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1. {एलीशा और लौह फलक} PS नबियों के समूह ने एलीशा से कहा, “हम लोग वहाँ उस स्थान पर रह रहे हैं। किन्तु वह हम लोगों के लिये बहुत छोटा है।
1. And the sons H1121 of the prophets H5030 said H559 unto H413 Elisha H477 , Behold H2009 now H4994 , the place H4725 where H834 H8033 we H587 dwell H3427 with H6440 thee is too strait H6862 for H4480 us.
2. हम लोग यरदन नदी को चलें और कुछ लकड़ियाँ काटें। हम में से प्रत्येक एक लट्ठा लेगा और हम लोग अपने लिये रहने का एक स्थान वहाँ बनायें।” PEPS एलीशा ने कहा, “बहुत अच्छा, जाओ और करो।” PEPS
2. Let us go H1980 , we pray thee H4994 , unto H5704 Jordan H3383 , and take H3947 thence H4480 H8033 every man H376 a H259 beam H6982 , and let us make H6213 us a place H4725 there H8033 , where H8033 we may dwell H3427 . And he answered H559 , Go H1980 ye.
3. उनमें से एक व्यक्ति ने कहा, “कृपया हमारे साथ चलें।” PEPS एलीशा ने कहा, “बहुत अच्छा, मैं तुम्हारे साथ चलूँगा।” PEPS
3. And one H259 said H559 , Be content H2974 , I pray thee H4994 , and go H1980 with H854 thy servants H5650 . And he answered H559 , I H589 will go H1980 .
4. अतः एलीशा नबियों के समूह के साथ गया। जब वे यरदन नदी पर पहुँचे तो उन्होंने कुछ पेड़ काटने आरम्भ किये।
4. So he went H1980 with H854 them . And when they came H935 to Jordan H3383 , they cut down H1504 wood H6086 .
5. किन्तु जब एक व्यक्ति एक पेड़ को काट रहा था तो कुल्हाड़ी का लौह फलक कुल्हाड़ी से निकल गया और पानी में गिर पड़ा। तब वह व्यक्ति चिल्लाया, “हे स्वामी! मैंने वह कुल्हाड़ी उधार ली थी!” PEPS
5. But as one H259 was H1961 felling H5307 a beam H6982 , the axe head H1270 fell H5307 into H413 the water H4325 : and he cried H6817 , and said H559 , Alas H162 , master H113 ! for it H1931 was borrowed H7592 .
6. परमेश्वर के जन (एलीशा) ने कहा, “वह कहाँ गिरी” PEPS उस व्यक्ति ने एलीशा को वह स्थान दिखाया जहाँ लौह फलक गिरा था। तब एलीशा ने एक डंडी काटी और उस डंडी को पानी में फेंक दिया। उस डंडी ने लौह फलक को तैरा दिया।
6. And the man H376 of God H430 said H559 , Where H575 fell H5307 it? And he showed H7200 him H853 the place H4725 . And he cut down H7094 a stick H6086 , and cast H7993 it in thither H8033 ; and the iron H1270 did swim H6687 .
7. एलीशा ने कहा, “लौह फलक को पकड़ लो।” तब वह व्यक्ति आगे बढ़ा और उसने लौह फलक को ले लिया। PS
7. Therefore said H559 he , Take it up H7311 to thee . And he put out H7971 his hand H3027 , and took H3947 it.
8. {अराम का राजा इस्राएल के राजा को फँसाने का प्रयत्न करता है} PS अराम का राजा इस्राएल के विरुद्ध युद्ध कर रहा था। उसने सेना के अधिकारियों के साथ परिषद बैठक बुलाई। उसने आदेश दिया, “इस स्थान पर छिप जाओ और इस्राएलियों पर तब आक्रमण करो जब यहाँ से होकर निकलें।” PEPS
8. Then the king H4428 of Syria H758 warred H3898 against Israel H3478 , and took counsel H3289 with H413 his servants H5650 , saying H559 , In H413 such and such H6423 H492 a place H4725 shall be my camp H8466 .
