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1. {परमेश्वर ने दाऊद को वचन दिया} PS दाऊद ने अपने घर चले जाने के बाद नातान नबी से कहा, “देखो, मैं देवदारू से बने घर में रह रहा हूँ, किन्तु यहोवा का साक्षीपत्र का सन्दूक तम्बू में रखा है। मैं परमेश्वर के लिये एक मन्दिर बनाना चाहता हूँ।” PEPS
1. Now it came to pass H1961 , as H834 David H1732 sat H3427 in his house H1004 , that David H1732 said H559 to H413 Nathan H5416 the prophet H5030 , Lo H2009 , I H595 dwell H3427 in a house H1004 of cedars H730 , but the ark H727 of the covenant H1285 of the LORD H3068 remaineth under H8478 curtains H3407 .
2. नातान ने दाऊद को उत्तर दिया, “तुम जो कुछ करना चाहते हो, कर सकते हो। परमेश्वर तुम्हारे साथ है।” PEPS
2. Then Nathan H5416 said H559 unto H413 David H1732 , Do H6213 all H3605 that H834 is in thine heart H3824 ; for H3588 God H430 is with H5973 thee.
3. किन्तु परमेश्वर का सन्देश उस रात नातान को मिला।
3. And it came to pass H1961 the same H1931 night H3915 , that the word H1697 of God H430 came H1961 to H413 Nathan H5416 , saying H559 ,
4. परमेश्वर ने कहा, “जाओ और मेरे सेवक दाऊद से यह कहोः यहोवा यह कहता है, ‘दाऊद, तुम मेरे रहने के लिये गृह नहीं बनाओगे।
4. Go H1980 and tell H559 H413 David H1732 my servant H5650 , Thus H3541 saith H559 the LORD H3068 , Thou H859 shalt not H3808 build H1129 me a house H1004 to dwell in H3427 :
5. (5-6) जब से मैं इस्राएल को मिस्र से बाहर लाया तब से अब तक, मैं गृह में नहीं रहा हूँ। मैं एक तम्बू में चारों ओर घूमता रहा हूँ। मैंने इस्राएल के लोगों का विशेष प्रमुख बनने के लिये लोगों को चुना। वे प्रमुख मेरे लोगों के लिये गड़रिये के समान थे। जिस समय मैं इस्राएल में विभिन्न स्थानों पर चारों ओर घूम रहा था, उस समय मैंने किसी प्रमुख से यह नहीं कहाः तुमने मेरे लिये देवदारू वृक्ष का गृह क्यों नहीं बनाया है?’
5. For H3588 I have not H3808 dwelt H3427 in a house H1004 since H4480 the day H3117 that H834 I brought up H5927 H853 Israel H3478 unto H5704 this H2088 day H3117 ; but have gone H1961 from tent H4480 H168 to H413 tent H168 , and from one tabernacle H4480 H4908 to another .
6. “अब, तुम मेरे सेवक दाऊद से कहोः सर्वशक्तिमान यहोवा तुमसे कहता है, ‘मैंने तुमको मैदानों से और भेड़ों की देखभाल करने से हटाया। मैने तुमको अपने इस्राएली लोगों का शासक बनाया।
6. Wheresoever H3605 H834 I have walked H1980 with all H3605 Israel H3478 , spoke H1696 I a word H1697 to H854 any H259 of the judges H8199 of Israel H3478 , whom H834 I commanded H6680 to feed H7462 H853 my people H5971 , saying H559 , Why H4100 have ye not H3808 built H1129 me a house H1004 of cedars H730 ?
7. तुम जहाँ गए, मैं तुम्हारे साथ रहा। मैं तुम्हारे आगे—आगे चला और मैंने तुम्हारे शत्रुओं को मारा। अब मैं तुम्हें पृथ्वी पर सर्वाधिक प्रसिद्ध व्यक्तियों में से एक बना रहा हूँ।
7. Now H6258 therefore thus H3541 shalt thou say H559 unto my servant H5650 David H1732 , Thus H3541 saith H559 the LORD H3068 of hosts H6635 , I H589 took H3947 thee from H4480 the sheepcote H5116 , even from H4480 following H310 the sheep H6629 , that thou shouldest be H1961 ruler H5057 over H5921 my people H5971 Israel H3478 :
8. मैं यह स्थान अपने इस्राएल के लोगों को दे रहा हूँ। वे वहाँ अपने वृक्ष लगायेंगे और वे उन वृक्षों के नीचे शान्ति के साथ बैठेंगे। वे अब आगे और परेशान नहीं किये जाएंगे। बुरे लोग उन्हें वैसे चोट नहीं पहुँचाऐंगे जैसा उन्होंने पहले पुहँचाया था।
8. And I have been H1961 with H5973 thee whithersoever H3605 H834 thou hast walked H1980 , and have cut off H3772 H853 all H3605 thine enemies H341 from before H4480 H6440 thee , and have made H6213 thee a name H8034 like the name H8034 of the great men H1419 that H834 are in the earth H776 .
