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1. {आत्मा से जीवन} PS इस प्रकार अब उनके लिये जो यीशु मसीह में स्थित हैं, कोई दण्ड नहीं है। क्योंकि वे शरीर के अनुसार नहीं बल्कि आत्मा के अनुसार चलते है।
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1. There is therefore G686 now G3568 no G3762 condemnation G2631 to them G3588 which are in G1722 Christ G5547 Jesus G2424 , who walk G4043 not G3361 after G2596 the flesh G4561 , but G235 after G2596 the Spirit G4151 .
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2. क्योंकि आत्मा की व्यवस्था ने जो यीशु मसीह में जीवन देती है, तुझे पाप की व्यवस्था से जो मृत्यु की ओर ले जाती है, स्वतन्त्र कर दिया है। *तुझे कुछ यूनानी प्रतियों में है “मुझे।”
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2. For G1063 the G3588 law G3551 of the G3588 Spirit G4151 of life G2222 in G1722 Christ G5547 Jesus G2424 hath made me free G1659 G3165 from G575 the G3588 law G3551 of sin G266 and G2532 death G2288 .
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3. जिसे मूसा की वह व्यवस्था जो मनुष्य के भौतिक स्वभाव के कारण दुर्बल बना दी गई थी, नहीं कर सकी उसे परमेश्वर ने अपने पुत्र को हमारे ही जैसे शरीर में भेजकर जिससे हम पाप करते हैं — उसकी भौतिक देह को पाप वाली बनाकर पाप को निरस्त करके पूरा किया।
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3. For G1063 what the G3588 law G3551 could not do G102 , in G1722 that G3739 it was weak G770 through G1223 the G3588 flesh G4561 , God G2316 sending G3992 his own G1438 Son G5207 in G1722 the likeness G3667 of sinful G266 flesh G4561 , and G2532 for G4012 sin G266 , condemned G2632 sin G266 in G1722 the G3588 flesh G4561 :
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4. जिससे कि हमारे द्वारा, जो देह की भौतिक विधि से नहीं, बल्कि आत्मा की विधि से जीते हैं, व्यवस्था की आवश्यकताएँ पूरी की जा सकें। PEPS
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4. That G2443 the G3588 righteousness G1345 of the G3588 law G3551 might be fulfilled G4137 in G1722 us G2254 , who walk G4043 not G3361 after G2596 the flesh G4561 , but G235 after G2596 the Spirit G4151 .
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5. क्योंकि वे जो अपने भौतिक मानव स्वभाव के अनुसार जीते हैं, उनकी बुद्धि मानव स्वभाव की इच्छाओं पर टिकी रहती है परन्तु वे जो आत्मा के अनुसार जीते है, उनकी बुद्धि जो आत्मा चाहती है उन अभिलाषाओं में लगी रहती है।
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5. For G1063 they that are G5607 after G2596 the flesh G4561 do mind G5426 the things G3588 of the G3588 flesh G4561 ; but G1161 they G3588 that are after G2596 the Spirit G4151 the things G3588 of the G3588 Spirit G4151 .
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6. भौतिक मानव स्वभाब के बस में रहने वाले मन का अन्त मृत्यु है, किन्तु आत्मा के वश में रहने वाली बुद्धि का परिणाम है जीवन और शान्ति।
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6. For G1063 to be carnally G4561 minded G5427 is death G2288 ; but G1161 to be spiritually G4151 minded G5427 is life G2222 and G2532 peace G1515 .
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7. इस तरह भौतिक मानव स्वभाव से अनुशासित मन परमेश्वर का विरोधी है। क्योंकि वह न तो परमेश्वर के नियमों के अधीन है और न हो सकता है।
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7. Because G1360 the G3588 carnal G4561 mind G5427 is enmity G2189 against G1519 God G2316 : for G1063 it is not subject G5293 G3756 to the G3588 law G3551 of God G2316 , neither G3761 indeed G1063 can G1410 be.
