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1. हे परमेश्वर, अपनी विशाल प्रेमपूर्ण अपनी करूण से मुझ पर दया कर। मेरे सभी पापों को तू मिटा दे।
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1. To the chief Musician H5329 , A Psalm H4210 of David H1732 , when Nathan H5416 the prophet H5030 came H935 unto H413 him, after H834 he had gone in H935 to H413 Bathsheba H1339 . Have mercy H2603 upon me , O God H430 , according to thy lovingkindness H2617 : according unto the multitude H7230 of thy tender mercies H7356 blot out H4229 my transgressions H6588 .
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2. हे परमेश्वर, मेरे अपराध मुझसे दूर कर। मेरे पाप धो डाल, और फिर से तू मुझको स्वच्छ बना दे।
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2. Wash H3526 me throughly H7235 from mine iniquity H4480 H5771 , and cleanse H2891 me from my sin H4480 H2403 .
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3. मैं जानता हूँ, जो पाप मैंने किया है। मैं अपने पापों को सदा अपने सामने देखता हूँ।
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3. For H3588 I H589 acknowledge H3045 my transgressions H6588 : and my sin H2403 is ever H8548 before H5048 me.
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4. है परमेश्वर, मैंने वही काम किये जिनको तूने बुरा कहा। तू वही है, जिसके विरूद्ध मैंने पाप किये। मैं स्वीकार करता हूँ इन बातों को, ताकि लोग जान जाये कि मैं पापी हूँ और तू न्यायपूर्ण है, तथा तेरे निर्णय निष्पक्ष होते हैं।
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4. Against thee , thee only H905 , have I sinned H2398 , and done H6213 this evil H7451 in thy sight H5869 : that H4616 thou mightest be justified H6663 when thou speakest H1696 , and be clear H2135 when thou judgest H8199 .
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5. मैं पाप से जन्मा, मेरी माता ने मुझको पाप से गर्भ में धारण किया।
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5. Behold H2005 , I was shapen H2342 in iniquity H5771 ; and in sin H2399 did my mother H517 conceive H3179 me.
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6. हे परमेश्वर, तू चाहता है, हम विश्वासी बनें। और मैं निर्भय हो जाऊँ। इसलिए तू मुझको सच्चे विवेक से रहस्यों की शिक्षा दे।
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6. Behold H2005 , thou desirest H2654 truth H571 in the inward parts H2910 : and in the hidden H5640 part thou shalt make me to know H3045 wisdom H2451 .
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7. तू मुझे विधि विधान के साथ, जूफा के पौधे का प्रयोग कर के पवित्र कर। तब तक मुझे तू धो, जब तक मैं हिम से अधिक उज्जवल न हो जाऊँ।
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7. Purge H2398 me with hyssop H231 , and I shall be clean H2891 : wash H3526 me , and I shall be whiter H3835 than snow H4480 H7950 .
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8. मुझे प्रसन्न बना दे। बता दे मुझे कि कैसे प्रसन्न बनूँ मेरी वे हडिडयाँ जो तूने तोड़ी, फिर आनन्द से भर जायें।
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8. Make me to hear H8085 joy H8342 and gladness H8057 ; that the bones H6106 which thou hast broken H1794 may rejoice H1523 .
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9. मेरे पापों को मत देख। उन सबको धो डाल।
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9. Hide H5641 thy face H6440 from my sins H4480 H2399 , and blot out H4229 all H3605 mine iniquities H5771 .
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10. परमेश्वर, तू मेरा मन पवित्र कर दे। मेरी आत्मा को फिर सुदृढ कर दे।
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10. Create H1254 in me a clean H2889 heart H3820 , O God H430 ; and renew H2318 a right H3559 spirit H7307 within H7130 me.
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11. अपनी पवित्र आत्मा को मुझसे मत दूर हटा, और मुझसे मत छीन।
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11. Cast H7993 me not H408 away from thy presence H4480 H6440 ; and take H3947 not H408 thy holy H6944 spirit H7307 from H4480 me.
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12. वह उल्लास जो तुझसे आता है, मुझमें भर जायें। मेरा चित अडिग और तत्पर कर सुरक्षित होने को और तेरा आदेश मानने को।
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12. Restore H7725 unto me the joy H8342 of thy salvation H3468 ; and uphold H5564 me with thy free H5082 spirit H7307 .
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13. मैं पापियों को तेरी जीवन विधि सिखाऊँगा, जिससे वे लौट कर तेरे पास आयेंगे।
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13. Then will I teach H3925 transgressors H6586 thy ways H1870 ; and sinners H2400 shall be converted H7725 unto H413 thee.
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14. हे परमेश्वर, तू मुझे हत्या का दोषी कभी मत बनने दें। मेरे परमेश्वर, मेरे उद्धारकर्ता, मुझे गाने दे कि तू कितना उत्तम है
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14. Deliver H5337 me from bloodguiltiness H4480 H1818 , O God H430 , thou God H430 of my salvation H8668 : and my tongue H3956 shall sing aloud H7442 of thy righteousness H6666 .
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15. हे मेरे स्वामी, मुझे मेरा मुँह खोलने दे कि मैं तेरे प्रसंसा का गीत गाऊँ।
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15. O Lord H136 , open H6605 thou my lips H8193 ; and my mouth H6310 shall show forth H5046 thy praise H8416 .
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16. जो बलियाँ तुझे नहीं भाती सो मुझे चढ़ानी नहीं है। वे बलियाँ तुझे वाँछित तक नहीं हैं।
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16. For H3588 thou desirest H2654 not H3808 sacrifice H2077 ; else would I give H5414 it : thou delightest H7521 not H3808 in burnt offering H5930 .
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17. हे परमेश्वर, मेरी टूटी आत्मा ही तेरे लिए मेरी बलि हैं। हे परमेश्वर, तू एक कुचले और टूटे हृदय से कभी मुख नहीं मोड़ेगा।
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17. The sacrifices H2077 of God H430 are a broken H7665 spirit H7307 : a broken H7665 and a contrite H1794 heart H3820 , O God H430 , thou wilt not H3808 despise H959 .
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18. हे परमेश्वर, सिय्योन के प्रति दयालु होकर, उत्तम बन। तू यरूशलेम के नगर के परकोटे का निर्माण कर।
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18. Do good H3190 in thy good pleasure H7522 unto H853 Zion H6726 : build H1129 thou the walls H2346 of Jerusalem H3389 .
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19. तू उत्तम बलियों का और सम्पूर्ण होमबलियों का आनन्द लेगा। लोग फिर से तेरी वेदी पर बैलों की बलियाँ चढ़ायेंगे। PE
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19. Then H227 shalt thou be pleased H2654 with the sacrifices H2077 of righteousness H6664 , with burnt offering H5930 and whole burnt offering H3632 : then H227 shall they offer H5927 bullocks H6499 upon H5921 thine altar H4196 .
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