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1. {हिजकिय्याह की परमेश्वर से प्रार्थना} PS हिजकियाह ने जब सेनापति का सन्देश सुना तो उसने अपने वस्त्र फाड़ लिये। फिर विशेष शोक वस्त्र धारण करके वह यहोवा के मन्दिर में गया। PEPS
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1. And it came to pass H1961 , when king H4428 Hezekiah H2396 heard H8085 it , that he rent H7167 H853 his clothes H899 , and covered himself H3680 with sackcloth H8242 , and went H935 into the house H1004 of the LORD H3068 .
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2. हिजकिय्याह ने महल के सेवक एल्याकीम को राजा के सचिव शेब्ना को और याजकों के अग्रजों को आमोस के पुत्र यशायाह नबी के पास भेजा। इन तीनों ही लोगों ने विशेष शोक—वस्त्र पहने हुए थे।
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2. And he sent H7971 H853 Eliakim H471 , who H834 was over H5921 the household H1004 , and Shebna H7644 the scribe H5608 , and the elders H2205 of the priests H3548 covered H3680 with sackcloth H8242 , unto H413 Isaiah H3470 the prophet H5030 the son H1121 of Amoz H531 .
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3. इन लोगों ने यशायाह से कहा, “राजा हिजकिय्याह ने कहा है कि आज का दिन शोक और दु:ख का एक विशेष दिन होगा। यह दिन एक ऐसा दिन होगा जैसे जब एक बच्चा जन्म लेता है। किन्तु बच्चे को जन्म देने वाली माँ में जितनी शक्ति होनी चाहिये उसमें उतनी ताकत नहीं होती।
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3. And they said H559 unto H413 him, Thus H3541 saith H559 Hezekiah H2396 , This H2088 day H3117 is a day H3117 of trouble H6869 , and of rebuke H8433 , and of blasphemy H5007 : for H3588 the children H1121 are come H935 to H5704 the birth H4866 , and there is not H369 strength H3581 to bring forth H3205 .
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4. सम्भव है तुम्हारा परमेश्वर यहोवा, सेनापति द्वारा कही बातों को सुन ले। अश्शूर के राजा ने सेनापति को साक्षात परमेश्वर को अपमानित करने भेजा है। हो सकता है तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने उन बुरी अपमानपूर्ण बातों को सुन लिया है और वह उन्हें इसका दण्ड देगा। कृपा करके इस्राएल के उन थोड़े से लोगों के लिये प्रार्थना करो जो बचे हुए हैं” PEPS
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4. It may be H194 the LORD H3068 thy God H430 will hear H8085 H853 the words H1697 of Rab H7262 -shakeh, whom H834 the king H4428 of Assyria H804 his master H113 hath sent H7971 to reproach H2778 the living H2416 God H430 , and will reprove H3198 the words H1697 which H834 the LORD H3068 thy God H430 hath heard H8085 : wherefore lift up H5375 thy prayer H8605 for H1157 the remnant H7611 that is left H4672 .
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5. हिजकिय्याह के सेवक यशायाह के पास गये।
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5. So the servants H5650 of king H4428 Hezekiah H2396 came H935 to H413 Isaiah H3470 .
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6. यशायाह ने उनसे कहा, “अपने मालिक को यह बता देना: यहोवा कहता है, ‘तुमने सेनापति से जो सुना है, उन बातों से मत डरना। अश्शूर के राजा के “लड़कों” ने मेरा अपमान करने के लिये जो बुरी बातें कही हैं, उन से मत डरना।
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6. And Isaiah H3470 said H559 unto H413 them, Thus H3541 shall ye say H559 unto H413 your master H113 , Thus H3541 saith H559 the LORD H3068 , Be not afraid H3372 H408 of H4480 H6440 the words H1697 that H834 thou hast heard H8085 , wherewith H834 the servants H5288 of the king H4428 of Assyria H804 have blasphemed H1442 me.
