|
|
1. {यीशु की परीक्षा} (मत्ती 4:1-11; मरकुस 1:12-13) PS पवित्र आत्मा से भावित होकर यीशु यर्दन नदी से लौट आया। आत्मा उसे वीराने में राह दिखाता रहा।
|
1. And G1161 Jesus G2424 being full G4134 of the Holy G40 Ghost G4151 returned G5290 from G575 Jordan G2446 , and G2532 was led G71 by G1722 the G3588 Spirit G4151 into G1519 the G3588 wilderness G2048 ,
|
2. वहाँ शैतान ने चालीस दिन तक उसकी परीक्षा ली। उन दिनों यीशु बिना कुछ खाये रहा। फिर जब वह समय पूरा हुआ तो यीशु को बहुत भूख लगी। PEPS
|
2. Being forty G5062 days G2250 tempted G3985 of G5259 the G3588 devil G1228 . And G2532 in G1722 those G1565 days G2250 he did G3756 eat G5315 nothing G3762 : and G2532 when they G846 were ended G4931 , he afterward G5305 hungered G3983 .
|
3. सो शैतान ने उससे कहा, “यदि तू परमेश्वर का पुत्र है, तो इस पत्थर से रोटी बन जाने को कह।” PEPS
|
3. And G2532 the G3588 devil G1228 said G2036 unto him G846 , If G1487 thou be G1488 the Son G5207 of God G2316 , command G2036 this G5129 stone G3037 that G2443 it be made G1096 bread G740 .
|
4. इस पर यीशु ने उसे उत्तर दिया, “शास्त्र में लिखा है: ‘मनुष्य केवल रोटी पर नहीं जीता।’ ” व्यवस्था विवरण 8:3 PS
|
4. And G2532 Jesus G2424 answered G611 G4314 him G846 , saying G3004 , It is written G1125 , That G3754 man G444 shall not G3756 live G2198 by G1909 bread G740 alone G3441 , but G235 by G1909 every G3956 word G4487 of God G2316 .
|
5. फिर शैतान उसे बहुत ऊँचाई पर ले गया और पल भर में ही सारे संसार के राज्यों को उसे दिखाते हुए,
|
5. And G2532 the G3588 devil G1228 , taking him up G321 G846 into G1519 a high G5308 mountain G3735 , showed G1166 unto him G846 all G3956 the G3588 kingdoms G932 of the G3588 world G3625 in G1722 a moment G4743 of time G5550 .
|
6. शैतान ने उससे कहा, “मैं इन राज्यों का सारा वैभव और अधिकार तुझे दे दूँगा क्योंकि वह मुझे दिया गया है और मैं उसे जिसको चाहूँ दे सकता हूँ।
|
6. And G2532 the G3588 devil G1228 said G2036 unto him G846 , All G537 this G5026 power G1849 will I give G1325 thee G4671 , and G2532 the G3588 glory G1391 of them G846 : for G3754 that is delivered G3860 unto me G1698 ; and G2532 to whomsoever G3739 G1437 I will G2309 I give G1325 it G846 .
|
7. सो यदि तू मेरी उपासना करे तो यह सब तेरा हो जायेगा।” PEPS
|
7. If G1437 thou G4771 therefore G3767 wilt worship G4352 me G3450 , all G3956 shall be G2071 thine G4675 .
|
8. यीशु ने उसे उत्तर देते हुए कहा, “शास्त्र में लिखा है: ‘तुझे बस अपने प्रभु परमेश्वर की ही उपासना करनी चाहिये। तुझे केवल उसी की सेवा करनी चाहिए!’ ” व्यवस्था विवरण 6:13 PS
|
8. And G2532 Jesus G2424 answered G611 and said G2036 unto him G846 , Get G5217 thee behind G3694 me G3450 , Satan G4567 : for G1063 it is written G1125 , Thou shalt worship G4352 the Lord G2962 thy G4675 God G2316 , and G2532 him G846 only G3441 shalt thou serve G3000 .
|
9. तब वह उसे यरूशलेम ले गया और वहाँ मन्दिर के सबसे ऊँचे शिखर पर ले जाकर खड़ा कर दिया। और उससे बोला, “यदि तू परमेश्वर का पुत्र है तो यहाँ से अपने आप को नीचे गिरा दे!
