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1. {योआब दाऊद को फटकारता है} PS लोगों ने योआब को सूचना दी। उन्होंने योआब से कहा, “देखो, राजा अबशालोम के लिये रो रहा है और बहुत दुःखी है।”
1. And it was told H5046 Joab H3097 , Behold H2009 , the king H4428 weepeth H1058 and mourneth H56 for H5921 Absalom H53 .
2. दाऊद की सेना ने उस दिन विजय पाई थी। किन्तु वह दिन सभी लोगों के लिये बहुत शोक का दिन हो गया। यह शोक का दिन था, क्योंकि लोगों ने सुना, “राजा अपने पुत्र के लिये बहुत दुःखी है।” PEPS
2. And the victory H8668 that H1961 day H3117 was turned into mourning H60 unto all H3605 the people H5971 : for H3588 the people H5971 heard H8085 say H559 that H1931 day H3117 how the king H4428 was grieved H6087 for H5921 his son H1121 .
3. लोग नगर में चुपचाप आए। वे उन लोगों की तरह थे जो युद्ध में पराजित हो गए और भाग आएं हों।
3. And the people H5971 got H935 them by stealth H1589 that H1931 day H3117 into the city H5892 , as H834 people H5971 being ashamed H3637 steal away H1589 when they flee H5127 in battle H4421 .
4. राजा ने अपना मुँह ढक लिया था। वह फूट—फूट कर रो रहा था, “मेरे पुत्र अबशालोम, अबशलोम। मेरे पुत्र, मेरे बेटे!” PEPS
4. But the king H4428 covered H3813 H853 his face H6440 , and the king H4428 cried H2199 with a loud H1419 voice H6963 , O my son H1121 Absalom H53 , O Absalom H53 , my son H1121 , my son H1121 !
5. योआब राजा के महल में आया। योआब ने राजा से कहा, “आज तुम अपने सभी सेवकों के मुँह को भी लज्जा से ढके हो! आज तुम्हारे सेवकों ने तुम्हारा जीवन बचाया। उन्होने तुम्हारे पुत्रों, पुत्रियों, पत्नियों, और दासियों के जीवन को बचाया।
5. And Joab H3097 came H935 into the house H1004 to H413 the king H4428 , and said H559 , Thou hast shamed H3001 this day H3117 H853 the faces H6440 of all H3605 thy servants H5650 , which this day H3117 have saved H4422 H853 thy life H5315 , and the lives H5315 of thy sons H1121 and of thy daughters H1323 , and the lives H5315 of thy wives H802 , and the lives H5315 of thy concubines H6370 ;
6. तुम्हारे सेवक इसलिये लज्जित हैं कि तुम उनसे प्रेम करते हो जो तुमसे घृणा करते हैं और तुम उनसे घृणा करते हो जो तुमसे प्रेम करते हैं। आज तुमने यह स्पष्ट कर दिया है कि तुम्हारे अधिकारी और तुम्हारे लोग तुम्हारे लिये कुछ नहीं हैं। आज में समझता हूँ कि यदि अबशालोम जीवित रहता और हम सभी मार दिये गए होते तो तुम्हें बड़ी प्रसन्नता होती।
6. In that thou lovest H157 H853 thine enemies H8130 , and hatest H8130 H853 thy friends H157 . For H3588 thou hast declared H5046 this day H3117 , that H3588 thou regardest neither H369 princes H8269 nor servants H5650 : for H3588 this day H3117 I perceive H3045 , that H3588 if H3863 Absalom H53 had lived H2416 , and all H3605 we had died H4191 this day H3117 , then H227 it had pleased thee well H5869 H3477 .