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7. देखो अश्शूर के राजा को मैं एक अफवाह सुनावाऊँगा। अश्शूर के राजा को एक ऐसी रपट मिलेगी जो उसके देश पर आने वाले खतरे के बारे मे होगी। इससे वह अपने देश वापस लौट जायेगा। उस समय मैं उसे, उसके अपने ही देश में तलवार से मौत के घाट उतार दूँगा।’ ” PS
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7. Behold H2009 , I will send H5414 a blast H7307 upon him , and he shall hear H8085 a rumor H8052 , and return H7725 to H413 his own land H776 ; and I will cause him to fall H5307 by the sword H2719 in his own land H776 .
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8. {अश्शूर की सेना का यरूशलेम को छोड़ना} PS अश्शूर के राजा को एक सूचना मिली, सूचना में कहा गया था, “कूश का राजा तिर्हाका तुझसे युद्ध करने आ रहा है।”
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8. So Rab H7262 -shakeh returned H7725 , and found H4672 H853 the king H4428 of Assyria H804 warring H3898 against H5921 Libnah H3841 : for H3588 he had heard H8085 that H3588 he was departed H5265 from Lachish H4480 H3923 .
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9. सो अश्शूर का राजा लाकीश को छोड़ कर लिबना चला गया। सेनापति ने यह सुना और वह लिबना नगर को चला गया जहाँ अश्शूर का राजा युद्ध कर रहा था। PEPS फिर अश्शूर के राजा ने हिजकिय्याह के पास दूत भेजे।
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9. And he heard H8085 say H559 concerning H5921 Tirhakah H8640 king H4428 of Ethiopia H3568 , He is come forth H3318 to make war H3898 with H854 thee . And when he heard H8085 it , he sent H7971 messengers H4397 to H413 Hezekiah H2396 , saying H559 ,
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10. राजा ने उन दूतों से कहा, “यहूदा के राजा हिजकिय्याह से तुम ये बातें कहना: ‘जिस देवता पर तुम्हारा विश्वास है, उससे तुम मूर्ख मत बनो। ऐसा मत कहो, “अश्शूर के राजा से परमेश्वर यरूशलेम को पराजित नहीं होने देगा।”
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10. Thus H3541 shall ye speak H559 to H413 Hezekiah H2396 king H4428 of Judah H3063 , saying H559 , Let not H408 thy God H430 , in whom H834 thou H859 trustest H982 , deceive H5377 thee, saying H559 , Jerusalem H3389 shall not H3808 be given H5414 into the hand H3027 of the king H4428 of Assyria H804 .
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11. देखो, तुम अश्शूर के राजाओं के बारे में सुन ही चुके हो। उन्होंने हर किसी देश में लोगों के साथ क्या कुछ किया है। उन्हें उन्होंने बुरी तरह हराया है। क्या तुम उनसे बच पाओगे नहीं, कदापि नहीं!
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11. Behold H2009 , thou H859 hast heard H8085 what H834 the kings H4428 of Assyria H804 have done H6213 to all H3605 lands H776 by destroying them utterly H2763 ; and shalt thou H859 be delivered H5337 ?
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12. क्या उन लोगों के देवताओं ने उनकी रक्षा की थी नहीं! मेरे पूर्वजों ने उन्हें नष्ट कर दिया था। मेरे लोगों ने गोजान, हारान और रेसेप के नगरों को हरा दिया था और उन्होंने एदेन के लोगों जो तलस्सार में रहा करते थे, उन्हें भी हरा दिया था।
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12. Have the gods H430 of the nations H1471 delivered H5337 them which H834 my fathers H1 have destroyed H7843 , as H853 Gozan H1470 , and Haran H2771 , and Rezeph H7530 , and the children H1121 of Eden H5729 which H834 were in Telassar H8515 ?
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13. हमात और अर्पाद के राजा कहाँ गये सपर्वैम का राजा आज कहाँ है हेना और इव्वा के राजा अब कहाँ हैं उनका अंत कर दिया गया! वे सभी नष्ट कर दिये गये!” PS
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13. Where H346 is the king H4428 of Hamath H2574 , and the king H4428 of Arphad H774 , and the king H4428 of the city H5892 of Sepharvaim H5617 , Hena H2012 , and Ivah H5755 ?