|
9. And G2532 he brought G71 him G846 to G1519 Jerusalem G2419 , and G2532 set G2476 him G846 on G1909 a pinnacle G4419 of the G3588 temple G2411 , and G2532 said G2036 unto him G846 , If G1487 thou be G1488 the Son G5207 of God G2316 , cast G906 thyself G4572 down G2736 from hence G1782 :
|
10. क्योंकि शास्त्र में लिखा है: ‘वह अपने स्वर्गदूतों को तेरे विषय में आज्ञा देगा कि वे तेरी रक्षा करें।’ भजन संहिता 91:11
|
10. For G1063 it is written G1125 , He shall give his angels charge G1781 G848 G32 over G4012 thee G4675 , to keep G1314 thee G4571 :
|
11. और लिखा है: ‘वे तुझे अपनी बाहों में ऐसे उठा लेंगे कि तेरा पैर तक किसी पत्थर को न छुए।’ ” भजन संहिता 91:12 PS
|
11. And G2532 in G1909 their hands G5495 they shall bear thee up G142 G4571 , lest at any time G3379 thou dash G4350 thy G4675 foot G4228 against G4314 a stone G3037 .
|
12. यीशु ने उत्तर देते हुए कहा, “शास्त्र में यह भी लिखा है: ‘तुझे अपने प्रभु परमेश्वर को परीक्षा में नहीं डालना चाहिये।’ ” व्यवस्था विवरण 6:16
|
12. And G2532 Jesus G2424 answering G611 said G2036 unto him G846 , It is said G2046 , Thou shalt not G3756 tempt G1598 the Lord G2962 thy G4675 God G2316 .
|
13. सो जब शैतान उसकी सब तरह से परीक्षा ले चुका तो उचित समय तक के लिये उसे छोड़ कर चला गया। PEPS
|
13. And G2532 when the G3588 devil G1228 had ended G4931 all G3956 the temptation G3986 , he departed G868 from G575 him G846 for a season G891 G2540 .
|
14. {यीशु के कार्य का आरम्भ} (मत्ती 4:12-17; मरकुस 1:14-15) PS फिर आत्मा की शक्ति से पूर्ण होकर यीशु गलील लौट आया और उस सारे प्रदेश में उसकी चर्चाएं फैलने लगी।
|
14. And G2532 Jesus G2424 returned G5290 in G1722 the G3588 power G1411 of the G3588 Spirit G4151 into G1519 Galilee G1056 : and G2532 there went out G1831 a fame G5345 of G4012 him G846 through G2596 all G3650 the G3588 region round about G4066 .
|
15. वह उनकी आराधनालयों में उपदेश देने लगा। सभी उसकी प्रशंसा करते थे। PEPS
|
15. And G2532 he G846 taught G1321 in G1722 their G846 synagogues G4864 , being glorified G1392 of G5259 all G3956 .
|
16. {यीशु का अपने देश लौटना} (मत्ती 13:53-58; मरकुस 6:1-6) PS फिर वह नासरत आया जहाँ वह पला-बढ़ा था। और अपनी आदत के अनुसार सब्त के दिन वह यहूदी आराधनालय में गया। जब वह पढ़ने के लिये खड़ा हुआ
|
16. And G2532 he came G2064 to G1519 Nazareth G3478 , where G3757 he had been G2258 brought up G5142 : and G2532 , as G2596 his G846 custom G1486 was , he went G1525 into G1519 the G3588 synagogue G4864 on G1722 the G3588 sabbath G4521 day G2250 , and G2532 stood up G450 for to read G314 .
|
17. तो यशायाह नबी की पुस्तक उसे दी गयी। उसने जब पुस्तक खोली तो उसे वह स्थान मिला जहाँ लिखा था:
|
17. And G2532 there was delivered G1929 unto him G846 the book G975 of the G3588 prophet G4396 Isaiah G2268 . And G2532 when he had opened G380 the G3588 book G975 , he found G2147 the G3588 place G5117 where G3757 it was G2258 written G1125 ,
|
18. “प्रभु की आत्मा मुझमें समाया है उसने मेरा अभिषेक किया है ताकि मैं दीनों को सुसमाचार सुनाऊँ। उसने मुझे बंदियों को यह घोषित करने के लिए कि वे मुक्त हैं, अन्धों को यह सन्देश सुनाने को कि वे फिर दृष्टि पायेंगे, दलितो को छुटकारा दिलाने को और
|
18. The Spirit G4151 of the Lord G2962 is upon G1909 me G1691 , because G3739 G1752 he hath anointed G5548 me G3165 to preach the gospel G2097 to the poor G4434 ; he hath sent G649 me G3165 to heal G2390 the G3588 brokenhearted G4937 G2588 , to preach G2784 deliverance G859 to the captives G164 , and G2532 recovering of sight G309 to the blind G5185 , to set G649 at G1722 liberty G859 them that are bruised G2352 ,
