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1. (1-2) यहाँ उन राष्ट्रों के नाम हैं जिन्हें यहोवा ने बलपूर्वक अपना देश नहीं छुड़वाया। यहोवा इस्राएल के उन लोगों की परीक्षा लेना चाहता था, जो कनान प्रदेश को लेने के लिये होने वाले युद्धों में लड़े नहीं थे। यही कारण था कि उसने उन राष्ट्रों को उस प्रदेश में रहने दिया। (उस प्रदेश में यहोवा द्वारा उन राष्ट्रों को रहने देने का कारण केवल यह था कि इस्राएल के लोगों के उन वंशजों को शिक्षा दी जाय जो उन युद्धों में नहीं लड़े थे।)
1. Now these H428 are the nations H1471 which H834 the LORD H3068 left H5117 , to prove H5254 H853 Israel H3478 by them, even H853 as many H3605 H834 of Israel as had not H3808 known H3045 H853 all H3605 the wars H4421 of Canaan H3667 ;
2. पलिशती लोगों के पाँच शासक, सभी कनानी लोग, सीदोन के लोग और हिव्वी लोग जो लबानोन के पहाड़ों में बालहेर्मोन पर्वत से लेकर हमात तक रहते थे।
2. Only H7535 that H4616 the generations H1755 of the children H1121 of Israel H3478 might know H3045 , to teach H3925 them war H4421 , at the least H7535 such as H834 before H6440 knew H3045 nothing H3808 thereof;
3. यहोवा ने उन राष्ट्रों को इस्राएल के लोगों की परीक्षा के लिये उस प्रदेश में रहने दिया। वह यह देखना चाहता था कि इस्राएल के लोग यहोवा के उन आदेशों का पालन करेंगे अथवा नहीं, जिन्हें उसने मूसा द्वारा उनके पूर्वजों को दिया था। PEPS
3. Namely , five H2568 lords H5633 of the Philistines H6430 , and all H3605 the Canaanites H3669 , and the Sidonians H6722 , and the Hivites H2340 that dwelt H3427 in mount H2022 Lebanon H3844 , from mount H4480 H2022 Baal H1179 -hermon unto H5704 the entering in H935 of Hamath H2574 .
4. इस्राएल के लोग कनानी, हित्ती, एमोरी, परिज्जी, हिव्वी और यबूसी लोगों के साथ रहते थे।
4. And they were H1961 to prove H5254 H853 Israel H3478 by them , to know H3045 whether they would hearken H8085 unto H853 the commandments H4687 of the LORD H3068 , which H834 he commanded H6680 H853 their fathers H1 by the hand H3027 of Moses H4872 .
5. इस्राएल के लोगों ने उन लोगों की पुत्रियों के साथ विवाह करना आरम्भ कर दिया। इस्राएल के लोगों ने अपनी पुत्रियों को उन लोगों के पुत्रों के साथ विवाह करने दिया और इस्राएल के लोगों ने उन लोगों के देवताओं की सेवा की। PS
5. And the children H1121 of Israel H3478 dwelt H3427 among H7130 the Canaanites H3669 , Hittites H2850 , and Amorites H567 , and Perizzites H6522 , and Hivites H2340 , and Jebusites H2983 :
6. {पहला न्यायाधीश ओत्नीएल} PS यहोवा ने देखा कि इस्राएल के लोग पाप कर रहे हैं। इस्राएल के लोग यहोवा अपने परमेश्वर को भूल गए और बाल की मूर्तियों एवं अशेरा की मूर्तियों की सेवा करने लगे।
6. And they took H3947 H853 their daughters H1323 to be their wives H802 , and gave H5414 their daughters H1323 to their sons H1121 , and served H5647 H853 their gods H430 .
7. यहोवा इस्राएल के लोगों पर क्रोधित हुआ। यहोवा ने कुशन रिश्आतइम को जो मेसोपोटामिया का राजा था, इस्राएल के लोगों को हराने और उन पर शासन करने दिया। इस्राएल के लोग उस राजा के शासन में आठ वर्ष तक रहे।
7. And the children H1121 of Israel H3478 did H6213 H853 evil H7451 in the sight H5869 of the LORD H3068 , and forgot H7911 H853 the LORD H3068 their God H430 , and served H5647 H853 Baalim H1168 and the groves H842 .
