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1. {प्रस्तावना} PS (1-3) मैं बूजी का पुत्र याजक यहेजकेल हूँ। मैं देश निष्कासित था। मैं उस समय बाबुल में कबार नदी पर था जब मेरे लिए स्वर्ग खुला और मैंने परमेश्वर का दर्शन किया। यह तीसवें वर्ष के चौथे महीने जुलाई का पाँचवां दिन था। (राजा यहोयाकीम के देश निष्कासन के पाँचवें वर्ष और महीने के पाँचवें दिन यहेजकेल को यहोवा का सन्देश मिला। उस स्थान पर उसके ऊपर यहोवा की शक्ति आई।) PS
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1. Now it came to pass H1961 in the thirtieth H7970 year H8141 , in the fourth H7243 month , in the fifth H2568 day of the month H2320 , as I H589 was among H8432 the captives H1473 by H5921 the river H5104 of Chebar H3529 , that the heavens H8064 were opened H6605 , and I saw H7200 visions H4759 of God H430 .
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16.
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4. {यहोवा का रथ और उसका सिंहासन} PS मैंने (यहेजकेल) एक धूल भरी आंधी उत्तर से आती देखी। यह एक विशाल बादल था और उसमें से आग चमक रही थी। इसके चारों ओर प्रकाश जगमगा रहा था। यह आग में चमकते तप्त धातु सा दिखता था।
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4. And I looked H7200 , and, behold H2009 , a whirlwind H7307 H5591 came H935 out of H4480 the north H6828 , a great H1419 cloud H6051 , and a fire H784 enfolding itself H3947 , and a brightness H5051 was about H5439 it , and out of the midst H4480 H8432 thereof as the color H5869 of amber H2830 , out of the midst H4480 H8432 of the fire H784 .
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5. बादल के भीतर चार प्राणी थे। वे मनुष्यों की तरह दिखते थे।
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5. Also out of the midst H4480 H8432 thereof came the likeness H1823 of four H702 living creatures H2416 . And this H2088 was their appearance H4758 ; they H2007 had the likeness H1823 of a man H120 .
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6. किन्तु हर एक प्राणी के चार मुख और चार पंख थे।
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6. And every one H259 had four H702 faces H6440 , and every one H259 had four H702 wings H3671 .
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7. उनके पैर सीधे थे। उनके पैर बछड़े के पैर जैसे दिखते थे और वे झलकाये हुए पीतल की तरह चमकते थे।
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7. And their feet H7272 were straight H3477 feet H7272 ; and the sole H3709 of their feet H7272 was like the sole H3709 of a calf H5695 's foot H7272 : and they sparkled H5340 like the color H5869 of burnished H7044 brass H5178 .
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8. उनके पंखों के नीचे मानवी हाथ थे। वहाँ चार प्राणी थे और हर एक प्राणी के चार मुख और चार पंख थे।
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8. And they had the hands H3027 of a man H120 under H4480 H8478 their wings H3671 on H5921 their four H702 sides H7253 ; and they four H702 had their faces H6440 and their wings H3671 .
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9. उनके पंख एक दूसरे को छूते थे। जब वे चलते थे, मुड़ते नहीं थे। वे उसी दिशा में चलते थे जिसे देख रहे थे। PEPS
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9. Their wings H3671 were joined H2266 one H802 to H413 another H269 ; they turned H5437 not H3808 when they went H1980 ; they went H1980 every one H376 straight H5676 forward H6440 .
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10. हर एक प्राणी के चार मुख थे। सामने की ओर उनका चेहरा मनुष्य का था। दायीं ओर सिंह का चेहरा था। बांयी ओर बैल का चेहरा था और पीछे की ओर उकाब का चेहरा था।
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10. As for the likeness H1823 of their faces H6440 , they four H702 had the face H6440 of a man H120 , and the face H6440 of a lion H738 , on H413 the right side H3225 : and they four H702 had the face H6440 of an ox H7794 on the left side H4480 H8040 ; they four H702 also had the face H6440 of an eagle H5404 .
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11. प्राणियों के पंख उनके ऊपर फैले हुये थे। वे दो पंखों से अपने पास के प्राणी के दो पंखों को स्पर्श किये थे तथा दो को अपने शरीर को ढकने के लिये उपयोग में लिया था।
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11. Thus were their faces H6440 : and their wings H3671 were stretched H6504 upward H4480 H4605 ; two H8147 wings of every one H376 were joined H2266 one to another H376 , and two H8147 covered H3680 H853 their bodies H1472 .
