|
|
1. {परमेश्वर को समर्पित हो जाओ} PS तुम्हारे बीच लड़ाई-झगड़े क्यों होते हैं? क्या उनका कारण तुम्हारे अपने ही भीतर नहीं है? तुम्हारी वे भोग-विलासपूर्ण इच्छाएँ ही जो तुम्हारे भीतर निरन्तर द्वन्द्व करती रहती हैं, क्या उन्हीं से ये पैदा नहीं होते?
|
1. From whence G4159 come wars G4171 and G2532 fightings G3163 among G1722 you G5213 ? come they not G3756 hence G1782 , even of G1537 your G5216 lusts G2237 that war G4754 in G1722 your G5216 members G3196 ?
|
2. तुम लोग चाहते तो हो किन्तु तुम्हें मिल नहीं पाता। तुम में ईर्ष्या है और तुम दूसरों की हत्या करते हो, फिर भी जो चाहते हो, प्राप्त नहीं कर पाते। और इसलिए लड़ते झगड़ते हो। अपनी इच्छित वस्तुओं को तुम प्राप्त नहीं कर पाते क्योंकि तुम उन्हें परमेश्वर से नहीं माँगते।
|
2. Ye lust G1937 , and G2532 have G2192 not G3756 : ye kill G5407 , and G2532 desire to have G2206 , and G2532 cannot G1410 G3756 obtain G2013 : ye fight G3164 and G2532 war G4170 , yet G1161 ye have G2192 not G3756 , because ye G5209 ask G154 not G3361 .
|
3. और जब माँगते भी हो तो तुम्हारा उद्देश्य अच्छा नहीं होता। क्योंकि तुम उन्हें अपने भोग-विलास में ही उड़ाने को माँगते हो। PEPS
|
3. Ye ask G154 , and G2532 receive G2983 not G3756 , because G1360 ye ask G154 amiss G2560 , that G2443 ye may consume G1159 it upon G1722 your G5216 lusts G2237 .
|
4. ओ, विश्वास विहीन लोगो! क्या तुम नहीं जानते कि संसार से प्रेम करना परमेश्वर से घृणा करने जैसा ही है? जो कोई इस दुनिया से दोस्ती रखना चाहता है, वह अपने आपको परमेश्वर का शत्रु बनाता है।
|
4. Ye adulterers G3432 and G2532 adulteresses G3428 , know G1492 ye not G3756 that G3754 the G3588 friendship G5373 of the G3588 world G2889 is G2076 enmity G2189 with God G2316 ? whosoever G3739 G302 therefore G3767 will G1014 be G1511 a friend G5384 of the G3588 world G2889 is G2525 the enemy G2190 of God G2316 .
|
5. अथवा क्या तुम ऐसा सोचते हो कि शास्त्र ऐसा व्यर्थ में ही कहता है कि, “परमेश्वर ने हमारे भीतर जो आत्मा दी है, वह ईर्ष्या पूर्ण इच्छाओं से भरी रहती है।”
|
5. Do ye G2228 think G1380 that G3754 the G3588 Scripture G1124 saith G3004 in vain G2761 , The G3588 spirit G4151 that G3739 dwelleth G2730 in G1722 us G2254 lusteth G1971 to G4314 envy G5355 ?
|
6. किन्तु परमेश्वर ने हम पर अत्यधिक अनुग्रह दर्शाया है, इसलिए शास्त्र में कहा गया है, “परमेश्वर अभिमानियों का विरोधी है, जबकि दीन जनों पर अपनी अनुग्रह दर्शाता है।” ✡उद्धरण नीति. 3:34 PEPS
|
6. But G1161 he giveth G1325 more G3187 grace G5485 . Wherefore G1352 he saith G3004 , God G2316 resisteth G498 the proud G5244 , but G1161 giveth G1325 grace G5485 unto the humble G5011 .
|
7. इसलिए अपने आपको परमेश्वर के अधीन कर दो। शैतान का विरोध करो, वह तुम्हारे सामने से भाग खड़ा होगा।
|
7. Submit G5293 yourselves therefore G3767 to God G2316 . Resist G436 the G3588 devil G1228 , and G2532 he will flee G5343 from G575 you G5216 .
|
8. परमेश्वर के पास आओ, वह भी तुम्हारे पास आएगा। अरे पापियों! अपने हाथ शुद्ध करो और अरे सन्देह करने वालों, अपने हृदयों को पवित्र करो।
|
8. Draw nigh G1448 to God G2316 , and G2532 he will draw nigh G1448 to you G5213 . Cleanse G2511 your hands G5495 , ye sinners G268 ; and G2532 purify G48 your hearts G2588 , ye double minded G1374 .