8. किन्तु इस्राएल के लोगों ने यहोवा को रोकर पुकारा। यहोवा ने एक व्यक्ति को उनकी रक्षा के लिए भेजा। उस व्यक्ति का नाम ओत्नीएल था। वह कनजी का पुत्र था। कनजी कालेब का छोटा भाई था। ओत्नीएल ने इस्राएल के लोगों को बचाया।
8. Therefore the anger H639 of the LORD H3068 was hot H2734 against Israel H3478 , and he sold H4376 them into the hand H3027 of Cushan H3573 -rishathaim king H4428 of Mesopotamia H763 : and the children H1121 of Israel H3478 served H5647 H853 Cushan H3573 -rishathaim eight H8083 years H8141 .
9. यहोवा की आत्मा ओत्नीएल पर उतरी और वह इस्राएल के लोगों का न्यायाधीश हो गया। ओत्नीएल ने इस्राएल के लोगों का युद्ध में संचालन किया। यहोवा ने मेसोपोटामिया के राजा कूशत्रिशातैम को हराने में ओत्नीएल की सहायता की
9. And when the children H1121 of Israel H3478 cried H2199 unto H413 the LORD H3068 , the LORD H3068 raised up H6965 a deliverer H3467 to the children H1121 of Israel H3478 , who delivered H3467 them, even H853 Othniel H6274 the son H1121 of Kenaz H7073 , Caleb H3612 's younger H6996 brother H251 .
10. इस प्रकार वह प्रदेश चालीस वर्ष तक शान्त रहा, जब तक कनजी नामक व्यक्ति का पुत्र ओत्नीएल नहीं मरा। PS
10. And the Spirit H7307 of the LORD H3068 came H1961 upon H5921 him , and he judged H8199 H853 Israel H3478 , and went out H3318 to war H4421 : and the LORD H3068 delivered H5414 H853 Cushan H3573 -rishathaim king H4428 of Mesopotamia H763 into his hand H3027 ; and his hand H3027 prevailed H5810 against H5921 Cushan H3573 -rishathaim.
11. {न्यायाधीश एहूद} PS यहोवा ने फिर इस्राएल के लोगों को पाप करते देखा। इसलिए यहोवा ने मोआब के राजा एग्लोन को इस्राएल के लोगों को हराने की शक्ति दी।
11. And the land H776 had rest H8252 forty H705 years H8141 . And Othniel H6274 the son H1121 of Kenaz H7073 died H4191 .
12. एग्लोन ने इस्राएल के लोगों पर आक्रमण करते समय अम्मोनियों और अमालेकियों को अपने साथ लिया। एग्लोन और उसकी सेना ने इस्राएल के लोगों को हराया और ताड़ के पेड़ो वाले नगर (यरीहो) से उन्हें निकाल बाहर किया।
12. And the children H1121 of Israel H3478 did H6213 evil H7451 again H3254 in the sight H5869 of the LORD H3068 : and the LORD H3068 strengthened H2388 H853 Eglon H5700 the king H4428 of Moab H4124 against H5921 Israel H3478 , because H5921 H3588 they had done H6213 H853 evil H7451 in the sight H5869 of the LORD H3068 .
13. इस्राएल के लोग अट्ठारह वर्ष तक मोआब के राजा एग्लोन के शासन में रहे। PEPS
13. And he gathered H622 unto H413 him H853 the children H1121 of Ammon H5983 and Amalek H6002 , and went H1980 and smote H5221 H853 Israel H3478 , and possessed H3423 H853 the city H5892 of palm trees H8558 .
14. तब लोगों ने यहोवा से प्रार्थना की और रोकर उसे पुकारा। यहोवा ने इस्राएल के लोगों की रक्षा के लिए एक व्यक्ति को भेजा। उस व्यक्ति का नाम एहूद था। एहूद वामहस्त व्यक्ति था। एहूद बिन्यामीन के परिवार समूह के गेरा नामक व्यक्ति का पुत्र था। इस्राएल के लोगों ने एहूद को मोआब के राजा एग्लोन के लिये कर के रूप में कुछ धन देने को भेजा।
14. So the children H1121 of Israel H3478 served H5647 H853 Eglon H5700 the king H4428 of Moab H4124 eighteen H8083 H6240 years H8141 .
