Bible Books

:

1. {इस्राएल परमेश्वर का विशेष उपवन} PS अब मैं अपने मित्र (परमेश्वर) के लिए गीत गाऊँगा। अपने अंगूर के बगीचे (इस्राएल के लोग) के विषय में यह मेरे मित्र का गीत है। मेरे मित्र का बहुत उपजाऊ पहाड़ी पर
एक अंगूर का बगीचा है।
1. Now H4994 will I sing H7891 to my well H3039 -beloved a song H7892 of my beloved H1730 touching his vineyard H3754 . My well H3039 -beloved hath H1961 a vineyard H3754 in a very fruitful hill H1121 H8081 H7161 :
2. मेरे मित्र ने धरती खोदी और कंकड़ पत्थर हटा कर उसे साफ किया
और वहाँ पर अंगूर की उत्तम बेलें रोप दीं।
फिर खेत के बीच में
उसने अंगूर के रस निकालने को कुंड बनाये।
मित्र को आशा थी कि वहाँ उत्तम अंगूर होंगे
किन्तु वहाँ जो अंगूर लगे थे वे बुरे थे।
2. And he fenced H5823 it , and gathered out the stones H5619 thereof , and planted H5193 it with the choicest vine H8321 , and built H1129 a tower H4026 in the midst H8432 of it , and also H1571 made H2672 a winepress H3342 therein : and he looked H6960 that it should bring forth H6213 grapes H6025 , and it brought forth H6213 wild grapes H891 .
3. सो परमेश्वर ने कहा: “हे यरूशलेम के लोगों, और यहूदा के वासियों,
मेरे और मेरे अंगूर के बाग के बारे में निर्णय करो।
3. And now H6258 , O inhabitants H3427 of Jerusalem H3389 , and men H376 of Judah H3063 , judge H8199 , I pray you H4994 , between H996 me and my vineyard H3754 .
4. मैं और क्या अपने अंगूर के बाग के लिये कर सकता था
मैंने वह सब किया जो कुछ भी मैं कर सकता था।
मुझे उत्तम अंगूरों के लगने की आशा थी
किन्तु वहाँ अंगूर बुरे ही लगे।
यह ऐसा क्यों हुआ
4. What H4100 could have been done H6213 more H5750 to my vineyard H3754 , that I have not H3808 done H6213 in it? wherefore H4069 , when I looked H6960 that it should bring forth H6213 grapes H6025 , brought it forth H6213 wild grapes H891 ?
5. “अब मैं तुझको बताऊँगा कि अपने अंगूर के बगीचे के लिये मैं क्या कुछ करुँगा:
वह कंटीली झाड़ी जो खेत की रक्षा करती है मैं उखाड़ दूँगा,
और उन झाड़ियों को आग में जला दूँगा।
पत्थर का परकोटा तोड़ कर गिरा दूँगा।
बगीचे को रौंद दिया जायेगा।
5. And now H6258 go to ; I will tell H3045 H4994 you H853 what H834 I H589 will do H6213 to my vineyard H3754 : I will take away H5493 the hedge H4881 thereof , and it shall be H1961 eaten up H1197 ; and break down H6555 the wall H1447 thereof , and it shall be H1961 trodden down H4823 :
6. अंगूर के बगीचे को मैं खाली खेत में बदल दूँगा।
कोई भी पौधे की रखवाली नहीं करेगा।
उस खेत में कोई भी व्यक्ति काम नहीं करेगा।
वहाँ केवल काँटे और खरपतवार उगा करेंगे।
मैं बादलों को आदेश दूँगा कि वे वहाँ बरसें।” PS
6. And I will lay H7896 it waste H1326 : it shall not H3808 be pruned H2167 , nor H3808 digged H5737 ; but there shall come up H5927 briers H8068 and thorns H7898 : I will also command H6680 H5921 the clouds H5645 that they rain no rain H4480 H4305 H4306 upon H5921 it.
7. सर्वशक्तिशाली यहोवा का अँगूर का बगीचा इस्राएल का राष्ट्र है और अंगूर की बेलें जिन्हें यहोवा प्रेम करता है, यहूदा के लोग हैं। यहोवा ने न्याय की आशा की थी,
किन्तु वहाँ हत्या बस रही।
यहोवा ने निष्पक्षता की आशा की,
किन्तु वहाँ बस सहायता माँगने वालों का रोना रहा जिनके साथ बुरा किया गया था। PS
7. For H3588 the vineyard H3754 of the LORD H3068 of hosts H6635 is the house H1004 of Israel H3478 , and the men H376 of Judah H3063 his pleasant H8191 plant H5194 : and he looked H6960 for judgment H4941 , but behold H2009 oppression H4939 ; for righteousness H6666 , but behold H2009 a cry H6818 .