7. अब खड़े होओ तथा अपने सेवकों से बात करो और उनको प्रोत्साहित करो। मैं यहोवा की शपथ खाकर कहता हूँ कि यदि तुम यह करने बाहर नहीं निकलते तो आज की रात तुम्हारे साथ कोई व्यक्ति नहीं रह जायेगा। बचपन से आज तक तुम पर जितनी विपत्तियाँ आई हैं, उन सबसे यह विपत्ति और बदतर होगी।” PEPS
7. Now H6258 therefore arise H6965 , go forth H3318 , and speak H1696 comfortably H5921 H3820 unto thy servants H5650 : for H3588 I swear H7650 by the LORD H3068 , if H3588 thou go not forth H369 H3318 , there will not H518 tarry H3885 one H376 with H854 thee this night H3915 : and that H2063 will be worse H7489 unto thee than all H4480 H3605 the evil H7451 that H834 befell H935 H5921 thee from thy youth H4480 H5271 until H5704 now H6258 .
8. तब राजा नगर द्वार पर गया। सूचना फैली कि राज नगर द्वार पर है। इसलिये सभी लोग राजा को देखने आये। सभी अबशालोम के समर्थक इस्राएली अपने घरो को भाग गए थे। PS
8. Then the king H4428 arose H6965 , and sat H3427 in the gate H8179 . And they told H5046 unto all H3605 the people H5971 , saying H559 , Behold H2009 , the king H4428 doth sit H3427 in the gate H8179 . And all H3605 the people H5971 came H935 before H6440 the king H4428 : for Israel H3478 had fled H5127 every man H376 to his tent H168 .
9. {दाऊद फिर राजा बनता है} PS इस्राएली के सभी परिवार समूहों के लोग आपस में तर्क—विर्तक करने लगे। उन्होंने कहा, “राजा दाऊद ने हमें पलिश्तियों और हमारे अन्य शत्रुओं से बचाया। दाऊद अबशालोम के सामने भाग खड़ा हुआ।
9. And all H3605 the people H5971 were H1961 at strife H1777 throughout all H3605 the tribes H7626 of Israel H3478 , saying H559 , The king H4428 saved H5337 us out of the hand H4480 H3709 of our enemies H341 , and he H1931 delivered H4422 us out of the hand H4480 H3709 of the Philistines H6430 ; and now H6258 he is fled H1272 out of H4480 the land H776 for H4480 H5921 Absalom H53 .
10. हम लोगों ने अबशालोम को अपने ऊपर शासन करने के लिये चुना था। किन्तु अब वह युद्ध में मर चुका है। हम लोगों को दाऊद को फिर राजा बनाना चाहिये।” PEPS
10. And Absalom H53 , whom H834 we anointed H4886 over H5921 us , is dead H4191 in battle H4421 . Now H6258 therefore why H4100 speak H2790 ye H859 not a word of bringing H7725 H853 the king H4428 back?
11. राजा दाऊद ने याजक सादोक और एब्यातार को सन्देश भेजा। दाऊद ने कहा, “यहूदा के प्रमुखों से बात करो। कहो, ‘तुम लोग अन्तिम परिवार समूह क्यों हो जो राजा दाऊद को अपने राजमहल में वापस लाना चाहते हो? देखो, सभी इस्राएली राजा को महल में लाने के बारे में बातें कर रहे हैं।
11. And king H4428 David H1732 sent H7971 to H413 Zadok H6659 and to H413 Abiathar H54 the priests H3548 , saying H559 , Speak H1696 unto H413 the elders H2205 of Judah H3063 , saying H559 , Why H4100 are H1961 ye the last H314 to bring H7725 H853 the king H4428 back to H413 his house H1004 ? seeing the speech H1697 of all H3605 Israel H3478 is come H935 to H413 the king H4428 , even to H413 his house H1004 .
12. तुम मेरे भाई हो, तुम मेरे परिवार हो। फिर भी तुम्हारा परिवार समूह राजा को वापस लाने में अन्तिम क्यों रहा?’
12. Ye H859 are my brethren H251 , ye H859 are my bones H6106 and my flesh H1320 : wherefore H4100 then are H1961 ye the last H314 to bring back H7725 H853 the king H4428 ?