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12. वे प्राणी जब चलते थे तो मुड़ते नहीं थे। वे उसी दिशा में चलते थे जिसे वे देख रहे थे। वे वहीं जाते थे जहाँ आत्मा उन्हें ले जाती थी।
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12. And they went H1980 every one H376 straight H5676 forward H6440 : whither H834 H8033 the spirit H7307 was H1961 to go H1980 , they went H1980 ; and they turned H5437 not H3808 when they went H1980 .
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13. हर एक प्राणी इस प्रकार दिखता था। PEPS उन प्राणियों के बीच के स्थान में जलती हुई कोयले की आग सी दिख रही थी। यह आग छोटे—छोटे मशालों की तरह उन प्राणियों के बीच चल रही थी। आग बड़े प्रकाश के साथ चमक रही थी और बिजली की तरह कौंध रही थी!
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13. As for the likeness H1823 of the living creatures H2416 , their appearance H4758 was like burning H1197 coals H1513 of fire H784 , and like the appearance H4758 of lamps H3940 : it H1931 went up and down H1980 among H996 the living creatures H2416 ; and the fire H784 was bright H5051 , and out of H4480 the fire H784 went forth H3318 lightning H1300 .
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14. वे प्राणी बिजली की तरह तेजी से पीछे को और आगे को दौड़ते थे! PEPS
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14. And the living creatures H2416 ran H7519 and returned H7725 as the appearance H4758 of a flash of lightning H965 .
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15. (15-16) जब मैंने प्राणियों को देखा तो चार चक्र देखे! हर एक प्राणी के लिये एक चक्र था। चक्र भूमि को छू रहे थे और एक समान थे। चक्र ऐसे दिख रहे थे मानों पीली शुद्ध मणि के बने हों। वे ऐसे दिखते थे मानों एक चक्र के भीतर दूसरा चक्र हो।
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15. Now as I beheld H7200 the living creatures H2416 , behold H2009 one H259 wheel H212 upon the earth H776 by H681 the living creatures H2416 , with his four H702 faces H6440 .
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17. वे चक्र किसी भी दिशा में घूम सकते थे। किन्तु वे प्राणी जब चलते थे तो घूम नहीं सकते थे। PEPS
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17. When they went H1980 , they went H1980 upon H5921 their four H702 sides H7253 : and they turned H5437 not H3808 when they went H1980 .
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18. उन चक्रों के घेरे ऊँचे और डरावने थे! उन चारों चक्रों के घेरे में आँखें ही आँखें थी। PEPS
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18. As for their rings H1354 , they were so high H1363 that they were dreadful H3374 ; and their rings H1354 were full H4392 of eyes H5869 round about H5439 them four H702 .
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19. चक्र सदा प्राणियों के साथ चलते थे। यदि प्राणी ऊपर हवा में जाते तो चक्र भी उनके साथ जाते।
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19. And when the living creatures H2416 went H1980 , the wheels H212 went H1980 by H681 them : and when the living creatures H2416 were lifted up H5375 from H4480 H5921 the earth H776 , the wheels H212 were lifted up H5375 .
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20. वे वहीं जाते, जहाँ “आत्मा” उन्हें ले जाना चाहती और चक्र उनके साथ जाते थे। क्यों क्योंकि प्राणियों की “आत्मा” (शक्ति) चक्र में थी।
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20. Whithersoever H5921 H834 H8033 the spirit H7307 was H1961 to go H1980 , they went H1980 , thither H8033 was their spirit H7307 to go H1980 ; and the wheels H212 were lifted up H5375 over against H5980 them: for H3588 the spirit H7307 of the living creature H2416 was in the wheels H212 .
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21. इसलिये यदि प्राणी चलते थे तो चक्र भी चलते थे। यदि प्राणी रूक जाते थे तो चक्र भी रूक जाते थे। यदि चक्र हवा में ऊपर जाते तो प्राणी उनके साथ जाते थे। क्यों क्योंकि आत्मा चक्र में थी। PEPS
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21. When those went H1980 , these went H1980 ; and when those stood H5975 , these stood H5975 ; and when those were lifted up H5375 from H4480 H5921 the earth H776 , the wheels H212 were lifted up H5375 over against H5980 them: for H3588 the spirit H7307 of the living creature H2416 was in the wheels H212 .