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8. और वे जो भौतिक मानव स्वभाव के अनुसार जीते हैं, परमेश्वर को प्रसन्न नहीं कर सकते। PEPS
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8. So G1161 then they that are G5607 in G1722 the flesh G4561 cannot G1410 G3756 please G700 God G2316 .
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9. किन्तु तुम लोग भौतिक मानव स्वभाव के अधीन नहीं हो, बल्कि आत्मा के अधीन हो यदि वास्तव में तुममें परमेश्वर की आत्मा का निवास है। किन्तु यदि किसी में यीशु मसीह की आत्मा नहीं है तो वह मसीह का नहीं है।
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9. But G1161 ye G5210 are G2075 not G3756 in G1722 the flesh G4561 , but G235 in G1722 the Spirit G4151 , if so be that G1512 the Spirit G4151 of God G2316 dwell G3611 in G1722 you G5213 . Now G1161 if any man G1536 have G2192 not G3756 the Spirit G4151 of Christ G5547 , he G3778 is G2076 none G3756 of his G848 .
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10. दूसरी तरफ यदि तुममें मसीह है तो चाहे तुम्हारी देह पाप के हेतु मर चुकी है पवित्र आत्मा, परमेश्वर के साथ तुम्हें धार्मिक ठहराकर स्वयं तुम्हारे लिए जीवन बन जाती है।
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10. And G1161 if G1487 Christ G5547 be in G1722 you G5213 , the G3588 body G4983 is G3303 dead G3498 because G1223 of sin G266 ; but G1161 the G3588 Spirit G4151 is life G2222 because G1223 of righteousness G1343 .
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11. और यदि वह आत्मा जिसने यीशु को मरे हुओं में से जिलाया था, तुम्हारे भीतर वास करती है, तो वह परमेश्वर जिस ने यीशु को मरे हुओं में से जिलाया था, तुम्हारे नाशवान शरीरों को अपनी आत्मा से जो तुम्हारे ही भीतर बसती है, जीवन देगा। PEPS
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11. But G1161 if G1487 the G3588 Spirit G4151 of him that raised up G1453 Jesus G2424 from G1537 the dead G3498 dwell G3611 in G1722 you G5213 , he that raised up G1453 Christ G5547 from G1537 the dead G3498 shall also G2532 quicken G2227 your G5216 mortal G2349 bodies G4983 by G1223 his G848 Spirit G4151 that dwelleth G1774 in G1722 you G5213 .
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12. इसलिए मेरे भाईयों, हम पर इस भौतिक शरीर का कर्ज़ तो है किन्तु ऐसा नहीं कि हम इसके अनुसार जियें।
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12. Therefore G686 G3767 , brethren G80 , we are G2070 debtors G3781 , not G3756 to the G3588 flesh G4561 , to live G2198 after G2596 the G3588 flesh G4561 .
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13. क्योंकि यदि तुम भौतिक शरीर के अनुसार जिओगे तो मरोगे। किन्तु यदि तुम आत्मा के द्वारा शरीर के व्यवहारों का अंत कर दोगे तो तुम जी जाओगे। PEPS
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13. For G1063 if G1487 ye live G2198 after G2596 the flesh G4561 , ye shall G3195 die G599 : but G1161 if G1487 ye through the Spirit G4151 do mortify G2289 the G3588 deeds G4234 of the G3588 body G4983 , ye shall live G2198 .
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14. जो परमेश्वर की आत्मा के अनुसार चलते हैं, वे परमेश्वर की संतान हैं।
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14. For G1063 as many as G3745 are led G71 by the Spirit G4151 of God G2316 , they G3778 are G1526 the sons G5207 of God G2316 .
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15. क्योंकि वह आत्मा जो तुम्हें मिली है, तुम्हें फिरसे दास बनाने या डराने के लिए नहींहै, बल्कि वह आत्मा जो तुमने पाया है तुम्हें परमेश्वर की संपालित संतान बनाती है।जिस से हम पुकार उठते हैं, “हे अब्बा, हे पिता!”
