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1. {मसीह में नया जीवन} PS क्योंकि यदि तुम्हें मसीह के साथ मरे हुओं में से जिला कर उठाया गया है तो उन वस्तुओं के लिये प्रयत्नशील रहो जो स्वर्ग में हैं जहाँ परमेश्वर की दाहिनी ओर मसीह विराजित है।
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1. If G1487 ye then G3767 be risen with G4891 Christ G5547 , seek G2212 those things which are above G507 , where G3757 Christ G5547 sitteth G2076 G2521 on G1722 the right hand G1188 of God G2316 .
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2. स्वर्ग की वस्तुओं के सम्बन्ध में ही सोचते रहो। भौतिक वस्तुओं के सम्बन्ध में मत सोचो।
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2. Set your affection on G5426 things above G507 , not G3361 on things G3588 on G1909 the G3588 earth G1093 .
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3. क्योंकि तुम लोगों का पुराना व्यक्तित्व मर चुका है और तुम्हारा नया जीवन मसीह के साथ साथ परमेश्वर में छिपा है।
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3. For G1063 ye are dead G599 , and G2532 your G5216 life G2222 is hid G2928 with G4862 Christ G5547 in G1722 God G2316 .
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4. जब मसीह, जो हमारा जीवन है, फिर से प्रकट होगा तो तुम भी उसके साथ उसकी महिमा में प्रकट होओगे। PEPS
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4. When G3752 Christ G5547 , who is our G2257 life G2222 , shall appear G5319 , then G5119 shall ye G5210 also G2532 appear G5319 with G4862 him G846 in G1722 glory G1391 .
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5. इसलिए तुममें जो कुछ सांसारिक बातें है, उसका अंत कर दो। व्यभिचार, अपवित्रता, वासना, बुरी इच्छाएँ और लालच जो मूर्ति उपासना का ही एक रूप है,
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5. Mortify G3499 therefore G3767 your G5216 members G3196 which G3588 are upon G1909 the G3588 earth G1093 ; fornication G4202 , uncleanness G167 , inordinate affection G3806 , evil G2556 concupiscence G1939 , and G2532 covetousness G4124 , which G3748 is G2076 idolatry G1495 :
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6. इन ही बातों के कारण परमेश्वर का क्रोध प्रकट होने जा रहा है। *पद 6 कुछ यूनानी प्रतियों में ये शब्द जोड़े गए है: “उन पर जो आज्ञा को नहीं मानते।”
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6. For which things' sake G1223 G3739 the G3588 wrath G3709 of God G2316 cometh G2064 on G1909 the G3588 children G5207 of disobedience G543 :
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7. एक समय था जब तुम भी ऐसे कर्म करते हुए इसी प्रकार का जीवन जीया करते थे। PEPS
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7. In G1722 the which G3739 ye G5210 also G2532 walked G4043 some time G4218 , when G3753 ye lived G2198 in G1722 them G846 .
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8. किन्तु अब तुम्हें इन सब बातों के साथ साथ क्रोध, झुँझलाहट, शत्रुता, निन्दा-भाव और अपशब्द बोलने से छुटकारा पा लेना चाहिए।
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8. But G1161 now G3570 ye G5210 also G2532 put off G659 all these G3956 ; anger G3709 , wrath G2372 , malice G2549 , blasphemy G988 , filthy communication G148 out of G1537 your G5216 mouth G4750 .