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14. {हिजकिय्याह की परमेश्वर से प्रार्थना} PS हिजकिय्याह ने उन लोगों से वह सन्देश ले लिया और उसे पढ़ा। फिर हिजकिय्याह यहोवा के मन्दिर में चला गाय। हिजकिय्याह ने उस सन्देश को खोला और यहोवा के सामने रख दिया।
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14. And Hezekiah H2396 received H3947 H853 the letter H5612 from the hand H4480 H3027 of the messengers H4397 , and read H7121 it : and Hezekiah H2396 went up H5927 unto the house H1004 of the LORD H3068 , and spread H6566 it before H6440 the LORD H3068 .
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15. फिर हिजकिय्याह यहोवा से प्रार्थना करने लगा। हिजकिय्याह बोला:
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15. And Hezekiah H2396 prayed H6419 unto H413 the LORD H3068 , saying H559 ,
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16. “इस्राएल के परमेश्वर सर्वशक्तिमान यहोवा, तू राजा के समान करुब (स्वर्गदूतों) पर विराजता है। तू और बस केवल तू ही परमेश्वर है, जिसका धरती के सभी राज्यों पर शासन है। तूने स्वर्गों और धरती की रचना की है।
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16. O LORD H3068 of hosts H6635 , God H430 of Israel H3478 , that dwellest H3427 between the cherubims H3742 , thou H859 art the God H430 , even thou alone H905 , of all H3605 the kingdoms H4467 of the earth H776 : thou H859 hast made H6213 H853 heaven H8064 and earth H776 .
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17. मेरी सुन! अपनी आँखें खोल और देख, कान लगाकर सुन इस सन्देश के शब्दों को, जिसे सन्हेरीब ने मुझे भेजा है। इसमें तुझ साक्षात परमेश्वर के बारे में अपमानपूर्ण बुरी—बुरी बातें कही हैं।
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17. Incline H5186 thine ear H241 , O LORD H3068 , and hear H8085 ; open H6491 thine eyes H5869 , O LORD H3068 , and see H7200 : and hear H8085 H853 all H3605 the words H1697 of Sennacherib H5576 , which H834 hath sent H7971 to reproach H2778 the living H2416 God H430 .
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18. हे यहोवा, अश्शूर के राजाओं ने वास्तव में सभी देशों और वहाँ की धरती को तबाह कर दिया है।
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18. Of a truth H551 , LORD H3068 , the kings H4428 of Assyria H804 have laid waste H2717 H853 all H3605 the nations H776 , and their countries H776 ,
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19. अश्शूर के राजाओं ने उन देशों के देवताओं को जला डाला है किन्तु वे सच्चे देवता नहीं थे। वे तो केवल ऐसे मूर्ती थे जिन्हें लोगों ने बनाया था। वे तो कोरी लकड़ी थे, कोरे पत्थर थे। इसलिये वे समाप्त हो गये। वे नष्ट हो गये।
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19. And have cast H5414 H853 their gods H430 into the fire H784 : for H3588 they H1992 were no H3808 gods H430 , but H3588 H518 the work H4639 of men H120 's hands H3027 , wood H6086 and stone H68 : therefore they have destroyed H6 them.
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20. सो अब हे हमारे परमेश्वर यहोवा। अब कृपा करके अश्शूर के राजा की शक्ति से हमारी रक्षा कर। ताकि धरती के सभी राज्यों को भी पता चल जाये कि तू यहोवा है और तू ही हमारा एकमात्र परमेश्वर है!” PS
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20. Now H6258 therefore , O LORD H3068 our God H430 , save H3467 us from his hand H4480 H3027 , that all H3605 the kingdoms H4467 of the earth H776 may know H3045 that H3588 thou H859 art the LORD H3068 , even thou only H905 .