8. बुरा हो उनका जो मकान दर मकान लेते ही चले जाते हैं और एक खेत के बाद दूसरा और दूसरे के बाद तीसरा खेत तब तक घेरते ही चले जाते हैं जब तक किसी और के लिए कुछ भी जगह नहीं बच रहती। ऐसे लोगों को इस प्रदेश में अकेले ही रहना पड़ेगा।
8. Woe H1945 unto them that join H5060 house H1004 to house H1004 , that lay H7126 field H7704 to field H7704 , till H5704 there be no H657 place H4725 , that they may be placed H3427 alone H905 in the midst H7130 of the earth H776 !
9. सर्वशक्तिशाली यहोवा को मैंने मुझसे यह कहते हुए सुना है, “अब देखो वहाँ बहुत सारे भवन हैं किन्तु मैं तुमसे शपथपूर्वक कहता हूँ कि वे सभी भवन नष्ट कर दिये जायेंगे। अभी वहाँ बड़े—बड़े भव्य भवन हैं किन्तु वे भवन उजड़ जायेंगे।
9. In mine ears H241 said the LORD H3068 of hosts H6635 , Of a truth H518 H3808 many H7227 houses H1004 shall be H1961 desolate H8047 , even great H1419 and fair H2896 , without H4480 H369 inhabitant H3427 .
10. उस समय, दस एकड़ की अँगूरों की उपज से थोड़ी सी दाखमधु तैयार होगी। और कई बोरी बीजों से थोड़ा सा अनाज पैदा हो पायेगा।” PEPS
10. Yea H3588 , ten H6235 acres H6776 of vineyard H3754 shall yield H6213 one H259 bath H1324 , and the seed H2233 of a homer H2563 shall yield H6213 an ephah H374 .
11. तुम्हें धिक्कार है, तुम लोग अलख सुबह उठते हो और अब सुरा पीने की ताक में रहते हो। रात को देर तक जागते हुए दाखमधु पी कर धुत होते हो।
11. Woe H1945 unto them that rise up early H7925 in the morning H1242 , that they may follow H7291 strong drink H7941 ; that continue H309 until night H5399 , till wine H3196 inflame H1814 them!
12. तुम लोग दाखमधु, वीणा, ढोल, बाँसुरी और ऐसे ही दूसरे बाजों के साथ दावतें उड़ाते रहते हो और तुम उन बातों पर दृष्टि नहीं डालते जिन्हें यहोवा ने किया है। यहोवा के हाथों ने अनेकानेक वस्तुएँ बनायी है किन्तु तुम उन वस्तुओं पर ध्यान ही नहीं देते। सो यह तुम्हारे लिये बहुत बुरा होगा। PEPS
12. And the harp H3658 , and the viol H5035 , the tabret H8596 , and pipe H2485 , and wine H3196 , are H1961 in their feasts H4960 : but they regard H5027 not H3808 the work H6467 of the LORD H3068 , neither H3808 consider H7200 the operation H4639 of his hands H3027 .
13. यहोवा कहता है, “मेरे लोगों को बंदी बना कर कहीं दूर ले जाया जायेगा। क्योंकि सचमुच वे मुझे नहीं जानते। इस्राएल के कुछ निवासी, आज बहुत महत्वपूर्ण है और अपने आराम भरे जीवन से प्रसन्न हैं, किन्तु वे सभी बड़े लोग बहुत मूर्ख हो जाएँगे और इस्राएल के आम लोग बहुत प्यासे हो जायेंगे।
13. Therefore H3651 my people H5971 are gone into captivity H1540 , because they have no H4480 H1097 knowledge H1847 : and their honorable H3519 men H4962 are famished H7458 , and their multitude H1995 dried up H6704 with thirst H6772 .
14. फिर उनकी मृत्यु हो जायेगी और शियोल, (मृत्यु का प्रदेश), अधिक से अधिक लोगों को निगल जाएगा। मृत्यु का वह प्रदेश अपना असीम मुख पसारेगा और वे सभी महत्वपूर्ण और साधारण लोग और हुल्लड़ मचाते वे सभी खुशियाँ मनाते लोग शियोल में धस जायेंगे।” PEPS
14. Therefore H3651 hell H7585 hath enlarged H7337 herself H5315 , and opened H6473 her mouth H6310 without H1097 measure H2706 : and their glory H1926 , and their multitude H1995 , and their pomp H7588 , and he that rejoiceth H5938 , shall descend H3381 into it.