15. एहूद ने अपने लिये एक तलवार बनाई। वह तलवार दोधारी थी और लगभग अट्ठारह इंच लम्बी थी। एहूद ने तलवार को अपनी दायीं जांघ से बांधा और अपने वस्त्रों में छिपा लिया। PEPS
15. But when the children H1121 of Israel H3478 cried H2199 unto H413 the LORD H3068 , the LORD H3068 raised them up H6965 a deliverer H3467 , H853 Ehud H261 the son H1121 of Gera H1617 , a Benjamite H1121 H1145 , a man H376 left H334 H3027 H3225 -handed : and by him H3027 the children H1121 of Israel H3478 sent H7971 a present H4503 unto Eglon H5700 the king H4428 of Moab H4124 .
16. इस प्रकार एहूद मोआब के राजा एग्लोन के पास आया और उसे भेंट के रूप में धन दिया। (एग्लोन बहुत मोटा आदमी था।)
16. But Ehud H261 made H6213 him a dagger H2719 which had two H8147 edges H6366 , of a cubit H1574 length H753 ; and he did gird H2296 it under H4480 H8478 his raiment H4055 upon H5921 his right H3225 thigh H3409 .
17. एग्लोन को धन देने के बाद एहूद ने उन व्यक्तियों को घर भेज दिया, जो धन लाए थे।
17. And he brought H7126 H853 the present H4503 unto Eglon H5700 king H4428 of Moab H4124 : and Eglon H5700 was a very H3966 fat H1277 man H376 .
18. जब एग्लोन गिलगाल नगर की मूर्तियों के पास से वापस मुड़ा, तब एहूद ने एग्लोन से कहा, “राजा, मैं आपके लिए एक गुप्त सन्देश लाया हूँ।” PEPS राजा ने कहा, “चुप रहो।” तब उसने सभी नौकरों को कमरे से बाहर भेज दिया।
18. And when H834 he had made an end H3615 to offer H7126 H853 the present H4503 , he sent away H7971 H853 the people H5971 that bore H5375 the present H4503 .
19. एहूद राजा एग्लोन के पास गया। एग्लोन एकदम अकेला अपने ग्रीष्म महल के ऊपरी कमरे में बैठा था। PEPS तब एहूद ने कहा, “मैं परमेश्वर के यहाँ से आपके लिये सन्देश लाया हूँ।” राजा अपने सिंहासन से उठा, वह एहूद के बहुत पास था।
19. But he H1931 himself turned again H7725 from H4480 the quarries H6456 that H834 were by H854 Gilgal H1537 , and said H559 , I have a secret H5643 errand H1697 unto thee , O king H4428 : who said H559 , Keep silence H2013 . And all H3605 that stood H5975 by him went out H3318 from H4480 H5921 him.
20. ज्योंही राजा अपने सिंहासन से उठा, *ज्योंही राजा उठा पाठ का यह अंश प्राचीन यूनानी अनुवाद में है, किन्तु यह संयोगवश हिब्रू पाठ से छूट गया था। एहूद ने अपने बांये हाथ को बढ़ाया और उस तलवार को निकाला जो उसकी दायीं जांघ में बंधी थी। तब एहूद ने तलवार को राजा के पेट में घुसेड़ दिया।
20. And Ehud H261 came H935 unto H413 him ; and he H1931 was sitting H3427 in a summer H4747 parlor H5944 , which H834 he had for himself alone H905 . And Ehud H261 said H559 , I have a message H1697 from God H430 unto H413 thee . And he arose H6965 out of H4480 H5921 his seat H3678 .
21. तलवार एग्लोन के पेट में इतनी भीतर गई कि उसकी मूठ भी उसमें समा गई। राजा की चर्बी ने पूरी तलवार को छिपा लिया। इसलिए एहूद ने तलवार को एग्लोन के अन्दर छोड़ दिया। PEPS
21. And Ehud H261 put forth H7971 H853 his left H8040 hand H3027 , and took H3947 H853 the dagger H2719 from H4480 H5921 his right H3225 thigh H3409 , and thrust H8628 it into his belly H990 :
22. एहूद कमरे से बाहर गया और उसने अपने पीछे दरवाजों को ताला लगाकर बन्द कर दिया।
22. And the haft H5325 also H1571 went in H935 after H310 the blade H3851 ; and the fat H2459 closed H5462 upon H1157 the blade H3851 , so that H3588 he could not H3808 draw H8025 the dagger H2719 out of his belly H4480 H990 ; and the dirt H6574 came out H3318 .
23. एहूद के चले जाने के ठीक बाद नौकर आए। नौकरों ने कमरे के दरवाजों में ताला लगा पाया। इसलिए नौकरों ने कहा, “राजा आराम कक्ष में आराम कर रहे होंगे।”
23. Then Ehud H261 went forth H3318 through the porch H4528 , and shut H5462 the doors H1817 of the parlor H5944 upon him H1157 , and locked H5274 them.