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15. For G1063 ye have not G3756 received G2983 the spirit G4151 of bondage G1397 again G3825 to G1519 fear G5401 ; but G235 ye have received G2983 the Spirit G4151 of adoption G5206 , whereby G1722 G3739 we cry G2896 , Abba G5 , Father G3962 .
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16. वह पवित्र आत्मा स्वयं हमारीआत्मा के साथ मिलकर साक्षी देती है कि हम परमेश्वर की संतान हैं।
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16. The G3588 Spirit G4151 itself G846 beareth witness with G4828 our G2257 spirit G4151 , that G3754 we are G2070 the children G5043 of God G2316 :
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17. और क्योंकि हम उसकी संतान हैं, हम भी उत्तराधिकारी हैं, परमेश्वर के उत्तराधिकारी और मसीह के साथ हम उत्तराधिकारी यदि वास्तव में उसके साथ दुःख उठाते हैं तो हमें उसके साथ महिमा मिलेगी ही। PS
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17. And G1161 if G1487 children G5043 , then G2532 heirs G2818 ; heirs G2818 of G3303 God G2316 , and G1161 joint G4789 -heirs with Christ G5547 ; if so be that G1512 we suffer with G4841 him, that G2443 we may be also G2532 glorified together G4888 .
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18. {हमें महिमा मिलेगी} PS क्योंकि मेरे विचार में इस समय की हमारी यातनाएँ प्रकट होने वाली भावी महिमा के आगे कुछ भी नहीं है।
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18. For G1063 I reckon G3049 that G3754 the G3588 sufferings G3804 of this present G3568 time G2540 are not G3756 worthy G514 to be compared with G4314 the G3588 glory G1391 which shall G3195 be revealed G601 in G1519 us G2248 .
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19. क्योंकि यह सृष्टि बड़ी आशा से उस समय का इंतज़ार कर रही है जब परमेश्वर की संतान को प्रकट किया जायेगा।
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19. For G1063 the G3588 earnest expectation G603 of the G3588 creature G2937 waiteth for G553 the G3588 manifestation G602 of the G3588 sons G5207 of God G2316 .
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20. यह सृष्टि निःसार थी अपनी इच्छा से नहीं, बल्कि उसकी इच्छा से जिसने इसे इस आशा के अधीन किया
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20. For G1063 the G3588 creature G2937 was made subject G5293 to vanity G3153 , not G3756 willingly G1635 , but G235 by reason of G1223 him who hath subjected G5293 the same in G1909 hope G1680 ,
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21. कि यह भी कभी अपनी विनाशमानता से छुटकारा पाकर परमेश्वर की संतान की शानदार स्वतन्त्रता का आनन्द लेगी। PEPS
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21. Because G3754 the G3588 creature G2937 itself G848 also G2532 shall be delivered G1659 from G575 the G3588 bondage G1397 of corruption G5356 into G1519 the G3588 glorious G1391 liberty G1657 of the G3588 children G5043 of God G2316 .
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22. क्योंकि हम जानते हैं कि आज तक समूची सृष्टि पीड़ा में कराहती और तड़पती रही है।
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22. For G1063 we know G1492 that G3754 the whole G3956 creation G2937 groaneth G4959 and G2532 travaileth in pain together G4944 until G891 now G3568 .
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23. न केवल यह सृष्टि बल्कि हम भी जिन्हें आत्मा का पहला फल मिला है, अपने भीतर कराहते रहे है। क्योंकि हमें उसके द्वारा पूरी तरह अपनाये जाने का इंतजार है कि हमारी देह मुक्ति हो जायेगी।
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23. And G1161 not G3756 only G3440 they, but G235 ourselves G848 also G2532 , which have G2192 the G3588 firstfruits G536 of the G3588 Spirit G4151 , even G2532 we G2249 ourselves G848 groan G4727 within G1722 ourselves G1438 , waiting for G553 the adoption G5206 , to wit , the G3588 redemption G629 of our G2257 body G4983 .