9. किन्तु परमेश्वर के जन (एलीशा) ने इस्राएल के राजा को एक संदेश भेजा। एलीशा ने कहा, “सावधान रहो! उस स्थान से होकर मत जाओ। वहाँ अरामी सैनिक छिपे हैं!” PEPS
9. And the man H376 of God H430 sent H7971 unto H413 the king H4428 of Israel H3478 , saying H559 , Beware H8104 that thou pass not H4480 H5674 such H2088 a place H4725 ; for H3588 thither H8033 the Syrians H758 are come down H5185 .
10. इस्राएल के राजा ने उस स्थान पर जिसके विषय में परमेश्वर के जन (एलीशा) ने चेतावनी दी थी, अपने व्यक्तियों को संदेश भेजा और इस्राएल के राजा ने बहुत से पुरुषों को बचा लिया। *बहुत से लिया शाब्दिक, “एक या दो नहीं।” PEPS
10. And the king H4428 of Israel H3478 sent H7971 to H413 the place H4725 which H834 the man H376 of God H430 told H559 him and warned H2094 him of , and saved himself H8104 there H8033 , not H3808 once H259 nor H3808 twice H8147 .
11. अराम का राजा इससे बहुत घबराया। अराम के राजा ने अपने सैनिक अधिकारियों को बुलाया, और उनसे पूछा, “मुझे बताओ कि इस्राएल के राजा के लिये जासूसी कौन कर रहा है।” PEPS
11. Therefore the heart H3820 of the king H4428 of Syria H758 was sore troubled H5590 for H5921 this H2088 thing H1697 ; and he called H7121 H413 his servants H5650 , and said H559 unto H413 them , Will ye not H3808 show H5046 me which H4310 of H4480 H7495 us is for H413 the king H4428 of Israel H3478 ?
12. अराम के राजा के सैनिक अधिकारियों में से एक ने कहा, “मेरे प्रभु और राजा, हम में से कोई भी जासूस नहीं है! एलीशा, इस्राएल का नबी इस्राएल के राजा को अनेक गुप्त सूचनाएं दे सकता है, यहाँ तक कि आप जो अपने बिस्तर में कहेंगे, उसकी भी!” PEPS
12. And one H259 of his servants H4480 H5650 said H559 , None H3808 , my lord H113 , O king H4428 : but H3588 Elisha H477 , the prophet H5030 that H834 is in Israel H3478 , telleth H5046 the king H4428 of Israel H3478 H853 the words H1697 that H834 thou speakest H1696 in thy bedchamber H2315 H4904 .
13. अराम के राजा ने कहा, “एलीशा का पता लगाओ और मैं उसे पकड़ने के लिये आदमियों को भेजूँगा।” PEPS सेवकों ने अराम के राजा से कहा, “एलीशा दोतान में है!” PEPS
13. And he said H559 , Go H1980 and spy H7200 where H351 he H1931 is , that I may send H7971 and fetch H3947 him . And it was told H5046 him, saying H559 , Behold H2009 , he is in Dothan H1886 .
14. तब अराम के राजा ने घोड़े, रथ और विशाल सेना को दोतान को भेजा। वे रात को पहुँचे और उन्होंने नगर को घेर लिया।
14. Therefore sent H7971 he thither H8033 horses H5483 , and chariots H7393 , and a great H3515 host H2428 : and they came H935 by night H3915 , and compassed H5362 H5921 the city H5892 about.
15. एलीशा के सेवक उस सुबह को जल्दी उठे। एक सेवक बाहर गया और उसने एक सेना को घोड़ों और रथों के साथ नगर के चारों ओर देखा। PEPS एलीशा के सेवक ने एलीशा से कहा, “ओह, मेरे स्वामी हम क्या कर सकते हैं” PEPS
15. And when the servant H8334 of the man H376 of God H430 was risen H6965 early H7925 , and gone forth H3318 , behold H2009 , a host H2428 compassed H5437 H853 the city H5892 both with horses H5483 and chariots H7393 . And his servant H5288 said H559 unto H413 him, Alas H162 , my master H113 ! how H349 shall we do H6213 ?