|
19. प्रभु के अनुग्रह का समय बतलाने को भेजा है।” यशायाह 61:1-2; 58:6 PS
|
19. To preach G2784 the acceptable G1184 year G1763 of the Lord G2962 .
|
20. फिर उसने पुस्तक बंद करके सेवक को वापस दे दी। और वह नीचे बैठ गया। आराधनालय में सब लोगों की आँखें उसे ही निहार रही थीं।
|
20. And G2532 he closed G4428 the G3588 book G975 , and he gave it again G591 to the G3588 minister G5257 , and sat down G2523 . And G2532 the G3588 eyes G3788 of all G3956 them that were in G1722 the G3588 synagogue G4864 were G2258 fastened on G816 him G846 .
|
21. तब उसने उनसे कहने लगा, “आज तुम्हारे सुनते हुए शास्त्र का यह वचन पूरा हुआ!” PEPS
|
21. And G1161 he began G756 to say G3004 unto G4314 them G846 , This day G4594 is this G3778 Scripture G1124 fulfilled G4137 in G1722 your G5216 ears G3775 .
|
22. हर कोई उसकी बड़ाई कर रहा था। उसके मुख से जो सुन्दर वचन निकल रहे थे, उन पर सब चकित थे। वे बोले, “क्या यह यूसुफ का पुत्र नहीं है?” PEPS
|
22. And G2532 all G3956 bare him witness G3140 G846 , and G2532 wondered G2296 at G1909 the G3588 gracious G5485 words G3056 which proceeded G1607 out of G1537 his G846 mouth G4750 . And G2532 they said G3004 , Is G2076 not G3756 this G3778 Joseph G2501 's son G5207 ?
|
23. फिर यीशु ने उनसे कहा, “निश्चय ही तुम मुझे यह कहावत सुनाओगे, ‘अरे वैद्य, स्वयं अपना इलाज कर। कफ़रनहूम में तेरे जिन कर्मो के विषय में हमने सुना है, उन कर्मो को यहाँ अपने स्वयं के नगर में भी कर!’ ”
|
23. And G2532 he said G2036 unto G4314 them G846 , Ye will surely G3843 say G2046 unto me G3427 this G5026 proverb G3850 , Physician G2395 , heal G2323 thyself G4572 : whatsoever G3745 we have heard G191 done G1096 in G1722 Capernaum G2584 , do G4160 also G2532 here G5602 in G1722 thy G4675 country G3968 .
|
24. यीशु ने तब उनसे कहा, “मैं तुमसे सत्य कहता हूँ कि अपने नगर में किसी नबी की मान्यता नहीं होती। PEPS
|
24. And G1161 he said G2036 , Verily G281 I say G3004 unto you G5213 , No G3762 prophet G4396 is G2076 accepted G1184 in G1722 his own G848 country G3968 ,
|
25. (25-26) “मैं तुमसे सत्य कहता हूँ इस्राएल में एलिय्याह के काल में जब आकाश जैसे मुँद गया था और साढ़े तीन साल तक सारे देश में भयानक अकाल पड़ा था, तब वहाँ अनगिनत विधवाएँ थीं। किन्तु सैदा प्रदेश के सारपत नगर की एक विधवा को छोड़ कर एलिय्याह को किसी और के पास नहीं भेजा गया था। PEPS
|
25. But G1161 I tell G3004 you G5213 of G1909 a truth G225 , many G4183 widows G5503 were G2258 in G1722 Israel G2474 in G1722 the G3588 days G2250 of Elijah G2243 , when G3753 the G3588 heaven G3772 was shut up G2808 three G5140 years G2094 and G2532 six G1803 months G3376 , when G5613 great G3173 famine G3042 was G1096 throughout G1909 all G3956 the G3588 land G1093 ;
|
26. “और नबी एलिशा के काल में इस्राएल में बहुत से कोढ़ी थे किन्तु उनमें से सीरिया के रहने वाले नामान के कोढ़ी को छोड़ कर और किसी को शुद्ध नहीं किया गया था।” PEPS
|
26. But G2532 unto G4314 none G3762 of them G846 was Elijah G2243 sent G3992 , save G1508 unto G1519 Sarepta G4558 , a city of Sidon G4605 , unto G4314 a woman G1135 that was a widow G5503 .