13. और अमासा से कहो, ‘तुम मेरे परिवार के अंग हो। परमेश्वर मुझे दण्ड दे यदि मैं तुमको योआब के स्थान पर सेना का नायक बनाऊँ।’ ” PEPS
13. And say H559 ye to Amasa H6021 , Art thou H859 not H3808 of my bone H6106 , and of my flesh H1320 ? God H430 do H6213 so H3541 to me , and more H3254 also H3541 , if H518 thou be H1961 not H3808 captain H8269 of the host H6635 before H6440 me continually H3605 H3117 in the room H8478 of Joab H3097 .
14. दाऊद ने यहूदा के लोगों के दिल को प्रभावित किया, अत: वे एक व्यक्ति की तरह एकमत हो गए। यहूदा के लोगों ने राजा को सन्देश भेजा। उन्होंने कहा, “अपने सभी सेवकों के साथ वापस आओ!” PEPS
14. And he bowed H5186 H853 the heart H3824 of all H3605 the men H376 of Judah H3063 , even as the heart of one H259 man H376 ; so that they sent H7971 this word unto H413 the king H4428 , Return H7725 thou H859 , and all H3605 thy servants H5650 .
15. तब राजा दाऊद यरदन नदी तक आया। यहूदा के लोग राजा से मिलने गिलगाल आए। वे इसलिये आए कि वे राजा को यरदन नदी के पार ले जाए। PS
15. So the king H4428 returned H7725 , and came H935 to H5704 Jordan H3383 . And Judah H3063 came H935 to Gilgal H1537 , to go H1980 to meet H7125 the king H4428 , to conduct the king over H5674 H853 H4428 H853 Jordan H3383 .
16. {शिमी दाऊद से क्षमा याचना करता है} PS गेरा का पुत्र शिमी बिन्यामीन परिवार समूह का था। वह बहूरीम में रहता था। शिमी ने राजा दाऊद से मिलने की शीघ्रता की। शिमी यहूदा के लोगों के साथ आया।
16. And Shimei H8096 the son H1121 of Gera H1617 , a Benjamite H1145 , which H834 was of Bahurim H4480 H980 , hasted H4116 and came down H3381 with H5973 the men H376 of Judah H3063 to meet H7125 king H4428 David H1732 .
17. शिमी के साथ बिन्यामीन परिवार के एक हजार लोग भी आए। शाऊल के परिवार का सेवक सीबा भी आया। सीबा अपने साथ अपने पन्द्रह पुत्रों और बीस सेवकों को लाया। ये सभी लोग राजा दाऊद से मिलने के लिये यरदन नदी पर शीघ्रता से पहुँचे। PEPS
17. And there were a thousand H505 men H376 of Benjamin H4480 H1144 with H5973 him , and Ziba H6717 the servant H5288 of the house H1004 of Saul H7586 , and his fifteen H2568 H6240 sons H1121 and his twenty H6242 servants H5650 with H854 him ; and they went over H6743 Jordan H3383 before H6440 the king H4428 .
18. लोग यरदन नदी पार करके राजा के परिवार को यहूदा में वापस लाने के लिये गये। राजा ने जो चाहा, लोगों ने किया। जब राजा नदी पार कर रहा था, गेरा का पुत्र शिमी उससे मिलने आया। शिमी राजा के सामने भूमि तक प्रणाम करने झुका।
18. And there went over H5674 a ferry boat H5679 to carry over H5674 H853 the king H4428 's household H1004 , and to do H6213 what he thought H5869 good H2896 . And Shimei H8096 the son H1121 of Gera H1617 fell down H5307 before H6440 the king H4428 , as he was come over H5674 Jordan H3383 ;
19. शिमी ने राजा से कहा, “मेरे स्वामी, जो मैंने अपराध किये उन पर ध्यान दे। मेरे स्वामी राजा, उन बुरे कामों को याद करे जिन्हें मैंने तब किये जब आपने यरूशलेम को छोड़ा।
19. And said H559 unto H413 the king H4428 , Let not H408 my lord H113 impute H2803 iniquity H5771 unto me, neither H408 do thou remember H2142 H853 that which H834 thy servant H5650 did perversely H5753 the day H3117 that H834 my lord H113 the king H4428 went out H3318 of Jerusalem H4480 H3389 , that the king H4428 should take H7760 it to H413 his heart H3820 .