9. वे बुरी बातें हुई, किन्तु मैंने अपने इस्राएली लोगों की रक्षा के लिये प्रमुख चुने और मैं तुम्हारे सभी शत्रओं को भी हराऊँगा। “ ‘मैं तुमसे कहता हूँ कि यहोवा तुम्हारे लिये एक घराना बनाएग। *मैं बनाएगा इसका अर्थ कोई यथार्थ घर से सम्बन्ध नहीं रखना। इसका अर्थ है कि यहोवा दाऊद के परिवार से अनेक वर्षो तक व्यक्ति को राजा बनाता रहेगा।
9. Also I will ordain H7760 a place H4725 for my people H5971 Israel H3478 , and will plant H5193 them , and they shall dwell H7931 in their place H8478 , and shall be moved H7264 no H3808 more H5750 ; neither H3808 shall the children H1121 of wickedness H5766 waste H1086 them any more H3254 , as H834 at the beginning H7223 ,
10. जब तुम मरोगे और अपने पूर्वजों से जा मिलोगे, तब तुम्हारे निज पुत्र को नया राजा होने दूँगा। नया राजा तुम्हारे पुत्रों में से एक होगा और मैं राज्य को शक्तिशाली बनाऊँगा।
10. And since the time H4480 H3117 that H834 I commanded H6680 judges H8199 to be over H5921 my people H5971 Israel H3478 . Moreover I will subdue H3665 H853 all H3605 thine enemies H341 . Furthermore I tell H5046 thee that the LORD H3068 will build H1129 thee a house H1004 .
11. तुम्हारा पुत्र मेरे लिये एक गृह बनाएगा। मैं तुम्हारे पुत्र के परिवार को सदा के लिये शासक बनाऊँगा।
11. And it shall come to pass H1961 , when H3588 thy days H3117 be expired H4390 that thou must go H1980 to be with H5973 thy fathers H1 , that I will raise up H6965 H853 thy seed H2233 after H310 thee, which H834 shall be H1961 of thy sons H4480 H1121 ; and I will establish H3559 H853 his kingdom H4438 .
12. मैं उसका पिता बनूँगा और वह मेरा पुत्र होगा। शाऊल तुम्हारे पहले राजा था और मैंने शाऊल से अपनी सहायता हटा ली किन्तु मैं तुम्हारे पुत्र से प्रेम करना कभी कम नहीं करूँगा।
12. He H1931 shall build H1129 me a house H1004 , and I will establish H3559 H853 his throne H3678 forever H5704 H5769 .
13. मैं उसे उसका शासन सदैव चलता रहेगा!’ ” PS
13. I H589 will be H1961 his father H1 , and he H1931 shall be H1961 my son H1121 : and I will not H3808 take my mercy away H5493 H2617 from H4480 H5973 him, as H834 I took H5493 it from him that H4480 H834 was H1961 before H6440 thee:
14. नातान ने अपने इस दर्शन और परमेश्वर ने जो सभी बातें कही थीं उनके विषय में दाऊद से कहा। PS
14. But I will settle H5975 him in mine house H1004 and in my kingdom H4438 forever H5704 H5769 : and his throne H3678 shall be H1961 established H3559 forevermore H5704 H5769 .
15. {दाऊद की प्रार्थना} PS तब दाऊद पवित्र तम्बू में गया और यहोवा के सामने बैठा। दाऊद ने कहा, “यहोवा परमेश्वर, तूने मेरे लिये और मेरे परिवार के लिये इतना अधिक किया है और मैं नहीं समझता कि क्यों
15. According to all H3605 these H428 words H1697 , and according to all H3605 this H2088 vision H2377 , so H3651 did Nathan H5416 speak H1696 unto H413 David H1732 .
16. उन बातों के अतिरिक्त, तू मुझे बता कि भविष्य में मेरे परिवार पर क्या घटित होगा। तूने मरे प्रति एक अत्यन्त महत्वपूर्ण व्यक्ति जैसा व्यवहार किया है।
16. And David H1732 the king H4428 came H935 and sat H3427 before H6440 the LORD H3068 , and said H559 , Who H4310 am I H589 , O LORD H3068 God H430 , and what H4310 is mine house H1004 , that H3588 thou hast brought H935 me hitherto H5704 H1988 ?
17. मैं और अधिक क्या कह सकता हूँ तूने मेरे लिये इतना अधिक किया है और मैं केवल तेरा सेवक हूँ। यह तू जानता है
17. And yet this H2063 was a small thing H6994 in thine eyes H5869 , O God H430 ; for thou hast also spoken H1696 of H5921 thy servant H5650 's house H1004 for a great while to come H4480 H7350 , and hast regarded H7200 me according to the estate H8448 of a man H120 of high degree H4609 , O LORD H3068 God H430 .