16. एलीशा ने कहा, “डरो नहीं! वह सेना जो हमारे लिये युद्ध करती है, उस सेना से बड़ी है जो अराम के लिये युद्ध करती है!” PEPS
16. And he answered H559 , Fear H3372 not H408 : for H3588 they that H834 be with H854 us are more H7227 than they that H4480 H834 be with H854 them.
17. तब एलीशा ने प्रार्थना की और कहा, “यहोवा, मैं तुझसे प्रार्थना करता हूँ कि तू मेरे सेवक की आँखें खोल जिससे वह देख सके।” PEPS यहोवा ने युवक की आँखे खोलीं और सेवक ने देखा कि पूरा पर्वत अग्नि के घोड़ों और रथों से ढका पड़ा था। वे सभी एलीशा के चारों ओर थे! PEPS
17. And Elisha H477 prayed H6419 , and said H559 , LORD H3068 , I pray thee H4994 , open H6491 H853 his eyes H5869 , that he may see H7200 . And the LORD H3068 opened H6491 H853 the eyes H5869 of the young man H5288 ; and he saw H7200 : and, behold H2009 , the mountain H2022 was full H4390 of horses H5483 and chariots H7393 of fire H784 round about H5439 Elisha H477 .
18. ये आग के घोड़े और रथ एलीशा के पास आए। एलीशा ने यहोवा से प्रार्थना की और कहा, “मैं प्रार्थना करता हूँ कि तू इन लोगों को अन्धा कर दे।” PEPS तब यहोवा ने अरामी सेना को अन्धा कर दिया, जैसे एलीशा ने प्रार्थना की थी।
18. And when they came down H3381 to H413 him, Elisha H477 prayed H6419 unto H413 the LORD H3068 , and said H559 , Smite H5221 H853 this H2088 people H1471 , I pray thee H4994 , with blindness H5575 . And he smote H5221 them with blindness H5575 according to the word H1697 of Elisha H477 .
19. एलीशा ने अरामी सेना से कहा, “यह उचित मार्ग नहीं है। यह उपयुक्त नगर नहीं है। मेरे पीछे आओ। मैं उस व्यक्ति के पास तुम्हें ले जाऊँगा जिसकी खोज तुम कर रहे हो।” तब एलीशा अरामी सेना को शोमरोन ले गया। PEPS
19. And Elisha H477 said H559 unto H413 them, This H2088 is not H3808 the way H1870 , neither H3808 is this H2090 the city H5892 : follow H1980 H310 me , and I will bring H1980 you to H413 the man H376 whom H834 ye seek H1245 . But he led H1980 them to Samaria H8111 .
20. जब वे शोमरोन पहुँचे तो एलीशा ने कहा, “यहोवा, इन लोगों की आँखे खोल दे जिससे ये देख सकें।” PEPS तब यहोवा ने उनकी आँखें खोल दीं और अरामी सेना ने देखा कि वह शोमरोन नगर में थे।
20. And it came to pass H1961 , when they were come H935 into Samaria H8111 , that Elisha H477 said H559 , LORD H3068 , open H6491 H853 the eyes H5869 of these H428 men , that they may see H7200 . And the LORD H3068 opened H6491 H853 their eyes H5869 , and they saw H7200 ; and, behold H2009 , they were in the midst H8432 of Samaria H8111 .
21. इस्राएल के राजा ने अरामी सेना को देखा। इस्राएल के राजा ने एलीशा से पूछा, “मेरे पिता, क्या मैं इन्हें मार डालूँ क्या मैं इन्हें मार डालूँ” PEPS
21. And the king H4428 of Israel H3478 said H559 unto H413 Elisha H477 , when he saw H7200 them , My father H1 , shall I smite H5221 them ? shall I smite H5221 them ?
