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:

1. तब मैंने उस कटोरे को देखा जो करुब (स्वर्गदूत) के सिरों के ऊपर था। कटोरा नीलमणि की तरह स्वच्छ नीला दिख रहा था। वहाँ कटोरे के ऊपर कुछ सिंहासन की तरह दिख रहा था।
1. Then I looked H7200 , and, behold H2009 , in H413 the firmament H7549 that H834 was above H5921 the head H7218 of the cherubims H3742 there appeared H7200 over H5921 them as it were a sapphire H5601 stone H68 , as the appearance H4758 of the likeness H1823 of a throne H3678 .
2. तब उस व्यक्ति ने जो सिंहासन पर बैठा था, सन के वस्त्र पहने हुए व्यक्ति से कहा, “तुफानी—बादल में आओ। करुब (स्वर्गदूत) के क्षेत्र में आओ। करुब (स्वर्गदूतों) के बीच से कुछ अंगारे अपने हाथ में लो। अपने हाथ में उन कोयलों को ले जाओ और जाकर उन्हें यरूशलेम नगर पर फेंक दो।” PEPS वह व्यक्ति मेरे पीछे चला।
2. And he spoke H559 unto H413 the man H376 clothed H3847 with linen H906 , and said H559 , Go in H935 H413 between H996 the wheels H1534 , even under H8478 the cherub H3742 , and fill H4390 thine hand H2651 with coals H1513 of fire H784 from between H4480 H996 the cherubims H3742 , and scatter H2236 them over H5921 the city H5892 . And he went H935 in in my sight H5869 .
3. करुब (स्वर्गदूत) उस समय मन्दिर के दक्षिण के क्षेत्र में खड़े थे, जब वह व्यक्ति बादल में घुसा। बादल भीतरी आँगन में भर गया।
3. Now the cherubims H3742 stood H5975 on the right side H4480 H3225 of the house H1004 , when the man H376 went in H935 ; and the cloud H6051 filled H4390 the inner H6442 H853 court H2691 .
4. तब यहोवा का तेज करुब (स्वर्गदूत) से अलग होकर मन्दिर के द्वार पर चला गया। तब बादल मन्दिर में भर गया और यहोवा के तेज की प्रखर ज्योति पूरे आँगन में भर गई।
4. Then the glory H3519 of the LORD H3068 went up H7311 from H4480 H5921 the cherub H3742 , and stood over H5921 the threshold H4670 of the house H1004 ; and the house H1004 was filled H4390 with H854 the cloud H6051 , and the court H2691 was full H4390 of H854 the brightness H5051 of the LORD H3068 's glory H3519 .
5. तब मैंने करूब (स्वर्गदूतों) के पंखों की फड़फड़ाहट पूरे बाहरी आँगन में सुनी जा सकती थी। बाहरी आँगन में फड़फड़ाहट बड़ी प्रचण्ड थी, वैसी ही जैसी सर्वशक्तिमान परमेश्वर की गरजती वाणी होती है, जब वह बातें करता है। PEPS
5. And the sound H6963 of the cherubims H3742 ' wings H3671 was heard H8085 even to H5704 the outer H2435 court H2691 , as the voice H6963 of the Almighty H7706 God H410 when he speaketh H1696 .
6. परमेश्वर ने सन के वस्त्र पहने हुए व्यक्ति को आदेश दिया था। परमेश्वर ने उसे “तूफानी—बादल” में घुसने के लिये कहा और करुब (स्वर्गदूतों) के बीच से कुछ अंगारे लेने को कहा। इसलिये वह व्यक्ति तूफानी—बादल में घुस गया और गोल चक्रों में से एक के सहारे खड़ा हो गया।
6. And it came to pass H1961 , that when he had commanded H6680 H853 the man H376 clothed H3847 with linen H906 , saying H559 , Take H3947 fire H784 from between H4480 H996 the wheels H1534 , from between H4480 H996 the cherubims H3742 ; then he went in H935 , and stood H5975 beside H681 the wheels H212 .
7. करुब (स्वर्गदूतों) में से एक ने अपना हाथ बढ़ाया और करुब (स्वर्गदूतों) के क्षेत्र के बीच से कुछ अंगारे लिये। उसने अंगारों को उस व्यक्ति के हाथों में रख दिया और वह व्यक्ति वहाँ से चला गया।
7. And one cherub H3742 stretched forth H7971 H853 his hand H3027 from between H4480 H996 the cherubims H3742 unto H413 the fire H784 that H834 was between H996 the cherubims H3742 , and took H5375 thereof , and put H5414 it into H413 the hands H2651 of him that was clothed H3847 with linen H906 : who took H3947 it , and went out H3318 .
8. (करुब स्वर्गदूतों के पंखों के नीचे कुछ ऐसा था जो मनुष्य की भुजाओं की तरह दिखता था।) PEPS
8. And there appeared H7200 in the cherubims H3742 the form H8403 of a man H120 's hand H3027 under H8478 their wings H3671 .
9. तब मैंने देखा कि वहाँ चार गोल चक्र थे। हर एक करुब (स्वर्गदूत) की बगल में एक चक्र था, और चक्र स्वच्छ पीले रत्न की तरह दिखते थे।
9. And when I looked H7200 , behold H2009 the four H702 wheels H212 by H681 the cherubims H3742 , one H259 wheel H212 by H681 one H259 cherub H3742 , and another H259 wheel H212 by H681 another H259 cherub H3742 : and the appearance H4758 of the wheels H212 was as the color H5869 of a beryl H8658 stone H68 .
10. वे चार चक्र थे और सब चक्र एक से प्रतीत होते थे। वे ऐसे दिखते थे मानों एक चक्र दूसरे चक्र में हो।
10. And as for their appearances H4758 , they four H702 had one H259 likeness H1823 , as if H834 a wheel H212 had been H1961 in the midst H8432 of a wheel H212 .