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21. {हिजकिय्याह को परमेश्वर का उत्तर} PS फिर आमोस के पुत्र यशायाह ने हिजकिय्याह के पास यह सन्देश भेजा, “यह वह है जिसे इस्राएल के परमेश्वर यहोवा ने कहा, ‘अश्शूर के राजा सन्हेरीब के बारे में तूने मुझसे प्रार्थना की है।’ PEPS
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21. Then Isaiah H3470 the son H1121 of Amoz H531 sent H7971 unto H413 Hezekiah H2396 , saying H559 , Thus H3541 saith H559 the LORD H3068 God H430 of Israel H3478 , Whereas H834 thou hast prayed H6419 to H413 me against H413 Sennacherib H5576 king H4428 of Assyria H804 :
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22. “सो मुझे यहोवा ने जो सन्हेरीब के विरोध में कहा, वह यह है: ‘सिय्योन की कुवाँरी पुत्री (यरूशलेम के लोग) तुझे तुच्छ जानती है। वह तेरी हँसी उड़ाती है। यरूशलेम की पुत्री तेरी हँसी उड़ाती है।
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22. This H2088 is the word H1697 which H834 the LORD H3068 hath spoken H1696 concerning H5921 him ; The virgin H1330 , the daughter H1323 of Zion H6726 , hath despised H936 thee, and laughed thee to scorn H3932 ; the daughter H1323 of Jerusalem H3389 hath shaken H5128 her head H7218 at H310 thee.
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23. तूने मेरे लिये मेरे विरोध में बुरी बातें कही। तू बोलता रहा। तू अपनी आवाज मेरे विरोध में उठायी थी! तूने मुझ इस्राएल के पवित्र (परमेश्वर) को अभिमान भी आँखों से घूरा था।
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23. H853 Whom H4310 hast thou reproached H2778 and blasphemed H1442 ? and against H5921 whom H4310 hast thou exalted H7311 thy voice H6963 , and lifted up H5375 thine eyes H5869 on high H4791 ? even against H413 the Holy One H6918 of Israel H3478 .
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24. मेरे स्वामी यहोवा के विषय में तूने बुरी बातें कहलवाने के लिये तूने अपने सेवकों का प्रयोग किया। तूने कहा, “मैं बहुत शक्तिशाली हूँ! मेरे पास बहुत से रथ हैं। मैंने अपनी शक्ति से लबानोन को हराया जब मैं अपने रथों को लबानोन के महान पर्वत के ऊँचे शिखरों के ऊपर ले आया। मैंने लबानोन के सभी महान पेड़ काट डाले। मैं उच्चतम शिखर से लेकर गहरे जंगलों तक प्रवेश कर चुका हूँ।
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24. By H3027 thy servants H5650 hast thou reproached H2778 the Lord H136 , and hast said H559 , By the multitude H7230 of my chariots H7393 am I H589 come up H5927 to the height H4791 of the mountains H2022 , to the sides H3411 of Lebanon H3844 ; and I will cut down H3772 the tall H6967 cedars H730 thereof, and the choice H4005 fir trees H1265 thereof : and I will enter H935 into the height H4791 of his border H7093 , and the forest H3293 of his Carmel H3759 .
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25. मैंने विदेशी धरती पर कुँए खोदे और पानी पिया। मैंने मिस्र की नदियाँ सुखा दी और उस देश पर चल कर गया है!”
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25. I H589 have digged H6979 , and drunk H8354 water H4325 ; and with the sole H3709 of my feet H6471 have I dried up H2717 all H3605 the rivers H2975 of the besieged places H4693 .
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26. ‘ये वह जो तूने कहा। क्या तूने यह नहीं सुना कि परमेश्वर ने क्या कहा मैंने (परमेश्वर ने) बहुत बहुत पहले ही यह योजना बना ली थी। बहुत—बहुत पहले ही मैंने इसे तैयार कर लिया था अब इसे मैंने घटित किया है। मैंने ही तुम्हें उन नगरों को नष्ट करने दिया और मैंने ही तुम्हें उन नगरों को पत्थरों के ढेर में बदलने दिया।
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26. Hast thou not H3808 heard H8085 long ago H4480 H7350 , how I have done H6213 it; and of ancient H6924 times H4480 H3117 , that I have formed H3335 it? now H6258 have I brought it to pass H935 , that thou shouldest be H1961 to lay waste H7582 defensed H1219 cities H5892 into ruinous H5327 heaps H1530 .