20. मैं जानता हूँ कि मैंने पाप किये हैं। मेरे स्वामी राजा, यही कारण है कि मैं यूसुफ के परिवार *यूसुफ का परिवार संभवत: इसका अर्थ वे इस्राएली हैं जो अबशालोम के समर्थक थे। कई बार एप्रैम यूसुफ का पुत्र नाम उत्तरी इस्राएल के सभी परिवार समूहों के लिये प्रयुक्त हुआ है। का पहला व्यक्ति हूँ जो आज आपसे मिलने आया हूँ।” PEPS
20. For H3588 thy servant H5650 doth know H3045 that H3588 I H589 have sinned H2398 : therefore, behold H2009 , I am come H935 the first H7223 this day H3117 of all H3605 the house H1004 of Joseph H3130 to go down H3381 to meet H7125 my lord H113 the king H4428 .
21. किन्तु सरूयाह के पुत्र अबीशै ने कहा, “हमें शिमी को अवश्य मार डालना चाहिये क्योंकि इसने यहोवा के चुने राजा के विरुद्ध बुरा होने की याचना की।” PEPS
21. But Abishai H52 the son H1121 of Zeruiah H6870 answered H6030 and said H559 , Shall not H3808 Shimei H8096 be put to death H4191 for H8478 this H2063 , because H3588 he cursed H7043 H853 the LORD H3068 's anointed H4899 ?
22. दाऊद ने कहा, “सरूयाह के पुत्रों, मैं तुम्हारे साथ क्या करूँ? आज तुम मेरे विरुद्ध हो। कोई व्यक्ति इस्राएल में मारा नहीं जाएगा। आज मैं जानता हूँ कि मैं इस्राएल का राजा हूँ।” PEPS
22. And David H1732 said H559 , What H4100 have I to do with you , ye sons H1121 of Zeruiah H6870 , that H3588 ye should this day H3117 be H1961 adversaries H7854 unto me? shall there any man H376 be put to death H4191 this day H3117 in Israel H3478 ? for H3588 do not H3808 I know H3045 that H3588 I H589 am this day H3117 king H4428 over H5921 Israel H3478 ?
23. तब राजा ने शिमी से कहा, “तुम मरोगे नहीं।” राजा ने शिमी को वचन दिया कि वह शिमी को स्वयं नहीं मारेगा। †राजा ने मारेगा दाऊद ने शिमी को नहीं मारा किन्तु, कुछ वर्ष बाद दाऊद का पुत्र सुलैमान ने उसे वध करने का आदेश दिया। देखें 1 राजा 2:44-46 PS
23. Therefore the king H4428 said H559 unto H413 Shimei H8096 , Thou shalt not H3808 die H4191 . And the king H4428 swore H7650 unto him.
24. {मपीबोशेत दाऊद से मिलने जाता है} PS शाऊल का पौत्र मपीबोशेत राजा दाऊद से मिलने आया। मपीबोशेत ने उस सारे समय तक अपने पैरों की चिन्ता नहीं की, अपनी मूँछों को कतरा नहीं या अपने वस्त्र नहीं धोए जब तक राजा यरूशलेम छोड़ने के बाद पुन: शान्ति के साथ वापिस नहीं गया।
24. And Mephibosheth H4648 the son H1121 of Saul H7586 came down H3381 to meet H7125 the king H4428 , and had neither H3808 dressed H6213 his feet H7272 , nor H3808 trimmed H6213 his beard H8222 , nor H3808 washed H3526 his clothes H899 , from H4480 the day H3117 the king H4428 departed H1980 until H5704 the day H3117 he came H935 again in peace H7965 .
25. मपीबोशेत यरूशलेम से राजा के पास मिलने आया। राजा ने मपीबोशेत से पूछा, “तुम मेरे साथ उस समय क्यों नहीं गए जब मैं यरूशलेम से भाग गया था?” PEPS
25. And it came to pass H1961 , when H3588 he was come H935 to Jerusalem H3389 to meet H7125 the king H4428 , that the king H4428 said H559 unto him, Wherefore H4100 wentest H1980 not H3808 thou with H5973 me, Mephibosheth H4648 ?