|
9. शोक करो, विलाप करो और दुःखी होओ। हो सकता है तुम्हारे ये अट्टहास शोक में बदल जाए और तुम्हारी यह प्रसन्नता विषाद में बदल जाए।
|
9. Be afflicted G5003 , and G2532 mourn G3996 , and G2532 weep G2799 : let your G5216 laughter G1071 be turned G3344 to G1519 mourning G3997 , and G2532 your joy G5479 to G1519 heaviness G2726 .
|
10. प्रभु के सामने दीन बनो। वह तुम्हें ऊँचा उठाएगा। PS
|
10. Humble yourselves G5013 in the sight G1799 of the G3588 Lord G2962 , and G2532 he shall lift you up G5312 G5209 .
|
11. {न्यायकर्ता तुम नहीं हो} PS हे भाईयों, एक दूसरे के विरोध में बोलना बंद करो। जो अपने ही भाई के विरोध में बोलता है, अथवा उसे दोषी ठहराता है, वह व्यवस्था के ही विरोध में बोलता है और व्यवस्था को दोषी ठहराता है। और यदि तुम व्यवस्था पर दोष लगाते हो तो व्यवस्था के विधान का पालन करने वाले नहीं रहते वरन् उसके न्यायकर्त्ता बन जाते हो।
|
11. Speak not evil G2635 G3361 one of another G240 , brethren G80 . He that speaketh evil G2635 of his brother G80 , and G2532 judgeth G2919 his G848 brother G80 , speaketh evil G2635 of the law G3551 , and G2532 judgeth G2919 the law G3551 : but G1161 if G1487 thou judge G2919 the law G3551 , thou art G1488 not G3756 a doer G4163 of the law G3551 , but G235 a judge G2923 .
|
12. व्यवस्था के विधान को देने वाला और उसका न्याय करने वाला तो बस एक ही है। और वही रक्षा कर सकता है और वही नष्ट करता है। तो फिर अपने साथी का न्याय करने वाले तुम कौन होते हो? PS
|
12. There is G2076 one G1520 lawgiver G3550 , who is able G1410 to save G4982 and G2532 to destroy G622 : who G5101 art G1488 thou G4771 that G3739 judgest G2919 another G2087 ?
|
13. {अपना जीवन परमेश्वर को चलाने दो} PS ऐसा कहने वालो सुनो, “आज या कल हम इस या उस नगर में जाकर साल-एक भर वहाँ व्यापार में धन लगा बहुत सा पैसा बना लेंगे।”
|
13. Go to G33 now G3568 , ye that say G3004 , Today G4594 or G2532 tomorrow G839 we will go G4198 into G1519 such G3592 a city G4172 , and G2532 continue G4160 there G1563 a G1520 year G1763 , and G2532 buy and sell G1710 , and G2532 get gain G2770 :
|
14. किन्तु तुम तो इतना भी नहीं जानते कि कल तुम्हारे जीवन का क्या बनेगा! देखो, तुम तो उस धुंध के समान हो जो थोड़ी सी देर को उठती है और फिर खो जाती है।
|
14. Whereas G3748 ye know G1987 not G3756 what G3588 shall be on the G3588 morrow G839 . For G1063 what G4169 is your G5216 life G2222 ? It is G2076 even G1063 a vapor G822 , that appeareth G5316 for G4314 a little time G3641 , and G1161 then G1899 vanisheth away G853 .
|
15. सो इसके स्थान पर तुम्हें तो सदा यही कहना चाहिए, “यदि प्रभु ने चाहा तो हम जीयेंगे और यह या वह करेंगे।”
|
15. For G473 that ye G5209 ought to say G3004 , If G1437 the G3588 Lord G2962 will G2309 , we shall G2532 live G2198 , and G2532 do G4160 this G5124 , or G2228 that G1565 .
|
16. किन्तु स्थिति तो यह है कि तुम तो अपने आडम्बरों के लिए स्वयं पर गर्व करते हो। ऐसे सभी गर्व बुरे हैं।
|
16. But G1161 now G3568 ye rejoice G2744 in G1722 your G5216 boastings G212 : all G3956 such G5108 rejoicing G2746 is G2076 evil G4190 .
|
17. तो फिर यह जानते हुए भी कि यह उचित है, उसे नहीं करना पाप है। PE
|
17. Therefore G3767 to him that knoweth G1492 to do G4160 good G2570 , and G2532 doeth G4160 it not G3361 , to him G846 it is G2076 sin G266 .
|