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27. उन नगरों के निवासी कमजोर थे। वे लोग भयभीत और लज्जित थे। वे खेत के पौधे के जैसे थे, वे नई घास के जैसे थे। वे उस घास के समान थे जो मकानों की छतों पर उगा करती है। वह घास लम्बी होने से पहले ही रेगिस्तान की गर्म हवा से झुलसा दी जाती है।
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27. Therefore their inhabitants H3427 were of small H7116 power H3027 , they were dismayed H2865 and confounded H954 : they were H1961 as the grass H6212 of the field H7704 , and as the green H3419 herb H1877 , as the grass H2682 on the housetops H1406 , and as corn blasted H7711 before H6440 it be grown up H7054 .
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28. तेरी सेना और तेरे युद्धों के बारे में मैं सब कुछ जानता हूँ। मुझे पता है जब तूने विश्राम किया था। जब तू युद्ध के लिये गया था, मुझे तब का भी पता है। तू युद्ध से घर कब लौटा, मैं यह भी जानता हूँ। मुझे इसका भी ज्ञान है कि तू मुझ पर क्रोधित है।
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28. But I know H3045 thy abode H3427 , and thy going out H3318 , and thy coming in H935 , and thy rage H7264 against H413 me.
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29. तू मुझसे खुश नहीं है और मैंने तेरे अहंकारपूर्ण अपमानों को सुना है। सो मैं तुझे दण्ड दूँगा। मैं तेरी नाक मे नकेल डालूँगा। मैं तेरे मुँह पर लगाम लगाऊँगा और तब मैं तुझे विवश करुँगा कि तू जिस मार्ग से आया था, उसी मार्ग से मेरे देश को छोड़ कर वापस चला जा!’ ” PS
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29. Because H3282 thy rage H7264 against H413 me , and thy tumult H7600 , is come up H5927 into mine ears H241 , therefore will I put H7760 my hook H2397 in thy nose H639 , and my bridle H4964 in thy lips H8193 , and I will turn thee back H7725 by the way H1870 by which H834 thou camest H935 .
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30. इस पर यहोवा ने हिजकिय्याह से कहा, “हिजकिय्याह, तुझे यह दिखाने के लिये कि ये शब्द सच्चे हैं, मैं तुझे एक संकेत दूँगा। इस वर्ष तू खाने के लिए कोई अनाज नहीं बोयेगा। सो इस वर्ष तू पिछले वर्ष की फसल से यूँ ही उग आये अनाज को खायेगा। अगले वर्ष भी ऐसी ही होगा किन्तु तीसरे वर्ष तू उस अनाज को खायेगा जिसे तूने उगाया होगा। तू अपनी फसलों को काटेगा। तेरे पास खाने को भरपूर होगा। तू अँगूर की बेलें रोपेगा और उनके फल खायेगा। PEPS
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30. And this H2088 shall be a sign H226 unto thee , Ye shall eat H398 this year H8141 such as groweth of itself H5599 ; and the second H8145 year H8141 that which springeth of the same H7823 : and in the third H7992 year H8141 sow H2232 ye , and reap H7114 , and plant H5193 vineyards H3754 , and eat H398 the fruit H6529 thereof.
