते हैं जिनका उपयोग पशुओं को उचित मार्ग पर चलाने के लिये किया जाता है। ये उपदेशक उन मज़बूत खूँटों के समान होते हैं जो कभी टूटते नहीं। जीवन का उचित मार्ग दिखाने के लिये तुम इन उपदेशकों पर विश्वास कर सकते हो। वे सभी विवेक पूर्ण शिक्षायें उसी गड़रिये (परमेश्वर) से आतीं है।
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11. The words H1697 of the wise H2450 are as goads H1861 , and as nails H4930 fastened H5193 by the masters H1167 of assemblies H627 , which are given H5414 from one shepherd H4480 H7462 H259 .
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12. सो पुत्र! एक चेतावनी और लोग तो सदा पुस्तकें लिखते ही रहते हैं। बहुत ज्यादा अध्ययन तुझे बहुत थका देगा। PEPS
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12. And further H3148 , by these H4480 H1992 , my son H1121 , be admonished H2094 : of making H6213 many H7235 books H5612 there is no H369 end H7093 ; and much H7235 study H3854 is a weariness H3024 of the flesh H1320 .
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13. (13-14) इस सब कुछ को सुन लेने के बाद अब एक अन्तिम बात यह बतानी है कि परमेश्वर का आदर करो और उसके आदेशों पर चलो क्योंकि यह नियम हर व्यक्ति पर लागू होता है। क्योंकि लोग जो करते हैं, उसे यहाँ तक कि उनकी छिपी से छिपी बातों को भी परमेश्वर जानता है। वह उनकी सभी अच्छी बातों और बुरी बातों के विषय में जानता है। मनुष्य जो कुछ भी करते हैं उस प्रत्येक कर्म का वह न्याय करेगा। PE
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13. Let us hear H8085 the conclusion H5490 of the whole H3605 matter H1697 : Fear H3372 H853 God H430 , and keep H8104 his commandments H4687 : for H3588 this H2088 is the whole H3605 duty of man H120 .
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