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22. प्राणियों के सिर के ऊपर एक आश्चर्यजनक चीज थी। यह एक उल्टे कटोरे की सी थी। कटोरा बर्फ की तरह स्वच्छ था!
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22. And the likeness H1823 of the firmament H7549 upon H5921 the heads H7218 of the living creature H2416 was as the color H5869 of the terrible H3372 crystal H7140 , stretched forth H5186 over H5921 their heads H7218 above H4480 H4605 .
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23. इस कटोरे के नीचे हर एक प्राणी के सीधे पंख थे जो दूसरे प्राणी तक पहुँच रहे थे। दो पंख उसके शरीर के एक भाग को ढकते थे और अन्य दो दूसरे भाग को। PEPS
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23. And under H8478 the firmament H7549 were their wings H3671 straight H3477 , the one H802 toward H413 the other H269 : every one H376 had two H8147 , which covered H3680 on this side H2007 , and every one H376 had two H8147 , which covered H3680 on that side H2007 , H853 their bodies H1472 .
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24. जब कभी वे प्राणी चलते थे, उनके पंख बड़ी तेज ध्वनि करते थे। वह ध्वनि समुद्र के गर्जन जैसी उत्पन्न होती थी। वह सर्वशक्तिमान परमेश्वर के समीप से निकलने के वाणी के समान थी। वह किसी सेना के जन—समूह के शोर की तरह थी। जब वे प्राणी चलना बन्द करते थे तो वे अपने पंखो को अपनी बगल में समेट लेते थे। PEPS
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24. And when they went H1980 , I heard H8085 H853 the noise H6963 of their wings H3671 , like the noise H6963 of great H7227 waters H4325 , as the voice H6963 of the Almighty H7706 , the voice H6963 of speech H1999 , as the noise H6963 of a host H4264 : when they stood H5975 , they let down H7503 their wings H3671 .
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25. उन प्राणियों ने चलना बन्द किया और अपने पंखों को समेटा और वहाँ फिर भीषण आवाज हुआ। वह आवाज उस कटोरे से हुआ जो उनके सिर के ऊपर था।
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25. And there was H1961 a voice H6963 from H4480 H5921 the firmament H7549 that H834 was over H5921 their heads H7218 , when they stood H5975 , and had let down H7503 their wings H3671 .
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26. उस कटोरे के ऊपर वहाँ कुछ था जो एक सिंहासन की तरह दिखता था। यह नीलमणि की तरह नीला था। वहाँ कोई था जो उस सिंहासन पर बैठा एक मनुष्य की तरह दिख रहा था!
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26. And above H4480 H4605 the firmament H7549 that H834 was over H5921 their heads H7218 was the likeness H1823 of a throne H3678 , as the appearance H4758 of a sapphire H5601 stone H68 : and upon H5921 the likeness H1823 of the throne H3678 was the likeness H1823 as the appearance H4758 of a man H120 above H4480 H4605 upon H5921 it.
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27. मैंने उसे उसकी कमर से ऊपर देखा। वह तप्त—धातु कि तरह दिखा। उसके चारों ओर ज्वाला सी फूट रही थी! मैंने उसे उसकी कमर के नीचे देखा। यह आग की तरह दिखा जो उसके चारों ओर जगमगा रही थी।
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27. And I saw H7200 as the color H5869 of amber H2830 , as the appearance H4758 of fire H784 round about H5439 within H1004 it , from the appearance H4480 H4758 of his loins H4975 even upward H4605 , and from the appearance H4480 H4758 of his loins H4975 even downward H4295 , I saw H7200 as it were the appearance H4758 of fire H784 , and it had brightness H5051 round about H5439 .
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28. उसके चारों ओर चमकता प्रकाश बादलों में मेघ धनुष सा था। यह यहोवा की महिमा सा दिख रहा था। जैसे ही मैने वह देखा, मैं धरती पर गिर गया। मैंने धरती पर अपना माथा टेका। तब मैंने एक आवाज सम्बोधित करते हुए सुनी। PE
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28. As the appearance H4758 of the bow H7198 that H834 is H1961 in the cloud H6051 in the day H3117 of rain H1653 , so H3651 was the appearance H4758 of the brightness H5051 round about H5439 . This H1931 was the appearance H4758 of the likeness H1823 of the glory H3519 of the LORD H3068 . And when I saw H7200 it , I fell H5307 upon H5921 my face H6440 , and I heard H8085 a voice H6963 of one that spoke H1696 .
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