|
27. सो जब यहूदी आराधनालय में लोगों ने यह सुना तो सभी को बहुत क्रोध आया।
|
27. And G2532 many G4183 lepers G3015 were G2258 in G1722 Israel G2474 in the time G1909 of Elisha G1666 the G3588 prophet G4396 ; and G2532 none G3762 of them G846 was cleansed G2511 , saving G1508 Naaman G3497 the G3588 Syrian G4948 .
|
28. सो वे खड़े हुए और उन्होंने उसे नगर से बाहर धकेल दिया। वे उसे पहाड़ की उस चोटी पर ले गये जिस पर उनका नगर बसा था ताकि वे वहाँ चट्टान से उसे नीचे फेंक दें।
|
28. And G2532 all G3956 they in G1722 the G3588 synagogue G4864 , when they heard G191 these things G5023 , were filled G4130 with wrath G2372 ,
|
29. किन्तु वह उनके बीच से निकल कर कहीं अपनी राह चला गया। PEPS
|
29. And G2532 rose up G450 , and thrust G1544 him G846 out G1854 of the G3588 city G4172 , and G2532 led G71 him G846 unto G2193 the G3588 brow G3790 of the G3588 hill G3735 whereon G1909 G3739 their G846 city G4172 was built G3618 , that they might cast him down headlong G2630 G846 .
|
30. {दुष्टात्मा से छुटकारा दिलाना} (मरकुस 1:21-28) PS फिर वह गलील के एक नगर कफरनहूम पहुँचा और सब्त के दिन लोगों को उपदेश देने लगा।
|
30. But G1161 he G846 passing G1330 through G1223 the midst G3319 of them G846 went his way G4198 ,
|
31. लोग उसके उपदेश से आश्चर्यचकित थे क्योंकि उसका संदेश अधिकारपूर्ण होता था। PEPS
|
31. And G2532 came down G2718 to G1519 Capernaum G2584 , a city G4172 of Galilee G1056 , and G2532 taught G2258 G1321 them G846 on G1722 the G3588 sabbath days G4521 .
|
32. वहीं उस आराधनालय में एक व्यक्ति था जिसमें दुष्टात्मा समायी थी। वह ऊँचे स्वर में चिल्लाया,
|
32. And G2532 they were astonished G1605 at G1909 his G846 doctrine G1322 : for G3754 his G846 word G3056 was G2258 with G1722 power G1849 .
|
33. “हे यीशु नासरी! तू हमसे क्या चाहता है? क्या तू हमारा नाश करने आया है? मैं जानता हूँ तू कौन है — तू परमेश्वर का पवित्र पुरुष है!”
|
33. And G2532 in G1722 the G3588 synagogue G4864 there was G2258 a man G444 , which had G2192 a spirit G4151 of an unclean G169 devil G1140 , and G2532 cried out G349 with a loud G3173 voice G5456 ,
|
34. यीशु ने झिड़कते हुए उससे कहा, “चुप रह! इसमें से बाहर निकल आ!” इस पर दुष्टात्मा ने उस व्यक्ति को लोगों के सामने एक पटकी दी और उसे बिना कोई हानि पहुँचाए, उसमें से बाहर निकल आयी। PEPS
|
34. Saying G3004 , Let us alone G1436 ; what have we to do with thee G5101 G2254 G2532 G4671 , thou Jesus G2424 of Nazareth G3479 ? art thou come G2064 to destroy G622 us G2248 ? I know G1492 thee G4571 who G5101 thou art G1488 ; the G3588 Holy One G40 of God G2316 .
|
35. सभी लोग चकित थे। वे एक दूसरे से बात करते हुए बोले, “यह कैसा वचन है? अधिकार और शक्ति के साथ यह दुष्टात्माओं को आज्ञा देता है और वे बाहर निकल आती हैं।”
|
35. And G2532 Jesus G2424 rebuked G2008 him G846 , saying G3004 , Hold thy peace G5392 , and G2532 come G1831 out of G1537 him G846 . And G2532 when the G3588 devil G1140 had thrown G4496 him G846 in G1519 the G3588 midst G3319 , he came G1831 out of G575 him G846 , and G2532 hurt G984 him G846 not G3367 .