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24. हमारा उद्धार हुआ है। इसी से हमारे मन में आशा है किन्तु जब हम जिसकी आशा करते है, उसे देख लेते हैं तो वह आशा नहीं रहती। जो दिख रहा है उसकी आशा कौन कर सकता है।
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24. For G1063 we are saved G4982 by hope G1680 : but G1161 hope G1680 that is seen G991 is G2076 not G3756 hope G1680 : for G1063 what G3739 a man G5100 seeth G991 , why G5101 doth he yet G2532 hope for G1679 ?
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25. किन्तु यदि जिसे हम देख नहीं रहे उसकी आशा करते हैं तो धीरज और सहनशीलता के साथ उसकी बाट जोहते हैं। PEPS
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25. But G1161 if G1487 we hope for G1679 that G3739 we see G991 not G3756 , then do we with G1223 patience G5281 wait for G553 it.
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26. ऐसे ही जैसे हम कराहते हैं, आत्मा हमारी दुर्बलता में हमारी सहायता करने आती है क्योंकि हम नहीं जानते कि हम किसके लिये प्रार्थना करें। किन्तु आत्मा स्वयं ऐसी आहें भर कर जिनकी शब्दों में अभिव्यक्ति नहीं की जा सकती, हमारे लिए विनती करती है।
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26. G1161 Likewise G5615 the G3588 Spirit G4151 also G2532 helpeth G4878 our G2257 infirmities G769 : for G1063 we know G1492 not G3756 what G5101 we should pray for G4336 as G2526 we ought G1163 : but G235 the G3588 Spirit G4151 itself G848 maketh intercession G5241 for G5228 us G2257 with groanings G4726 which cannot be uttered G215 .
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27. किन्तु वह अन्तर्यामी जानता है कि आत्मा की मनसा क्या है। क्योंकि परमेश्वर की इच्छा से ही वह परमेश्वर के पवित्र जनों के लिए मध्यस्थता करती है। PEPS
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27. And G1161 he that searcheth G2045 the G3588 hearts G2588 knoweth G1492 what G5101 is the G3588 mind G5427 of the G3588 Spirit G4151 , because G3754 he maketh intercession G1793 for G5228 the saints G40 according G2596 to the will of God G2316 .
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28. और हम जानते हैं कि हर परिस्थिति में वह आत्मा परमेश्वर के भक्तों के साथ मिल कर वह काम करता है जो भलाई ही लाते हैं उन सब के लिए जिन्हें उसके प्रयोजन के अनुसार ही बुलाया गया है।
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28. And G1161 we know G1492 that G3754 all things G3956 work together G4903 for G1519 good G18 to them that love G25 God G2316 , to them who are G5607 the G3588 called G2822 according G2596 to his purpose G4286 .
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29. जिन्हें उसने पहले ही चुना उन्हें पहले ही अपने पुत्र के रूप में ठहराया ताकि बहुत से भाइयों में वह सबसे बड़ा भाई बन सके।
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29. For G3754 whom G3739 he did foreknow G4267 , he also G2532 did predestinate G4309 to be conformed to G4832 the G3588 image G1504 of his G848 Son G5207 , that he G846 might be G1511 the firstborn G4416 among G1722 many G4183 brethren G80 .
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30. जिन्हें उसने पहले से निश्चित किया, उन्हें भी उसने बुलाया और जिन्हें उसने बुलाया, उन्हें उसने धर्मी ठहराया और जिन्हें उसने धर्मी ठहराया, उन्हें महिमा भी प्रदान की। PS
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30. Moreover G1161 whom G3739 he did predestinate G4309 , them G5128 he also G2532 called G2564 : and G2532 whom G3739 he called G2564 , them G5128 he also G2532 justified G1344 : and G1161 whom G3739 he justified G1344 , them G5128 he also G2532 glorified G1392 .
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31. {परमेश्वर का प्रेम} PS तो इसे देखते हुए हम क्या कहें? यदि परमेश्वर हमारे पक्ष में है तो हमारे विरोध में कौन हो सकता है?
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31. What G5101 shall we then G3767 say G2046 to G4314 these G5023 things? If G1487 God G2316 be for G5228 us G2257 , who G5101 can be against G2596 us G2257 ?