24. इसलिए नौकरों ने लम्बे समय तक प्रतीक्षा की। अन्त में वे चिन्तित हुए। उन्होंने चाभी ली और दरवाज़ खोले। जब नौकर घुसे तो उन्होंने राजा को फर्श पर मरा पड़ा देखा। PEPS
24. When he H1931 was gone out H3318 , his servants H5650 came H935 ; and when they saw H7200 that, behold H2009 , the doors H1817 of the parlor H5944 were locked H5274 , they said H559 , Surely H389 he H1931 covereth H5526 H853 his feet H7272 in his summer H4747 chamber H2315 .
25. जब तक नौकर राजा की प्रतीक्षा करते रहे तब तक एहूद को भाग निकलने का समय मिल गया। एहूद मूर्तियों के पास से होकर सेइरे नामक स्थान की ओर गया।
25. And they tarried H2342 till H5704 they were ashamed H954 : and, behold H2009 , he opened H6605 not H369 the doors H1817 of the parlor H5944 ; therefore they took H3947 H853 a key H4668 , and opened H6605 them : and, behold H2009 , their lord H113 was fallen down H5307 dead H4191 on the earth H776 .
26. एहूद सेइरे नामक स्थान पर पहुँचा। तब उसने एप्रैम के पहाड़ी क्षेत्र में तुरही बजाई। इस्राएल के लोगों ने तुरही की आवाज़ सुनी और वे पहाड़ियों से उतरे। एहूद उनका संचालक था।
26. And Ehud H261 escaped H4422 while H5704 they tarried H4102 , and passed beyond H5674 H853 the quarries H6456 , and escaped H4422 unto Seirath H8167 .
27. एहूद ने इस्राएल के लोगों से कहा, “मेरे पीछे चलो। यहोवा ने मोआब के लोगों अर्थात् हमारे शत्रुओं को हराने में हमारी सहायता की है।” PEPS इसलिए इस्राएल के लोगों ने एहूद का अनुसरण किया। वे एहूद का अनुसरण उन स्थानों पर अधिकार करने के लिए करते रहे जहाँ से यरदन नदी सरलता से पार की जा सकती थी। वे स्थान मोआब के प्रदेश तक पहुँचाते थे। इस्राएल के लोगों ने किसी को यरदन नदी के पार नहीं जाने दिया।
27. And it came to pass H1961 , when he was come H935 , that he blew H8628 a trumpet H7782 in the mountain H2022 of Ephraim H669 , and the children H1121 of Israel H3478 went down H3381 with H5973 him from H4480 the mount H2022 , and he H1931 before H6440 them.
28. इस्राएल के लोगों ने मोआब के लगभग दस हजार बलवान और साहसी व्यक्तियों को मार डाला। एक भी मोआबी भागकर बच सका।
28. And he said H559 unto H413 them, Follow H7291 after H310 me: for H3588 the LORD H3068 hath delivered H5414 H853 your enemies H341 H853 the Moabites H4124 into your hand H3027 . And they went down H3381 after H310 him , and took H3920 H853 the fords H4569 of Jordan H3383 toward Moab H4124 , and suffered H5414 not H3808 a man H376 to pass over H5674 .
29. इसलिए उस दिन मोआब के लोग बलपूर्वक इस्राएल के लोगों के शासन में रहने को विवश किये गए और वहाँ उस प्रदेश में अस्सी वर्ष तक शान्ति रही! PS
29. And they slew H5221 of H853 Moab H4124 at that H1931 time H6256 about ten H6235 thousand H505 men H376 , all H3605 lusty H8082 , and all H3605 men H376 of valor H2428 ; and there escaped H4422 not H3808 a man H376 .
30. {न्यायाधीश शमगर} PS एहूद द्वारा इस्राएल के लोगों की रक्षा हो जाने के बाद एक अन्य व्यक्ति ने इस्राएल को बचाया। उस व्यक्ति का नाम शमगर था और वह अनात नामक व्यक्ति का पुत्र था। शमगर ने चाबुक का उपयोग छ: सौ पलिश्ती व्यक्तियों को मार डालने के लिये किया। PE
30. So Moab H4124 was subdued H3665 that H1931 day H3117 under H8478 the hand H3027 of Israel H3478 . And the land H776 had rest H8252 fourscore H8084 years H8141 .
31.
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