11. जब वे चलते थे तो किसी भी दिशा में जा सकते थे। जब कभी वे चलते थे वे चारों एक साथ चलते थे। किन्तु उनके चलने के साथ करुब (स्वर्गदूत) साथ—साथ चक्कर नहीं लगाते थे। वे उस दिशा में चलते थे, जिधर उनका मुख होता था। जब वे चलते थे तो वे इधर—उधर नहीं मुड़ते थे।
11. When they went H1980 , they went H1980 upon H413 their four H702 sides H7253 ; they turned H5437 not H3808 as they went H1980 , but H3588 to the place H4725 whither H834 the head H7218 looked H6437 they followed H1980 H310 it ; they turned H5437 not H3808 as they went H1980 .
12. उनके पूरे शरीर पर आँखे थीं। उनकी पीठ, उनकी भुजा, उनके पंख और उनके चक्र में आँखे थीं। हाँ, चारों चक्रों में आँखे थीं!
12. And their whole H3605 body H1320 , and their backs H1354 , and their hands H3027 , and their wings H3671 , and the wheels H212 , were full H4392 of eyes H5869 round about H5439 , even the wheels H212 that they four H702 had.
13. मेरे सुनते हुए इन पहियों को चक्कर कहा गया, अर्थात् घुमने वाले पहिए। PEPS
13. As for the wheels H212 , it was cried H7121 unto them in my hearing H241 , O wheel H1534 .
14. (14-15) हर एक करुब (स्वर्गदूत) चार मुखों वाला था। पहला मुख करुब का था। दूसरा मुख मनुष्य का था। तीसरा सिंह का मुख था और चौथा उकाब का मुख था। तब मैंने जाना कि (ये करुब स्वर्गदूत वे जानवर थे जिन्हें मैंने कबार नदी के दर्शन में देखा था!) PEPS तब करुब (स्वर्गदूत) हवा में उठे।
14. And every one H259 had four H702 faces H6440 : the first H259 face H6440 was the face H6440 of a cherub H3742 , and the second H8145 face H6440 was the face H6440 of a man H120 , and the third H7992 the face H6440 of a lion H738 , and the fourth H7243 the face H6440 of an eagle H5404 .
15. उनके साथ चक्र उठे। चक्रों ने अपनी दिशा उस समय नहीं बदली जब करुब (स्वर्गदूत) ने पंख खोले और वे हवा में उड़े।
15. And the cherubims H3742 were lifted up H7426 . This H1931 is the living creature H2416 that H834 I saw H7200 by the river H5104 of Chebar H3529 .
16. यदि करुब (स्वर्गदूत) हवा में उड़ते थे तो चक्र उनके साथ जाते थे। यदि करुब (स्वर्गदूत) शान्त खड़े रहते थे तो चक्र भी वैसा ही करते थे। क्यों क्योंकि उनमें प्राणियों की आत्मा की शक्ति थी। PEPS
16. And when the cherubims H3742 went H1980 , the wheels H212 went H1980 by H681 them : and when the cherubims H3742 lifted up H5375 H853 their wings H3671 to mount up H7311 from H4480 H5921 the earth H776 , the same H1992 wheels H212 also H1571 turned H5437 not H3808 from beside H4480 H681 them.
17. तब यहोवा का तेज मन्दिर की देहली से उठा, करुब (स्वर्गदूतों) के स्थान के ऊपर गया और वहाँ ठहर गया।
17. When they stood H5975 , these stood H5975 ; and when they were lifted up H7311 , these lifted up H7426 themselves also : for H3588 the spirit H7307 of the living creature H2416 was in them.
18. तब करुब (स्वर्गदूतों) ने अपने पंख खोले और हवा में उड़ गए। मैंने उन्हें मन्दिर को छोड़ते देखा! चक्र उनके साथ चले। तब वे यहोवा के मन्दिर के पूर्वी द्वार पर ठहरे। इस्राएल के परमेश्वर का तेज हवा में उनके ऊपर था। PEPS
18. Then the glory H3519 of the LORD H3068 departed H3318 from off H4480 H5921 the threshold H4670 of the house H1004 , and stood H5975 over H5921 the cherubims H3742 .
19. तब मैंने इस्राएल के परमेश्वर के तेज के नीचे प्राणियों को कबार नदी के दर्शन में याद किया और मैंने अनुभव किया कि वे प्राणी करुब (स्वर्गदूत) थे।
19. And the cherubims H3742 lifted up H5375 H853 their wings H3671 , and mounted up H7426 from H4480 the earth H776 in my sight H5869 : when they went out H3318 , the wheels H212 also were beside H5980 them , and every one stood H5975 at the door H6607 of the east H6931 gate H8179 of the LORD H3068 's house H1004 ; and the glory H3519 of the God H430 of Israel H3478 was over H5921 them above H4480 H4605 .
20. हर एक प्राणी के चार मुख थे, चार पंख थे और पंखों के नीचे कुछ ऐसा था जो मनुष्य की भुजाओं की तरह दिखता था।
20. This H1931 is the living creature H2416 that H834 I saw H7200 under H8478 the God H430 of Israel H3478 by the river H5104 of Chebar H3529 ; and I knew H3045 that H3588 they H1992 were the cherubims H3742 .
21. करुब (स्वर्गदूतों) के वही चार मुख थे जो कबार नदी के दर्शन के प्राणियों के थे और वे सीधे आगे उस दिशा में देखते थे, जिधर वे जा रहे थे। PE
21. Every one H259 had four faces apiece H702 H702 H6440 , and every one H259 four H702 wings H3671 ; and the likeness H1823 of the hands H3027 of a man H120 was under H8478 their wings H3671 .
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