26. मपीबोशेत ने उत्तर दिया, “हे राजा, मेरे स्वामी! मेरे सेवक (सीबा) ने मुझे मूर्ख बनाया। मैंने सीबा से कहा, ‘मैं विकलांग हूँ। अत: गधे पर काठी लगाओ। तब मैं गधे पर बैठूंगा, और राजा के साथ जाऊँगा। ‡मैने सीबा जाऊँगा संभवत: मपीबोशेत यह कह रहा था कि उसका सेवक गधा ले गया और मपीबोशेत को छोड़ गया। पढ़े 2 शमु. 16:1-4 किन्तु मेरे सेवक ने मुझे धोखा दिया।’
26. And he answered H559 , My lord H113 , O king H4428 , my servant H5650 deceived H7411 me: for H3588 thy servant H5650 said H559 , I will saddle H2280 me an ass H2543 , that I may ride H7392 thereon H5921 , and go H1980 to H854 the king H4428 ; because H3588 thy servant H5650 is lame H6455 .
27. उसने मेर बारे में आपसे बुरी बातें कहीं। किन्तु मेरे स्वामी, राजा परमेश्वर के यहाँ देवदूत के समान हैं। आप वही करें जो आप उचित समझते हैं।
27. And he hath slandered H7270 thy servant H5650 unto H413 my lord H113 the king H4428 ; but my lord H113 the king H4428 is as an angel H4397 of God H430 : do H6213 therefore what is good H2896 in thine eyes H5869 .
28. आपने मेरे पितामह के सारे परिवार को मार दिया होता। किन्तु आपने यह नहीं किया। आपने मुझे उन लोगों के साथ रखा जो आपकी मेज पर खाते हैं। इसलिये मैं राजा से किसी बात के लिये शिकायत करने का अधिकार नहीं रखता।” PEPS
28. For H3588 all H3605 of my father H1 's house H1004 were H1961 but H3588 H518 dead H4194 men H376 before H6440 my lord H113 the king H4428 : yet didst thou set H7896 H853 thy servant H5650 among them that did eat H398 at thine own table H7979 . What H4100 right H6666 therefore have H3426 I yet H5759 to cry H2199 any more H5750 unto H413 the king H4428 ?
29. राजा ने मपीबोशेत से कहा, “अपनी समस्याओं के बारे में अधिक कुछ कहो। मैं यह निर्णय करता हूँ! तुम और सीब भूमि का बंटवार कर सकते हो।” PEPS
29. And the king H4428 said H559 unto him, Why H4100 speakest H1696 thou any more H5750 of thy matters H1697 ? I have said H559 , Thou H859 and Ziba H6717 divide H2505 H853 the land H7704 .
30. मपीबोशेत ने राजा से कहा, “सीबा को सारी भूमि ले लेने दें! क्यों? क्योंकि मेरे स्वामी राजा अपने महल में शान्तिपूर्वक लौट आये हैं।” PS
30. And Mephibosheth H4648 said H559 unto H413 the king H4428 , Yea H1571 , let him take H3947 H853 all H3605 , forasmuch H310 H834 as my lord H113 the king H4428 is come again H935 in peace H7965 unto H413 his own house H1004 .
31. {दाऊद बर्जिल्लै से अपने साथ यरूशलेम चलने को कहता है} PS गिलाद का बर्जिल्लै रोगलीम से आया। वह राजा दाऊद के साथ यरदन नदी तक आया। वह राजा के साथ, यरदन नदी को उसे पार कराने के लिये गया।
31. And Barzillai H1271 the Gileadite H1569 came down H3381 from Rogelim H4480 H7274 , and went over H5674 Jordan H3383 with H854 the king H4428 , to conduct him over H7971 H853 Jordan H3383 .