22. एलीशा ने उत्तर दिया, “नहीं, इन्हें मारो मत। तुम उन लोगों को नहीं मारते जिन्हें तुम युद्ध में अपनी तलवार और धनुष—बाण के बल से पकड़ते हो। अरामी सेना को कुछ रोटी—पानी दो। उन्हें खाने—पीने दो। तब इन्हें अपने स्वामी के पास लौट जाने दो।” PEPS
22. And he answered H559 , Thou shalt not H3808 smite H5221 them : wouldest thou H859 smite H5221 those whom H834 thou hast taken captive H7617 with thy sword H2719 and with thy bow H7198 ? set H7760 bread H3899 and water H4325 before H6440 them , that they may eat H398 and drink H8354 , and go H1980 to H413 their master H113 .
23. इस्राएल के राजा ने अरामी सेना के लिये बहुत सा भोजन तैयार कराया। अरामी सेना ने खाया—पीया। तब इस्राएल के राजा ने अरामी सेना को उनके घर वापस भेज दिया। अरामी सेना अपने स्वामी के पास घर लौट गई। अरामी लोगों ने इसके बाद इस्राएल पर आक्रमण करने के लिये फिर कोई सेना नहीं भेजी। PS
23. And he prepared H3739 great H1419 provision H3740 for them : and when they had eaten H398 and drunk H8354 , he sent them away H7971 , and they went H1980 to H413 their master H113 . So the bands H1416 of Syria H758 came H935 no H3808 more H3254 H5750 into the land H776 of Israel H3478 .
24. {भयंकर भुखमरी शोमरोन को कष्ट देती है} PS जब यह सब हो गया तो अराम के राजा बेन्हदद ने अपनी सारी सेना इकट्ठा की और वह शोमरोन नगर पर घेरा डालने और उस पर आक्रमण करने गया।
24. And it came to pass H1961 after H310 this H3651 , that Ben H1130 -hadad king H4428 of Syria H758 gathered H6908 H853 all H3605 his host H4264 , and went up H5927 , and besieged H6696 H5921 Samaria H8111 .
25. सैनिकों ने लोगों को नगर में भोजन सामग्री भी नहीं लाने दी। इसलिये शोमरोन में भयंकर भूखमरी का समय गया। यह शोमरोन में इतना भयंकर था कि एक गधे का सिर चाँदी के अस्सी सिक्कों में बिकने लगा और कबूतर की एक पिन्ट बीट की कीमत पाँच चाँदी के सिक्के थे। PEPS
25. And there was H1961 a great H1419 famine H7458 in Samaria H8111 : and, behold H2009 , they besieged H6696 H5921 it, until H5704 an ass H2543 's head H7218 was H1961 sold for fourscore H8084 pieces of silver H3701 , and the fourth part H7255 of a cab H6894 of dove's dung H1686 for five H2568 pieces of silver H3701 .
26. इस्राएल का राजा नगर की प्राचीर पर घूम रहा था। एक स्त्री ने चिल्लाकर उसे पुकारा। उस स्त्री ने कहा, “मेरे प्रभु और राजा, कृपया मेरी सहायता करें!” PEPS
26. And as the king H4428 of Israel H3478 was H1961 passing by H5674 upon H5921 the wall H2346 , there cried H6817 a woman H802 unto H413 him, saying H559 , Help H3467 , my lord H113 , O king H4428 .
27. इस्राएल के राजा ने कहा, “यदि यहोवा तुम्हारी सहायता नहीं करता तो मैं कैसे तुमको सहायता दे सकता हूँ मेरे पास तुमको देने को कुछ भी नहीं है। खलिहानों से कोई अन्न नहीं आया, या दाखमधु के कारखाने से कोई दाखमधु नहीं आई।”
27. And he said H559 , If the LORD H3068 do not H408 help H3467 thee, whence H4480 H370 shall I help H3467 thee? out of H4480 the barnfloor H1637 , or H176 out of H4480 the winepress H3342 ?
28. तब इस्राएल के राजा ने उस स्त्री से पूछा, “तुम्हारी परेशानी क्या है?” PEPS स्त्री ने जवाब दिया, “इस स्त्री ने मुझसे कहा, ‘अपने पुत्र को मुझे दो जिससे हम उसे मार डाले और उसे आज खा ले। तब हम अपने पुत्र को कल खायेंगे।’
28. And the king H4428 said H559 unto her, What H4100 aileth thee? And she answered H559 , This H2063 woman H802 said H559 unto H413 me, Give H5414 H853 thy son H1121 , that we may eat H398 him today H3117 , and we will eat H398 my son H1121 tomorrow H4279 .