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9. आपस में झूठ मत बोलो क्योंकि तुमने अपने पुराने व्यक्तित्व को उसके कर्मो सहित उतार फेंका है।
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9. Lie G5574 not G3361 one to another G240 G1519 , seeing that ye have put off G554 the G3588 old G3820 man G444 with G4862 his G846 deeds G4234 ;
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10. और नये व्यक्तित्व को धारण कर लिया है जो अपने रचयिता के स्वरूप में स्थित होकर परमेश्वर के सम्पूर्ण ज्ञान के निमित्त निरन्तर नया होता जा रहा है।
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10. And G2532 have put on G1746 the G3588 new G3501 man, which is renewed G341 in G1519 knowledge G1922 after G2596 the image G1504 of him that created G2936 him G846 :
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11. परिणामस्वरूप वहाँ यहूदी और ग़ैर यहूदी में कोई अन्तर नहीं रह गया है, न किसी ख़तना युक्त और ख़तना रहित में, न किसी असभ्य और बर्बर †बर्बर शाब्दिक सिधियन, ये लोग बड़े जंगली और असभ्य समझे जाते थे। में, न दास और एक स्वतन्त्र व्यक्ति में कोई अन्तर है। मसीह सर्वेसर्वा है और सब विश्वासियों में उसी का निवास है। PS
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11. Where G3699 there is G1762 neither G3756 Greek G1672 nor G2532 Jew G2453 , circumcision G4061 nor G2532 uncircumcision G203 , Barbarian G915 , Scythian G4658 , bond G1401 nor free G1658 : but G235 Christ G5547 is all G3956 , and G2532 in G1722 all G3956 .
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12. {तुम्हारा नया जीवन एक दूसरे के लिये} PS क्योंकि तुम परमेश्वर के चुने हुए पवित्र और प्रियजन हो इसलिए सहानुभूति, दया, नम्रता, कोमलता और धीरज को धारण करो।
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12. Put on G1746 therefore G3767 , as G5613 the elect G1588 of God G2316 , holy G40 and G2532 beloved G25 , bowels G4698 of mercies G3628 , kindness G5544 , humbleness of mind G5012 , meekness G4236 , longsuffering G3115 ;
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13. तुम्हें आपस में जब कभी किसी से कोई कष्ट हो तो एक दूसरे की सह लो और परस्पर एक दूसरे को मुक्त भाव से क्षमा कर दो। तुम्हें आपस में एक दूसरे को ऐसे ही क्षमा कर देना चाहिए जैसे परमेश्वर ने तुम्हें मुक्त भाव से क्षमा कर दिया।
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13. Forbearing G430 one another G240 , and G2532 forgiving G5483 one another G1438 , if G1437 any man G5100 have G2192 a quarrel G3437 against G4314 any G5100 : even G2532 as G2531 Christ G5547 forgave G5483 you G5213 , so G3779 also G2532 do ye G5210 .
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14. इन बातों के अतिरिक्त प्रेम को धारण करो। प्रेम ही सब को आपस में बाँधता और परिपूर्ण करता है।
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14. And G1161 above G1909 all G3956 these things G5125 put on charity G26 , which G3748 is G2076 the bond G4886 of perfectness G5047 .
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15. तुम्हारे मन पर मसीह से प्राप्त होने वाली शांति का शासन हो। इसी के लिये तुम्हें उसी एक देह ‡देह मसीह का आत्मिक शरीर अर्थात् उसकी कलीसिया अथवा उसके लोग। में बुलाया गया है। सदा धन्यवाद करते रहो। PEPS
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15. And G2532 let the G3588 peace G1515 of God G2316 rule G1018 in G1722 your G5216 hearts G2588 , to G1519 the which G3739 also G2532 ye are called G2564 in G1722 one G1520 body G4983 ; and G2532 be G1096 ye thankful G2170 .
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16. अपनी सम्पन्नता के साथ मसीह का संदेश तुम में वास करे। भजनों, स्तुतियों और आत्मा के गीतों को गाते हुए बड़े विवेक के साथ एक दूसरे को शिक्षा और निर्देश देते रहो। परमेश्वर को मन ही मन धन्यवाद देते हुए गाते रहो।
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16. Let the G3588 word G3056 of Christ G5547 dwell G1774 in G1722 you G5213 richly G4146 in G1722 all G3956 wisdom G4678 ; teaching G1321 and G2532 admonishing G3560 one another G1438 in psalms G5568 and G2532 hymns G5215 and G2532 spiritual G4152 songs G5603 , singing G103 with G1722 grace G5485 in G1722 your G5216 hearts G2588 to the G3588 Lord G2962 .