32. बर्जिल्लै बहुत बूढ़ा आदमी था। वह अस्सी वर्ष का था। जब दाऊद महनैम में ठहरा था तब उसने उसको भोजन तथा अन्य चीजें दी थीं। बर्जिल्लै यह सब कर सकता था क्योंकि वह बहुत धनी व्यक्ति था।
32. Now Barzillai H1271 was a very H3966 aged H2204 man, even fourscore H8084 years H8141 old H1121 : and he H1931 had provided H853 the king H4428 of sustenance H3557 while he lay H7871 at Mahanaim H4266 ; for H3588 he H1931 was a very H3966 great H1419 man H376 .
33. दाऊद ने बर्जिल्लै से कहा, “नदी के पार मेरे साथ चलो। यदि तुम मेरे साथ यरूशलेम में रहोगे तो वहाँ मैं तुम्हारी देखभाल करूँगा।” PEPS
33. And the king H4428 said H559 unto H413 Barzillai H1271 , Come H5674 thou H859 over with H854 me , and I will feed H3557 thee with H5973 me in Jerusalem H3389 .
34. किन्तु बर्जिल्लै ने राजा से कहा, “क्या आप जानते हैं कि मैं कितना बूढ़ा हूँ? क्या आप समझते हैं कि मैं आपके साथ यरूशलेम को जा सकता हूँ?
34. And Barzillai H1271 said H559 unto H413 the king H4428 , How H4100 long H3117 H8141 have I to live H2416 , that H3588 I should go up H5927 with H854 the king H4428 unto Jerusalem H3389 ?
35. मैं अस्सी वर्ष का हूँ। मैं इतना अधिक बूढ़ा हूँ कि मैं यह नहीं बता सकता कि अच्छा क्या है और बुरा क्या है। मैं इतना अधिक बूढ़ा हूँ कि मैं जो खाता पीता हूँ उसका स्वाद नहीं ले सकता। मैं इतना बूढ़ा हूँ कि आदमियों और स्त्रियों के गाने की आवाज भी नहीं सुन सकता। आप मेरे साथ परेशान होना क्यों चाहते हैं?
35. I H595 am this day H3117 fourscore H8084 years H8141 old H1121 : and can I discern H3045 between H996 good H2896 and evil H7451 ? can H518 thy servant H5650 taste H2938 H853 what H834 I eat H398 or what H834 I drink H8354 ? can H518 I hear H8085 any more H5750 the voice H6963 of singing men H7891 and singing women H7891 ? wherefore H4100 then should thy servant H5650 be H1961 yet H5750 a burden H4853 unto H413 my lord H113 the king H4428 ?
36. मैं आपकी ओर से पुरस्कार नहीं चाहता। मैं आपके साथ नजदीक के रास्ते से यरदन नदी को पार करुँगा।
36. Thy servant H5650 will go a little way over H5674 H4592 H853 Jordan H3383 with H854 the king H4428 : and why H4100 should the king H4428 recompense H1580 it me with such H2063 a reward H1578 ?
37. किन्तु, कृपया मुझे वापस लौट जाने दें। तब मैं अपने नगर में मरुँगा और अपने माता—पिता की कब्र में दफनाया जाऊँगा किन्तु यह किम्हाम आपका सेवक हो सकता है। मेरे प्रभु राजा उसे अपने साथ लौटने दें। जो आप चाहें, उसके साथ करें।” PEPS
37. Let thy servant H5650 , I pray thee H4994 , turn back again H7725 , that I may die H4191 in mine own city H5892 , and be buried by H5973 the grave H6913 of my father H1 and of my mother H517 . But behold H2009 thy servant H5650 Chimham H3643 ; let him go over H5674 with H5973 my lord H113 the king H4428 ; and do H6213 to him H853 what H834 shall seem H5869 good H2896 unto thee.
38. राजा ने उत्तर दिया, “किम्हान मेरे साथ लौटेगा। मैं तुम्हारे कारण उस पर दयालु रहूँगा। मैं तुम्हारे लिये कुछ भी कर सकता हूँ।” PS
38. And the king H4428 answered H559 , Chimham H3643 shall go over H5674 with H854 me , and I H589 will do H6213 to him H853 that which shall seem H5869 good H2896 unto thee : and whatsoever H834 H3605 thou shalt require H977 of H5921 me, that will I do H6213 for thee.