|
36. उस क्षेत्र में आस-पास हर कहीं उसके बारे में समाचार फैलने लगे। PEPS
|
36. And G2532 they were G1909 all G3956 amazed G2285 G1096 , and G2532 spake G4814 among G4314 themselves G240 , saying G3004 , What G5101 a word G3056 is this G3778 ! for G3754 with G1722 authority G1849 and G2532 power G1411 he commandeth G2004 the G3588 unclean G169 spirits G4151 , and G2532 they come out G1831 .
|
37. {रोगी स्त्री का ठीक किया जाना} (मत्ती 8:14-17; मरकुस 1:29-34) PS तब यीशु आराधनालय को छोड़ कर शमौन के घर चला गया। शमौन की सास को बहुत ताप चढ़ा था। उन्होंने यीशु को उसकी सहायता करने के लिये विनती की।
|
37. And G2532 the fame G2279 of G4012 him G846 went out G1607 into G1519 every G3956 place G5117 of the G3588 country round about G4066 .
|
38. यीशु उसके सिरहाने खड़ा हुआ और उसने ताप को डाँटा। ताप ने उसे छोड़ दिया। वह तत्काल खड़ी हो गयी और उनकी सेवा करने लगी। PS
|
38. And G1161 he arose G450 out of G1537 the G3588 synagogue G4864 , and entered G1525 into G1519 Simon G4613 's house G3614 . And G1161 Simon G4613 's wife's mother G3994 was G2258 taken with G4912 a great G3173 fever G4446 ; and G2532 they besought G2065 him G846 for G4012 her G846 .
|
39. {यीशु द्वारा बहुतों को चंगा किया जाना} PS जब सूरज ढल रहा था तो जिन के यहाँ विभिन्न प्रकार के रोगों से ग्रस्त रोगी थे, वे सभी उन्हें उसके पास लाये। और उसने अपना हाथ उनमें से हर एक के सिर पर रखते हुए उन्हें चंगा कर दिया।
|
39. And G2532 he stood G2186 over G1883 her G846 , and rebuked G2008 the G3588 fever G4446 ; and G2532 it left G863 her G846 : and G1161 immediately G3916 she arose G450 and ministered G1247 unto them G846 .
|
40. उनमें बहुतों में से दुष्टात्माएँ चिल्लाती हुई यह कहती बाहर निकल आयीं, “तू परमेश्वर का पुत्र है।” किन्तु उसने उन्हें बोलने नहीं दिया, क्योंकि वे जानती थीं, “वह मसीह है।” PEPS
|
40. Now G1161 when the G3588 sun G2246 was setting G1416 , all G3956 they G3745 that had G2192 any sick G770 with divers G4164 diseases G3554 brought G71 them G846 unto G4314 him G846 ; and G1161 he G3588 laid his hands on G2007 G5495 every G1538 one G1520 of them G846 , and healed G2323 them G846 .
|
41. {यीशु की अन्य नगरों को यात्रा} (मरकुस 1:35-39) PS जब पौ फटी तो वह वहाँ से किसी एकांत स्थान को चला गया। किन्तु भीड़ उसे खोजते खोजते वहीं जा पहुँची जहाँ वह था। उन्होंने प्रयत्न किया कि वह उन्हें छोड़ कर न जाये।
|
41. And G1161 devils G1140 also G2532 came G1831 out of G575 many G4183 , crying out G2896 , and G2532 saying G3004 , Thou G4771 art G1488 Christ G5547 the G3588 Son G5207 of God G2316 . And G2532 he rebuking G2008 them suffered G1439 them G846 not G3756 to speak G2980 : for G3754 they knew G1492 that he G846 was G1511 Christ G5547 .
|
42. किन्तु उसने उनसे कहा, “परमेश्वर के राज्य का सुसमाचार मुझे दूसरे नगरों में भी पहुँचाना है क्योंकि मुझे इसीलिए भेजा गया है।” PEPS
|
42. And G1161 when it was G1096 day G2250 , he departed G1831 and went G4198 into G1519 a desert G2048 place G5117 : and G2532 the G3588 people G3793 sought G2212 him G846 , and G2532 came G2064 unto G2193 him G846 , and G2532 stayed G2722 him G846 , that he should not G3361 depart G4198 from G575 them G846 .
|
43. और इस प्रकार वह यहूदिया की आराधनालयों में निरन्तर उपदेश करने लगा। PE
|
43. And G1161 he G3588 said G2036 unto G4314 them G846 , I G3165 must G1163 preach G2097 the G3588 kingdom G932 of God G2316 to other G2087 cities G4172 also G2532 : for G3754 therefore G1519 G5124 am I sent G649 .
|
44.
|
|