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17. और तुम जो कुछ भी करो या कहो, वह सब प्रभु यीशु के नाम पर हो। उसी के द्वारा तुम हर समय परम पिता परमेश्वर को धन्यवाद देते रहो। PS
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17. And G2532 whatsoever G3748 G302 ye do G4160 in G1722 word G3056 or G2228 deed G2041 , do all G3956 in G1722 the name G3686 of the Lord G2962 Jesus G2424 , giving thanks G2168 to God G2316 and G2532 the Father G3962 by G1223 him G846 .
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18. {नये जीवन के नियम} PS हे पत्नियों, अपने पतियों के प्रति उस प्रकार समर्पित रहो जैसे प्रभु के अनुयायियों को शोभा देता है। PEPS
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18. Wives G1135 , submit yourselves G5293 unto your own G2398 husbands G435 , as G5613 it is fit G433 in G1722 the Lord G2962 .
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19. हे पतियों, अपनी पत्नियों से प्रेम करो, उनके प्रति कठोर मत बनो। PEPS
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19. Husbands G435 , love G25 your wives G1135 , and G2532 be not bitter G4087 G3361 against G4314 them G846 .
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20. हे बालकों, सब बातों में अपने माता पिता की आज्ञा का पालन करो। क्योंकि प्रभु के अनुयायियों के इस व्यवहार से परमेश्वर प्रसन्न होता है। PEPS
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20. Children G5043 , obey G5219 your parents G1118 in G2596 all things G3956 : for G1063 this G5124 is G2076 well pleasing G2101 unto the G3588 Lord G2962 .
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21. हे पिताओं, अपने बालकों को कड़ुवाहट से मत भरो। कहीं ऐसा न हो कि वे जतन करना ही छोड़ दें। PEPS
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21. Fathers G2962 , provoke G2042 not G3361 your G5216 children G5043 to anger, lest G3363 they be discouraged G120 .
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22. हे सेवकों, अपने सांसारिक स्वामियों की सब बातों का पालन करो। केवल लोगों को प्रसन्न करने के लिये उसी समय नहीं जब वे देख रहे हों, बल्कि सच्चे मन से उनकी मानो। क्योंकि तुम प्रभु का आदर करते हो।
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22. Servants G1401 , obey G5219 in G2596 all things G3956 your masters G2962 according G2596 to the flesh G4561 ; not G3361 with G1722 eyeservice G3787 , as G5613 menpleasers G441 ; but G235 in G1722 singleness G572 of heart G2588 , fearing G5399 God G2316 :
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23. तुम जो कुछ करो अपने समूचे मन से करो। मानों तुम उसे लोगों के लिये नहीं बल्कि प्रभु के लिये कर रहे हो।
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23. And G2532 whatsoever G3748 G1437 ye do G4160 , do G2038 it heartily G1537 G5590 , as G5613 to the G3588 Lord G2962 , and G2532 not G3756 unto men G444 ;
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24. याद रखो कि तुम्हें प्रभु से उत्तराधिकार का प्रतिफल प्राप्त होगा। अपने स्वामी मसीह की सेवा करते रहो
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24. Knowing G1492 that G3754 of G575 the Lord G2962 ye shall receive G618 the G3588 reward G469 of the inheritance G2817 ; for G1063 ye serve G1398 the G3588 Lord G2962 Christ G5547 .
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25. क्योंकि जो बुरा कर्म करेगा, उसे उसका फल मिलेगा और वहाँ कोई पक्षपात नहीं है। PE
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25. But G1161 he that doeth wrong G91 shall receive G2865 for the wrong which he hath done G91 G3739 ; and G2532 there is G2076 no G3756 respect of persons G4382 .
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