15. उन लोगों को नीचा दिखाया जायेगा। वे बड़े लोग अपना सिर नीचे लटकाये धरती की और देखेंगे।
15. And the mean man H120 shall be brought down H7817 , and the mighty man H376 shall be humbled H8213 , and the eyes H5869 of the lofty H1364 shall be humbled H8213 :
16. सर्वशक्तिशाली यहोवा न्याय के साथ निर्णय देगा, और लोग जान लेंगे कि वह महान है। पवित्र परमेश्वर उन बातों को करेगा जो उचित हैं, और लोग उसे आदर देंगे।
16. But the LORD H3068 of hosts H6635 shall be exalted H1361 in judgment H4941 , and God H410 that is holy H6918 shall be sanctified H6942 in righteousness H6666 .
17. इस्राएल के लोगों से परमेश्वर उनका अपना देश छुड़वा देगा। धरती वीरान हो जायेगी। भेड़ें जहाँ चाहेगी, चली जायेंगी। वह धरती जो कभी धनवान लोगों की थी, उस पर भेड़ें घूमा करेंगी। PEPS
17. Then shall the lambs H3532 feed H7462 after their manner H1699 , and the waste places H2723 of the fat ones H4220 shall strangers H1481 eat H398 .
18. उन लोगों का बुरा हो, वे अपने अपराध और अपने पापों को अपने पीछे ऐसे ढो रहे हैं जैसे लोग रस्सों से छकड़े खींचते हैं।
18. Woe H1945 unto them that draw H4900 iniquity H5771 with cords H2256 of vanity H7723 , and sin H2402 as it were with a cart H5699 rope H5688 :
19. वे लोग कहा करते हैं, “काश! परमेश्वर जो उसकी योजना है, उसे जल्दी ही पूरा कर दे। ताकि हम जान जायें कि क्या घटने वाला है। हम तो यह चाहते हैं कि परमेश्वर की योजनाएँ जल्दी ही घटित हो जायें ताकि हम यह जान लें कि उसकी योजना क्या है।” PEPS
19. That say H559 , Let him make speed H4116 , and hasten H2363 his work H4639 , that H4616 we may see H7200 it : and let the counsel H6098 of the Holy One H6918 of Israel H3478 draw nigh H7126 and come H935 , that we may know H3045 it !
20. उन लोगों का बुरा हो जो कहा करते कि अच्छी बातें बुरी हैं, और बुरी बातें अच्छी हैं। वे लोग सोचा करते हैं कि प्रकाश अन्धेरा है, और अन्धेरा प्रकाश हैं। उन लोगों का विचार हैं कि कड़वा, मीठा है और मीठा, कड़वा है।
20. Woe H1945 unto them that call H559 evil H7451 good H2896 , and good H2896 evil H7451 ; that put H7760 darkness H2822 for light H216 , and light H216 for darkness H2822 ; that put H7760 bitter H4751 for sweet H4966 , and sweet H4966 for bitter H4751 !
21. बुरा हो उन अभिमानियों का जो स्वयं को बहुत चतुर मानते हैं। वे सोचा करते हैं कि वे बहुत बुद्धिमान हैं।
21. Woe H1945 unto them that are wise H2450 in their own eyes H5869 , and prudent H995 in H5048 their own sight H6440 !
22. बुरा हो उनका जो दाखमधु पीने के लिए जाने माने जाते हैं। दाखमधु के मिश्रण में जिन्हें कुशलता हासिल है।
22. Woe H1945 unto them that are mighty H1368 to drink H8354 wine H3196 , and men H376 of strength H2428 to mingle H4537 strong drink H7941 :
23. और यदि तुम उन लोगों को रिश्वत दे दो तो वे एक अपराधी को भी छोड़ देंगे। किन्तु वे अच्छे व्यक्ति का भी निष्पक्षता से न्याय नहीं होने देते।
23. Which justify H6663 the wicked H7563 for H6118 reward H7810 , and take away H5493 the righteousness H6666 of the righteous H6662 from H4480 him!
24. ऐसे लोगों के साथ बुरी बातें घटेंगी। उनके वंशज पूरी तरह बैसे ही नष्ट हो जायेंगे जैसे घास फूस आग में जला दिये जाते हैं। उनके वंशज उस कंद मूल की तरह नष्ट हो जायेंगे जो मर कर धूल बन जाता है। उनके वंशज ऐसे नष्ट कर दिये जायेंगे जैसे आग फूलों को जला डालती है और उसकी राख हवा में उड़ जाती है। PEPS ऐसे लोगों ने सर्वशक्तिशाली यहोवा के उपदेशों का पालन करने से इन्कार कर दिया है। उन लोगों ने इस्राएल के पवित्र (परमेश्वर) के कथन से बैर किया है।
24. Therefore H3651 as the fire H784 devoureth H398 the stubble H7179 , and the flame H3852 consumeth H7503 the chaff H2842 , so their root H8328 shall be H1961 as rottenness H4716 , and their blossom H6525 shall go up H5927 as dust H80 : because H3588 they have cast away H3988 H853 the law H8451 of the LORD H3068 of hosts H6635 , and despised H5006 the word H565 of the Holy One H6918 of Israel H3478 .