39. {दाऊद घर लौटता है} PS राजा ने बर्जिल्लै का चुम्बन किया और उसे आशीर्वाद दिया। बर्जिल्लै घर लौट गया। और राजा तथा सभी लोग नदी के पार वापस गये। PEPS
39. And all H3605 the people H5971 went over H5674 H853 Jordan H3383 . And when the king H4428 was come over H5674 , the king H4428 kissed H5401 Barzillai H1271 , and blessed H1288 him ; and he returned H7725 unto his own place H4725 .
40. राजा यरदन नदी को पार करके गिलगाल गया। किम्हाम उसके साथ गया, यहूदा के सभी लोगों तथा आधे इस्राएल के लोगों ने दाऊद को नदी के पार पहुँचाया। PS
40. Then the king H4428 went on H5674 to Gilgal H1537 , and Chimham H3643 went on H5674 with H5973 him : and all H3605 the people H5971 of Judah H3063 conducted H5674 H853 the king H4428 , and also H1571 half H2677 the people H5971 of Israel H3478 .
41. {इस्राएली यहूदा के लोगों से तर्क वितर्क करते हैं} PS सभी इस्राएली राजा के पास आए। उन्होंने राजा से कहा, “हमारे भाई यहूदा के लोग, आपको चुरा ले गये और आपको और आपके परिवार को, आपके लोगों के सात यरदन नदी को पार ले आए। क्यों?” PEPS
41. And, behold H2009 , all H3605 the men H376 of Israel H3478 came H935 to H413 the king H4428 , and said H559 unto H413 the king H4428 , Why H4069 have our brethren H251 the men H376 of Judah H3063 stolen thee away H1589 , and have brought H5674 H853 the king H4428 , and his household H1004 , and all H3605 David H1732 's men H376 with H5973 him , over H853 Jordan H3383 ?
42. यहूदा के सभी लोगों ने इस्रालियों को उत्तर दिया, “क्योंकि राजा हमारा समीपी सम्बन्धी है। इस बात के लिये आप लोग हमसे क्रोधित क्यों हैं? हम लोगों ने राजा की कीमत पर भोजन नहीं किया है। राजा ने हम लोगों को कोई भेंट नहीं दी।” PEPS
42. And all H3605 the men H376 of Judah H3063 answered H6030 H5921 the men H376 of Israel H3478 , Because H3588 the king H4428 is near of kin H7138 to H413 us: wherefore H4100 H2088 then be ye angry H2734 for H5921 this H2088 matter H1697 ? have we eaten at all H398 H398 of H4480 the king H4428 's cost ? or H518 hath he given us any gift H5379 H5375 ?
43. इस्राएलियों ने उत्तर दिया, “हम लोग दाऊद के राज्य के दस भाग हैं। §हम लोग है बिन्यामीन और यहूदा के दो परिवार समूह थे जो बाद में राज्य के बँटने पर यहूदा का राज्य बने। अन्य दस परिवार समूह इस्राएल राज्य में थे। इसलिये हम लोगों का अधिकार दाऊद पर तुमसे अधिक है। किन्तु तुम लोगों ने हमारी उपेक्षा की। क्यों? वे हम लोग थे जिन्होंने सर्वप्रथम अपने राजा को वापस लाने की बात की।” PEPS किन्तु यहूदा ने लोगों ने इस्राएलियों को बड़ा गन्दा उत्तर दिया। यहूदा के लोगों के शब्द इस्राएलियों के शब्दों से अधिक शत्रुतापूर्ण थे। PE
43. And the men H376 of Israel H3478 answered H6030 H853 the men H376 of Judah H3063 , and said H559 , We have ten H6235 parts H3027 in the king H4428 , and we H589 have also H1571 more right in David H1732 than H4480 ye: why H4069 then did ye despise H7043 us , that our advice H1697 should not H3808 be H1961 first H7223 had in bringing back H7725 H853 our king H4428 ? And the words H1697 of the men H376 of Judah H3063 were fiercer H7185 than the words H4480 H1697 of the men H376 of Israel H3478 .
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