29. अत: हम ने अपने पुत्र को पकाया और खाया। तब दूसरे दिन मैंने इस स्त्री से कहा, ‘अपने पुत्र को दो जिससे हम उसे मार सकें और खा सकें।’ किन्तु उसने अपने पुत्र को छिपा दिया है।” PEPS
29. So we boiled H1310 H853 my son H1121 , and did eat H398 him : and I said H559 unto H413 her on the next H312 day H3117 , Give H5414 H853 thy son H1121 , that we may eat H398 him : and she hath hid H2244 H853 her son H1121 .
30. जब राजा ने उस स्त्री की बातें सुनीं तो उसने अपने वस्त्रों को अपनी परेशानी व्यक्त करने के लिये फाड़ डाला। जब राजा प्राचीर से होकर चला तो लोगों ने देखा कि वह अपने पहनावे के नीचे मोटे वस्त्र पहने था जिससे पता चलता था कि वह बहुत दुःखी और परेशान है। PEPS
30. And it came to pass H1961 , when the king H4428 heard H8085 H853 the words H1697 of the woman H802 , that he rent H7167 H853 his clothes H899 ; and he H1931 passed by H5674 upon H5921 the wall H2346 , and the people H5971 looked H7200 , and, behold H2009 , he had sackcloth H8242 within H4480 H1004 upon H5921 his flesh H1320 .
31. राजा ने कहा, “परमेश्वर मुझे दण्डित करे यदि शापात के पुत्र एलीशा का सिर इस दिन के अन्त तक भी उसके धड़ पर रह जाये।” PEPS
31. Then he said H559 , God H430 do H6213 so H3541 and more H3254 also H3541 to me, if H518 the head H7218 of Elisha H477 the son H1121 of Shaphat H8202 shall stand H5975 on H5921 him this day H3117 .
32. राजा ने एलीशा के पास एक सन्देशवाक भेजा। एलीशा अपने घर में बैठा था और अग्रज (प्रमुख) उसके साथ बैठे थे। सन्देशवाहक के आने के पहले एलीशा ने प्रमुखों से कहा, “देखो, वह हत्यारे का पुत्र (इस्राएल का राजा) लोगों को मेरा सिर काटने को भेज रहा है। जब सन्देशवाहक आये तो दरवाजा बन्द कर लेना। दरवाजे को बन्द रखो और उसे घुसने मत दो। मैं उसके पीछे उसके स्वामी के आने वाले कदमों की आवाज सुन रहा हूँ!” PEPS
32. But Elisha H477 sat H3427 in his house H1004 , and the elders H2205 sat H3427 with H854 him ; and the king sent H7971 a man H376 from before H4480 H6440 him : but ere H2962 the messenger H4397 came H935 to H413 him, he H1931 said H559 to H413 the elders H2205 , See H7200 ye how H3588 this H2088 son H1121 of a murderer H7523 hath sent H7971 to take away H5493 H853 mine head H7218 ? look H7200 , when the messenger H4397 cometh H935 , shut H5462 the door H1817 , and hold him fast H3905 H853 at the door H1817 : is not H3808 the sound H6963 of his master H113 's feet H7272 behind H310 him?
33. जिस समय एलीशा अग्रजों (प्रमुखों) से बातें कर ही रहा था, सन्देशवाहक उसके पास आया। सन्देश यह थाः “यह विपत्ति यहोवा की ओर से आई है! मैं यहोवा की प्रतीक्षा आगे और क्यों करुँ” PE
33. And while he yet H5750 talked H1696 with H5973 them, behold H2009 , the messenger H4397 came down H3381 unto H413 him : and he said H559 , Behold H2009 , this H2063 evil H7451 is of H4480 H854 the LORD H3068 ; what H4100 should I wait H3176 for the LORD H3068 any longer H5750 ?
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