25. इसलिए यहोवा अपने लोगों से बहुत अधिक कुपित हुआ है। यहोवा ने अपना हाथ उठाया और उन्हें दण्ड दिया। यहाँ तक कि पर्वत भी भयभीत हो उठे थे। गलियों में कूड़े की तरह लाशें बिछी पड़ी थी। किन्तु यहोवा अभी भी कुपित है। उसका हाथ लोगों को दण्ड देने के लिए अभी भी उठा हुआ है। PS
25. Therefore H5921 H3651 is the anger H639 of the LORD H3068 kindled H2734 against his people H5971 , and he hath stretched forth H5186 his hand H3027 against H5921 them , and hath smitten H5221 them : and the hills H2022 did tremble H7264 , and their carcasses H5038 were torn H1961 H5478 in the midst H7130 of the streets H2351 . For all H3605 this H2063 his anger H639 is not H3808 turned away H7725 , but his hand H3027 is stretched out H5186 still H5750 .
26. {इस्राएल को दण्ड देने के लिए परमेश्वर सेनाएँ लायेगा} PS देखो! परमेश्वर दूर देश के लोगों को संकेत दे रहा है। परमेश्वर एक झण्डा उठा रहा है, और उन लोगों को बुलाने के लिये सीटी बजा रहा है। PEPS किसी दूर देश से शत्रु रहा है। वह शत्रु शीघ्र ही देश में घुस आयेगा। वे बड़ी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
26. And he will lift up H5375 an ensign H5251 to the nations H1471 from far H4480 H7350 , and will hiss H8319 unto them from the end H4480 H7097 of the earth H776 : and, behold H2009 , they shall come H935 with speed H4120 swiftly H7031 :
27. शत्रु कभी थका नहीं करता अथवा कभी नीचे नहीं गिरता। शत्रु कभी तो ऊँघता है और ही सोता है। उनके हथियारों के कमर बंद सदा कसे रहते हँ। उनके जूतों के तस्में कभी टूटते नहीं हैं।
27. None H369 shall be weary H5889 nor H369 stumble H3782 among them; none H3808 shall slumber H5123 nor H3808 sleep H3462 ; neither H3808 shall the girdle H232 of their loins H2504 be loosed H6605 , nor H3808 the latchet H8288 of their shoes H5275 be broken H5423 :
28. शत्रु के बाण पैने हैं। उनके सभी धनुष बाण छोड़ने के लिये तैयार हैं। उनके घोड़ों के खुर चट्टानों जैसे कठोर हैं। उनके रथों के पीछे धूल के बादल उठा करते हैं। PEPS
28. Whose H834 arrows H2671 are sharp H8150 , and all H3605 their bows H7198 bent H1869 , their horses H5483 ' hooves H6541 shall be counted H2803 like flint H6864 , and their wheels H1534 like a whirlwind H5492 :
29. शत्रु गरजता है, और उनका गर्जन सिंह की दहाड़ के जैसा है। वह इतना तीव्र है जितना जवान सिंह का गर्जन। शत्रु जिनके विरुद्ध युद्ध कर रहा है उनके ऊपर गुरर्ा़ता है और उन पर झपट पड़ता है। वह उन्हें वहाँ से घसीट ले जाता है और वहाँ उन्हें बचाने वाला कोई नहीं होता। किन्तु उनके बच पाने की कोई वजह नहीं।
29. Their roaring H7581 shall be like a lion H3833 , they shall roar H7580 like young lions H3715 : yea , they shall roar H5098 , and lay hold H270 of the prey H2964 , and shall carry it away safe H6403 , and none H369 shall deliver H5337 it .
30. सो, उस दिन वह “सिंह” समुद्र की तरंगों के समान दहाड़े मारेगा और बंदी बनाये गये लोग धरती ताकते रह जायेंगे, और फिर वहाँ बस अन्धेरा और दुःख ही रह जाएगा। इस घने बादल में समूचा प्रकाश अंधेरे में बदल जाएगा। PE
30. And in that H1931 day H3117 they shall roar H5098 against H5921 them like the roaring H5100 of the sea H3220 : and if one look H5027 unto the land H776 , behold H2009 darkness H2822 and sorrow H6862 , and the light H216 is darkened H2821 in the heavens H6183 thereof.
Copy Rights © 2023: biblelanguage.in; This is the Non-Profitable Bible Word analytical Website, Mainly for the Indian Languages. :: About Us .::. Contact Us
×

Alert

×