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32. उसने जिसने अपने पुत्र तक को बचा कर नहीं रखा बल्कि उसे हम सब के लिए मरने को सौंप दिया। वह भला हमें उसके साथ और सब कुछ क्यों नहीं देगा?
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32. He that G3739 G1065 spared G5339 not G3756 his own G2398 Son G5207 , but G235 delivered him up G3860 G846 for G5228 us G2257 all G3956 , how G4459 shall he not G3780 with G4862 him G846 also G2532 freely give G5483 us G2254 all things G3956 ?
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33. परमेश्वर के चुने हुए लोगों पर ऐसा कौन है जो,दोष लगायेगा? वह परमेश्वर ही है जो उन्हें निर्दोष ठहराता है।
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33. Who G5101 shall lay any thing to the charge G1458 G2596 of God G2316 's elect G1588 ? It is God G2316 that justifieth G1344 .
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34. ऐसा कौन है जो उन्हें दोषी ठहराएगा? मसीह यीशु वह है जो मर गया (और इससे भी अधिक महत्त्वपूर्ण यह है कि) उसे फिर जिलाया गया। जो परमेश्वर के दाहिनी ओर बैठा है और हमारी ओर से विनती भी करता है
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34. Who G5101 is he that condemneth G2632 ? It is Christ G5547 that died G599 , yea G1161 rather G3123 , that G2532 is risen again G1453 , who G3739 is G2076 even G2532 at G1722 the right hand G1188 of God G2316 , who G3739 also G2532 maketh intercession G1793 for G5228 us G2257 .
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35. कौन है जो हमें मसीह के प्यार से अलग करेगा? यातना या कठिनाई या अत्याचार या अकाल या नंगापन या जोख़िम या तलवार?
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35. Who G5101 shall separate G5563 us G2248 from G575 the G3588 love G26 of Christ G5547 ? shall tribulation G2347 , or G2228 distress G4730 , or G2228 persecution G1375 , or G2228 famine G3042 , or G2228 nakedness G1132 , or G2228 peril G2794 , or G2228 sword G3162 ?
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36. जैसा कि शास्त्र कहता है: “तेरे (मसीह) लिए सारे दिन हमें मौत को सौंपा जाता है। हम काटी जाने वाली भेड़ जैसे समझे जाते हैं।” भजन संहिता 44:22 PS
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36. As G2531 it is written G1125 , For thy sake G1752 G4675 we are killed G2289 all G3650 the G3588 day G2250 long ; we are accounted G3049 as G5613 sheep G4263 for the slaughter G4967 .
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37. तब भी उसके द्वारा जो हमें प्रेम करता है, इन सब बातों में हम एक शानदार विजय पा रहे हैं।
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37. Nay G235 , in G1722 all G3956 these things G5125 we are more than conquerors G5245 through G1223 him that loved G25 us G2248 .
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38. क्योंकि मैं मान चुका हूँ कि न मृत्यु और न जीवन, न स्वर्गदूत और न शासन करने वाली आत्माएँ, न वर्तमान की कोई वस्तु और न भविष्य की कोई वस्तु, न आत्मिक शक्तियाँ,
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38. For G1063 I am persuaded G3982 , that G3754 neither G3777 death G2288 , nor G3777 life G2222 , nor G3777 angels G32 , nor G3777 principalities G746 , nor G3777 powers G1411 , nor G3777 things present G1764 , nor G3777 things to come G3195 ,
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39. न कोई हमारे ऊपर का और न हमसे नीचे का, न सृष्टि की कोई और वस्तु हमें प्रभु के उस प्रेम से, जो हमारे भीतर प्रभु यीशु मसीह के प्रति है, हमें अलग कर सकेगी। PE
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39. Nor G3777 height G5313 , nor G3777 depth G899 , nor G3777 any G5100 other G2087 creature G2937 , shall be able G1410 to separate G5563 us G2248 from G575 the G3588 love G26 of God G2316 , which G3588 is in G1722 Christ G5547 Jesus G2424 our G2257 Lord G2962 .
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