18. यहोवा, तूने यह अदभूत कार्य मेरे लिए किया है और यह तूने किया क्योंकि तू करना चाहता था।
18. What H4100 can David H1732 speak more H3254 H5750 to H413 thee for the honor H3519 of H853 thy servant H5650 ? for thou H859 knowest H3045 H853 thy servant H5650 .
19. यहोवा, तेरे समान और कोई नहीं है। तेरे अतिरिक्त कोई परमेश्वर नहीं है। हम लोगों ने कभी किसी देवता को ऐसे अद्भूत कार्य करते नहीं सुना है!
19. O LORD H3068 , for thy servant's sake H5668 H5650 , and according to thine own heart H3820 , hast thou done H6213 H853 all H3605 this H2063 greatness H1420 , in making known H3045 H853 all H3605 these great things H1420 .
20. क्या इस्राएल के समान अन्य कोई राष्ट्र है? नहीं! इस्राएल ही पृथ्वी पर एकमात्र राष्ट्र है जिसके लिये तूने यह अद्भूत कार्य किया। तूने हमैं मिस्र से बाहर निकाला और हमें स्वतन्त्र किया। तूने अपने को प्रसिद्ध किया। तू अपने लोगों के सामने आया और अन्य लोगों को हमारे लिये भूमि छोड़ने को विवश किया।
20. O LORD H3068 , there is none H369 like thee H3644 , neither H369 is there any God H430 beside H2108 thee , according to all H3605 that H834 we have heard H8085 with our ears H241 .
21. तूने इस्राएली को सदा के लिये अपना बनाया और यहोवा तू उसका परमेश्वर हुआ!
21. And what H4310 one H259 nation H1471 in the earth H776 is like thy people H5971 Israel H3478 , whom H834 God H430 went H1980 to redeem H6299 to be his own people H5971 , to make H7760 thee a name H8034 of greatness H1420 and terribleness H3372 , by driving out H1644 nations H1471 from before H4480 H6440 thy people H5971 , whom H834 thou hast redeemed H6299 out of Egypt H4480 H4714 ?
22. “यहोवा, तूने यह प्रतिज्ञा मुझसे और मेरे परिवार से की है। अब से तू सदा के लिये इस प्रतिज्ञा को बनाये रख। वह कर जो तूने करने को कहा!
22. For H853 thy people H5971 Israel H3478 didst thou make H5414 thine own people H5971 forever H5704 H5769 ; and thou H859 , LORD H3068 , becamest H1961 their God H430 .
23. अपनी प्रतिज्ञा को पूरा कर। जिससे लोग तेरे नाम का सम्मान सदा के लिये कर सकें। लोग कहेंगे, ‘सर्वशक्तिशाली यहोवा इस्राएल का परमेश्वर है!’ मैं तेरा सेवक हूँ! कृपया मेरे परिवार को शक्तिशाली होने दे और वह तेरी सेवा सदा करता रहे।
23. Therefore now H6258 , LORD H3068 , let the thing H1697 that H834 thou hast spoken H1696 concerning H5921 thy servant H5650 and concerning H5921 his house H1004 be established H539 forever H5704 H5769 , and do H6213 as H834 thou hast said H1696 .
24. “मेरे परमेश्वर, तूने मुझसे (अपने सेवक ) कहा, कि तू मेरे परिवार को एक राजपरिवार बनायेगा। इसलिये मैं तेरे सामने इतना निडर हो रहा हूँ, इसीलिए मैं तुझसे ये सब चीजें करने केलिये कह रहा हूँ।
24. Let it even be established H539 , that thy name H8034 may be magnified H1431 forever H5704 H5769 , saying H559 , The LORD H3068 of hosts H6635 is the God H430 of Israel H3478 , even a God H430 to Israel H3478 : and let the house H1004 of David H1732 thy servant H5650 be established H3559 before H6440 thee.
25. यहोवा, तू परमेश्वर है और परमेश्वर तूने इन अच्छी चीजों की प्रतिज्ञा मेरे लिये की है।
25. For H3588 thou H859 , O my God H430 , hast told H1540 H853 H241 thy servant H5650 that thou wilt build H1129 him a house H1004 : therefore H5921 H3651 thy servant H5650 hath found H4672 in his heart to pray H6419 before H6440 thee.
26. यहोवा, तू मेरे परिवार को आशीष देने में इतना अदिक दयालू रहा है। तूने प्रतिज्ञा की, कि मेरा परिवार तेरी सेवा सदैव करता रहेगा। यहोवा तूने मेरे परिवार को आशीष दी है, अतः मेरा परिवार सदा आशीष पाएगा!” PE
26. And now H6258 , LORD H3068 , thou H859 art God H430 , and hast promised H1696 this H2063 goodness H2896 unto H5921 thy servant H5650 :
27.
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