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31. “यहूदा के परिवार के कुछ लोग बच जायेंगे। वे ही लोग बढ़ते हुए एक बहुत बड़ी जाति का रुप ले लेंगे। वे लोग उन वृक्षों के समान होंगे जिनकी जड़ें धरती में बहुत गहरी जाती हैं और जो बहुत तगड़े हो जाते हैं और बहुत से फल (संतानें) देते हैं।
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31. And the remnant H7604 that is escaped H6413 of the house H1004 of Judah H3063 shall again H3254 take root H8328 downward H4295 , and bear H6213 fruit H6529 upward H4605 :
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32. यरूशलेम से कुछ ही लोग जीवित बचकर बाहर जा पाएँगे। सिय्योन पर्वत से बचे हुए लोगों का एक समूह ही बाहर जा जाएगा।” सर्वशक्तिमान यहोवा का सुदृढ़ प्रेम ही ऐसा करेगा। PEPS
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32. For H3588 out of Jerusalem H4480 H3389 shall go forth H3318 a remnant H7611 , and they that escape H6413 out of mount H4480 H2022 Zion H6726 : the zeal H7068 of the LORD H3068 of hosts H6635 shall do H6213 this H2063 .
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33. सो यहोवा ने अश्शूर के राजा के बारे में यह कहा, “वह इस नगर में नहीं आ पायेगा, वह इस नगर पर एक भी बाण नहीं छोड़ेगा, वह अपनी ढालों का मुहँ इस नगर की ओर नहीं करेगा। इस नगर के परकोटे पर हमला करने के लिए वह मिट्टी का टीला खड़ा नहीं करेगा।
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33. Therefore H3651 thus H3541 saith H559 the LORD H3068 concerning H413 the king H4428 of Assyria H804 , He shall not H3808 come H935 into H413 this H2063 city H5892 , nor H3808 shoot H3384 an arrow H2671 there H8033 , nor H3808 come before H6923 it with shields H4043 , nor H3808 cast H8210 a bank H5550 against H5921 it.
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34. उसी रास्ते से जिससे वह आया था, वह वापस अपने नगर को लौट जायेगा। इस नगर में वह प्रवेश नहीं करेगा। यह सन्देश यहोवा की ओर से है।
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34. By the way H1870 that H834 he came H935 , by the same shall he return H7725 , and shall not H3808 come H935 into H413 this H2063 city H5892 , saith H5002 the LORD H3068 .
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35. यहोवा कहता है, मैं बचाऊँगा और इस नगर की रक्षा करुँगा। मैं ऐसा स्वयं अपने लिये और अपने सेवक दाऊद के लिए करुँगा।” PS
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35. For I will defend H1598 H5921 this H2063 city H5892 to save H3467 it for mine own sake H4616 , and for my servant H5650 David H1732 's sake H4616 .
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36. सो यहोवा के दूत ने अश्शूर की छावनी में जा कर एक लाख पचासी हज़ार सैनिकों को मार डाला। अगली सुबह जब लोग उठे, तो उन्होंने देखा कि उनके चारों ओर मरे हुए सैनिकों की लाशें बिखरी हैं।
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36. Then the angel H4397 of the LORD H3068 went forth H3318 , and smote H5221 in the camp H4264 of the Assyrians H804 a hundred H3967 and fourscore H8084 and five H2568 thousand H505 : and when they arose early H7925 in the morning H1242 , behold H2009 , they were all H3605 dead H4191 corpses H6297 .
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37. इस पर अश्शूर का राजा सन्हेरीब वापस लौट कर अपने घर नीनवे चला गया और वहीं रहने लगा। PEPS
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37. So Sennacherib H5576 king H4428 of Assyria H804 departed H5265 , and went H1980 and returned H7725 , and dwelt H3427 at Nineveh H5210 .
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38. एक दिन, जब सन्हेरीब अपने देवता निस्रोक के मन्दिर में उसकी पूजा कर रहा था, उसी समय उसके पुत्र अद्रम्मेलेक और शरेसेर ने तलवार से उसकी हत्या कर दी और फिर वे अरारात को भाग खड़े हुए। इस प्रकार सन्हेरीब का पुत्र एसर्हद्देन अश्शूर का नया राजा बन गया। PE
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38. And it came to pass H1961 , as he H1931 was worshiping H7812 in the house H1004 of Nisroch H5268 his god H430 , that Adrammelech H152 and Sharezer H8272 his sons H1121 smote H5221 him with the sword H2719 ; and they H1992 escaped H4422 into the land H776 of Armenia H780 : and Esar H634 -haddon his son H1121 reigned H4427 in his stead H8478 .
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