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1. {बुद्धि के नैतिक लाभ} PS हे मेरे पुत्र, यदि तू मेरे बोध वचनों को ग्रहण करे और मेरे आदेश मन में संचित करे,
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1. My son H1121 , if H518 thou wilt receive H3947 my words H561 , and hide H6845 my commandments H4687 with H854 thee;
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2. और तू बुद्धि की बातों पर कान लगाये, मन अपना समझदारी में लगाते हुए
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2. So that thou incline H7181 thine ear H241 unto wisdom H2451 , and apply H5186 thine heart H3820 to understanding H8394 ;
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3. और यदि तू अर्न्तदृष्टि के हेतु पुकारे, और तू समझबूझ के निमित्त चिल्लाये,
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3. Yea H3588 , if H518 thou criest H7121 after knowledge H998 , and liftest up H5414 thy voice H6963 for understanding H8394 ;
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4. यदि तू इसे ऐसे ढूँढे जैसे कोई मूल्यवान चाँदी को ढूँढता है, और तू इसे ऐसे ढूँढ, जैसे कोई छिपे हुए कोष को ढूँढता है
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4. If H518 thou seekest H1245 her as silver H3701 , and searchest H2664 for her as for hid treasures H4301 ;
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5. तब तू यहोवा के भय को समझेगा और परमेश्वर का ज्ञान पायेगा। PEPS
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5. Then H227 shalt thou understand H995 the fear H3374 of the LORD H3068 , and find H4672 the knowledge H1847 of God H430 .
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6. क्योंकि यहोवा ही बुद्धि देता है और उसके मुख से ही ज्ञान और समझदारी की बातें फूटती है।
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6. For H3588 the LORD H3068 giveth H5414 wisdom H2451 : out of his mouth H4480 H6310 cometh knowledge H1847 and understanding H8394 .
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7. उसके भंडार में खरी बुद्धि उनके लिये रहती जो खरे हैं, और उनके लिये जिनका चाल चलन विवेकपूर्ण रहता है। वह जैसे एक ढाल है।
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7. He layeth up H6845 sound wisdom H8454 for the righteous H3477 : he is a buckler H4043 to them that walk H1980 uprightly H8537 .
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8. न्याय के मार्ग की रखवाली करता है और अपने भक्तों की वह राह संवारता है। PEPS
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8. He keepeth H5341 the paths H734 of judgment H4941 , and preserveth H8104 the way H1870 of his saints H2623 .
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9. तभी तू समझेगा की नेक क्या है, न्यायपूर्ण क्या है, और पक्षपात रहित क्या है, यानी हर भली राह।
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9. Then H227 shalt thou understand H995 righteousness H6664 , and judgment H4941 , and equity H4339 ; yea , every H3605 good H2896 path H4570 .
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10. बुद्धि तेरे मन में प्रवेश करेगी और ज्ञान तेरी आत्मा को भाने लगेगा। PEPS
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10. When H3588 wisdom H2451 entereth H935 into thine heart H3820 , and knowledge H1847 is pleasant H5276 unto thy soul H5315 ;
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11. तुझको अच्छे—बुरे का बोध बचायेगा, समझ बूझ भरी बुद्धि तेरी रखवाली करेगी,
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11. Discretion H4209 shall preserve H8104 H5921 thee, understanding H8394 shall keep H5341 thee:
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12. बुद्धि तुझे कुटिलों की राह से बचाएगी जो बुरी बात बोलते हैं।
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12. To deliver H5337 thee from the way H4480 H1870 of the evil H7451 man , from the man H4480 H376 that speaketh H1696 froward things H8419 ;
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13. अंधेरी गलियों में आगे बढ़ जाने को वे सरल—सीधी राहों को तजते रहते हैं।
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13. Who leave H5800 the paths H734 of uprightness H3476 , to walk H1980 in the ways H1870 of darkness H2822 ;
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14. वे बुरे काम करनेमें सदा आनन्द मनाते हैं, वे पापपूर्ण कर्मो में सदा मग्न रहते हैं।
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14. Who rejoice H8056 to do H6213 evil H7451 , and delight in H1523 the frowardness H8419 of the wicked H7451 ;
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15. उन लोगों पर विश्वास नहीं कर सकते। वे झूठे हैं और छल करने वाले हैं। किन्तु तेरी बुद्धि और समझ तुझे इन बातों से बचायेगी। PEPS
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15. Whose H834 ways H734 are crooked H6141 , and they froward H3868 in their paths H4570 :
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16. यह बुद्धि तुझको वेश्या और उसकी फुसलाती हुई मधुर वाणी से बतायेगी।
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16. To deliver H5337 thee from the strange woman H4480 H802 H2114 , even from the stranger H4480 H5237 which flattereth H2505 with her words H561 ;
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17. जिसने अपने यौवन का साथी त्याग दिया जिससे वाचा कि उपेक्षा परमेश्वर के समक्ष किया था।
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17. Which forsaketh H5800 the guide H441 of her youth H5271 , and forgetteth H7911 the covenant H1285 of her God H430 .
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18. क्योंकि उसका निवास मृत्यु के गर्त में गिराता है और उसकी राहें नरक में ले जाती हैं।
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18. For H3588 her house H1004 inclineth H7743 unto H413 death H4194 , and her paths H4570 unto H413 the dead H7496 .
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19. जो भी निकट जाता है कभी नहीं लौट पाता और उसे जीवन की राहें कभी नहीं मिलती! PEPS
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19. None H3808 H3605 that go unto H935 her return again H7725 , neither H3808 take they hold H5381 of the paths H734 of life H2416 .
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20. अत: तू तो भले लोगों के मार्ग पर चलेगा और तू सदा नेक राह पर बना रहेगा।
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20. That H4616 thou mayest walk H1980 in the way H1870 of good H2896 men , and keep H8104 the paths H734 of the righteous H6662 .
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21. क्योंकि खरे लोग ही धरती पर बसे रहेंगे और जो विवेकपूर्ण हैं वे ही टिक पायेंगे।
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21. For H3588 the upright H3477 shall dwell in H7931 the land H776 , and the perfect H8549 shall remain H3498 in it.
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22. किन्तु जो दुष्ट है वे तो उस देश से काट दिये जायेगें। PE
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22. But the wicked H7563 shall be cut off H3772 from the earth H4480 H776 , and the transgressors H898 shall be rooted H5255 out of H4480 it.
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